(ii) शैक्षिक उद्देश्यों का निर्धारण ;

एट्रिब्यूशन विश्लेषण क्या है? [What is attribution analysis?]

तकनीकी और मूलभूत विश्लेषण तकनीकी और मूलभूत विश्लेषण क्या हैं क्या हैं

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जैव प्रोधोगिकी एवं उनके उपयोग

जीन क्लोनिंग से आप क्या समझते .

Updated On: 27-06-2022

Solution : जीन क्लोनिंग पुनर्योगज DNA तकनीकी (Recombinant DNA technology) इस तकनीकी को जीन क्लोनिंग (Gene cloning) या जीन संबंध (Gene splicing) भी कहते है। पुनर्योगज DNA तकनीकी में एक जीव के विशिष्ट जीन खंडो को विशिष्ट प्रकार के रिस्ट्रिक्शन एंडोन्यूक्लियेज एंजाइम तथा वाहको का उपयोग करके दूसरे जीव के जीनोम में स्थानांतरित किया जाता है। इस तकनीकी को पुनर्योगज DNA तकनीकी या जीन क्लोनिंग कहते है।
इस तकनीकी के सफलता के तीन कारण थे- (i) DNA की विकृतिकरण एवं पुन: स्वभाविकरण की क्षमता, (ii) प्रतिबंधित एंडोन्यूक्लियेज एंजाइम की खोज, (iii) जीन तकनीकी और मूलभूत विश्लेषण क्या हैं संबंधन का विकास।

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शिक्षण तकनीकी का अर्थ, मान्यताये, विशेषताएँ व घटक

Shikshan Takniki का मुख्य रूप से सम्बन्ध शिक्षण-प्रक्रिया से है। तकनीकी के द्वारा शिक्षक अपने शिक्षण को व्यवस्थित करता है , नियोजित करता है , उसमें वस्तुनिष्ठता लाता है , शिक्षण को व्यावहारिक तथा प्रभावपूर्ण बनाता है। अध्यापक Shikshan Takniki की सहायता से अपने शिक्षण शिक्षण तकनीकी को

(1) नियोजित ( Planning) करता है

(2) संगठित ( Organize) करता है ,

(3) अग्रेषित ( Leading) करता है तथा

(4) नियंत्रित ( Con trolling) करता है।

इन क्रियाओं के कारण उसके शिक्षण में वैज्ञानिकता आती है , शिक्षण तकनीकी अनावश्यक क्रियाओं पर रोक लगती है , समय व श्रम की बचत होती है तथा शिक्षण अधिगम अधिगम प्रभावी बनते हैं।

Shikshan Takniki शिक्षण-प्रक्रिया को इस प्रकार सुधारती है। जिससे शिक्षण की प्रभावशीलता बढ़ जाय। दूसरे शब्दों में , तकनीकी का वह अंग जिसे अपनाकर शिक्षक अपने शिक्षण को समृद्ध तथा प्रभावशाली बनाता है , Shikshan Takniki कहा जाता है। Shikshan Takniki का मुख्य उद्देश्य शिक्षक शिक्षण तकनीकी की शिक्षण कला को सुधारना है। यह शिक्षण के विभिन्न अवयवों की व्याख्या , विश्लेषण तथा विवेचना करती है।

11 Best Stock Market Books in Hindi For Fundamental & Technical Analysis

List Of Best Books For Learn Stock Market in Hindi : क्या आप स्टॉक मार्केट मे नए है ? क्या आप शेयर तकनीकी और मूलभूत विश्लेषण क्या हैं बाज़ार के बेसिक से एडवांस टर्म्स को सीखना चाहते है? क्या आप फंडामैंटल और टेक्निकल एनालिसिस हिन्दी मे सीखना चाहते है? अगर हाँ तो आपको स्टॉक मार्केट पर लिखी गयी किताबें जरूर पढ़नी चाहिए।

इस पोस्ट मे दी गयी शेअर बाज़ार की किताबें आपको बेसिक से एडवांस लेवेल तक स्टॉक मार्केट को समजने में मदद करेंगी।

