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ज्यादातर व्यापारियों ने पैसे क्यों गंवाए?

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इंस्टाग्राम पर लोगों को रिक्वेस्ट भेजकर पहले दोस्ती,फिर पैसे ऐंठ लेते थे

विदेशी से दोस्ती, फिर महंगे गिफ्ट के लालच में महिला ने गंवाए लाखों रुपये जयपुर में राजस्थान पुलिस ने लोगों से करोड़ों की ठगी करने वाले नाइजीरियाई युवक समेत एक भारतीय युवती को गिरफ्तार किया है.

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राजस्थान के जयपुर में ठगी के आरेप में पुलिस ने नाइजीरियाई युवक और मेघालय की एक युवती को गिरफ्तार किया है. आरोप है कि दोनों फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया पर लोगों से दोस्ती करके उनसे पैसे ऐंठते थे. एक महिला ने अबू रोड सदर पुलिस के पास लाखों की ठगी होने का केस दर्ज करवाया था.

सिरोही की एसपी ममता गुप्ता ने बताया, "महिला की फेसबुक पर ज्यादातर व्यापारियों ने पैसे क्यों गंवाए? एक विदेशी नागरिक से दोस्ती हुई, जिसने खुद को न्यूजीलैंड का रहने वाला बताया. दोस्ती बढ़ती गई तो विदेशी नागरिक ने उसे कहा कि वह उसके लिए कुछ महंगे गिफ्ट भेज रहा है."

एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, महिला ने पहले तो गिफ्ट लेने से इनकार किया. मगर, बाद ज्यादातर व्यापारियों ने पैसे क्यों गंवाए? में वह मान गई. फिर महिला को एक फोन आया कि आपके नाम से कुछ गिफ्ट आए हैं. उन्हें लेने के लिए आपको कस्टम डिपार्टमेंट में पेमेंट करनी होगी. तभी गिफ्ट आपको सौंपे जाएंगे.

जैसे ही महिला ने कस्टम की पेमेंट ऑनलाइन की, तो उसे फिर से एक फोन आया. इस बार महिला से कहा गया कि उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी क्योंकि विदेश से भेजे गए गिफ्ट काफी महंगे हैं और उनकी जांच की जाएगी. महिला को लगने लगा कि उसके साथ ठगी हुई है.

उसने तुरंत पुलिस में मामला दर्ज करवाया. जांच शुरू हुई, तो पुलिस ने मेघालय के खासी हिल की रहने वाली 42 साल की फातिमा लिंगदोह और नाइजीरिया के रहने वाले 32 साल के अकने बेंजामिन को गिरफ्तार किया.

दोनों मिलकर लोगों से ठगी करते थे. उन्होंने ही महिला से झूठ बोलकर पैसे ऐंठे थे. पुलिस पूछताछ में दोनों ने कबूल किया कि उन्होंने कई राज्यों में इसी तरह लोगों को करोड़ों रुपयों का चूना लगाया है.

आरोपियों ने बताया, "इंस्टाग्राम और फेसबुक पर फेक प्रोफाइल बनाकर लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते थे. फिर उनसे दोस्ती करके महंगे गिफ्ट का लालच देकर ठगी करते थे." फिलहाल दोनों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है.

प्रवासी कामगारों ने भारत भेजा सबसे ज्यादा पैसा, पहली बार किसी देश का रेमिटेंस 100 अरब डॉलर

नई दिल्ली : भारत रेमिटेंस (प्रवासी द्वारा अपने मूल देश भेजा जाने वाला पैसा) अर्जित करने में अन्य ज्यादातर व्यापारियों ने पैसे क्यों गंवाए? देशों ज्यादातर व्यापारियों ने पैसे क्यों गंवाए? के मुकाबले सबसे आगे है। वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में भारत का रेमिटेंस 100 अरब डॉलर पहुंचने की उम्मीद है। पिछले साल की तुलना में यह 7.5 प्रतिशत से बढ़कर 12 प्रतिशत तक पहुंच सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 में 89.4 अरब डॉलर रेमिटेंस भारत आया था, जो 2022 में 100 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।

वहीं, भारत के बाद रेमिटेंस अर्जित करने वाले देशों में मैक्सिको, चीन, फिलीपींस, मिस्र व पाकिस्तान के टॉप टेन में रहने की उम्मीद है। इसमें मैक्सिको का 60 अरब डॉलर, चीन का 51 अरब डॉलर, फिलीपींस का 38 अरब डॉलर, मिस्र का 32 अरब डॉलर और पाकिस्तान का 29 अरब डॉलर रेमिंटेंस आने की उम्मीद जताई गई है।

वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है ज्यादातर व्यापारियों ने पैसे क्यों गंवाए? कि क्षेत्रीय स्तर पर दक्षिण एशिया में रेमिटेंस इस साल करीब 3.5 प्रतिशत बढ़कर 163 अरब डॉलर पहुंच गया है। हालांकि, सभी देशों के बीची बड़ी असमानता है। प्रवासी कामगारों द्वारा भारत को भेजी जाने वाली रकम में 12 फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान है, वहीं नेपाल के रेमिटेंस में केवल चार प्रतिशत की बढ़ोतरी हो रही है। इसके अलावा श्रीलंका, पाकिस्तान और बांग्लादेश में लगभग 10 प्रतिशत की गिरावट की आशंका है।

ज्यादातर व्यापारियों ने पैसे क्यों गंवाए?

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क्यों विदेश में बसे भारतीयों को ज्यादातर व्यापारियों ने पैसे क्यों गंवाए? कहा जाता है NRI? यहां पढ़ें कारण

ज्यादातर लोग व्यापार या रोजगार के लिए जाते हैं विदेश

क्यों विदेश में बसे भारतीयों को कहा जाता है NRI? यहां पढ़ें कारण

Update: Friday, February 25, 2022 @ 2:25 PM

हमारे देश के कई सारे लोग बाहरी देशों में रह रहे हैं। ज्यादातर भारतीय रोजगार और शिक्षा प्राप्त करने के उद्देश्य से विदेश जाते है और कुछ समय के बाद वह विदेश में अनिश्चित काल के लिए बस जाते हैं। कोई भी व्यक्ति पूरे साल में से कम से कम 183 दिन अगर विदेश में रहता है तो वह एनआरआई (NRI) ज्यादातर व्यापारियों ने पैसे क्यों गंवाए? यानी नॉन रेजिडेंट इंडियन कहलाता है।

यह भी पढ़ें:भारत में इस परिवार के लोगों की है सबसे लंबी हाइट, विदेश से मंगवाते हैं कपड़े और ज्यादातर व्यापारियों ने पैसे क्यों गंवाए? जूते

वर्तमान समय में विदेशों में अध्ययन करने के लिए भारत के छात्रों की संख्या ज्यादा है। भारत के कई ऐसे मूल निवासी है जो ज्यादातर व्यापारियों ने पैसे क्यों गंवाए? अब विदेशों में रह रहे है। उन्होंने अब वहीं की नागरिकता प्राप्त ज्यादातर व्यापारियों ने पैसे क्यों गंवाए? कर ली है। भारत सरकार एनआरआई के लिए एक ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्ड प्रदान करती है, जो उन्हें उन सभी आर्थिक और शैक्षिक लाभों का
अधिकार देता है। दुनिया भर के देशों में रहने वाले लगभग 24 मिलियन प्रवासी भारतीय होने का अनुमान है। उनमें से अधिकांश संयुक्त राज्य अमेरिका में रहते हैं।

बता दें कि भारतीय सरकार एनआरआई को कुछ अधिकार देती है, जैसे कि भारत की नागरिकता और वोट डालना, देश में जमीन और जायदाद बनाए रखना, खास दर पर बैंक खाता खोलना, इस आधार पर टैक्स से छूट कि वह दूसरे देश में वहां के हिसाब से टैक्स दे रहा है और देश की यूनिवर्सिटी में उनके बच्चों के लिए सीटें आरक्षित रहने का अधिकार देती हैं।

एनआरआई का फुल फॉर्म नॉन रेजिडेंट इंडियन (NRI) ( Non Resident Indian) होती है। नॉन रेसिडेंट इंडियन को हिंदी में प्रवासी भारतीय कहते हैं। इसका अर्थ है कि वह भारतीय लोग जिनका जन्म तो भारत में हुआ है, लेकिन अब वह भारत छोड़कर किसी दूसरे देश में रहने लगे हैं। ज्यादातर लोग व्यापार या रोजगार के लिए विदेश में जाते हैं और जब उनको वहां अच्छी जॉब या उनका व्यापार अच्छा चल पड़ता है तो वह वहीं पर रहने लगते है। इसके अलावा अच्छी
शिक्षा हासिल करने के लिए, प्रशिक्षण लेने के लिए, व्यावसायिक उद्देश्य के लिए आदि के लोग एनआरआई बनते हैं।

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