Cryptocurrency: क्रिप्टो कॉइन और क्रिप्टो टोकन क्या अलग-अलग चीजें हैं? क्या होता है फर्क, जानें
हम अकसर क्रिप्टोकरेंसी और क्रिप्टो टोकन्स का इस्तेमाल एक ही अर्थ में कर लेते हैं, लेकिन दरअसल इन दोनों में ही कुछ मूलभूत अंतर होते हैं और इन्हें समझना जरूरी है. ये दोनों ही डिजिटल असेट यानी संपत्ति हैं, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी का अपना ब्लॉकचेन होता है, वहीं क्रिप्टो टोकन्स पहले से मौजूद किसी ब्लॉकचेन पर काम करते हैं.
Crypto Coins and Crypto Tokens : क्रिप्टो कॉइन्स और क्रिप्टो टोकन्स में कुछ अंतर होते हैं.
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) शब्द अब बहुत आम हो चुका है. अधिकतर लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी के बारे में पढ़ा होगा, बहुत लोग क्रिप्टो ट्रेडिंग से वाकिफ होंगे. हो सकता है कि हममें से कुछ लोगों ने क्रिप्टो में निवेश भी किया होगा. वैसे क्रिप्टो में निवेश करने से पहले जहां पक्की रिसर्च की जरूरत होती है, वहीं इसके टेक्निकल टर्म्स की भी जानकारी होना जरूरी है. हम अकसर क्रिप्टोकरेंसी और क्रिप्टो टोकन्स का इस्तेमाल एक ही अर्थ में कर लेते हैं, लेकिन दरअसल इन दोनों में ही कुछ मूलभूत अंतर (Difference between crypto coins and crypto tokens) होते हैं और इन्हें समझना जरूरी है. ये दोनों ही डिजिटल असेट यानी संपत्ति हैं, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी का अपना ब्लॉकचेन होता है, वहीं क्रिप्टो टोकन्स पहले से मौजूद किसी ब्लॉकचेन पर काम करते हैं.
क्रिप्टोकरेंसी क्या है?
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क्रिप्टोकरेंसी किसी ब्लॉकचेन की नेटिव करेंसी यानी उसकी अपनी करेंसी होती है, जैसे कि बिटकॉइन या एथर. और इसे उस ब्लॉकचेन के प्रोटोकॉल के हिसाब से जारी किया जाता है. अकसर क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल ट्रांजैक्शन फीस देने में करते हैं या फिर नेटवर्क को सेफ रखने के लिए यूजरों को इंसेंटिव देने के लिए होता है. क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल या तो कोई प्रॉडक्ट या सर्विस खरीदने में कर सकते हैं या फिर फ्लैट करेंसी यानी रुपया और डॉलर के साथ एक्सचेंज करने के लिए भी कर सकते हैं. इसके अलावा इसका स्टोर वैल्यू भी होता है. यानी कि आपने करेंसी में निवेश करके इसे स्टोर किया और फिर उसपर रिटर्न कमाया.
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क्रिप्टोकरेंसी डिसेंट्रलाइज्ड होती हैं. यानी कि वो किसी एक संस्था या अथॉरिटी के भरोसे नहीं चलती हैं. वो ब्लॉकचेन पर काम करती हैं और हर ट्रांजैक्शन का हिसाब एक सार्वजनिक बहीखाते यानी पब्लिक लेजर पर होता है. इससे नियमों को निष्पक्ष रूप से लागू करने में मदद मिलती है. इन नेटवर्क और पूरे क्रिप्टो स्ट्रक्चर को सुरक्षित रखने के लिए ये क्रिप्टो कॉइन्स क्रिप्टोग्राफी- एक एन्क्रिप्शन टेक्नीक- का इस्तेमाल करती हैं.
क्रिप्टो टोकन क्या होता है?
क्रिप्टो टोकन और क्रिप्टोकरेंसी में बहुत सी समानताएं होती हैं, लेकिन वो एक दूसरे से अलग भी होते हैं. जैसे उदाहरण के लिए इथीरियम एक ब्लॉकचेन है और इसका नेटिव टोकन एथर (ETH) है. लेकिन इथीरियम ब्लॉकचेन पर कई दूसरे टोकन- DAI, LINK, और COMP- भी काम करते हैं. क्रिप्टोकरेंसी की तरह ही टोकन्स की भी एक वैल्यू होती है और इनको भी एक्सचेंज किया जा सकता है, लेकिन टोकन अपने आप में फिजिकल असेट यानी कोई संपत्ति, या फिर यूटिलिटी या सर्विस की तरह भी काम कर सकते हैं. जैसे उदाहरण के लिए, कुछ क्रिप्टो टोकन रियल एस्टेट या आर्ट को रिप्रेजेंट करते हैं. टोकन्स बनाने और उन्हें असाइन करने की प्रक्रिया को टोकनाइजेशन कहते हैं.
