फुटपाथ पर व्यापार करने के लिए मिलेगा 10 हजार रुपए, आज ही उठाएं योजना का लाभ

जो लोग फुटपाथ पर अपनी दुकान लगाकर जीवनयापन करते थे, अब उन्हें भी अधिक लाभ दिया जाएगा.

प्राची वत्स

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शहरी क्षेत्र में बढ़ती आबादी और बढ़ती हुई मांगों को देखते हुए प्रशासन इस मौके को रोजगार में बदलने की तैयारी में है. रोजगार को बढ़ावा मिले सके और इससे बेरोजगारी दर में कमी आ सके, इसके लिए भारत सरकार स्वनिधि योजना चला रही है.

आपको बता दें कि स्वनिधि योजना के तहत अब फुटपाथ पर दुकान लगाने वाले लोग भी लाभ उठा पाएंगे. यानि, जो लोग फुटपाथ पर अपनी दुकान लगाकर जीवनयापन करते थे, अब उन्हें भी अधिक लाभ दिया जाएगा. बता दें कि यह उत्तर प्रदेश के फतेहपुर के लोगों को दिया जा रहा है.

बीते एक साल के अंदर बैंकों ने जिस-जिस का आवेदन निरस्त किया है. जिला प्रशासन ने निर्णय लिया है कि ऐसे निरस्त फार्मों की पुन: जांच होगी और योग्यता के आधार पर लाभार्थियों को सब्सिडी युक्त ऋण देकर रोजगार से जोड़ा जाएगा, ताकि बेरोजगार रोजगार से जुड़ सकें.

मिलेगा 10 हजार रुपए का ऋण

स्वनिधि योजना के तहत उन छोटे दुकानदारों को लाभ दिया जाता है, जो फुटपाथ पर दुकान लगाकर जीविका चलाते हैं. आर्थिक परेशानियों के वजह से ऐसे फुटपाथी दुकानदारों को 10 हजार रुपये तक का ऋण दिया जाता है. इस ऋण का महज 2 फीसदी ब्याज दुकानदार को देना होता है.वहीँ ऋण में लगने वाले नौ फीसद बैंक ब्याज में सात फीसद की सब्सिडी सरकार देती है. जिले में अब तक इस योजना के 4377 लोगों को ऋण बांटा जा चुका है. वहीँ आवेदकों की संख्या 1210 थी, जिन्हें बैंक द्वारा ख़ारिज कर दिया गया है. अब जिलाधिकारी ने इन रिजेक्ट आवेदनों की पुन: जांच कराने का निर्णय लिया है. अगर यह पात्र पाए जाएंगे तो इन्हें भी लाभ दिया जाएगा.

ऑनलाइन आवेदन कर उठाएं लाभ

जिले में निकाय क्षेत्र आठ हैं, जिसमें नगर पालिका सदर, बिदकी व नगर पंचायत जहानाबाद, बहुआ, असोथर, किशनपुर, हथगाम व खागा है. अगर इन जगहों पर कोई फुटपाथी दुकानदार है, तो वह व्यक्ति इस योजना का लाभ उठाने हेतु ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. उसे पहले निकाय में फुटपाथी दुकानदार के रूप में पंजीयन करवाना होगा.

स्वनिधि योजना के तहत कितनों को मिला लाभ!

कुल स्वीकृत आवेदन:-

वितरित किए गए ऋण:-

बैंकों में लंबित आवेदन:-

अब तक रिजेक्ट हुए फार्म:-

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक स्वनिधि योजना के तहत आवेदन से लेकर रिजेक्ट हुए फॉर्म की संख्या इतनी दर्ज की गयी है. सरकार और प्रशासन का कहना है कि स्वनिधि योजना रोजगार को बढ़ावा देती है तथा इस योजना के तहत हम फुटपाथी दुकानदार को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम करते हैं. अगर कोई भी उक्त योजना का पात्र है और वह इस योजना का लाभ उठाना चाहता है, तो उसे लाभ दिया जाएगा.

सरकार और प्रशासन ने यह कदम बढ़ती बेरोजगारी को रोकने के लिए उठाया है, ताकि लोगों को रोजगार से जोड़ कर देश की अर्थव्यवस्था को और भी सबल और मजबूत बनाया जा सके.

