Last updated on Dec 17, 2022
NSE और BSE क्या है?
शेयर बाजार आप सबने इसके बारे में कभी न कभी सुना होगा, साथ ही इनसे जुड़े दो शब्द NSE और BSE भी सुना ही होगा। पर आप आज भी कहीं न कहीं न कहीं कुछ लोग ऐसे हैं जो ऐसी दुविधा में होंगे की आखिर NSE और BSE है क्या? दोनों में अंतर क्या है? और ये दोनों काम करिसे करते हैं? इस लेख के माध्यम से आपकी ऐसी सारी दुविधा दूर हो जाएगी।
लेख में मौजूद सामग्री
NSE क्या है?
NSE स्टॉक एक्सचेंज भारत की एक सबसे बड़ी वित्तीय बाजार है, जिसकी शुरुआत वर्ष 1992 में इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम आधारित बाजार के रूप में की गयी थी। इक्विटी वॉल्यूम के मामले में यह वर्तमान में दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वित्तीय बाजार के रूप में अपनी पहचान बना चुकी है।
अगर हम इसके द्वारा दी जाने वाली सेवाओं के बारे में बात करें तब वर्तमान में यह इक्विटी, थोक ऋण और डेरीवेटिव सेगमेंट में डील करती है। NSE की सबसे मशहूर सेवाओं अगर सबसे पहले किसी चीज़ के नाम आता है शेयर मार्केट से जुड़े कुछ शब्द तब वह है NIFTY 50 इंडेक्स, जो की भारतीय शेयर बाजार में सबसे बड़ी 50 कंपनी के शेयर को ट्रैक करता है।
हमारे देश भारत में National Stock Exchange of India ही वह पहली शेयर बाजार थी जो पूरी तरह से स्वचालित थी और इलेक्ट्रॉनिक्स माध्यम के जरिये शेयरों का आदान प्रदान किया करती थी। इस संस्थान की शुरुआत इस उद्देश्य के साथ किया गया था की शेयर बाजार से जुड़े सरे काम पारदर्शिता के साथ की जाए।
BSE क्या है?
BSE भारत के सबसे पहला और सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है जिसकी शुरुआत वर्ष 1875 में 5 मूल शेयर और स्टॉक ब्रोकर संगठन के द्वारा किया गया था। बॉम्बे स्तिथ इस स्टॉक एक्सचेंज में वर्तमान में लगभग 6000 से कहीं ज़्यादा कंपनियां लिस्टेड है। यही कारण है की BSE दुनिया की बाकी स्टॉक एक्सचेंज की तरह काफी ज़्यादा महत्व रखती है।
BSE ने भारत के खुदरा ऋण बाजार के साथ ही पूँजी बाजार को भी बढ़ाने में काफी ज़्यदा योगदान दिया है, और यही कारन है की आज भारत के व्यावसायिक क्षेत्र काफी ज़्यदा तरक्की कर रही है। आपको यह जानकर ख़ुशी होगी की BSE पुरे एशिया का सबसे पहला स्टॉक एक्सचेंज है। इस एक्सचेंज में छोटे और मध्यम उद्यमों (एसएमई) की इक्विटी ट्रेडिंग भी की जाती है।
BSE से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
- भारत में कुल 23 स्टॉक एक्सचेंज हैं जिसमे से BSE को सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज मन जाता है, क्यूंकि इसमें 6000 से भी ज़्यादा कंपनियां लिस्टेड है।
- पूरी दुनिया में यह ट्रांज़ैक्शन के नजरिये से 11 वां सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है।
- बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को प्रेमचंद रॉयचंद द्वारा फंडिंग किया गया था।
- वर्ष 1986 में BSE ने BSE SENSEX विकसित किया था, जो लगभग BSE में लिस्टेड कंपनियों के एक तिहाई ट्रांज़ैक्शन के बराबर का महत्व रखता है।
'बैल और भालू' (बुल और बेयर) शब्द किसके साथ जुड़े हैं?
