Brokerage ने मोटे मुनाफे के लिए चुने ये 5 शेयर, 500 रुपए से भी कम है कीमत
बाजार में कई बड़ी कंपनियां हैं, जो आपके निवेश को लगातार बढ़ाती है. लेकिन, ज्यादातर रिटेल निवेशकों को तलाश होती है सस्ते और बढ़िया रिटर्न देने वालो शेयर की. यूं तो मार्केट में छोटी वैल्यूएशन वाले कई स्टॉक्स हैं, लेकिन भरोसा किस पर किया जाए? ऐसे में आपकी मदद करती है ब्रोकरेज कंपनियां. अपनी वीकली ब्रोकरेज रिपोर्ट में ऐसे ही 5 शेयर आपके लिए लाए हैं, जो आपको दमदार रिटर्न दे सकते हैं. बीते हफ्ते की पूरी ब्रोकरेज लिस्ट में हमने चुने हैं, 5 ऐसे शेयर, जिनका शेयर प्राइस 500 रुपए से भी कम है.
क्लियरिंग और सेटलमेंट की प्रक्रिया
वैसे तो क्लियरिंग और सेटलमेंट बहुत ही सैधान्तिक विषय है लेकिन इसके पीछे की प्रक्रिया को समझना महत्वपूर्ण है। एक ट्रेडर या निवेशक के तौर पर आपको ये चिंता करने की ज़रूरत नहीं होती कि आपका सौदा कैसे क्लियर या सेटल हो रहा है, क्योंकि एक अच्छा इंटरमीडियरी यानी मध्यस्थ ये काम कर रहा होता है और आपको ये पता भी नहीं चलता।
लेकिन अगर आप इसको नहीं समझेंगे तो आपकी जानकारी अधूरी रहेगी इसलिए हम विषय को समझने की कोशिश करेंगे कि शेयर खरीदने से लेकर आपके डीमैट अकाउंट (DEMAT account) में आने तक क्या होता है।
10.2 क्या होता है जब आप शेयर खरीदते हैं?
दिवस 1/ पहला दिन- सौदे का दिन (T Day), सोमवार
मान लीजिए आपने 23 जून 2014 (सोमवार) को रिलायंस इंडस्ट्रीज के 100 शेयर 1000 रुपये के भाव पर खरीदे। आपके सौदे की कुल कीमत हुई 1 लाख रुपये (100*1000)। जिस दिन आप ये सौदा करते हैं उसे ट्रेड डे या टी डे (T Day) कहते हैं।
दिन के अंत होने तक भारत में ब्रोकरेज चार्ज की पूरी जानकारी आपका ब्रोकर एक लाख रुपये और जो भी फीस होगी, वो आपसे ले लेगा। मान लीजिए आपने ये सौदा ज़ेरोधा पर किया, तो आपको निम्नलिखित फीस या चार्जेज देनी होगी:
क्रमांक | कितने तरह के चार्जेज | कितना चार्ज | रकम |
---|---|---|---|
1 | ब्रोकरेज | 0.03% या 20 रुपये- इनमें से जो भी इंट्राडे ट्रेड के लिए कम हो | 0 |
2 | सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन चार्ज | टर्नओवर का 0.1% | 100/- |
3 | ट्रांजैक्शन चार्ज | टर्नओवर का 0.00325% | 3.25/- |
4 | GST | ब्रोकरेज का 18% + ट्रांजैक्शन चार्ज | 0.585/- |
5 | SEBI चार्ज | 10 रुपये प्रति एक करोड़ के ट्रांजैक्शन पर | 0.1/- |
कुल | 103.93/- |
तो एक लाख रुपये के साथ 103.93 रुपये की फीस आपको देनी पड़ेगी, यानी कुल 100,103.93 रुपये की रकम आपके ट्रेडिंग अकाउंट से निकल जाएगी। याद रखिए कि पैसे निकल गए हैं लेकिन शेयर अभी आपके डीमैट अकाउंट (DEMAT account) में नहीं आए हैं।
उसी दिन ब्रोकर आपके लिए एक कॉन्ट्रैक्ट नोट (Contract Note) तैयार करता है और उसकी कॉपी आपको भेज देता है। ये नोट एक तरह का बिल है, जो आपके सौदौं की पूरी जानकारी देता है। यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है और भविष्य में काम आता है। कॉन्ट्रैक्ट नोट में आमतौर पर उस दिन हुए सभी सौदे अपने ट्रेड रेफरेंस नंबर (Trade Reference Number) के साथ दिए गए होते हैं। साथ ही आपसे ली गई सभी फीस की जानकारी उसमें होती है।
