Mutual Fund : क्या निवेश लक्ष्य केवल लम्बी अवधि के लिए होना चाहिए, या कम समय के लिए निवेश लक्ष्य बना सकते हैं?
मान लीजिये आप अपने सपनों का घर खरीदना चाहते हैं, इसके लिए निरंतर पैसे जमा करते रहते हैं, आपने किसी Mutual Fund में एक छोटी राशि के साथ मासिक SIP कर रखी है, परन्तु घर खरीदने के लिए यह काफी नहीं है, अब आपकी कंपनी कुछ कमर्चारियों को अच्छा खासा नगद पुरस्कार देती है, जिसमे आपका नाम भी शामिल है.
हालांकि इस पैसों के साथ भी आप अपने सपनों का घर नहीं खरीद पाते, आपको और पैसों की आवश्यकता है, अब क्या आप इसे लम्बे समय तक निवेश (Investment) करेंगें या कोई ऐसा Mutual Fund स्कीम है जिससे कम समय के निवेश में अपना लक्ष्य प्राप्त किया जा सके.
आप अपने पैसों से क्या कर सकते हैं?
जैसा की मै आपको हर बार बताती हूँ, म्यूचुअल फंड में ढेर सारी योजनाएं हैं जिसमे लम्बे अवधि व कम अवधि के लिए निवेश किया जा सकता है, आप अपने पैसे लिक्विड म्यूचुअल फंड (Liquid Mutual Fund) में निवेश कर सकते हैं, क्योंकि कम समय में पैसों की आवश्यकता के लिए यह फंड सबसे बढ़िया होता है, इसके साथ ही यह धन निकासी के लिए लचीलापन है अर्थात आप जरुरत पड़ने पर कभी भी अपने पैसे निकाल सकते हैं.
अब आप समझ गए होंगें की म्यूचुअल फंड में अनेकों तरह के स्कीम हैं, जिनमे अपने लक्ष्य और जरुरत के अनुसार निवेश किया जा सकता है.
अस्वीकरण
(मनी टाइम वेबपोर्टल किसी भी तरह के निवेश पर जोर नहीं देता, कृपया करके निवेश से पहले एक्सपर्ट की राय अवश्य लें, शेयर मार्केट और म्यूचुअल फंड में वित्तीय जोखिम शामिल है)
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Hallmark on Gold | देश में धड़ल्ले से बिक रहे हैं नकली हॉलमार्क वाले गहने, कैसे पहचानें नकली सोना
Hallmark on Gold | फिलहाल शादी के दिन चल रहे हैं। इसलिए सोने की खरीदारी पर विराम लग गया है। सराफ बाजार में भारी भीड़ देखने को मिल रही है। इस बार म्यूच्यूअल फंड्स निवेश में क्या जोखिम शामिल हैं हम होलमार्किंग को देखकर आभूषण लेते हैं। फिलहाल यह बात सामने आई है कि होलमार्किंग में धोखाधड़ी के प्रकार भी बढ़ रहे हैं।
आभूषण नकली छेदमार्किंग के माध्यम से बेचे जा रहे हैं। इसलिए अगर आपके पास ज्वैलरी है या लेने जा रहे हैं तो जरूरी है कि आप अलर्ट रहें।
हॉलमार्किंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने भी स्वीकार किया है कि कुछ लोग सोने के आभूषणों पर नकली सोने की हॉलमार्किंग कर ग्राहकों को धोखा दे रहे हैं। फेडरेशन ने सरकार को पत्र लिखकर फर्जी हॉलमार्किंग को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग की है।
होलमार्किंग क्या है?
