बिल्कुल. ज्यादातर NFO को आप नजरअंदाज कर सकते हैं. लंबे समय तक अच्छे प्रदर्शन का ट्रैक रिकॉर्ड रखने वाली स्कीम के साथ बने रहना बेहतर है. तमाम मार्केट साइकिल में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाली स्कीमों की तलाश करें. तेजी से घटने-बढ़ने वाली स्कीमों से दूर रहें.

एनएफओ (NFO) क्या है

आज के डिजिटल युग में शेयर मार्केट ने अपनी NFO क्या होता है और उसमें कैसे निवेश करें? अलग पहचान बना ली है, कुछ सालों में इसमें इन्वेस्टर्स की संख्या में बहुत तेजी से इजाफा देखने को मिला है | कुछ लोग तो इसमें इन्वेस्टमेंट बहुत गहन अध्ययन के बाद ही करते है, तो कुछ लोग पहले से इसमें इन्वेस्ट करते आ रहे है NFO क्या होता है और उसमें कैसे निवेश करें? | लेकिन जब से डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म को बढ़ावा मिला है तो छोटा इन्वेस्ट भी देखने को मिलता है | वर्तमान समय में बहुत सारे Digital App भी लांच हो चुके है, जिनके माध्यम से इन्वेस्ट करके मुनाफा कम सकते है | इसी कड़ी में एनएफओ (NFO) के जरिये भी इसमें इन्वेस्ट कर सकते है |

यदि आप Mutual Fund में invest करते हैं, और NFO में भी invest करने की सोच रहे हैं लेकिन आपके मन NFO क्या होता है और उसमें कैसे निवेश करें? में NFO को लेकर कई सारे doubts हैं, तो यहाँ एनएफओ (NFO) क्या है तथा एनएफओ का फुल फॉर्म क्या होता है, NFO में Invest कैसे करें ? इसे जानने के लिए इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें। इसमें हमने NFO से संबंधित सम्पूर्ण जानकारी दी है, जिससे आपके NFO से संबंधित सभी Doubts Clear हो जाएंगे।

एनएफओ (NFO) क्या है?

Table of Contents

जब भी कोई AMC यानि की “Asset Management Company” या फिर “MUTUAL FUND COMPANY” एक नया फंड लॉन्च करती है, तो वह अपना NFO लॉन्च करती है। जब कोई कंपनी अपना NFO लॉन्च करती है तो उसमें investors को आकर्षित करने के लिए उस फंड में कुछ ऑफर देती है और उसके NAV (Net Asset Value) की price को भी काफी कम रखते हैं, ताकि ये निवेशकों को आकर्षित कर सके। वर्तमान समय में जितने भी NFO आ रहे हैं, उसकी Minimum Price 10 रुपए से स्टार्ट होती है।

एनएफओ का फुल फॉर्म

एनएफओ (NFO) का अंग्रेजी में फुल फॉर्म “NEW FUND OFFER” होता है, तथा इसका हिंदी उच्चारण “न्यू फण्ड ऑफर” होता है, तथा हिंदी में इसका अर्थ “नया निधि प्रस्ताव” होता है|

अगर आप NFO में निवेश करने की सोच रहे हैं तो यह आपके लिए एक महत्वपूर्ण प्रश्न है, आप इसे इस तरह से समझ सकते हैं –