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क्रिप्टो इंडस्ट्री बहुत तेजी से बढ़ रही है, ऐसे में टोकन्स की पॉपुलैरिटी और वैल्यू भी वैसे ही बढ़ेगी, लोग इन्हें संपत्ति के हिसाब से वैल् असाइन करते रहेंगे. टोकन्स को एक सीधे साफ शब्दों में बताएं तो इन्हें एक 'स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट' कहा जा सकता है. ये 'कॉन्ट्रैक्ट' किसी भी डिजिटल या फिजिकल असेट को रिप्रेजेंट कर सकते हैं. क्रिप्टो टोकन्स कुछ नियमों के हिसाब से चलते हैं और इनका एक ब्लॉकचेन एड्रेस होता है. और जिस किसी के पास उस एड्रेस का private key होगा, वो ही उसे एक्सेस कर पाएगा और उसे उस टोकन का मालिक या कस्टोडियन कहेंगे.
निष्कर्ष
अकसर ही हम क्रिप्टो कॉइन्स और क्रिप्टो टोकन्स टर्म्स का इस्तेमाल एक ही अर्थ में कर लेते हैं, लेकिन ऊपर बताए गए फर्क से साफ है कि ये दोनों एक दूसरे से अलग भी हैं. ऐसे में अगर दोनों की बात एक साथ करनी हो तो आप इनके लिए क्रिप्टो असेट टर्म का इस्तेमाल कर सकते हैं.
क्या है Crypto Coin और Crypto Token में फर्क ?
डीएनए हिंदी: Crypto Currency इस वक्त Investors के बीच एक हॉट टॉपिक है. हर तरफ इसी की चर्चा है तो ऐसे में हम इसके बारे में आपके लिए थोड़ी और जानकारी लेकर आए हैं. दरअसल हमने देखा कि अक्सर इन्वेस्टर Crypto Coin को Token और Crypto Token को Coin कहने की गलती कर बैठते हैं. यह प्रैक्टिस गलत है क्योंकि दोनों बिल्कुल अलग चीजे हैं.
सभी क्रिप्टो कॉइन्स को आप टोकन कह सकते हैं लेकिन सभी टोकन, कॉइन की कैटेगरी में नहीं आते. मजेदार बात यह है कि कई यूजर्स को खुद पता नहीं होता कि वे क्रिप्टो कॉइन टोकन और क्रिप्टोकरेंसी के बीच अंतर खरीद रहे हैं या टोकन. ये दोनों ही डिजिटल एसेट हैं और दोनों का अपना यूजर बेस है. इन दोनों के बीच का फर्क उनकी यूटिलिटी का है. कुछ ऐसे काम हैं जिनके लिए टोकन का इस्तेमाल किया जाता है. वहीं कुछ ऐसे प्लैटफॉर्म हैं जो कॉइन एक्सेप्ट करते हैं लेकिन टोकन नहीं.
क्रिप्टो कॉइन्स का एक अलग ब्लॉकचेन होता है. वहीं टोकन का अपना ब्लॉकचेन नहीं होता है. उन्हें क्रिप्टो कॉइन के मौजूदा ब्लॉकचेन पर ही बनाया जाता है. एक ब्लॉकचेन हजारों टोकंस को होस्ट कर सकता है. उदाहरण के तौर पर ईथेरियम के ब्लॉकचेन पर मेकर BAT, टेथर जैसे टोकन बनाए गए हैं.
स्टेबल कॉइन्स भी इसी कैटेगरी के अंदर आती हैं. जब कोई टोकन एक्सचेंज होता है तो वह असल में ओनर के पास से दूसरे के पास जाता है. नॉन फंजिबल टोकन्स या एनएफटी इसका सबसे सही एग्जाम्पल हैं. एनएफटी किसी ओनरशिप का सर्टिफिकेट होता है इसलिए एनएफटी एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसफर की जाती है जबकि क्रिप्टो कॉइन्स के मामले में ऐसा नहीं होता.
