• अभ्यर्थी की उम्र 17 वर्ष से कम नहीं होना चाहिए न्यूनतम आयु सीमा में किसी प्रकार की छूट प्रदान नहीं की जायेगी।
  • इण्टरमीडीएट विज्ञान ग्रुप परीक्षा या उसके समकक्ष परी क्षा हो अथवा बोर्ड से मान्यता प्राप्त हो। गणित / बायोलोजी ग्रुप में भौतिक विज्ञान एवं रसायन विज्ञान सहित विषयों से उत्तीर्ण हो।

पृष्ठ : अभिधर्म कोश.pdf/३४८

३३८ अभिधर्मकोश वैभाषिक-अतः महाभूमिक का क्या अर्थ है ? सौत्रान्तिक-तीन भूमि है : १. सवितर्कसविचार : कामधातु और प्रथम ध्यान २. अवितर्कसविचार : ध्यानान्तर; ३, अवितर्कअविचार : द्वितीयादि ध्यान (८.२३सी); अन्य तीन भूमि : कुशल, अकुशल, भव्याकृत [अर्थात् कुशल, अकुशल, अव्याकृत धर्म]; अन्य तीन भूमि : शैक्षी, अशैक्षी, नैवशैक्षीनाशैक्षी [अर्थात् शैक्ष-अशैक्ष के अनास्रव धर्म और सास्रव धर्म, २.७० सी]-इन सव भूमियों में (एतस्यां सर्वस्यां भूमी) [व्या ३०८. ३२] जो चैत्त धर्म पाये जाते हैं उन्हें महाभूमिक कहते हैं [यह वेदना, चेतना है, यथा २.२४ में]; जो कुशल भूमि में ही पाये जाते हैं वह कुशलमहाभूमिक कहलाते हैं [यह श्रद्धादि हैं, यथा २. २५ में]; जो केवल क्लिष्ट भूमि में पाये जाते हैं वह क्लेशमहाभूमिक कहलाते हैं [यह [१०५] अविद्यादि हैं, यथा २.२६ में]---किन्तु यह सब धर्म महाभूमिक, कुशलमहाभूमिक, क्लेशमहाभूमिक इसलिये कहलाते हैं क्योंकि यह स्वभूमि में यथासंभव होते हैं : यह वहां पर्याव्य से होते हैं, सब युगपत् नहीं होते। यथा वेदना सब भूमियों में होता है जैसे संज्ञा, चेतना आदि भी होते हैं। इसका यह अर्थ नहीं है कि प्रत्येक चित्तावस्था में वेदनादि यह सब धर्म होते हैं।' कुछ आचार्यों का मत है कि अकुशल महाभूमिक पहले पठित नहीं थे, पश्चात् अध्यारोपित किये गये हैं। सूत्र में पाठ होने से यह विचार उत्पन्न हुआ। वैभाषिक-यदि वेदना स्पर्श से उत्तरकाल की है तो आपको इस सूत्र का अवधारण करना होगा : "चक्षु और रूपप्रत्ययक्श चक्षुर्विज्ञान उत्पन्न होता है; त्रिक-संनिपात स्पर्श है। वेदना, संज्ञा और चेतना सहजात हैं।" 4 i १ वभाषिकों का महाभूमिकवाद २.२३ सो और आगे की कारिकाओं में व्याख्यात है (अनुवाद, पृ० १५०, पृ० १५३, १५५ में अधिमुक्ति के स्थान में अधिमोक्ष का आदेश कीजिये) चत्त-सम्बन्ध से असंस्कृत यहां नहीं कहे गये हैं।" परमार्थ का अनुवाद :"प्रथम तीन भूमियों में"; शुआन चाड़ "प्रथम भूमियों में "; व्याख्याः सवितर्कसविचार भूमि में। [च्या ३०८.३२] ते पुनयंथासम्भवम् । ये यस्यां सम्भवन्ति ते तस्यां पर्यायेण. .व्या ३०९.२]-- इस वाद का व्याख्यान द्वितीय कोशस्यान, अनुवाद पृ० १६०, १७५ में है। व्याख्या यहाँ पंचस्कन्धक [यह वसुबन्धु का ग्रन्य है] (तिब्बती विनय, ५८) के कुछ निर्देश उद्धृत करती है। हमने उन्हें द्वितीय कोंशस्थान, अनुवाद पृ० १५४ में उक्त किया है। (चन्द्रकोति का एक पंचस्कन्धक है, तिब्बती विनय, २४] अकुशलमहाभूमिकास्तु पाठप्रसंगेन आसंज्ञिताः (व्याख्या का पाठ 'आसंहिताः') (अध्यारो- पिताः पश्चात) पूर्व न पठयन्ते स्म। [च्या ३०९.१५] प्रकरणपाद में चत चतुर्विध पठित है: महाभूमिक, कुशलमहाभूमिक, क्लेशमहाभूमिक, परोत्तक्लेशमहाभूमिक, द्वितीय कोशस्थान, अनुवाद १०१५१ और१६४ देखिये) [च्या ३०९.१८] सूत्र में अकुशल कुशल का प्रतिपक्ष है। संयुक्त, ११,२, १३, ४(कोश,९. अनुवाद पृ०.२४५ में यही सूत्र उद्धृत है), संयुत्त, २.७२,४.३३ इत्यादि चक्खं च पटिच्च रूपे चप्पन्नति चक्षु- 7 . .

