चीनी उत्पादन 10 फीसदी घटने की संभावना
मुंबई। उद्योग जगत की रेटिंग एजेंसी इक्रा ने भी इस साल देश में चीनी उत्पादन कम होने का अनुमान लगाया है। उसने कहा है कि देश में चीनी उत्पादन चीनी वर्ष 2017 में 10 प्रतिशत घटकर 203 लाख टन रह सकता है। चीनी मिलों की संस्था इस्मा भी उत्पादन कम होने का अनुमान व्यक्त कर चुकी है। हालांकि सरकार के मुताबिक इस साल देश में 225 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान है।

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रुपया अब तक सबसे निचले स्तर पर, विपक्ष के निशाने पर मोदी सरकार

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में सोमवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया लगभग 20 पैसे की बड़ी गिरावट के साथ 78.13 (अस्थायी) प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर तक लुढ़क गया। घरेलू शेयर बाजार के कमजोर होने तथा विदेशों में डॉलर के मजबूत होने से निवेशकों की कारोबारी धारणा प्रभावित हुई जो गिरावट का मुख्य कारण था। बाजार सूत्रों ने कहा कि एशियाई मुद्राओं के कमजोर होने तथा विदेशी पूंजी की बाजार से सतत निकासी से भी रुपया प्रभावित हुआ। इसके साथ ही विपक्ष दलों ने केंद्र की मोदी सरकार पर कटाक्ष करना शुरू कर दिया है।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 78.20 पर खुला। दिन के कारोबार में यह 78.02 के उच्च स्तर और नीचे में 78.29 तक गया। कारोबार के अंत में रुपया अपने पिछले बंद भाव 77.93 रुपये के मुकाबले 20 पैसे की गिरावट के साथ 78.13 प्रति डॉलर पर पहुंच गया जो अबतक का रिकॉर्ड सबसे निचला स्तर है।

एसयूवी सेगमेंट में फोर्ड, महिंद्रा, रेनो और निसान को चुनौती देगी हुंडई क्रेटा

Hyundai Creta is all set to take on the likes of the Duster, Ecosport and the Nissan Terrano

कंपनी का दावा है कि इस श्रेणी में उसका वाहन और सबसे कई मायनों में बेहतर है। माना जा रहा है कि कंपनी ने महिन्द्रा एंड महिन्द्रा, निशान, टाटा मोटर्स और फोर्ड जैसी दिग्गज कार कंपनियों के एसयूवी को ध्यान में रख कर अपना यह मॉडल विकसित किया है।

हुंडई मोटर्स इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ बीएस सियो ने बताया कि क्रेटा को विकसित करने के लिए कंपनी ने करीब 1,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है।

हुंडई के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (सेल्स एंड मार्केटिंग) राकेश श्रीवास्तव ने नए मॉडल के प्रीव्यू के दौरान बताया कि पिछले दो वर्षों से एसयूवी श्रेणी में बेहतर विकास देखने को मिल रहा है।

फोर्ड, महिंद्रा, रेनो टाटा और निसान को चुनौती

Hyundai Creta all to Set2

हुंडई के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (सेल्स एंड मार्केटिंग) राकेश श्रीवास्तव ने नए मॉडल के प्रीव्यू के दौरान बताया कि पिछले दो वर्षों से एसयूवी श्रेणी में बेहतर विकास देखने को मिल रहा है।

इस श्रेणी में 25 फीसदी की विकास दर हासिल हो रही है। हालांकि इस वर्ष जनवरी से मई के दौरान करीब 6 फीसदी की गिरावट भी दर्ज की गई है। तब भी क्रेटा से इस श्रेणी में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। कंपनी को उम्मीद है कि क्रेटा से उसकी स्थिति मजबूत होगी।

विश्लेषकों का मानना है कि क्रेटा की टक्कर फोर्ड की इकोस्पोर्ट, रेनो की डस्टर, निसान टेरेनो और महिंद्रा की स्कोर्पियो, और टाटा के सफारी स्टॉर्म से होगी। इन प्रतियोगी वाहनों की कीमत 6.75 लाख से लेकर 15.99 लाख रुपये के बीच है।

क्या होगी क्रेटा की कीमत

Hyundai Creta all to Set3

हुंडई के अधिकारी क्रेटा की कीमत पर खामोश है। लेकिन इसमें जिस तरह की खूबियां दी जा रही हैं, उससे लगता है कि इसकी कीमत आठ से ग्यारह लाख रुपये के बीच हो सकती है। इसके डीजल और पेट्रोर्ल इंधन में चार-चार वेरिएंट होंगे। दोर्नों इंधनों के टॉप मॉडल में चमड़े की सीटें लगी होंगी।

