स्टैच्यू का निर्माण रेका गेर्जली (Reka Gergely) और तमस गिल्ली (Tamas Gilly) ने किया है। उन्होंने एक मानवीय रूप को चित्रित किया है और नाकामोतो (Nakamoto) की गुमनामी पर खरे उतरे हैं, कोई नहीं जानता कि वे कैसे दिखते हैं।

bitcoin ka malik kaun hai

क्रिप्टो बैन: सही कदम या भूल

भारत में इन दिनों क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चर्चा हरेक की जुबान पर है भले ही उसने इसमें कभी निवेश किया हो या नहीं. अब सरकार इस पर कानून लाने वाली है, लेकिन बिटकॉइन का आविष्कार किसने किया यह काम भी बड़ा उलझन भरा है. जाानिए बिटकॉइन का आविष्कार किसने किया क्यों?

भारतीय संसद के इस हफ्ते शुरू हुए शीतकालीन सत्र की खास बात कृषि या विकास संबंधी परियोजनाएं न होकर एक ऐसी करेंसी या मुद्रा रही जो न देखी जा सकती है, न छुई जा सकती है और जिसकी कीमत तेजी से घटती-बढ़ती रहती है. इसे क्रिप्टोकरेंसी या डिजिटल करेंसी कहते हैं, जिस पर सरकार या बैंक का नियंत्रण नहीं होता है. यह करेंसी ब्लॉकचेन तकनीक पर बनी होती है, जो किसी डेटा को डिजिटली सहेजता है.

अब जो करेंसी किसी के नियंत्रण में नहीं है, उस पर सरकार कानून कैसे ला सकती है? इसका जवाब हां और ना दोनों है. भले ही सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई कानून न बनाया हो, लेकिन भारत का आयकर विभाग क्रिप्टो निवेश पर होने वाली इनकम पर टैक्स लेता है. हालांकि क्रिप्टो टैक्स के नियम ज्यादा साफ नहीं हैं, लेकिन अगर किसी निवेश पर टैक्स लिया जा रहा है तो इसका मतलब है कि सरकार उसे आय का स्रोत मान रही है.

नुकसानदेह हो सकता है सरकार का रवैया

सरकार की यह हिचक लंबे अर्से में नुकसान ही कराएगी क्योंकि कई छोटे-बड़े देशों ने क्रिप्टोकरेंसी को पेमेंट का माध्यम मान लिया है. मसलन, अमेरिका स्थित दुनिया के सबसे बड़े मूवी थिएटर चेन एएमसी ने कुछ क्रिप्टोकरेंसी से पेमेंट किए जाने को मंजूरी दे दी है. वहीं, कोरोना महामारी से बुरी तरह तबाह हो चुके टूरिज्म बिजनेस को दोबारा खड़ा करने के लिए थाइलैंड ने क्रिप्टो निवेशकों का स्वागत करते हुए कहा है कि वे उनके यहां आकर क्रिप्टो के जरिए सामान खरीद सकते हैं.

प्राइवेट बैंकों ने तो एटीएम भी लगा रखा हैतस्वीर: Christian Beutler/picture alliance/KEYSTONE/dpa

हालांकि, भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी को एसेट क्लास यानि स्टॉक, बॉन्ड जैसा मानने को तैयार दिख रही है. इसका मतलब है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी को करेंसी न मानकर निवेश का माध्यम मानने को तैयार है. संसद की ओर से जारी बुलेटिन की एक अन्य टिप्पणी भी भ्रम पैदा करने वाली है. सरकार ने कहा है कि वह प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगा देगी. यह प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी आखिर है क्या? सरकार ने इसे लेकर कोई व्याख्या नहीं दी है. क्रिप्टो जगत में प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी जैसी कोई चीज होती ही नहीं है क्योंकि सारी क्रिप्टोकरेंसी ‘प्राइवेट' ही हैं, ‘पब्लिक' या सरकार के नियंत्रण में तो हैं नहीं.