क्रिप्टो कॉइन से जुड़ी किसी भी ट्रांजैक्शन पर सिर्फ आपका अकाउंट बैलेंस बदलता है और वह ट्रांजैक्शन ब्लॉकचेन पर दर्ज हो जाती है. यह बिल्कुल एक सामान्य बैंक ट्रांसफर जैसा है. जहां किसी ट्रांजैक्शन पर असल में कोई रुपया या पैसा एक जगह से दूसरी जगह नहीं जाता बल्कि अकाउंट का बैलेंस बदलता है.
दोनों में एक और फर्क उनकी दिखाई जाने वाली वैल्यू का है. एक इन्वेस्टर के लिए कॉइन और टोकन दोनों एक ही तरह काम करते हैं. दोनों एक खास मकसद को पूरा करते हैं और उनकी कीमतें ग्रोथ और स्वीकार्यता के आधार पर बदलती रहती हैं.
एक्सपर्ट्स की सलाह है कि कोई सामान खरीदने के लिए कॉइन सही हैं लेकिन सर्विस का इस्तेमाल करना है तो वहां टोकन का इस्तेमाल किया जा सकता है. इन्वेस्टमेंट के लिहाज से देखें तो टोकन, कॉइन से बेहतर ऑप्शन है. क्योंकि उन्हें किसी खास वजह से बनाया गया है और उनकी डिमांड जल्दी खत्म नहीं होने वाली.
Crypto Coin और Token में क्या अंतर है | Crypto Coin vs Token in Hindi
Crypto Coins और Tokens में अंतर :
दोस्तो आज के इस लेख में हम बात करेंगे Cryptocurrnecy Coins के बारे में और Tokens (Crypto Coin vs Token) के बारे में. इन दोनो के अंतर के बारे में बात करने वाले है. आखिर Crypto Coins और Tokens में क्या अंतर होता है क्या ये दोनो Same होते है या फिर अलग अलग होते है.
आपको बता दे कि आज के समय में बहुत से Beginners जो इस इंडस्ट्री में पैसे इन्वेस्ट करने आ रहे है उनको Crypto Coins और Tokens के बीच में कन्फ्यूजन है वो इन दोनो चीजों को एक ही समझ रहे है जिससे उनको भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है कि तो उनके लिए यह जाना बहुत आवश्यक है की आखिर Crypto Coin vs Token में क्या अंतर होता है.
Table of Contents
Cryptocoin क्या है(What is Cryptocoin in Hindi?)
सबसे पहले हम बात करते Crypto Coins के बारे में, Crypto Coins में वो Coins आते है जिनकी खुद की ब्लॉक चैन होती है जैसे की (Bitcoin, Bitcoin Cash, Ripple, Litcoin, Cardano) ये सभी वो Coins है. जिनकी खुदकी ब्लॉकचैन होती है इनकी खुदकी बनाई हुई अपनी टेक्नोलॉजी है. वो किसी भी third party टेक्नोलॉजी को यूज करके cryptocurrency की ट्रांजेक्शन को नहीं कर रहे है. अगर वो कर रहे है तो वो खुदकी ब्लॉकचेन पर कर रहे है और खुदकी टेक्नोलॉजी पर कर रहे है हर एक coin की कोई न कोई खूबी होती है उन्ही की ब्लॉकचैन के अंदर.
Token क्या है(What is Token In Hindi?)
अब हम बात करते है tokens के बारे में tokens क्या होते है. Tokens वो होते है जो किसी की थर्ड पार्टी टेक्नोलॉजी को यूज करके अपने coins को develop करते है. अगर tokens की बात करे तो इसमें सबसे पहले आता है TRON जो की Ethereum टेक्नोलॉजी को यूज कर रहा है, इसके बाद आता है EOS ये भी Ethereum टेक्नोलॉजी को यूज कर रहा है, Vechain भी Ethereum टेक्नोलॉजी को यूज कर रहा है, Ontology ये NEO टेक्नोलॉजी को यूज कर रहा है, Maker Ethereum टेक्नोलॉजी को यूज कर रहा है, Gas NEO टेक्नोलॉजी को यूज कर रहा है.
इस तरह की बहुत सारे coins है जो अलग थर्ड पार्टी टेक्नोलॉजी को यूज कर रहे है. ये सभी tokens अपनी ट्रांजेक्शन को successful करने के लिए इसी तरह की third party टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते है. जबकि ऐसा crypto coins में नहीं होता उनका खुदकी ब्लॉकचैन होती और खुदकी टेक्नोलॉजी होती है.