एक स्टॉक मार्केट , इक्विटी मार्केट, या शेयर बाजार खरीदारों और स्टॉक के विक्रेताओं (जिसे शेयर भी कहा जाता है) का एकत्रीकरण है, जो व्यवसायों पर स्वामित्व के दावों का प्रतिनिधित्व करता है; इनमें सार्वजनिक स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध प्रतिभूतियां, साथ ही साथ स्टॉक केवल निजी तौर पर कारोबार करने वाली कंपनियों जैसे कि निजी कंपनियों के शेयर शामिल हो सकते हैं।
- बुल बाजार एक बाजार है जो बढ़ रहा है और आर्थिक रूप से मजबूत है, जबकि बेयर बाजार एक बाजार है जो गिर रहा है, जहां अधिकांश स्टॉक मूल्य में गिरावट कर रहे हैं। एक दूसरा स्पष्टीकरण संबंधित है शुरुआती स्टॉक मार्केट प्रतिभागियों से और वे एक उछाल या गिरावट से कैसे लाभ शेयर मार्केट से जुड़े कुछ शब्द उठा सकते हैं।
- सट्टेबाज परिष्कृत निवेशक या व्यापारी हैं जो कम समय के लिए संपत्ति खरीदते हैं और उनकी कीमत में बदलाव से लाभ के लिए रणनीतियों को नियुक्त करते हैं। सट्टेबाज बाजारों के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे तरलता लाते हैं और बाजार के जोखिम का अनुमान लगाते है।
- बेयर एक सट्टेबाज है, जो प्रतिभूतियों की कीमत में गिरावट की आशंका करता है। वह भविष्य की डिलीवरी के लिए प्रतिभूतियाँ बेचता है। वह प्रति-भूतियाँ बेचता है जो उसके पास नहीं हैं, यह सोचकर की डिलीवरी की तारीख से पहले कम कीमत पर प्रतिभूतियों को खरीद लेगा। भारत में, बेयर को मंडीवाला के रूप में भी जाना जाता है।
- बुल एक शेयर बाजार का सट्टेबाज है जो इस उम्मीद में स्टॉक में होल्डिंग खरीदता है कि बहुत ही कम समय में यह मूल्य में वृद्धि करेगा जहां वे लेनदेन पर त्वरित लाभ कमाने के लिए स्टॉक बेचेंगे।
नहीं रहे Share Market के 'बिग बुल' Rakesh Jhunjhunwala, जानिए कैसे 5000 रुपये को बनाया 43 हजार करोड़
राकेश झुनझुनवाला ने शेयर बाजार में निवेश का सफर सिर्फ 5000 रुपये से शुरू किया था. आज उनके पास 43 हजार करोड़ रुपये से भी अधिक की दौलत है.
शेयर बाजार के बिग बुल (Share Market Big Bull) और भारत के वॉरेन बफे (Warren Buffet) कहे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला का 62 साल की उम्र में निधन (Rakesh Jhunjhunwala Death) हो गया है. किडनी समेत उन्हें कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं थीं, जिसके चलते मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली. राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. उनके बारे में दलाल स्ट्रीट से जुड़े लोग तो ये भी कहते हैं कि वह अगर पत्थर को भी छू लें तो वह सोना हो जाए. उनके बारे में लोग यूं ही इतनी बड़ी बात नहीं कहते, बल्कि उनके निवेश करने का तरीका और समझ थी ही बहुत खास. राकेश झुनझुनवाला ने करीब 36 साल पहले सिर्फ 5000 रुपये से अपने निवेश का सफर शुरू किया था. वह कितने सफल रहे, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि अभी उनकी नेटवर्थ (Rakesh Jhunjhunwala Net Worth) करीब 43 हजार करोड़ रुपये (जुलाई 2022 तक 5.5 अरब डॉलर) है. निवेश में धैर्य रखकर उन्होंने इतनी सारी दौलत कमाई.