Best Basic Stock Market Knowledge Books For Beginners

1. भारतीय शेयर बाज़ार की पेहचान ( लेखक : जितेंद्र गाला )

अगर आप स्टॉक मार्केट में एक दम नए है तो भारतीय शेयर बाज़ार की पेहचान इस किताब को जरूर पढ़ना चाहिए।

इस किताब मे आपको शेयर बाजार के बेसिक - Investments Basic, Securities, Primary Market, IPO Related Information, Secondary Market, Depository, How to Enter Stock Market, Benefits of Investments in Stock Market, तकनीकी और मूलभूत विश्लेषण क्या हैं How to Make Money in Stock Market, Factors Influencing the Market, Stock Market Terminologies, Debt Investment, Derivatives, Mutual Funds, Commodities, Technical Analysis, Fundamental Analysis, Golden Rules for Traders, Why Investors Loose Money, Investors Grievance & Redressal, Rights given to Shareholder और Taxation जैसे सारे टॉपिक के बारे मे बहेतरीन जानकारी दी गयी है।

Best Fundamental Analysis Books in Hindi

4. शेयर मार्किट से कैसे बनाये मेने 10 करोड़ ( लेखक : निकोलस दरवास )

यह पुस्तक निकोलस डर्वास द्वारा लिखित मूल पुस्तक "How I made 800,000,000 in तकनीकी और मूलभूत विश्लेषण क्या हैं the Stock Market" का हिंदी अनुवाद है।

पुस्तक निकोलस दरवास द्वारा इस्तेमाल किए तकनीकी और मूलभूत विश्लेषण क्या हैं गए विभिन्न तरीकों पर प्रकाश डालती है और पाठकों को उल्लेखित घटना से जुड़े अनुभवों से परिचित कराती है।

5. द इंटेलिजेंट इन्वेस्टर ( लेखक : बेंजामिन ग्राहम )

बीसवीं सदी के सबसे बड़े निवेश सलाहकार, बेंजामिन ग्राहम ने दुनिया भर में लोगों को सिखाया और प्रेरित किया। ग्राहम के "मूल्य निवेश" के दर्शन, जो निवेशकों को पर्याप्त त्रुटि से बचाते हैं और उन्हें दीर्घकालिक रणनीतियों को विकसित करने के लिए सिखाते हैं, ने 1949 में अपने मूल प्रकाशन के बाद से द इंटेलिजेंट इन्वेस्टर को स्टॉक मार्केट बाइबिल तकनीकी और मूलभूत विश्लेषण क्या हैं बना दिया है।

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7. ट्रैडेनिटी: कैस बैन सफ़ल प्रोफेशनल ट्रेडर ( लेखक : युवराज एस. कलशेती )

तक़रीबन 70% आम निवेशक शेअर मार्केट में अपना सारा निवेश पहले 6 महीने में ही गँवा देते है, जिसकी वजह होती है अलग अलग जरियों से मिल रही अधूरी जानकारी |

कहीं आप भी तो ऐसी अधूरी जानकारी तो नहीं ले रहे ? यहाँ हर विषय पर एक अलग किताब है, तो क्या आपको सभी किताबें पढनी चाहिए ?

क्यूँ ना एक ही ऐसी किताब पढ़ी जाए जिसमें शेअर मार्केट से जुडी सारी जानकारी "सिर्फ एक ही किताब" में सामान्य भाषा तकनीकी और मूलभूत विश्लेषण क्या हैं में और विस्तृतरूप से मिले, और उस जानकारी से लाइव मार्केट में ट्रेडिंग भी कर सकें |

तो पेश है "भारत की सर्वप्रथम शेअर मार्केट पर लिखी सम्पूर्ण हिंदी किताब, ट्रेडनीती कैसे बने सफल प्रोफेशनल ट्रेडर" |

8. इंट्राडे तकनीकी और मूलभूत विश्लेषण क्या हैं ट्रेडिंग की पेहचान ( लेखक : अंकित गाला और जितेंद्र गाला )

इंट्राडे ट्रेडिंग की पेहचान उन लोगो के लिए लिखी गयी है जो इंट्रा डे ट्रेडिंग सीखना चाहते है।

Attribution analysis क्या है?

