इसने यूजर्स को क्रिप्टो करेंसी मार्केटिंग के बारे में उसी कीमत, उसके संपर्क, आकर्षक इंटरेस्ट रेट्स, इत्यादि चीजों में अशिष्ट करने के लिए कई प्रोडक्ट्स भी रिलीज किए हैं।

Top 10 Bitcoin, Crypto Exchange & Trading Platforms in एक्सचेंज पर व्यापार करने के लिए टिप्स और ट्रिक्स India

क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज को डिजिटल करेंसी एक्सचेंज भी कहा जाता है। यह एक ऐसा व्यापार है जिसमें लोग अपने डिजिटल परम शिष्या क्रिप्टोकरेंसीज को दूसरे संपत्तियों के लिए एक्सचेंज हैं। क्क्रेडिट कार्ड पेमेंट, या वायर ट्रांसफर आदि जैसे पेमेंट तरीकों से डिजिटल करेंसी का लेन- देन होता है।

ऐसे कई तरह के क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज होते हैं जीने से कहीं भारत में भी है, उनमें से निम्नलिखित 10 बेस्ट क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज दिए गए हैं।

यह 2016 के जून में आस्तित्व में आया, यह Alullg Bhatt, Shivam Thakral और Devansh Aggarwal द्वारा बनाया गया है। यह मंच बहुत जल्द ही क्रिप्टो करेंसी के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ बन गया था, और इस मंच ने बहुत कम समय में ही कई निवेशकों का एक बड़ा समुदाय निर्माण कर लिया था।

इसका निर्माण विशेष रूप से ऐसे बनाया गया है ताकि सबके लिए इसे इस्तेमाल करना सरल हो, फिर चाहे वह अनुभवी इन्वेस्टर हो या वह इन्वेस्टर्स जो पहली बार इसके यूज कर रहे है। जब से इसको बनाया गया है, इस प्लेटफॉर्म ने $50 मिलियन USD के ट्रेड को कंडक्ट किया है, और इसने 30 से ज़्यादा cryptocurrencies को आधार देता है, और इस आंकड़े में अभी और भी नाम जोड़े जाएंगे।

गोल्‍ड एक्‍सचेंज शुरू करने का फ्रेमवर्क जारी, देशभर में सोना खरीदने का बेंचमार्क रेट जल्‍द

Sebi issues guidelines: बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सोमवार को गोल्ड एक्सचेंज शुरू करने के लिए फ्रेमवर्क जारी किया है. फ्रेमवर्क आने से एक्सचेंज अब सेबी के पास शुरू करने की अर्जी दे सकेंगे. इसके अलावा एक्सचेंज नए सेगमेंट में इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट की ट्रेडिंग करा सकेंगे. एक्सचेंज, डिपॉजिटरी, क्लीयरिंग, वॉल्ट मैनेजर एक प्लेटफॉर्म पर होंगे.

पहले सोने को जमा करने पर वॉल्ट इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट में बदलेंगे. डिपॉजिटरीज फिर इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट को डीमैट में बदल सकेंगे. एक्सचेंज फिर इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट की ट्रेडिंग शुरू कर सकेंगे. तीसरे चरण में इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट का सोने में कनवर्जन होगा. एक वॉल्ट मैनेजर के यहां जमा पर दूसरे से सोने की डिलीवरी सुविधा मिलेगी. सभी मौजूदा वॉल्ट मैनेजर्स की शाखाएं कलेक्शन/विदड्रॉल सेंटर होंगी.

तीन चरणों में बंटा हुआ है गोल्ड एक्सचेंज ट्रांजैक्शन

सर्कुलर के मुताबिक, गोल्ड एक्सचेंज में पूरे ट्रांजैक्शन को तीन चरणों में बांटा गया है- फिजिकल गोल्ड को ईजीआर में बदलना, स्टॉक एक्सचेंज पर ईजीआर की ट्रेडिंग और ईजीआर को फिजिकल गोल्ड में बदलना. सेबी प्रस्तावित गोल्ड एक्सचेंज के पूरे इकोसिस्टम को रेगुलेट करेगा और गोल्ड एक्सचेंज के लिए एकमात्र रेगुलेटर होगा, जिसमें वॉल्टिंग, एसेइंग, गोल्ड क्वालिटी और डिलीवरी स्टैंडर्ड शामिल हैं. इस बीच स्टॉक एक्सचेंजों को व्यापार या ईजीआर को सोने में बदलने के लिए विभिन्न मूल्यवर्ग के साथ अनुबंध शुरू करने की अनुमति दी गई है.