हॉलमार्किंग सोने की शुद्धता की गारंटी देती है। आभूषण के हर टुकड़े पर एक छेद का निशान है। यह भारतीय मानक ब्यूरो के लोगो, इसकी शुद्धता को मान्यता देता है। इसके साथ ही हॉलमार्किंग से टेस्टिंग सेंटर आदि के बारे में भी जानकारी मिलती है। कई बार ज्वैलर्स कम कैरेट के आभूषणों पर अधिक कैरेट की दर वसूलते हैं। इसे खत्म करने के लिए हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी गई है।
कैसे पहचानें कि होलमार्किंग नकली म्यूच्यूअल फंड्स निवेश में क्या जोखिम शामिल हैं है या नहीं?
सरकार पिछले साल एक जुलाई से सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग में केवल तीन प्रतीकों को आधिकारिक बनाने जा रही है। पहला संकेत बीआईएस हॉलमार्क है। यह त्रिकोणीय संकेत है। दूसरा चिन्ह शुद्धता है या नहीं, इससे पता चलता है कि ये गहने कितने कैरेट सोने के बने हैं।
तीसरा प्रतीक एक छह अंकों का अल्फ़ान्यूमेरिक कोड है जिसे एचयूडी नंबर कहा जाता है। HUD का अर्थ हॉलमार्क विशिष्ट पहचान संख्या है। छह अंकों के इस कोड में अक्षर और अंक शामिल हैं। हॉलमार्किंग के समय, प्रत्येक आभूषण को एक एचयूआईडी नंबर दिया जाता है। तथ्य यह है कि यह संख्या अद्वितीय है इसका मतलब है कि एक ही एचयूआईडी संख्या के दो गहने नहीं हो सकते हैं।
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इन 7 बातों को रखें ध्यान तो Mutual Funds में नहीं हो सकता है नुकसान
निवेशकों में म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) की लोकप्रियता तेजी म्यूच्यूअल फंड्स निवेश में क्या जोखिम शामिल हैं से बढ़ रही है। ऐसे में अगर आप भी इसमें निवेश करने का प्लान बना रहे हैं तो निवेश करने से पहले इसकी कुछ बातों को समझना आपके लिए बहुत जरूरी है। अगर किसी एजेंट के द्वारा आप म्युचुअल फंड (Mutual Funds) में निवेश करने जा रहे हैं तो हो सकता है वो आपको पूरा जानकारी न दे। कई बार देखने में आता है कि नए निवेशक को इसके बारे में अधूरी जानकारी होती है। म्यूचुअल फंड में निवेश करने और बेहतर रिटर्न पाने के लिए म्यूच्यूअल फंड्स निवेश में क्या जोखिम शामिल हैं आपको कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए।
तय करें कि पैसा कहां लगाना है?
निवेशक को सबसे पहले निवेश सूची तैयार कर लेनी चाहिए कि उसे कहां और कितने पैसे निवेश करने हैं। इस प्रक्रिया को ऐसेट एलोकेशन कहते हैं। ऐसेट एलोकेशन वो तरीका है जो ये निर्धारित करता है कि आप अपने पैसे को विभिन्न निवेशों में कैसे लगाएं जिसमें सम्पत्ति के सभी वर्गों का सही मिश्रण हो। ऐसेट एलोकेशन के कुछ नियम हैं जो आपको यह बताते हैं कि किस उम्र में कितना धन जुटाना है। उदाहरण के लिए- यदि किसी निवेशक की उम्र 25 साल है तो उसे अपने निवेश का 25% डेट इंस्ट्रूमेंट और शेष इक्विटी में लगाना चाहिए।
जितना जोखिम उतना लाभ
वास्तविकता यह है कि हर व्यक्ति की परिस्थितियों और वित्तीय हालत अलग-अलग होते हैं। ऐसेट एलोकेशन को समझने के लिए आपको जैसे-आयु, व्यवसाय, आप पर निर्भर परिवार के सदस्यों की संख्या आदि की जानकारी होनी चाहिए। आप जितने युवा हैं उतने ही जोखिम भरे निवेश रख सकते हैं जिनसे आपको बेहतर रिटर्न मिल सकता है।