Cryptocoin और Token में अंतर(Difference Between Coin & Token in Hindi)
Cryptocoin
1. Cryptocoin खुदकी ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी Use करते है.
2. Cryptocoin को पूरी तरह से ट्रांजेक्शन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.
3. सभी क्रिप्टोकॉइन को टोकन कह सकते है.
4. Example :- Bitcoin, Ripple, Ethereum, Binance Coin.
Token
1. Tokens में खुदकी कोई ब्लॉकचैन नहीं होती. ये third party ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी को यूज करते है।
2. Tokens को ट्रांजेक्शन के साथ digital agreements के साथ sign करने के लिए यूज किया जाता है.
3. Tokens को Crypto Coins नही कहा जा सकता.
4. Example : ENJIN, REN, Shiba Inu, Floki Inu, Polkadot.
FAQ:
Crypto coin वो होते है जिनकी खुदकी ब्लॉकचैन होती है जैसे की (Bitcoin, Bitcoin Cash, Ripple, Litcoin, Cardano) ये सभी वो Coins है.
टोकन वो होते है जो किसी की थर्ड पार्टी टेक्नोलॉजी को यूज करके अपने coins को develop करते है.
Bitcoin, Ripple, Ethereum, Binance Coin ये सभी क्रिप्टो कॉइन होते है.
ENJIN, REN, Shiba Inu, Floki Inu, Polkadot.
दोस्तो ये है एक crypto coin और एक token के बीच का अंतर. मुझे आशा है कि आपको समझ आ गया होगा. यदि आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा है तो इसे शेयर जरूर करे और आपके मन में इस लेख से संबंधित जो भी सवाल हो वो नीचे दिए कॉमेंट में पूछ सकते है.
Crypto News: प्राइवेट और पब्लिक क्रिप्टो करेंसी में क्या अंतर है?
Private Crypto: आपको यह पता होना चाहिए कि क्रिप्टोकरेंसी दो तरह की होती है। इनमें से एक प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी है और दूसरी पब्लिक क्रिप्टो करेंसी। अगर आप इन दोनों के बीच अंतर नहीं जानते तो आज हम आपको इस बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
पब्लिक क्रिप्टोकरेंसी
ऐसी सभी क्रिप्टो करेंसी जिनके ट्रांजैक्शन एक-दूसरे से लिंक हो उन्हें पब्लिक क्रिप्टो करेंसी कहते हैं। पब्लिक क्रिप्टो करेंसी में यह पता किया जा सकता है कि यह करेंसी किस किस व्यक्ति के पास से गुजरी है। बिटकॉइन, इथर टोकन और क्रिप्टोकरेंसी के बीच अंतर या टेलर से लेकर तमाम बड़ी क्रिप्टो करेंसी पब्लिक क्रिप्टो करेंसी हैं।
प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी
कई क्रिप्टोकरेंसी ऐसी हैं जिनके लेनदेन की जानकारी सार्वजनिक नहीं की जाती है, इन्हें प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी कहते हैं। Monero, Dash और दूसरे Crypto token भी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी में आते हैं। इन प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी में यूजर की प्राइवेसी बनी रहती है, उनका डेटा सुरक्षित रहता है। इसे प्राइवेट टोकन भी कहते हैं।
प्राइवेट कॉइन की खासियत
प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी यूजर के वॉलेट का बैलेंस और उसका पता जाहिर नहीं होने देते। इसी विशेषता के चलते इनका इस्तेमाल अवैध गतिविधियों में हो सकता है। भारत में सरकार क्रिप्टो करेंसी पर जो कानून ला रही है उसके तहत प्राइवेट किसको करेंसी को बैन किया जा सकता है।
प्राइवेट क्रिप्टो की तकनीक
प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी प्राइवेट ब्लॉकचेन के सहारे चलती है। इसे ट्रेस करना लगभग नामुमकिन हो जाता है। आमतौर पर इसकी परिभाषा भी यही है। जीकैश, मोनेरो, डैश प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी के कुछ उदाहरण है, वहीं बिटकॉइन, डॉगकॉइन, इथेरियम ये सब पब्लिक क्रिप्टोकरेंसी हैं जिनके ट्रांजेक्शन को ट्रेस किया जा सकता है।
क्रिप्टो के दुरुपयोग पर नजरें
क्रिप्टोकरेंसी के ट्रांजेक्शन को ट्रैक करना काफी जटिल है और सरकार का मानना है कि इसका बड़े स्तर पर दुरुपयोग हो सकता है। क्रिप्टो को हवाला फंडिंग या टेरर फंडिंग के लिए उपयोग किया जा सकता है, इसलिए इसे बैन करने या रेगुलेट करने की जरूरत है।
टोकन - यह क्या है?