श्रीवास्तव ने बताया कि क्रेटा का डिजाइन कोरिया में तैयार हुआ है। हालांकि इस कार्य में हैदराबाद और चेन्नई के आरएंडडी सेंटर के इंजीनियरों ने भी मदद की। तभी तो इसे भारतीय सड़कों के अनुरूप बनाया जा सका।

उन्होंने बताया कि इस वाहन का एसी बेहद प्रभावी है। इसकी टेस्टिंग हिमालयी क्षेत्र से लेकर उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्चिम सभी इलाकों में की गई है। इस वाहन की ग्लोबल लांचिंग भारत में होगी। इसके बाद इसे चरणबद्ध तरीके से दुनिया के विदेशी बाजार में प्रवेश के तरीके अन्य देशों में उतारा जाएगा। कंपनी का कहना है कि फिलहाल इसे भारतीय बाजार में ही बेचने पर जोर दिया जाएगा। विदेशी बाजारों में क्रेटा की पैठ बाद में बनाई जाएगी।

VoIP गेटवे कैसे काम करता है

इनकमिंग वॉयस कॉल और फैक्स एक सार्वजनिक स्विचड टेलीफोन नेटवर्क (PSTN) के माध्यम से प्रवेश करते हैं। VoIP गेटवे इन आने वाले संकेतों को परिवर्तित करता है और उन्हें एक आईपी नेटवर्क तक पहुँचाता है। यह उपयोगकर्ताओं को वीओआईपी सेवा प्रदाता के माध्यम से internet का उपयोग करके कॉल करने की अनुमति देता है।

संक्षेप में, वे टेलीफोन लाइन के बजाय इंटरनेट पर कॉल करते हैं और इसलिए लागत को कम करते हैं। ई-कॉमर्स onlene व्यापार लेनदेन मोड है जो विक्रेताओं, खरीदार और होस्ट द्वारा Computer system से जुड़ा हुआ है। इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन में स्वामित्व अधिकार हस्तांतरण शामिल है।

यदि आप एक Online business के मालिक हैं तो आपको अपने ऑनलाइन business को प्राप्त करने के लिए ग्राहक को आकर्षित करने के लिए लगातार नए रास्ते तलाशने चाहिए। विशाल इलेक्ट्रॉनिक मॉल ऑनलाइन बढ़ रहे हैं और वे हर दिन नए रास्ते के साथ आने लगते हैं, लेकिन यह गुणवत्ता और मात्रा नहीं है जो रास्ते को आगे बढ़ाता है।

Ecommerce की ज़रूरत

आम तौर पर ग्राहकों को एक site से कई उम्मीदें होती हैं; इसलिए यदि आप अधिक ग्राहक रखना चाहते हैं तो आपको कुछ पसंदीदा सुविधाओं को जोड़कर अपनी site को एक गर्म पसंदीदा बनाना चाहिए। आपके ऑनलाइन उद्यम को भी ग्राहकों के सभी प्रश्नों को संतुष्ट करना चाहिए। ग्राहकों को हमेशा इसके बारे में सूचित किया जाना चाहिए।

  1. भुगतान विकल्प-एक सर्वोत्तम Ecommerce साइट को हमेशा ग्राहकों की आवश्यकताओं के अनुरूप विभिन्न लचीले भुगतान विकल्प पेश करने चाहिए। इन विकल्पों में डेबिट कार्ड से भुगतान, क्रेडिट कार्ड से भुगतान और उच्च सुरक्षा और ई-चेक भुगतान से ऑनलाइन भुगतान के विकल्प शामिल हैं। आपकी साइट जितने अधिक विकल्प प्रदान करती है, उतने अधिक ग्राहक साइट पर जाएंगे।
  2. ट्रैफिकिंग-बेस्ट ईकॉमर्स साइट्स को कस्टमर फ्रेंडली होना चाहिए ताकि इसे ऑपरेट करना आसान हो। नवीनतम तकनीकों पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश न करें जो ग्राहकों को पहेली बना सकती हैं। लाखों ऑनलाइन व्यवसाय में शामिल हो रहे हैं, इसलिए अपनी साइट को ग्राहकों के लिए अधिक आसान और आरामदायक बनाएँ या आप अपने ग्राहकों को खो सकते हैं।
  3. ट्रैफिकिंग-बेस्ट Ecommerce साइट्स को कस्टमर फ्रेंडली होना चाहिए ताकि इसे ऑपरेट करना आसान हो। नवीनतम तकनीकों पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश न करें जो ग्राहकों को पहेली बना सकती हैं। लाखों ऑनलाइन व्यवसाय में शामिल हो रहे हैं, इसलिए अपनी साइट को ग्राहकों के लिए अधिक आसान और आरामदायक बनाएँ या आप अपने ग्राहकों को खो सकते हैं।