निवेशकों की आसानी के लिए सेबी ने एक स्थान पर जमा किए गए सोने को उसी या अलग-अलग वॉल्ट मैनेजर के अलग-अलग स्थान से निकाले जाने के आदेश जारी करेगा. सेबी ने सर्कुलर में कहा, प्रावधान डिपॉजिटरी को खरीदार के पसंदीदा वॉल्ट स्थान से भौतिक सोने की निकासी की सुविधा प्रदान करेगा. विशेषज्ञों के अनुसार, मौजूदा प्रारूप में, मान्यता प्राप्त वॉल्टिंग लूप के बाहर सोने का लेन-देन सभी द्विपक्षीय समझौतों और विश्वास पर आधारित है.

भारत की कमोडिटी मार्केट में इन्वेस्टमेंट करने से पहले यहां पढ़ें जरुरी जानकारी

अगर आप अपनी गाढ़ी कमाई को भारत की कमोडिटी मार्केट में इन्वेस्ट करना चाहते हैं, तो अपनी धन राशि इन्वेस्ट करने से पहले भारत की कमोडिटी मार्केट के सभी विवरणों के बारे में जानने के लिए इस आर्टिकल को ध्यान एक्सचेंज पर व्यापार करने के लिए टिप्स और ट्रिक्स से जरुर पढ़ें.

Know about Commodity Market and tips to invest in it

हमारे देश में कमोडिटी स्टॉक एक्सचेंजों पर कमोडिटी कारोबार में इन्वेस्टमेंट की जा सकती है. कमोडिटी एक्सचेंज के नाम से ही यह पता चलता है कि, यह माल/ कमोडिटी के व्यापार को संदर्भित करता है. वित्तीय बाजार के संदर्भ में इसका सीधा-सा मतलब यह है कि, कमोडिटी एक्सचेंज पर होने वाली अनेक किस्म की वस्तुओं का औपचारिक आदान-प्रदान अर्थात कारोबार करना. इन्वेस्टर्स अपना पैसा कमोडिटी मार्केट में कई अलग-अलग तरीकों से इन्वेस्ट कर सकते हैं. कमोडिटी कंपनियों, म्यूचुअल फंड, या एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) द्वारा जारी किए गए शेयर हैं जिन्हें इन्वेस्टर्स द्वारा भविष्य में खुद को मुद्रास्फीति (इन्फ्लेशन) के जोखिम से बचाने के लिए खरीदा जा सकता है. अगर आप भी ऐसे ही कुछ इन्वेस्टर्स में से एक हैं जो भारत की कमोडिटी मार्केट में अपना धन इन्वेस्ट करने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं तो, कमोडिटी मार्केट के बारे में हम आपको इस आर्टिकल में सारी महत्त्वपूर्ण जानकारी दे रहे हैं.

कमोडिटी क्या है?

आसान शब्दों में अगर हम बात करें तो, मूल रूप से कोई भी 'वस्तु' रोजमर्रा की प्रासंगिकता/ जरुरत के सभी सामान जैसेकि भोजन, ऊर्जा, फर्नीचर या धातु का एक समूह या संपत्ति है. हालांकि, इसे प्रकृति से विनिमेय अर्थात (लेने-देने में सुलभ) होना चाहिए ताकि इसका व्यापार किया जा सके. कार्रवाई योग्य दावों और धन को छोड़कर, किसी भी वस्तु अर्थात कमोडिटी को सभी किस्म की चल वस्तुओं के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है, जिन्हें खरीदा और बेचा जा सकता है. आपके कपड़े, जूते, फर्नीचर, खाने-पीने का सारा सामान और दवाइयां, साबुन, तेल आदि सभी ऐसी कमोडिटीज़ हैं जिनका देश-दुनिया में निरंतर लेन-देन या कारोबार होता रहता है.

भारत में कमोडिटी ट्रेडिंग एक्सचेंजों पर सभी किस्म की कमोडिटीज़ का कारोबार होता है. यहां कुछ लोकप्रिय कमोडिटी ट्रेड एक्सचेंजों की सूची आपकी सुविधा के लिए दी गई है: -

भारत की कमोडिटी मार्केट में इन्वेस्टमेंट के लाभ

हमारे देश की कमोडिटी मार्केट में इन्वेस्टमेंट करने पर आपको कई फायदे मिलते हैं जैसेकि:

  1. मुद्रास्फीति के खिलाफ संरक्षण - कमोडिटी एक्सचेंज में कारोबार की जाने वाली कमोडिटीज़ इन्वेस्टर्स को मुद्रास्फीति/ इन्फ्लेशन के कुप्रभावों से बचाती हैं.
  2. मूल्य में उतार-चढ़ाव के खिलाफ बचाव-व्यवस्था - आयात और निर्यात के साथ-साथ उत्पाद मूल्य में उतार-चढ़ाव कमोडिटी बाजार को प्रभावित कर सकता है. कमोडिटी फ्यूचर्स में इन्वेस्ट करने से इन्वेस्टर्स को वास्तविक लेनदेन से महीनों पहले तय की गई कीमत पर कमोडिटी खरीदने या बेचने में मदद मिलती है. इस तकनीक को कमोडिटी एक्सचेंज पर व्यापार करने के लिए टिप्स और ट्रिक्स बाजार में हेजिंग अर्थात बचाव-व्यवस्था के रूप में जाना जाता है.
  3. विविधीकरण - वस्तुओं में इन्वेस्ट करने से इन्वेस्टर्स वित्तीय प्रतिभूतियों (फाइनेंशिल सिक्यूरिटीज़) के संबंध में अपने इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो में विविधता ला सकता है.