  • जब भी आप किसी mutual fund company में निवेश करते हैं तो आप उसके बारे में काफ़ी रिसर्च करते हैं जैसे कि कंपनी ने पिछले 5 years या फिर 10 years में क्या return दिया है। इसके अलावा आपक उस NFO क्या होता है और उसमें कैसे निवेश करें? NFO क्या होता है और उसमें कैसे निवेश करें? mutual fund company के Past Behavior का भी पता कर सकते हैं और ये भी आसानी से पता चल जाता है, कि उसके उस फंड ने कितना रिटर्न दिया और उसने कहां कहां निवेश किया था।
  • लेकिन वहीं बात जब NFO की जाए तो ये हमारे लिए बिल्कुल नई होती है। हमे इसका experience नहीं होता है और हमे ये भी NFO क्या होता है और उसमें कैसे निवेश करें? पता नहीं चल पाता है कि ये आने वाले समय में हमे कितना रिटर्न्स दे सकती है।
  • न्यू म्यूचरल फंड में यानी NFO में NAV की price काफी कम होती है, जिसे देखकर लोग उसकी तरफ आकर्षित होते हैं।
  • इसलिए हम आपको बता दें, इससे कोई मतलब नहीं होता है कि किसी फंड का NAV price कितना है।
  • कहने का मतलब है कि यदि आपने 1000 रूपए को किसी NFO में लगाया और 1000 रूपए को ही किसी और अन्य फंड में लगाया तो दोनों लगभग आपको एक जैसा ही रिटर्नस ही देती NFO क्या होता है और उसमें कैसे निवेश करें? है।
  • एक फैक्टर यहां पर बहुत मायने रखता है कि कंपनी किस तरह से काम करती है यदि NFO की MUTUAL FUND अच्छा वर्क कर जाए तो वह आपको अच्छा रिटर्न दे जाएगी और अगर अच्छा Work ना करे तो अच्छा रिटर्न नही दे पाएगी।
  • लेकिन यदि आप पुराने MUTUAL FUND जिसमें निवेश कर रहे हैं तो हो सकता है वो आपको ज्यादा Returns दे जाए।
  • इसलिए यदि आप इस बात से आकर्षित हो रहे हो कि इसकी NAV की PRICE कम है, और इसके NAV की PRICE ज्यादा है, तो यह कोई मायने नहीं रखता है।
  • कुल मिलाकर अंत में यही निष्कर्ष निकलता है, कि आप NFO में निवेश करने के स्थान पर ऐसे फंड्स में निवेश करें जिसका अपना एक Strong Track Record हो।

क्या होता है न्यू फंड ऑफर (NFO), कैसे कमा सकते हैं इसके जरिए मोटा मुनाफा

New Fund Offer-NFO

New Fund Offer-NFO: न्यू फंड ऑफर (NFO) के बारे में काफी लोगों को NFO क्या होता है और उसमें कैसे निवेश करें? जानकारी का अभाव होता है. आज की इस रिपोर्ट में यह जानने की कोशिश करते हैं एनएफओ में कैसे निवेश किया जा सकता है. बता दें कि म्यूचुअल फंड हाउस (Mutual Fund House) पहली बार जब कोई फंड (Fund) म्यूचुअल फंड बाजारा में पेश करता है उसे ही न्यू फंड ऑफर (NFO) कहा जाता है. गौरतलब है कि बाजार से पैसा जुटाने के उद्देश्य से न्यू फंड ऑफर लाया जाता है. इसके अलावा निवेशकों को नए फंड में निवेश के लिए भी पेश किया जाता है.

IPO के जैसे ही होता है NFO
न्यू फंड ऑफर (NFO) IPO की तरह मार्केट में लॉन्च किया जाता है. निवेशकों की अर्जी के बाद NFO लॉन्च हो जाता है. NFO और IPO में सिर्फ यह अंतर है कि NFO नेट एसेट वैल्यू पर बेचा जाता है, जबकि IPO में शेयर के प्राइस बैंड होते हैं जिस पर शेयर के लिए बोली लगाई जाती है. SEBI की सख्ती की वजह से न्यू फंड ऑफर की संख्या में कुछ समय से कमी देखने को मिली है. दरअसल, SEBI एक फंड हाउस के एक ही कैटेगरी में कई फंड्स नहीं चाहता है. ऐसे में ओपन एंडेड फंड के NFO में काफी कमी दर्ज की जा रही है. मौजूदा समय में ज्यादातर NFO क्लोज्ड एंडेड स्कीम्स के लिए आ रहे हैं.

म्यूचुअल फंड के एनएफओ में आपको कब निवेश करना चाहिए?

एनएफओ क्या है?

न्यू फंड ऑफर (एनएफओ) म्यूचुअल फंड हाउस की नई स्कीम होती है. सवाल उठता है कि फंड हाउस नई स्कीम क्यों शुरू करते हैं? जाहिर है, वे नए निवेशकों को आकर्षित करने के अलावा नया एसेट जुटाने के लिए नई स्कीमें लॉन्च करते हैं. इसके अतिरिक्त वे अपने प्रोडक्ट बास्केज को पूरा करने लिए भी एनएफओ लाते हैं.

​क्यों न‍िवेशक एनएफओ में निवेश करना चाहते हैं?

​क्यों न‍िवेशक एनएफओ में निवेश करना चाहते हैं?