सिर्फ 5000 रुपये से शुरू किया था निवेश
झुनझुनवाला की कहानी शुरू हुई थी 1985 में. उन दिनों लोग शेयर बाजार के बारे में बहुत ही कम जानकारी रखते थे और निवेश से डरते भी थे. आम लोग तो शेयर बाजार को एक सट्टे से अधिक कुछ नहीं मानते थे. ऐसे में अधिकतर लोग बैंक एफडी जैसे विकल्पों में पैसा लगाना पसंद करते थे, क्योंकि तब तक शेयर बाजार रेगुलेटेड भी नहीं था. उसी दौरान शेयर बाजार में एंट्री हुई राकेश झुनझुनवाला की. मिडिल क्लास फैमिली से आने वाले राकेश झुनझुनवाला के पास उस वक्त सिर्फ 5000 रुपये थे, जिससे उन्होंने ट्रेडिंग शुरू की.
राकेश झुनझुनवाला ने अभी शेयर बाजार में अपना करियर शुरू ही किया था कि साल भर में ही उन्हें तगड़ा मुनाफा हुआ. 1986 में उन्होंने टाटा के करीब 5000 शेयर 43 रुपये के हिसाब से खरीदे. महज तीन महीनों में ही शेयर की कीमत 143 रुपये हो गई. यानी हर शेयर पर उन्हें 100 रुपये का मुनाफा हुआ. इस तरह उन्हें 5 लाख रुपये का तगड़ा मुनाफा हुआ.
पिता की वजह से शेयर मार्केट से जुड़े कुछ शब्द शेयर बाजार में हुई दिलचस्पी
राकेश झुनझुनवाला की दिलचस्पी शेयर बाजार में उनके पिता की वजह से हुई. उनके पिता एक टैक्स ऑफिसर थे और अक्सर अपने दोस्तों से शेयर बाजार की बातें करते थे. झुनझुनवाला उनकी शेयर मार्केट से जुड़े कुछ शब्द बातों को ध्यान से सुनते थे और धीरे-धीरे उनकी दिलचस्पी शेयर बाजार में बढ़ने लगी. यही वजह है कि कॉलेज में पढ़ने के दौरान ही उन्होंने शेयर बाजार में पैसे लगाना शुरू कर दिया था. झुनझुनवाला बताते थे कि उनके पिता उन्हें रोज अखबार बढ़ने की सलाह देते थे. उनका कहना था कि खबरों के चलते ही शेयर बाजार में उठापटक होती है. शेयर बाजार में उतरने से राकेश झुनझुनवाला के पिता ने उन्हें कभी नहीं रोका, लेकिन पैसों से कोई मदद भी नहीं की. यानी ये कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि वह सेल्फमेड बिलियनेर यानी खुद से बने हुए अरबपति थे.
राकेश झुनझुनवाला ने अपने भाई के कुछ क्लाइंट से पैसे उधार लेकर शेयर बाजार में एंट्री मारी थी. उन्होंने सभी को एफडी से ज्यादा रिटर्न देने का वादा किया था. आज की तारीख में राकेश झुनझुनवाला के पोर्टफोलियो में 30 से भी अधिक शेयर हैं. उनके पास जो शेयर हैं, उनमें टाइटन, टाटा मोटर्स, स्टार हेल्थ एंड एलायड इंश्योरेंस कंपनी, मेट्रो ब्रांड्स, फोर्टिस हेल्थकेयर, नजारा टेक्नोलॉजीज, डीबी रियल्टी और टाटा कम्युनिकेशंस जैसे शेयर भी शामिल हैं और टाइटन शेयर मार्केट से जुड़े कुछ शब्द में उनका सबसे बड़ा निवेश है.