English Summary: The government is giving an interest-free loan to shopkeepers Published on: 31 March 2022, 12:13 IST

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छोटे व्यापारियों के लिए खुशखबरी

किसान भाइयो के लिए खुशखबरी: लॉन्च हो रहा इलेक्ट्रिक ट्रेक्टर, डीजल का खर्चा होगा कम

किसान भाइयो के लिए खुशखबरी: लॉन्च हो रहा इलेक्ट्रिक ट्रेक्टर, डीजल का खर्चा होगा कम

  • Post author: KhetiGaadi News
  • Post published: August 12, 2022
  • Post category: Tractor Industry News
  • Post comments: 0 Comments

देश में किसान इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर खरीद सकेंगे:

KhetiGaadi always provides right tractor information

वित्तीय वर्ष 2022-2023 के अंत तक किसानों को मिलेगा इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर का तोहफा डीजल की बढ़ती कीमत के चलते किसान इलेक्ट्रिक ट्रैक्टरों के दीवाने हैं। देश के ग्रामीण क्षेत्रों में इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहनों की मजबूत बिक्री के जवाब में इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता ओमेगा सेकी मोबिलिटी द्वारा किसानों के लिए इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर की जल्द रिलीज की घोषणा की गई है।

तथ्य यह है कि व्यवसाय एक इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर की खरीद के वित्तपोषण के विकल्प की पेशकश करेगा, यह महत्वपूर्ण है। इसके अतिरिक्त, विभिन्न स्थानों पर चार्जिंग स्टेशन उपलब्ध कराए जाएंगे।

लोन मिलेगा प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत:

भारत में, ग्रामीण बाजारों में किसान मुख्य खरीदार हैं। हर किसान परिवार के पास ट्रैक्टर और दो-पहिया वाहन हैं। डीजल के दाम बढ़ने से दुपहिया और ट्रैक्टर चलाना अब महंगा हो गया है। ईंधन मुद्रास्फीति से एकमात्र राहत इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल द्वारा प्रदान की जा सकती है।

OSM चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने, इलेक्ट्रिक वाहनों की आपूर्ति करने और विशेष रूप से ग्रामीण बाजारों के लिए नए सामान लॉन्च करने के लिए एक अनुसंधान और विकास दल भी भेजेगा।

इसके अतिरिक्त, डीलरों को स्थापित करने और ग्रामीण बाजारों, छोटे व्यापारियों और कृषक समुदाय में इलेक्ट्रिक वाहनों के बारे में सार्वजनिक ज्ञान बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे।

थाईलैंड और दक्षिण कोरिया में इलेक्ट्रिक ट्रैक्टरों का परीक्षण

वित्त वर्ष 2022-2023 तक भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर पेश किए जाएंगे। इन इलेक्ट्रिक ट्रैक्टरों का परीक्षण वर्तमान में भारत के अलावा दो देशों में किया जा रहा है। कंपनी के संस्थापक और अध्यक्ष उदय नारंग के अनुसार, ओमेगा सेकी मोबिलिटी दक्षिण कोरिया और थाईलैंड में अपनी अनुसंधान और विकास सुविधाओं में अपने इलेक्ट्रिक ट्रैक्टरों का परीक्षण कर रही है।

हम वित्त वर्ष 2022–2023 के अंत तक टियर II और III बाजारों के लिए एक नई ट्रैक्टर सेवा और पट्टे की रणनीति शुरू करेंगे, इलेक्ट्रिक वाहन अब अपने कम परिचालन और रखरखाव खर्चों के कारण व्यक्तिगत और व्यावसायिक उपयोग दोनों के लिए एक किफायती और पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार विकल्प हैं। किसान दक्षता में सुधार पर काम करें।

ग्रामीण बाजार इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल के लिए एक बड़े बाजार का प्रतिनिधित्व करते हैं।

इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री शहरी इलाकों की तुलना में ग्रामीण इलाकों में ज्यादा है। ग्रामीण भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का छोटे व्यापारियों के लिए खुशखबरी बाजार बहुत बड़ा है। ग्रामीण भारत में, माल ढुलाई के लिए ट्रैक्टर और पिकअप ट्रक का अधिक उपयोग किया जाता है।

इन परिवहन वाहनों में से अधिकांश वास्तव में पुराने हैं और अधिक गैसोलीन की आवश्यकता होती है। ग्रामीण बाजारों में इस स्थिति में इलेक्ट्रिक वाहन सबसे बड़ा विकल्प हैं। भारत के ई-कॉमर्स क्षेत्र में लास्ट-मील लॉजिस्टिक्स बाजार के 2025 तक 9 गुना बढ़कर 5.23 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है।

भारत के ई-ट्रैक्टर के विशेषताएं:

ई-ट्रैक्टर का अनावरण मार्च 2020 में सेलेस्टियल ई-मोबिलिटी, हैदराबाद स्थित एक व्यवसाय द्वारा किया गया था। ये हैं इस ट्रैक्टर की खासियत।

इसके इंजन में एक सामान्य ट्रैक्टर इंजन में पाए जाने वाले लगभग 300 टुकड़े नहीं होंगे। इसके परिणामस्वरूप किसानों को समय की बचत छोटे व्यापारियों के लिए खुशखबरी और वाहन रखरखाव लागत में कमी का लाभ मिलेगा।

ई-ट्रक में बैटरी स्विचिंग, रीजनरेटिव ब्रेकिंग, पावर इनवर्जन (ट्रैक्टर द्वारा यूपीएस चार्ज करना), और त्वरित चार्जिंग सहित क्षमताएं शामिल होंगी।

एक बार चार्ज करने पर 6 एचपी का इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर 75 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकता है। इसकी अधिकतम गति 20 किमी प्रति घंटा है।

स्टार्टअप के मुताबिक, इसका 6 एचपी का ट्रैक्टर 21 एचपी के डीजल ट्रैक्टर की बराबरी कर सकता है।

एक घरेलू सेटिंग में, बैटरी को पूरी तरह से चार्ज करने के लिए छह घंटे की आवश्यकता होती है, लेकिन एक औद्योगिक पावर आउटलेट दो घंटे के त्वरित चार्ज की अनुमति देता है।

एक शून्य-उत्सर्जन पर्यावरण के अनुकूल ट्रैक्टर जिसे “ई-ट्रैक्टर” कहा जाता है, ग्रीनहाउस या बागवानी श्रम के लिए आदर्श है।

खेतिगाडी छोटे व्यापारियों के लिए खुशखबरी आपको ट्रेक्टर और खेती से जुडी सभी जानकारी के बारे में अपडेट रखता है। खेती और ट्रेक्टर से जुडी जानकारी के लिए खेतिगाडी एप्लीकेशन को डाउनलोड करे।

दुकानदारों के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी

Showroom में जाए जरूर एक बार जहां आपको मिलेगी होम थिएटर की रेंज बेमिसाल हर कंपनी के होम थिएटर उपलब्ध है आईए एक नजर डालें

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रामलीला और दुर्गापूजा के दौरान बाजारों में लौटेगीं रौनक

दिल्ली में रामलीला और दुर्गा पूजन की दिल्ली सरकार द्वारा अनुमति मिल जाने से एक ओर मंदिरों के पुजारी प्रंसन्न है और हर साल रामलीला में मंचन करने वाले कलाकार भी खुश है। वहीं सबसे ज्यादा प्रसंन्नता जाहिर करते हुये दिल्ली के छोटे व्यापारी है। रेहड़ी –ढेली में मूंगफली सहित अन्य सामान बेचने वालों ने तहलका संवाददाता को बताया कि लाँकडाउन के दौरान उनका रोजगार और काम-धंधा पूरी तरह से टूट गया था। लेकिन अब उम्मीद जागी है कि काम-धंधा को पटरी पर लाया जा सकता है। रेहडी चलाने वाले ग्यादीन ने बताया कि वे मूल रूप से बिहार के रहने वाले है, काम-धंधा लाँकडाउन में ठप्प हो गया था तब से अब तक इसी संशय में थे कि कब से काम सुचारू हो और वे अपने सहयोगियों के साथ काम शुरू करें। उन्होंने बताया कि रामलीला का जहां मंचन होगा वहां से दूर होकर यानि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुये छोटे व्यापारियों के लिए खुशखबरी भी अच्छा खासा कमा सकते है। छोटे व्यापारी संघ के मंत्री इंद्रजीत का कहना है कि रामलीला और दुर्गा पूजन से बाजारों में रौनक आयेगी और ग्राहक भी खरीददारी करेगें जिससे बाजार में पैसों का लेन-देन हो सकेंगा।आर्थिक मामलों के जानकार सचिन कुमार का कहना है कि देश की आर्थिक व्यवस्था को मजबूत करने में छोटे कारोबारियों का बड़ा हाथ होता है। ऐसे में बाजारों में लोग उत्साह से पैसा खर्च करेगें। जिससे बाजार मजबूत होगा।