दिवस 2/दूसरा दिन- ट्रेड डे + 1 (T+ Day), मंगलवार
जिस दिन आपने सौदा किया उसका अगला दिन टी+1 डे (T+1 Day) कहलाता है। T+1 day को आप अपने शेयर बेच सकते हैं, जो आपने पिछले दिन खरीदे हैं। इस तरह के सौदे को BTST-Buy Today, Sell Tomorrow या ATST- Acquire Today, Sell Tomorrow कहते हैं। याद रखिए कि शेयर अभी भी आपके डीमैट अकाउंट में नहीं आए हैं। इसका मतलब आप ऐसे शेयर बेच रहे हैं, जो अभी तक आपके हुए नहीं है। इसमें एक रिस्क है। वैसे हर BTST सौदे में रिस्क नहीं होता, लेकिन अगर आप बी ग्रुप के शेयर या ऐसे शेयर जिनकी खरीद-बिक्री बहुत कम होती है, उनका सौदा कर रहे हैं, तो आप मुसीबत में फंस भी सकते हैं। अभी इस पूरे मसले को यहीं छोड़ देते हैं।
अगर आप बाज़ार में नए हैं, तो आपके लिए बेहतर यही होगा कि आप BTST से दूर रहें क्योंकि आप उसके रिस्क को पूरे तरह से नहीं जानते।
इसके अलावा आपके नजरिए से T+1 day का कोई खास महत्व नहीं है, हालांकि शेयर खरीदने के लिए दिए गए पैसे और सारी फीस सही जगह पहुंच रही होती है।
दिवस 3/तीसरा दिन- ट्रेड डे + 2 (T+2 Day), बुधवार
तीसरे दिन यानी T+2 day को दिन में करीब 11 बजे जिस आदमी ने आपको शेयर बेचे हैं उसके अकाउंट से शेयर निकल कर आपके ब्रोकर के अकाउंट में आ जाते हैं, और ब्रोकर यही शेयर शाम तक आपके अकाउंट में भेज देता है। इसी तरह जो पैसे आपके अकाउंट से निकले थे, वो उस इंसान के अकाउंट में पहुंच जाता है जिसने शेयर आपको बेचे।
अब शेयर आपके डीमैट अकाउंट में दिखेंगे। आपके पास अब रिलायंस के 100 शेयर होंगे।
इस तरह T Day को खरीदे गए शेयर आपके अकाउंट में T+2 Day को आएंगे और T+3 Day को उनका सौदा फिर से कर पाएंगे।
10.3 आप जब शेयर बेचते हैं, तब क्या होता है?
जिस दिन आप शेयर बेचते हैं, वो ट्रेड डे (Trade Day ) कहते हैं, और इसे T Day लिखा जाता है। शेयर बेचते ही उतने शेयर आपके डीमैट अकाउंट में ब्लॉक हो जाते हैं। T+2 Day के पहले ये शेयर एक्सचेंज को दे दिए जाते हैं और T+2 Day को उन शेयरों की बिक्री से मिलने वाले पैसे, फीस और चार्जेज कट कर, आपके अकाउंट में आ जाते हैं।
ज़ेरोधा के साथ ट्रेड करना कितना सुरक्षित है?
मुझे उम्मीद है कि उपरोक्त सभी कारक आपको यह दिलासा देता है की आपका धन और निवेश Zerodha के साथ कितना सुरक्षित हैं, इस बारे में आपको कोई भी संदेह हो दूर होजाना चाहिए। हम लगातार मुनाफे के साथ एक ठोस व्यवसाय हैं। आपको किसी बात की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।
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Demat Account: डीमैट खाता खुलवाने के बाद न हो कोई परेशानी, इसलिए पहले ही जान लें ये बातें
Demat Account: शेयर मार्केट (share market) में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट खोलना जरूरी है. इसे खुलवाते वक्त कुछ बातों पर जरूर ध्यान देना चाहिए.