टोकन, tokenization, सिक्का, altcoins, सिक्के . चिप्स? यह सब किसके पास आया होगा?
Czy Bitcoin एक टोकन है? नहीं! क्या लिकेन टोकन है? नहीं, ये सिक्के हैं, या सिक्के हैं। तो, ये टोकन क्या हैं? क्या वे केवल साथ जुड़े हुए हैं ICO? या शायद वे कैसीनो चिप्स के साथ कुछ करना है? चलो देखते हैं .
टोकन क्या है?
शब्द का पारंपरिक अर्थ
अर्थशास्त्र में, "टोकन" हम सिक्कों और बैंकनोटों के अलावा, संख्यात्मक वस्तुओं को कहते हैं। वे सभी प्रकार के हैं चिप्सकैसीनो में पाया जाता है, साथ ही वाउचर, गिफ्ट कार्ड और वाउचर।
बोर्ड गेम में टोकन भी पाए जा सकते हैं, जहां वे मुद्रा या बिंदुओं की भूमिका निभाते हैं। टोकन शादी की परंपरा का एक तत्व है। शादी के टोकन, ख़बरदार रेनॉल्ड्स और विट्टे, एक्सएनयूएमएक्स) और रेलवे सिग्नलिंग। हालाँकि, हम कंप्यूटर के साथ उनके संबंधों में सबसे अधिक रुचि रखते हैं।
पहुंच टोकन एक्सेस टोकन) एक कुंजी है - अभिगम अधिकारों का क्रिप्टोग्राफ़िक प्रमाण - एक प्रकार का प्राधिकरण पासवर्ड। हम उससे कंप्यूटर नेटवर्क में मिल सकते हैं। डेटा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यहां टोकनेशन का उपयोग किया गया है, जिसमें ब्लॉकचेन टोकन के उपयोग के साथ बहुत कुछ है।
कभी-कभी लॉगिन करने के लिए आवश्यक वेब पेज को रीफ्रेश करने के बाद, हम "टोकन समाप्त" संदेश देख सकते हैं। इस अर्थ में, टोकन सत्र आईडी है। टोकन को एक बार कोड उत्पन्न करने के लिए उपकरण भी कहा जाता है - उदाहरण के लिए, Google प्रमाणक का पुराना, भौतिक समतुल्य, उदाहरण के लिए, ऑनलाइन बैंक खातों को सुरक्षित करने के लिए।
शब्द "टोकन" निश्चित रूप से और भी अधिक अर्थ है। उदाहरण के लिए, पेट्री नेट में वर्णों की एक असतत संख्या को "टोकन" (पीटरसन, 1981) भी कहा जाता है। लेकिन चलो क्रिप्टोकरेंसी के महत्व पर ध्यान दें और ब्लॉकचेन तकनीक.
टोकन और क्रिप्टोकरेंसी
हां, बिटकॉइन या लिटीकॉइन एक आभासी सिक्का है, डिजिटल पैसा, हां टोकन एक वर्चुअल टोकन और क्रिप्टोकरेंसी के बीच अंतर टोकन है। इसका प्रकाशन प्रक्रिया से संबंधित है tokenizacji.