सही फंड चुनें
आप वही फंड (Mutual Funds) चुनें जो आपकी जरूरतों के लिए उपयुक्त हो। इसके लिए सबसे पहले आपका आर्थिक लक्ष्य तय करें। उसी के हिसाब से निवेश करें। निवेश करने के पहले आपको तय कर लेना चाहिए कि किस फंड में निवेश करना है। सभी तरह के फंड निवेश के लिए अच्छे होते हैं। इनके बारे में जानकारी रखना जरूरी होता है।
निवेश को बंद करना सही नहीं
कई बार देखा जाता है कि लोग कोरोना काल जैसे विपरीत समय या अन्य उतार-चढ़ाव वाले समय में स्कीम से पैसे को निकाल लेते हैं। लेकिन डर और लालच के आधार पर निवेश का फैसला नहीं लेना चाहिए। इसके लिए निवेशकों को म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) के असेट एलोकेशन या बैलेंस्ड एडवांटेज कैटेगरी का रास्ता अपनाना चाहिए। बैलेंस्ड एडवांटेज फंड म्यूचुअल फंड की ऐसी स्कीम है जो इक्विटी, डेट और आर्बिट्राज में मिलाजुला कर निवेश करती है।
पोर्टफोलियो में विविधता जरूरी
एक पोर्टफोलियो में कई एसेट क्लास शामिल करना चाहिए। विविधता आपको किसी निवेश के खराब प्रदर्शन के दुष्प्रभाव से बचाती है। कभी-कभी किसी कंपनी या सेक्टर का प्रदर्शन बाकी बाजार की तुलना में ज्यादा खराब होता है। ऐसी स्थिति में अगर आपका पूरा पैसा उसी में नहीं लगा हो, तो निश्चित रूप से यह आपके लिए मददगार होता है। हालांकि ज्यादा तरह के फंडों में निवेश करना भी सही नहीं है।
पता म्यूच्यूअल फंड्स निवेश में क्या जोखिम शामिल हैं करते रहें आपके निवेश का प्रदर्शन कैसा है?
निवेश करने के बाद घर बैठने और उसे भूलने जैसी लापरवाही न करें। इसके लिए जरूरी है कि पता करते म्यूच्यूअल फंड्स निवेश में क्या जोखिम शामिल हैं रहें कि आपका निवेश कैसा प्रदर्शन कर रहे हैं ? इस तरह की जानकारी के लिए म्यूचुअल फंड मासिक और त्रैमासिक फैक्ट शीट और न्यूजलैटर प्रकाशित होते हैं जिनमें पोर्टफोलियो की जानकारी,फंड मैनेजर द्वारा प्रबंधित योजनाओं और उनके प्रदर्शन आंकड़ों की रिपोर्ट प्रकाशित होती है। इसके अलावा म्यूचुअल फंड की वेबसाइट पर प्रदर्शन आंकड़े, दैनिक NAV (नेट ऐसेट वैल्यू) , फंड फैक्ट शीट , त्रैमासिक न्यूजलेटर और प्रेस क्लिपिंग इत्यादि उपलब्ध कराती है। इसके अलावा भारत में म्यूचुअल फंड एसोसिएशन( AMFI ) की वेबसाइट भी है जिसमें दैनिक और ऐतिहासिक NAV और अन्य योजनाओं के बारे में सूचना होती हैं।
सेफ इन्वेस्टमेंट भी जरूरी
म्युचुअल फंड (Mutual Funds) में पैसा निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है। ऐसे में जरूरी है कि आप इसमें निवेश करने के अलावा कहीं ऐसी जगह भी निवेश करते रहें जहां जोखिम न हो। इस तरह के निवेश के लिए आप पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) या रिकरिंग अकाउंट (RD) में पैसा लगा सकते हैं। इससे अगर आपको शेयर बाजार में नुकसान होता है तो इस योजनाओं से आपको रिटर्न मिलता रहेगा।
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