कमोडिटी कैसे खरीदें अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. कमोडिटी बाजार में कारोबार करने के लिए, एक इन्वेस्टर को सबसे पहले अपना एक DMAT खाता खोलना होगा.
  2. कमोडिटीज का कारोबार वैसे ही होता है जैसे भारत के स्टॉक एक्सचेंजों में विभिन्न शेयरों का कारोबार होता है.
  3. कमोडिटीज में इन्वेस्टमेंट करने के लिए, कमोडिटी फ्यूचर्स और ऑप्शंस, कमोडिटी ETF जैसे कई तरीके हैं, जो सीधे भौतिक वस्तुओं (फिजिकल कमोडिटीज़) में इन्वेस्टमेंट करते हैं.
  4. सभी इन्वेस्टर्स के लिए इस पॉइंट पर पहले ही ध्यान देना बहुत जरुरी है कि, इन्वेस्टमेंट का कौन-सा तरीका उनकी जेब के लिए सबसे उपयुक्त रहेगा और यह तरीका उनकी कारोबारी जरूरतों से मेल खाता है.
  5. कमोडिटी ETFs ट्रेडिंग को काफी आसानी बनाते हैं क्योंकि उन्हें स्टॉक की तरह खरीदा जाता है. हालांकि, स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर की कीमतों की तरह ही विभिन्न कमोडिटीज़ की भविष्य की कीमतों में भी अक्सर उतार-चढ़ाव होता रहता है.

शेयर बाजार क्या है? What Is the Stock Market?

स्टॉक मार्केट शब्द कई एक्सचेंजों को संदर्भित करता है जिसमें सार्वजनिक रूप से आयोजित कंपनियों के शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं। इस तरह की वित्तीय गतिविधियां औपचारिक एक्सचेंजों के माध्यम से और ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) मार्केटप्लेस के माध्यम से संचालित होती हैं जो नियमों के एक परिभाषित सेट के तहत काम करती हैं।

दोनों “शेयर बाजार” और “स्टॉक एक्सचेंज” अक्सर एक दूसरे के स्थान पर उपयोग किए जाते हैं। शेयर बाजार में व्यापारी एक या अधिक स्टॉक एक्सचेंजों पर शेयर खरीदते या बेचते हैं जो समग्र शेयर बाजार का हिस्सा हैं। प्रमुख अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंजों में न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (NYSE) और नैस्डैक शामिल हैं।

Understanding the Stock एक्सचेंज पर व्यापार करने के लिए टिप्स और ट्रिक्स Market | शेयर बाजार को समझना

शेयर बाजार प्रतिभूतियों के खरीदारों और विक्रेताओं को मिलने, बातचीत करने और लेनदेन करने की अनुमति देता है। बाजार निगमों के शेयरों के लिए मूल्य खोज की अनुमति देते हैं और समग्र अर्थव्यवस्था के लिए बैरोमीटर के रूप में कार्य करते हैं। खरीदारों और विक्रेताओं को उचित मूल्य, उच्च स्तर की तरलता और पारदर्शिता का आश्वासन दिया जाता है क्योंकि बाजार सहभागी खुले बाजार में प्रतिस्पर्धा करते हैं।

How the Stock Market Works | स्टॉक मार्केट कैसे काम करता है

शेयर बाजार एक सुरक्षित और विनियमित वातावरण प्रदान करते हैं जहां बाजार सहभागी शेयरों और अन्य एक्सचेंज पर व्यापार करने के लिए टिप्स और ट्रिक्स योग्य वित्तीय साधनों में विश्वास के साथ शून्य से कम परिचालन जोखिम के साथ लेनदेन कर सकते हैं। नियामक द्वारा बताए गए परिभाषित नियमों के तहत संचालन, शेयर बाजार प्राथमिक बाजार और द्वितीयक बाजार के रूप में कार्य करते हैं। प्राथमिक बाजार के रूप में, शेयर बाजार कंपनियों को आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) की प्रक्रिया के माध्यम से पहली बार जनता को अपने शेयर जारी करने और बेचने की अनुमति देता है। यह गतिविधि कंपनियों को निवेशकों से आवश्यक पूंजी जुटाने में मदद करती है।