टोकन यह पैसे की भूमिका निभा सकता है। आप उन्हें कर सकते हैं के लिए भुगतान करें, आमतौर पर सख्ती से निर्दिष्ट, सेवाओं के प्रकार। सबसे आम टोकन हैं एक परियोजना से संबंधित, कंपनी या व्यक्ति। उदाहरण के लिए, आप किसी कंपनी के टोकन के लिए उसकी सेवाओं, उसके अनुप्रयोगों और प्लेटफॉर्म के माध्यम से भुगतान कर सकते हैं। वे पारंपरिक नकदी की जगह लेते हैं। वे ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करते हुए बुद्धिमान अनुबंधों के आधार पर त्वरित, विकेंद्रीकृत, निपटान की अनुमति देते हैं।
टोकन का उपयोग स्वामित्व की एक क्रिप्टोग्राफिक पुष्टि के रूप में भी किया जा सकता है, कुछ कंपनियों के शेयर। ऐसे टोकन को कहा जाता है सुरक्षा टोकन और वे एक प्रकार की प्रतिभूतियाँ हैं।
टोकन अक्सर के तहत जारी किए जाते हैं ICO। ब्लॉकचैन स्टार्टअप डिजिटल टोकन का उत्सर्जन करता है और फिर आपकी परियोजना को वित्त करने के लिए उन्हें बिल्डिंग ब्लॉक के रूप में बेचता है।
टोकन हो सकते हैं मतलब भी produktyउन्हें ट्रैक करने में सक्षम होने के लिए, जैसे कि आपूर्ति श्रृंखला में या उन्हें स्वामित्व प्रदान करने के लिए।
एक सिक्का - अंतर
एक टोकन और एक क्रिप्टोक्यूरेंसी के बीच का अंतर एक साधारण उपयोगकर्ता के लिए बहुत कम महत्व रखता है और व्यवहार में वे एक दूसरे से अलग नहीं होते हैं। सीधे शब्दों में कहें, cryptocurrency का अपना ब्लॉकचेन है इस क्रिप्टोकरेंसी की जरूरतों के लिए बनाया गया है। यह इस ब्लॉकचेन का मूल सिक्का है। इस बीच टोकन एक चिप है कि ब्लॉकचेन का उपयोग करता है क्रिप्टोक्यूरेंसी दिया गया। सबसे अधिक बार, इस क्रिप्टोग्राम में टोकन हस्तांतरण के लिए शुल्क एकत्र किया जाता है।
उदाहरण के लिए, इथेरियम नेटवर्क आपको अनुमति देता है अपने खुद के टोकन पैदा करना। टोकन एथेरियम ब्लॉकचेन (जैसे ओमइसेगो) का उपयोग करते हैं। वे केवल टोकन हैं जो भुगतान के लिए उपयोग किए जाते हैं या एथेरेम नेटवर्क के आधार पर निर्मित अनुप्रयोगों (डीएपी) में कुछ फ़ंक्शन होते हैं।
कई परियोजनाओं ने एक टोकन बनाया है ICO की जरूरतों के लिए। धन एकत्र करने के बाद, स्टॉक एक्सचेंजों पर टोकन उपलब्ध है, और टीम परियोजना के कार्यान्वयन पर काम करती है, जो अक्सर अपने स्वयं के ब्लॉकचेन के निर्माण को मानती है। एक बार यह हासिल हो जाने के बाद, विदेशी ब्लॉकचेन टोकन सही ब्लॉकचेन के एक सिक्के (कॉइन) में परिवर्तित हो जाता है।
टोकन के प्रकार
कई प्लेटफार्मों पर, आप टोकन बना सकते हैं (उदाहरण के लिए Ethereum, EOS, NEO)। प्रत्येक का अपना मानक है।
सबसे लोकप्रिय प्लेटफ़ॉर्म जिस पर अधिकांश टोकन टोकन और क्रिप्टोकरेंसी के बीच अंतर टोकन और क्रिप्टोकरेंसी के बीच अंतर आधारित हैं, एथेरियम है। सबसे लोकप्रिय मानक है ERC20 (कई ज्ञात क्रिप्टोकरेंसी, उदाहरण के लिए, ओमीसेगो, गोलेम, ऑगुर, SunContract, होलो)।
नए मानकों को गतिशील रूप से विकसित किया जाता है, जो प्रतिभूतियों के टोकन, अचल संपत्ति या अद्वितीय वस्तुओं को चिह्नित करने की आवश्यकता के अनुरूप है (उदा। ईआरसी-721).
Referencje
कैटालिनी, सी।, एक्सएनयूएमएक्स। ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी डिजिटल अर्थव्यवस्था को कैसे प्रभावित करेगी। ऑक्सफोर्ड बिजनेस लॉ ब्लॉग।
कैटालिनी, सी।, गैन्स, जेएस (2018)। प्रारंभिक सिक्का प्रसाद और क्रिप्टो टोकन का मूल्य (सं। W24418)। नेशनल ब्यूरो ऑफ इकोनॉमिक रिसर्च।
कॉनली, जेपी 2017. ब्लॉकचेन और क्रिप्टो-टोकन और प्रारंभिक सिक्का प्रसादों का अर्थशास्त्र (संख्या 17-00008)। वेंडरबिल्ट विश्वविद्यालय अर्थशास्त्र विभाग।
पीटरसन, जेएल, एक्सएनयूएमएक्स। पेट्री नेट थ्योरी और मॉडलिंग की प्रणाली। अप्रेंटिस हॉल पीटीआर, ऊपरी सैडल नदी, एनजे, यूएसए।
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