ब्लॉकचेन तकनीक से परहेज नहीं

एक अन्य मुद्दा जिस पर सरकार का रुख कन्फ्यूज कर रहा है वह है डिजिटल रुपये. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को ब्लॉकचेन तकनीक भा गई है क्योंकि इसकी वजह से रिकॉर्ड को सहेजना और करेंसी को जारी करना आसान है. सरकार को भले क्रिप्टोकरेंसी से दिक्कत हो, लेकिन वह खुद रुपये को डिजिटली जारी करना चाहती है. यानि हो सकता है कि भारतीय रुपया जल्द ही बिटकॉइन या डॉजकॉइन की तरह डिजिटल हो जाए.

हाल के दिनों में सरकार के रवैये ने आम भारतीय क्रिप्टो निवेशकों को खूब छकाया. भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज जैसे वजीरएक्स और कॉइनडीसीएक्स पर निवेशकों ने जल्दबाजी में अपनी करेंसी बेच डाली. पुराने और मंझे हुए क्रिप्टो निवेशकों ने इसका फायदा उठाया और गिरे हुए भाव पर दाव लगाकर क्रिप्टोकरेंसी को अपनी झोली में डाल लिया. ऐसा ही होता है क्रिप्टोकरेंसी बाजार में, जहां कीमत बिटकॉइन का आविष्कार किसने किया के गिरने का इंतजार कर रहे निवेशक झट से पैसे लगाकर प्रॉफिट लेकर चले जाते हैं.

बिटकॉइन के संस्थापक सातोशी नाकामोतो की प्रतिमा का अनावरण

बिटकॉइन के संस्थापक सातोशी नाकामोतो की प्रतिमा का अनावरण |_50.1

हंगरी (Hungary) ने बिटकॉइन (Bitcoin) के संस्थापक सातोशी नाकामोतो (Satoshi Nakamoto) की प्रतिमा का अनावरण किया है। हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट (Budapest) में भव्य कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया गया। बिटकॉइन डिजिटल मुद्रा के निर्माता को श्रद्धांजलि देने वाली यह दुनिया भर में पहली ऐसी प्रतिमा है। इसका निर्माण बुडापेस्ट में डैन्यूब नदी (Danube River) के पास एक बिजनेस पार्क में किया गया है। बस्ट एक पत्थर की चोटी के ऊपर बैठता है और सतोशी नाकामोतो के नाम से भी उकेरा जाता है, जो बिटकॉइन के रहस्यमय विकासक का छद्म नाम (pseudonym) है जिसकी असली पहचान अभी भी अज्ञात है।

बिटकॉइन किस देश की करेंसी है

इसे बनाने वाले व्यक्ति जापान के नागरिक है परन्तु बिटकॉइन को आमतौर पर किसी एक देश की बिटकॉइन का आविष्कार किसने किया करेंसी नहीं कहा जा सकता है क्योंकि यह एक डिजिटल करेंसी है और इसे हर कोई व्यक्ति ऑनलाइन खरीद या बेच सकता है या ऑनलाइन इस्तेमाल कर सकता है. Bitcoin की शुरुआत 3 जनवरी 2009 में सातोशी नकामोतो नामक व्यक्ति द्वारा की गई थी. इनका जन्म 5 अप्रैल 1975 को जापान में हुआ था.

आशा करती हूँ की आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगी होगी और अब आपको बिटकॉइन का आविष्कार किसने किया बिटकॉइन का आविष्कार किसने किया पता चल गया होगा की Bitcoin का मालिक कौन है और बिटकॉइन किस देश की करेंसी है. इसका मुख्य Symbol – ₿ ये है और इसे BTC के नाम से भी जाना जाता है.

नोट: भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बिटकॉइन को अधिकारिक अनुमति नहीं दी है एक प्रेस के जरिये चेतावनी देते हुए कहा है की इसका लेनदेन जोखिम हो सकता है.

रेटिंग: 4.34
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 331