Air India के ग्राहकों के लिए खुशखबरी, बेड़े में शामिल होंगे 12 नए विमान

नई दिल्ली: टाटा ग्रुप (Tata Group) के स्वामित्व वाली एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया (Air India) ने अपने मौजूदा बेड़े को और बढ़ाने के लिए सोमवार को 12 एयरक्राफ्ट लीज पर लेने की घोषणा की. इसमें 6 एयरबस ए320नियो नैरो बॉडी एयरक्राफ्ट और 6 बोइंग बी777-300 एफ वाइडबॉडी शामिल हैं. टाटा ग्रुप ने इस साल जनवरी में एयर इंडिया का अधिग्रहण किया था. उसके बाद से वह लगातार अपने नेटवर्क और बेड़े का विस्तार कर रहा है.

विमानों के 2023 की पहली छमाही में शामिल होने की उम्मीद
इन विमानों के 2023 की पहली छमाही में शामिल होने की उम्मीद है. इन्हें छोटे, मध्यम और लंबी दूरी के इंटरनेशनल रूट्स पर तैनात किया जाएगा. सिंगापुर एयरलाइंस के साथ टाटा के ज्वाइंट वेंचर विस्तारा के साथ एयर इंडिया के विलय की घोषणा के कुछ दिनों बाद यह कदम उठाया गया है.

एयर इंडिया के सीईओ और एमडी कैंपबेल विल्सन (Campbell Wilson) ने कहा कि ये अतरिक्त विमान लीज हमारे नियर-टर्म ग्रोथ को सपोर्ट करेंगे. उन्होंने कहा कि एयरलाइन के नेटवर्क को बढ़ाना एयर इंडिया की Vihaan.AI छोटे व्यापारियों के लिए खुशखबरी ट्रांसफॉर्मेशन जर्नी का एक अनिवार्य हिस्सा है और हम डोमेस्टिक और इंटरनेशनल स्तर पर कनेक्टिविटी और फ्लाइट्स की फ्रीक्वेंसी बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

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नवंबर में हुई थी 30 विमानों को शामिल करने की घोषणा
टाटा ग्रुप ने नवंबर में कहा था कि एयर इंडिया अगले 15 महीनों में डोमेस्टिक और इंटरनेशनल परिचालन को बढ़ावा देने के लिए 25 एयरबस नैरो-बॉडी और 5 बोइंग वाइड-बॉडी विमानों सहित 30 विमानों को लीज पर देगी. 5 दिसंबर की घोषणा के साथ यह संख्या 42 हो गई है.

विस्तारा का एयर इंडिया में होगा विलय
गौरतलब है कि एविएशन सेक्टर में बड़े स्तर पर एकीकरण छोटे व्यापारियों के लिए खुशखबरी की तैयारी है. इसके तहत विस्तार का एयर इंडिया के साथ विलय होगा. इस सौदे के बाद सिंगापुर एयरलाइंस की एयर इंडिया में 25.छोटे व्यापारियों के लिए खुशखबरी 1 फीसदी हिस्सेदारी होगी. टाटा ग्रुप ने हाल ही में इसकी घोषणा करते हुए कहा कि प्रस्तावित सौदा मार्च, 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है जो नियामकीय मंजूरी पर निर्भर है. विस्तारा में टाटा ग्रुप की 51 फीसदी हिस्सेदारी है बाकी 49 फीसदी हिस्सेदारी सिंगापुर एयरलाइंस (SIA) के पास है.