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  1. अपलोड करने का समय-सर्वश्रेष्ठ Ecommerce साइट को कम अपलोडिंग समय विदेशी बाजार में प्रवेश के तरीके का उपभोग करना चाहिए। कई साइटें आमतौर पर चित्रों को लोड करने के लिए एक विदेशी बाजार में प्रवेश के तरीके लंबा समय लेती हैं, खासकर पुराने कंप्यूटर या सॉफ्टवेयर टूल। यदि ग्राहक अपलोड करने के लिए लंबा समय बिताता है तो वह अगली साइट पर आ सकता है जो आपकी साइट की तुलना में लोडिंग समय को कम कर देता है।
  2. ओ नॉन फ्रेम / फ्रेम्स-अपनी साइट को अधिक कार्यात्मक और क्लिक करने में आसान बनाएँ ताकि ग्राहक दूसरे के एक अंश में आइटम को चुन सकें। ग्राहक काफी व्यस्त हैं और उनके पास विभिन्न विकल्पों पर क्लिक करने और प्रयास करने का समय नहीं है। इसलिए कोशिश करें और अपनी साइट को उपयोग करने के लिए अधिक त्वरित और सरल बनाएँ।
  3. ओ पेमेंट प्रोसेसिंग-एक अच्छे Ecommerce site में पेमेंट गेटवे द्वारा पेमेंट जल्दी प्रोसेस होना चाहिए। जब ग्राहक भुगतान संदेश प्राप्त करने के लिए प्रतीक्षा करने या अपने प्रमुख वित्तीय स्थिति के बारे में जानने के लिए बनाया जाता है तो यह बहुत थकाऊ और कष्टप्रद होता है।

चीनी आयात शुल्क से मुक्त

नई दिल्ली। चीनी के बढ़ते भाव पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने गत दिनों कच्ची चीनी के शुल्क मुक्त आयात की मंजूरी दे दी। यह छूट 12 जून तक के लिए है। इस दौरान पांच लाख टन रॉ शुगर यानी कच्ची चीनी आयात हो विदेशी बाजार में प्रवेश के तरीके सकेगी। वैसे चीनी के आयात पर 40 फीसदी शुल्क की व्यवस्था है।
सरकार ने बहुत सोच-समझकर यह फैसला किया है। देश में इस साल चीनी उत्पादन में कमी आने की आशंका है। करीब 2.3 करोड़ टन चीनी उत्पादन के आसार हैं जबकि सालाना खपत लगभग 2.5 करोड़ टन होती है। इस हिसाब से खपत के मुकाबले 50 लाख टन चीनी का उत्पादन कम होगा। पिछले साल देश में 2.51 करोड़ टन चीनी का उत्पादन हुआ था।
महाराष्ट्र में इस साल केवल 42 लाख टन चीनी उत्पादन की संभावना है, जबकि 2015-16 में वहां 84 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था।
भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक है। ऐसे में यहां शुल्क मुक्त चीनी आयात होने की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों को सपोर्ट मिलेगा।
एक ग्लोबल ट्रेडिंग फर्म के लिए मुंबई में काम करने वाले एक ट्रेडर ने कहा, ‘शुल्क मुक्त आयात से बहुत फायदा होगा। घरेलू और विदेशी बाजार में चीनी के भाव में 5-6 हजार रुपये प्रति टन तक का अंतर है।
महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज फेडरेशन के एमडी ने कहा, ‘आयात विदेशी बाजार में प्रवेश के तरीके की जरूरत नहीं थी। पिछले साल के बचे स्टॉक की बदौलत स्थानीय आपूर्ति पर्याप्त थी। 2016-17 के चीनी वर्ष की शुरुआत 77.5 लाख टन बचे हुए स्टॉक के साथ हुई थी।Ó

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