कॉलेज खोलें या बंद करें रविवि ने कहा- आदेश नहीं तो पर्चे ऑफलाइन

25 से शुरू होनी हैं रविवि की सेमेस्टर परीक्षाएं, वार्षिक परीक्षा मार्च-अप्रैल में, कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देख असमंजस में महाविद्यालय नहीं मांगी कोई रिपोर्ट, रविवि की अकेडमिक काउंसिल की बैठक आज होगी। इसमें विद्या परिषद के सदस्य शामिल होंगे। रविवि की कार्यपरिषद की बैठक कल होगी। इसमें विवि के कामकाज व शैक्षणिक गतिविधियों से जुड़े अन्य मुद्दों पर चर्चा होगी। पढ़िए पूरी ख़बर.

रायपुर: प्रदेश के जिन जिलों में कोरोना पॉजिटिविटी दर 4 प्रतिशत से अधिक है, वहां स्कूल बंद करने संबंधित नियम पहले ही बनाए जा चुके हैं। राजधानी में भी संक्रमण के मौजूदा हालात को देखते हुए पहली से बारहवीं तक की कक्षाएं फिर से ऑनलाइन मोड में शिफ्ट कर दी गई हैं। इसके इतर उच्च शिक्षा विभाग द्वारा अब तक कॉलेज खोले जाने अथवा उन्हें बंद रखने काे लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है। न ही शासन द्वारा इस संदर्भ में कोई आदेश या गाइडलाइन जारी की गई आदेश खोलने का सूत्र है। कोरोना संक्रमण के बीच रविवि की सेमेस्टर परीक्षाएं 25 जनवरी से प्रारंभ हो रही हैं।

इन अनिश्चितताओं के बीच प्रदेश में महाविद्यालयों में छात्रों की पढ़ाई जारी है। आदेश खोलने का सूत्र रायपुर में बीते सप्ताह कोरोना की औसत पॉजिटिविटी दर 10.98 प्रतिशत रही है। संक्रमण छोटे बच्चों के साथ युवाओं को भी अपने चपेट में ले रहा है। बढ़ते खतरे के बीच महाविद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति कम हो गई है।पहले से आधे छात्र ही ऑफलाइन कक्षाओं में अपनी हाजिरी लगा रहे हैं। इधर पं. रविशंकर शुक्ल विवि ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि शासन द्वारा कोई आदेश जारी नहीं किया जाता है तो ऑफलाइन मोड में ही परीक्षाएं ली जाएंगी।

रविवि की अकेडमिक काउंसिल की बैठक आज होगी। इसमें विद्या परिषद के सदस्य शामिल होंगे। रविवि की कार्यपरिषद की बैठक कल होगी। इसमें विवि के कामकाज व शैक्षणिक गतिविधियों से जुड़े अन्य मुद्दों पर चर्चा होगी, लेकिन महाविद्यालय को खोलने अथवा बंद करने आदेश खोलने का सूत्र संबंधित मुद्दे बैठक के मिनट्स में शामिल नहीं हैं। विश्वविद्यालय से जुड़े सूत्र ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा इस पर कोई चर्चा नहीं की जा रही है और न ही विश्वविद्यालयों से ही इसे लेकर कोई रिपोर्ट मांगी गई है। इसके कारण विश्वविद्यालय भी अपने स्तर पर कोई कदम नहीं उठा रहे हैं। आदेश खोलने का सूत्र वे पूर्ववत ही छात्रों को केंद्र बुलाकर परीक्षा लेने की तैयारी कर रहे आदेश खोलने का सूत्र हैं।

Indian Railways: आईआरसीटीसी से अलग रेलवे 100 से ज्यादा फूड प्लाजा खोलेगा, रेवेन्यू बढ़ाने के लिए फैसला

फाइल फोटो

सूत्र बताते हैं कि जोनल रेलवे द्वारा ऐसे 100-150 आउटलेट स्थापित करने की योजना है. जानकार अधिकारियों के मुताबिक आईआरसीटी . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : आदेश खोलने का सूत्र आदेश खोलने का सूत्र March 13, 2022, 06:50 IST

नई दिल्ली. रेवेन्यू बढ़ाने करने के लिए रेलवे बोर्ड (Railway Board) ने बड़ा फैसला लिया है. रेलवे बोर्ड द्वारा जारी एक आदेश खोलने का सूत्र आदेश के मुताबिक रेलवे (Indian Railways) रेवेन्यू बढ़ाने के लिए अब अपनी खानपान यूनिट इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन यानी आईआरसीटीसी (Indian Railway Catering and Tourism Corporation) से अलग अपने फूड प्लाजा, फास्ट फूड आउटलेट और रेस्टोरेंट खोलेगा.