By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 08 Sep 2021 10:21 PM (IST)
Demat Account: डीमैट अकाउंट (Demat account) के बारे में आपने जरूर सुना होगा. लेकिन बहुत से लोग डीमैट अकाउंट के बारे में नहीं जानते. दरअसल शेयर मार्केट (share market) में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट खोला जाता है. बिना डीमैट अकाउंट के शेयर मार्केट में ट्रेडिंग नहीं की जाती है. आज हम आपको बता रहे हैं कि डीमैट अकाउंट खोलते समय कौन-कौन सी बातों पर ध्यान देना होता है.
1-ब्रोकरेज और ट्रांजेक्शन फीस
- ब्रोकरों के बीच डीमैट अकाउंट खोलने और ब्रोकरेज चार्ज अलग-अलग हैं.
- आजकल ज्यादातर मुफ्त डीमैट खाते खोल रहे हैं.
- इक्विटी खरीदने और बेचने पर आपसे लेनदेन (ट्रांजेक्शन) की फीस ली जा सकती है.
इन बातों की करें जांच
- डीमैट अकाउंट की फीस, सालाना मेंटेनेंस चार्ज, ट्रांजेक्शन फीस.
- ट्रांजेक्शन फीस को लेकर ब्रोकरों के बीच बड़ा अंतर हो सकता है.
2-अन्य सुविधाएं
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- आपको ब्रोकरेज हाउस क्या-क्या सुविधाएं देगा यह जरूर जान लें.
- कुछ ब्रोकरेज हाउस इक्विटी ब्रोकिंग की सेवा के अतिरक्त भी कई प्रकार की अन्य सेवाएं देते हैं.
- जैसे कई ब्रोकरेज फर्म आपको समय-समय पर रिसर्च उपलब्ध कराती रहती हैं. यह रिसर्च आपको सही जगह निवेश करने में मदद करती है.
3-डीमैट और ट्रेडिंग खाता
- आपका ब्रोकर 2-इन-1 डीमैट और ट्रेडिंग खाता आपको देता हैं तो यह सबसे अच्छा है.
- ट्रेडिंग खाते के बगैर डीमैट खाता अधूरा है.
- ध्यान रखें कि डीमैट खाते में आप सिर्फ डिजिटल रूप में शेयरों को रख सकते हैं.
- ट्रेडिंग खाते के साथ आप शेयर, आईपीओ, म्यूचुअल फंड और यहां तक गोल्ड में निवेश कर सकते हैं. इसके बाद आप इन्हें डीमैट खाते में रख सकते हैं.
4-पोर्टफोलियो की जानकारी भी जरूरी
- कुछ ब्रोकरेज हाउस आपके पोर्टफोलियो की जानकारी आपको समय-समय पर देते हैं.
- इससे निवेश से मिलने वाले रिटर्न की जानकारी रखने में मदद मिलती है.
5-कनेक्टिविटी
- कारोबार के लिए फोन और इंटरनेट दोनों का ही इस्तेमाल किया जा सकता है.
- ब्रोकरेज हाउस दोनों में से कौनसी सुविधा मुहैया करवाता है यह जानना जरूरी है.
- ज्यादातर ब्रोकर्स दोनों ही सुविधाएं देते हैं.
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Published at : 08 Sep 2021 10:21 PM (IST) Tags: ABP News Investment Stock Market share demat account broker हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
इन तीन शेयरों में क्या करें निवेशक, जानिए ब्रोकरेज का टारगेट
दुनियाभर के बाजारों में उतार-चढ़ाव है. मैक्रो और जियोपॉलिटकल फैक्टर्स का बाजारों के सेंटीमेंट्स पर असर देखने को मिल रहा है. इसका असर घरेलू बाजारों में भी देखने को मिल रहा है.ब्रोकरेज हाउसेस ने कुछ क्वालिटी शेयरों में निवेश की सलाह दी है. इन स्टॉक्स भारत में ब्रोकरेज चार्ज की पूरी जानकारी भारत में ब्रोकरेज चार्ज की पूरी जानकारी में आगे मौजूदा भाव से 29 फीसदी तक का तगड़ा रिटर्न देखने को मिल सकता है.
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