कई निवेशक मानते थे कि 10 रुपये के NAV पर स्कीम खरीदना एक अच्छा कदम है. यह निवेशकों में एक बड़ा मिथक हुआ करता था. हालांकि, अब ज्यादातर म्यूचुअल फंड निवेशकों को पता है कि यह एक मूर्खतापूर्ण धारणा है. म्यूचुअल फंड स्कीम की एनएवी को उसके निवेश के मूल्य से उसकी देनदारियों और लागत को घटाकर निकाला जाता है. यदि कोई स्कीम नई है, तो इसका मतलब यह है कि उसने कहीं भी निवेश नहीं किया है. यही कारण है कि एनएवी 10 रुपये है. यदि एक स्कीम लंबे समय तक रही है और सफलतापूर्वक निवेश किया है तो उसका एनएवी ज्यादा होगा.

क्या आपको फंड हाउस पसंद है?

क्या आपको फंड हाउस पसंद है?

कुछ लोग एनएफओ में इसलिए निवेश करना चाहते हैं क्योंकि उनका पहले से ही उस फंड हाउस में निवेश है और उन्हें इसका प्रबंधन पसंद है. लाजिमी है कि इसे लेकर उत्सुकता होगी. लेकिन आपको अपने निवेश के बारे में भावुक नहीं होना चाहिए. फंड हाउस को अपनी स्कीम के लिए ट्रैक रिकॉर्ड बनाने दें. उस समय तक इंतजार करें.

क्या इसका मतलब है कि एनएफओ में निवेश नहीं करना चाहिए?

NFO के बारे में यहां जानिए सब कुछ

NFO

फंड हाउस अपने प्रोडक्ट बास्केट को पूरा करने के लिए एनएफओ लॉन्च कर सकता है. इस तरह वह निवेशकों को सभी तरह के प्रोडक्टों NFO क्या होता है और उसमें कैसे निवेश करें? की पेशकश कर पाता है. उदाहरण के लिए अगर किसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी के पास इक्विटी सेविंग्स फंड या फार्मा फंड नहीं है तो वह इस प्रोडक्ट के लिए एनएफओ ला सकती है.

एनएफओ ओपन एंडेड या क्लोज्ड एंडेड होते हैं. ओपन एंडेड फंड सब्सक्रिप्शन के लिए दोबारा खुलते हैं. खुलने के बाद इसमें किसी भी दिन निवेश का विकल्प रहता है. यह निवेश मौजूदा नेट एसेट वैल्यू (NAV) पर किया जाता है. वहीं, क्लोज्ड एंडेड फंड में सिर्फ ऑफर पीरियड के दौरान ही निवेश किया जा सकता है.

म्यूचुअल फंड के एनएफओ से आईपीओ कैसे अलग है?
कंपनियों के आईपीओ इश्‍यू और म्यूचुअल फंड कंपनियों के एनएफओ में बुनियादी अंतर है. आईपीओ इश्यू कोई कंपनी लाती है. वह निवेशकों से फंड जुटाने के लिए इसे लॉन्च करती है. आईपीओ आने के बाद वह शेयर बाजार में लिस्ट हो जाता है. इससे उस शेयर में खरीद-फरोख्‍त का रास्ता खुल जाता है.

क्या होता है NFO, कैसे अलग है IPO से? जानें सबकुछ

NFO

म्यूचुअल फंड एनएफओ और इक्विटी आईपीओ क्या अंतर है?
कंपनियां अपना विस्तार करने के लिए पूंजी की तलाश में रहती हैं। साथ ही वह पूंजी भी बढ़ाने के तरीके खोजती रहती हैं और इसके लिए अक्सर इक्विटी आईपीओ जारी करती रहती हैं। यह तरीका बड़ी प्राइवेट कंपनियां अपनाती हैं ताकि वे पब्लिक ट्रेडिंग में शामिल हो सकें। म्यूचुअल फंड के एनएफओ में रकम केवल निवेशकों के जरिए आती है और NFO क्या होता है और उसमें कैसे निवेश करें? NFO क्या होता है और उसमें कैसे निवेश करें? यह कई तरह की सिक्यॉरिटी में बंट जाती है। इनमें स्टॉक, बॉन्ड, सरकारी सिक्यॉरिटी आदि शामिल होती हैं, जिन्हें एक तय प्लान के तहत चुना जाता है। आईपीओ को कदार फेस NFO क्या होता है और उसमें कैसे निवेश करें? वैल्यू पर जारी किया जाता है। उनमें से ज्यादातर फेस वैल्यू के प्रीमियम पर आधारित होती हैं। वहीं दूसरी ओर म्यूचुअल फंड के एनएफओ की कीमत हमेशा ही 10 रुपये होती है।

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