आईआरसीटीसी (IRCTC) आदेश खोलने का सूत्र रेलगाड़ियों और स्टेशनों पर खानपान की सुविधा देने के लिए जिम्मेदार है. हालांकि, आईआरसीटीसी इन यूनिट्स की स्थापना में विफल रही है, जिसके चलते रेलवे को रेवेन्यू का भारी नुकसान हुआ और अब यह जिम्मेदारी जोनल रेलवे को सौंपने का फैसला किया गया है. इस बारे में 8 मार्च को जारी आदेश के मुताबिक 17 जोनल रेलवे को ऐसी यूनिट्स के लिए स्टेशनों पर खाली जगह का इस्तेमाल करने की इजाजत दी गई है.

रेवेन्यू बढ़ाने के लिए रेलवे ने किया फैसला
आदेश में कहा गया है कि इस तथ्य के मद्देनजर कि आईआरसीटीसी को आवंटित किए गए कई स्थान खाली रह गए हैं, जिससे यात्रियों को समुचित सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं और रेलवे को रेवेन्यू का नुकसान हो रहा है, इसलिए जोनल रेलवे द्वारा रेलवे स्टेशनों पर उपलब्ध खाली स्थान पर फूड प्लाजा/फास्ट फूड यूनिट/रेस्टोरेंट खोलने के लिए अनुमति मांगी गई है.

00-150 आउटलेट स्थापित करने की योजना
सूत्र बताते हैं कि जोनल रेलवे द्वारा ऐसे 100-150 आउटलेट स्थापित करने की योजना है. जानकार अधिकारियों के मुताबिक आईआरसीटीसी अधिक लाइसेंस शुल्क, रेल भूमि की अत्यधिक दर और ऐसी यूनिट्स की स्थापना के लिए गलत स्थान के विकल्प के चलते इन फूड कोर्ट की स्थापना नहीं कर सकी.

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ऑनलाइन आवेदन- डिप्लोमा इन आयुर्वेद फार्मेसी

  • अभ्यर्थी की उम्र 17 वर्ष से कम नहीं होना चाहिए न्यूनतम आयु सीमा में किसी प्रकार की छूट प्रदान नहीं की जायेगी।
  • इण्टरमीडीएट विज्ञान ग्रुप परीक्षा या उसके समकक्ष परी क्षा हो अथवा बोर्ड से मान्यता प्राप्त हो। गणित / बायोलोजी ग्रुप में भौतिक विज्ञान एवं रसायन विज्ञान सहित विषयों से उत्तीर्ण हो।

प्रशिक्षण केन्द्र में प्रवेश लेते समय लाने वाले दस्तावेज

  • हार्इस्कूल की मूल एवं प्रमाणित प्रति
  • इण्टरमीडिएट की मूल एवं प्रमाणित प्रति।
  • वांछित आरक्षण की मूल एवं प्रमाणित प्रति।
  • निवास प्रमाण पत्र/आधार कार्ड/वोटर कार्ड/पासपोर्ट
  • यदि अभ्यर्थी शासकीय सेवारत है तो विभागाध्यक्ष से अनापत्ति प्रमाण-पत्र लगायें।
शैक्षिक योग्यता सम्बन्धी मूल प्रमाण पत्र एवं आरक्षण सम्बन्धी प्रमाण-पत्र प्रशिक्षण में चयन होने के उपरान्त प्रशिक्षण केन्द्र प्रभारी द्वारा जांच व आप द्वारा जमा किये प्रमाण-पत्रों की फोटो कापी से मिलान करके जमा कर लेगें, जो प्रशिक्षणोपरान्त वापस कर दिये जायेंगें।

संलग्नक

  • पूर्णत: भरे हुए आवेदन पत्र पर अभ्यर्थी के हाल ही में खिचायें गये रंगीन फोटो ग्राफ निर्दिष्ट स्थान पर अच्छी तरह चिपकाकर राजपरित्र अधिकारी द्वारा तिथि सहित सत्यापित होना चाहिए, एवं अतिरिक्त 2 फोटोग्राफ।

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