एक कंपनी खुद को कई शेयरों में विभाजित करती है और उनमें से कुछ शेयरों को प्रति शेयर की कीमत पर जनता को बेचती है। इस प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए, एक कंपनी को एक एक्सचेंज पर व्यापार करने के लिए टिप्स और ट्रिक्स बाज़ार की आवश्यकता होती है जहाँ इन शेयरों को बेचा जा सकता है और यह शेयर बाजार द्वारा हासिल किया जाता है। एक सूचीबद्ध कंपनी बाद के चरण में अन्य प्रस्तावों के माध्यम से नए, अतिरिक्त शेयरों की पेशकश कर सकती है, जैसे राइट्स इश्यू या फॉलो-ऑन प्रसाद के माध्यम से। वे अपने शेयरों को वापस खरीद या असूचीबद्ध भी कर सकते हैं।

पांच फीसदी कस्टम ड्यूटी कम करें तो चमकेगा सोने का व्यापार

पांच फीसदी कस्टम ड्यूटी कम करें तो चमकेगा सोने का व्यापार

कोरोना की मार के बाद एक बार फिर सोने का व्यापार पनपने लगा है. अगर सरकार चाहे तो यह कारोबार अधिक बुलंदियों को छू सकता है. कारोबारियों की माने तो इस व्यवसाय में काफी परेशानियां हैं और इसी कारण से व्यापार में पहले जैसी दमक नजर नहीं आ रही है. उन्होंने कस्टम ड्यूटी में पांच फीसदी की राहत दिए जाने की मांग की है. इसके लिए उन्होंने वित्तमंत्री से भी गुहार लगाई है.

प्रयागराज ब्यूरो । व्यापारियों का कहना है कि सोने पर 15.5 फीसदी कस्टम ड्यूटी लगती है. इसे पांच फीसदी कम कर दिया जाए. सरकार इस ओर ध्यान दे तो ज्वैलरी के बिजनेस को आक्सीजन मिल सकती है. एग्जाम्पल के तौर पर व्यापारी कहते हैं कि जिस तरह दुबई से सीईपीए के तहत गोल्ड पर एक प्रतिशत कस्टम ड्यूटी कम लगती है, उसी तरह भारतीय गोल्ड रिफाइनर पर भी एक फीसदी कम ड्यूटी लगाई जानी चाहिए.
पूरे प्रदेश को राहत की दरकार
सरकार अगर पांच फीसदी कस्टम ड्यूटी कम करती है तो इससे केवल प्रयागराज ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के बारह हजार कारोबारियों को राहत मिलेगी. इनसे जुड़े डेढ़ लाख कामगार भी लाभ उठा सकेंगे. व्यापारियों का कहना है कि सरकार को इस बार बजट में सराफा व्यापारियों के लिए मदद और राहत के विश्ेाष प्रावधान लाने चाहिए. क्योंकि कोरोना काल के बाद कारोबार को फिर से पनपने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
कारोबारियों की केंद्र सरकार से मांग
- स्पाट गोल्ड एक्सचेंज की स्थापना इसलिए नही हो रही है क्योंकि जीएसटी काउंसिल ने इलेक्ट्रानिक गोल्ड रिसिप्ट के लिए जीएसटी रिफंड कानन अभी तक नही बनाया है. इसके लिए जल्द कानून लाया जाए.
- उप्र प्रदेश में खनिज संपदा बड़ी मात्रा में मौजूद है. सोनभद्र आदि में बहुत मात्रा में खनिज संपदा है. सरकार को गोल्ड माइनिंग के लिए पहल करनी चाहिए.
- जेम एंड ज्वैलरी पर विस्तृत पालिसी बननी चाहिए ताकि इस सेक्टर में रोजगार बढ़े. इसे लेकर कामगारों के लिए नियम व कानून बनने चाहिए. ताकि उन्हे एक आदर्श स्थिति में लाया जा सके.
- सराफा कारोबारियों को सोना किराए और लोन पर प्राइवेट पार्टी से लेने की अनूुमति मिलनी चाहिए.
- टैरिफ वैल्यू ड्यूटी की जगह सोने के आयात पर रियल टाइम ड्यूटी लगनी चाहिए.
- गोल्ड मेटल लोन की व्यवस्था अंतरराष्ट्रीय गोल्ड एक्सचेंज पर भी होनी चाहिए.
- अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंज पर गोल्ड आयात करने से कुछ इंसेंटिव मिलना चाहिए.
- सोवरिन गोल्ड बांड फिर से शुरू करना चाहिए.
- डिजिटल गाल्ेड के लिए रेगुलेटर नियुक्त होना चाहिए.

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