Share Market: NIFTY 50, म्यूचुअल फंड, इक्विटी में करना है निवेश? जानें शेयर मार्केट से जुड़े कुछ शब्द तरीके
शेयर मार्केट (Share Market) का नाम लेते ही सबके मन में एक ही सवाल आता है क्या पैसे डूब तो नहीं जाएंगे ? मार्केट में निफ्टी (Nifty) की बात करें तो 52 हफ्तो में ये उच्चतम 18887.शेयर मार्केट से जुड़े कुछ शब्द 60 तक गया वहीं 52 हफ्तो में निफ्टी का सबसे कम स्तर 15183.40 का था. वहीं 52 हफ्तों में सेंसेक्स (Sensex) 63583.07 के स्तर पर उच्चतम था और सबसे निचला स्तर 50921.22 पर रहा.
शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए होड़ लगी है. लेकिन मार्केट की जानकारी लिए बिना काफी लोग अपना नुकसान भी करा लेते हैं. तो चलिए समझते है कि क्या है शेयर मार्केट और इसमें कैसे इंवेस्ट करते हैं.
निफ्टी 50
निफ्टी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National Stock Exchange) पर लिस्टेड 50 प्रमुख कंपनी के शेयरों का सूचकांक (Index) है. NIFTY दो शब्द से बना है पहला नेशनल और दूसरा फिफ्टी. निफ्टी का मतलब नेशनल स्टॉक एक्सचेंज है और Fifty उन कंपनियों के समूह के बारे में बताता है जो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड टॉप पचास शेयर हैं. यहां आप अपनी मन पसंदीदा कंपनी जैसे अडानी पोर्ट्स, बजाज ऑटो, एयरटेल, एचडीएफसी, एसबीआई, टाटा मोर्टस और विप्रो के शेयर खरीद सकते हैं. जितना बाजार अच्छा प्रदर्शन करेगा उसका पोर्टफोलियो उतना ही हरा नजर आएगा.
लिक्विड फंड एक प्रकार का डेट फंड (Debt Fund) होता है. ये आपके पैसों को डेट और मनी मार्केट में जैसे कमर्शियल पेपर, कॉल मनी, सरकारी सिक्यॉरिटी, ट्रेजरी बिल में निवेश करता है. इस फंड में 91 दिनों की मैच्योरिटी पीरियड होती है. अब ये सवाल आता है कि लिक्विड फंड में निवेश करने से क्या फायदा होगा? तो लिक्विड फंड में इंवेस्ट करने से आपको शेयर मार्केट से जुड़े कुछ शब्द अधिक लिक्विडिटी मिलती है, एग्जिट करने पर कोई फीस नहीं लगती, कम जोखिम और अधिक रिटर्न मिलता है.शेयर मार्केट से जुड़े कुछ शब्द
शेयर मार्केट कितने प्रकार की होती है?
शेयर बाजार दो मुख्य प्रकार के शेयरों से बना है: इक्विटी शेयर और वरीयता शेयर। इक्विटी शेयर, जिन्हें सामान्य शेयर भी कहा जाता है, एक कंपनी में स्वामित्व शेयर मार्केट से जुड़े कुछ शब्द का प्रतिनिधित्व करते हैं और शेयरधारकों को वोटिंग अधिकार प्रदान करते हैं। वे उन कंपनियों द्वारा पेश किए जाते हैं जो अपना पूंजी आधार बढ़ाना चाहती हैं।
दूसरी ओर, वरीयता शेयर, लाभांश की एक निश्चित दर प्रदान करते हैं और आमतौर पर चुकौती के मामले में इक्विटी शेयरधारकों की तुलना में अधिक रैंक करते हैं शेयर मार्केट से जुड़े कुछ शब्द यदि कंपनी परिसमापन में जाती है। नतीजतन, वे इक्विटी शेयरों की तुलना में अधिक सुरक्षित हैं लेकिन शेयरधारकों के लिए मतदान के अधिकार की कमी है।
जब शेयर बाजार में निवेश करने की बात आती है, तो शेयर मार्केट से जुड़े कुछ शब्द अपने निवेश के बारे में सूचित निर्णय लेने के लिए इन दो प्रकार के शेयर वर्गों को समझना आवश्यक है।
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