Diamond Auction In Panna : हीरों के शौकीनों के लिए खुशखबरी! 4 करोड़ से अधिक रुपये के हीरों की नीलामी आज से, ऐसे मिलेगा

पन्ना। अगर आप हीरा Diamond Auction In Panna व्यापारी हैं तो आपके लिए खुशखबरी दरअसल, पन्ना में आज यानि 18 अक्टूबर से हीरों की नीलामी रखी गई है। जहां आप अपनी मनपसंद का हीरा उच्चतम बोली के साथ खरीद सकते हैं। आपको बता दें इस बार विशेष आकर्षण का केंद्र 11.88, 9.64, 6.29, 5.70 और 4.37 कैरेट के हीरे होंगे।

ये खरीद सकेंगे हीरा —Diamond Auction In Panna
आपको बता दें पन्ना में आज से शुरू हो रही इस नीलामी में उथली हीरा खदानों के हीरों की नीलामी होगी। जिसमें ​मुख्य आकर्षण का केंद्र 11.88, 9.64, 6.29, 5.70 और 4.37 कैरेट के हीरे होने वाले हैं। इस नीलामी में
पन्ना सहित गुजरात, राजस्थान, सूरत, मुंबई के हीरा व्यापारी होंगे। नीलामी का कार्यक्रम संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन पन्ना में होगा। आपको बता दें अवकाश यानि छुटिट्यों के दिनों को छोड़कर रोजाना सुबह 9 से 11 बजे तक नीलामी होगगी। यहां

ये होगा खास —Diamond Auction In Panna
मध्यप्रदेश के पन्ना जिले मे स्थित उथली हीरा खदानों से प्राप्त हीरों की नीलामी आगामी 18 अक्टूबर 2022 से संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन पन्ना में शुरू होगी। जो कुल हीरों की नीलामी पूर्ण होने तक शासकीय अवकाश को छोडकर प्रतिदिन सुबह 9 बजे से 11 बजे तक हीरों का निरीक्षण किया जायेगा तत्पश्चात उनकी बोली की जाएगी।
बता दें की इस नीलामी में उज्जवल, मैले, एवं औद्योगिक किस्म के लगभग डेढ़ सौ नग हीरे बोली के लिए रखे जाएंगे। जिनका कुल वजन लगभग 355.96 कैरेट तथा अनुमानित कीमत लगभग 4 करोड 9 लाख 39 हजार 693 रुपये आंकी गई है।

नीलामी में रखे जाने वाले मुख्य हीरो में 11.88, 9.64 6.29, 5.70, 4.37 कैरेट के हीरे सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र होंगे। इसके अलावा छोटे-बड़े किस्म के अनेक हीरे नीलामी में रखे जायेगे। इस नीलामी में पन्ना जिला सहित गुजरात, राजिस्थान, सूरत मुम्बई के हीरा व्यपारी शामिल होंगे।

करना होगा ये काम —Diamond Auction In Panna
एक हीरा अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार बोलीदार को नीलाम में भाग लेने से पहले अमानत राशि के तौर पर 5 हजार रुपये नगद जमा करने होंगे। उच्चतम बोली लगाने वाले व्यक्ति के पक्ष में अंतिम निर्णय होने के तुरन्त बाद उसे नीलाम मूल्य की 20 प्रतिशत राशि एक मुश्त अविलम्ब हीरा कार्यालय पन्ना में जमा करनी होगी। वरना बोली निरस्त की जाएगी। शेष राशि का भुगतान नीलामी समाप्त होने वाली तिथि के 30 दिवस की समयावधि में कर हीरा प्राप्त किया जा सकेगा। निर्धारित समयावधि में शेष राशि जमा न करने पर 20 प्रतिशत नीलाम मूल्य एवं अमानत राशि रूपये 5000/- शासन के पक्ष में राजसात किया जावेगा।

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