Attribution analysis पोर्टफोलियो या फंड के प्रदर्शन का विश्लेषण और मूल्यांकन करने की एक तकनीक है। विशेष रूप से, जब आप एट्रिब्यूशन विश्लेषण लागू कर रहे होते हैं, तो आप यह समझने की कोशिश कर रहे होते हैं कि किसी विशिष्ट बेंचमार्क की तुलना में किसी निवेश ने कितना अच्छा प्रदर्शन किया। आप इस शब्द को रिटर्न एट्रिब्यूशन या प्रदर्शन एट्रिब्यूशन के रूप में संदर्भित भी देख सकते हैं। निवेश के दृष्टिकोण से, आप सोच रहे होंगे कि आप इस प्रकार का विश्लेषण क्यों करेंगे। और सरल उत्तर यह है कि फंड मैनेजर कितना अच्छा या खराब काम करता है, इसके आधार पर आपके लिए फंड क्या हो सकता है, इसका आकलन करना है। आप जिस बेंचमार्क का मूल्यांकन कर रहे हैं, वह फंड के सापेक्ष रिटर्न को मापने के लिए आधार रेखा (Baseline) के रूप में कार्य करता है।

एट्रिब्यूशन विश्लेषण विश्लेषण का एक रूप है जो बताता है कि एक पोर्टफोलियो बाजार के बेंचमार्क से अलग प्रदर्शन क्यों करता है, जिसके परिणामस्वरूप एक सक्रिय रिटर्न मिलता है। एक्टिव रिटर्न एक पोर्टफोलियो के रिटर्न और मार्केट बेंचमार्क के रिटर्न के बीच के अंतर को दर्शाता है। पोर्टफोलियो के प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार कुछ कारक हैं, यह स्टॉक का चयन, मार्केट टाइमिंग या फंड मैनेजर्स स्टाइल हो सकता है। एक फंड मैनेजर जिस विशिष्ट परिसंपत्ति वर्ग में निवेश करने का फैसला करता है, वह पोर्टफोलियो के प्रदर्शन के लिए महत्वपूर्ण होता है, साथ ही प्रबंधक द्वारा उपयोग की जाने वाली निवेश की शैली भी महत्वपूर्ण होती है। विविध अर्थशास्त्रियों के पास प्रबंधक की शैली और पोर्टफोलियो के प्रदर्शन का विश्लेषण करने के विभिन्न तरीके हैं। Atomic Swap क्या है?

तकनीकी और मूलभूत विश्लेषण क्या हैं

Que : 36. पाठ्यचर्या विकास के सामान्य, तकनीकी और गैर तकनीकी प्रतिमानों (मॉडल) का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।

Answer: प्रतिमान शब्द अंग्रेजी के ' मॉडल ' शब्द का पर्याय है। पाठ्यचर्या प्रतिमान का अर्थ पाठ्यचर्या के स्वरूप से है। अनेक शिक्षाविदों और मनोवैज्ञानिकों ने पाठ्यचर्या के विभिन्न प्रतिमान विकसित किये हैं। यहाँ पाठ्यचर्या के सामान्य , तकनीकी और गैर-तकनीकी प्रतिमानों का संक्षेप में वर्णन किया जा रहा है-

( अ) सामान्य प्रतिमान- जब पाठ्यचर्या का विकास बिना किसी विशिष्ट प्रतिमान का अनुसरण किये सामान्य रूप से शिक्षकों तथा अन्य संबंधितों के सहयोग से आवश्यकतानुसार कर लिया जाता है तो वह सामान्य प्रतिमान कहलाता है। यद्यपि इनमें भी पाठ्यचर्या विकास की आवश्यक प्रक्रिया निहित होती है। इसके प्रमुख चरण हैं-

1. पाठ्यचर्या क्षेत्र विशेष का सर्वेक्षण ;

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