Financial Planning: अमीर बनना है बेहद आसान, बिना कुछ किए कैसे कमा सकते हैं पैसा? पढ़ें पूरा प्रोसेस
शेयर बाजार में जरूरी नहीं है कि सिर्फ नामी गिरामी कंपनियों के शेयर ही अच्छा रिटर्न दिला सकते हैं. बाजार में ऐसे कई सस्ते शेयर मौजूद हैं, जिनके फंडामेंटल मजबूत बने हुए हैं.
By: abp news | Updated at : 26 Oct 2021 03:45 PM (IST)
Financial Planning: हम जानते हैं कि रोम एक दिन में नहीं बना था, और यह भी कॉमन है कि दुनिया की सभी अच्छी चीजों को बनने में समय लगता है. आज हमें उन लाभों के बारे में सोचने के लिए प्रोग्राम नहीं किया जाता है जिसपर इनवेस्टमेंट कर हम कर 20 साल बाद रिटर्न अर्जित कर सकते हैं. हमने यह माना है कि इनवेस्टमेंट हमारे जीवन को बेहतर और सिक्योर बनाने की क्षमता रखता है, लेकिन फिर भी इनवेस्टमेंट की बेसिक जानकारी और जागरूकता की कमी के कारण हम इस परिवर्तन को अपना नहीं पा रहे हैं. कंपाउंडिंग के चमत्कार दिखाने का कोई भी ब्लूप्रिंट नहीं है. अगर आप कम्पाउंडिंग की ताकत (Power of Compounding) को समझ लेते हैं तो आपको धनवान बनने से कोई नहीं रोक पाएगा.
दरअसल कहीं भी निवेश करने से पहले जरूरी है कि आप फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial Planning) कर लें. निवेश जितना जल्दी अमीर लोग कहाँ निवेश करते हैं? शुरू करेंगे, उतना फायदा मिलेगा. इन्वेस्टमेंट लंबी समय के लिए होना चाहिए. कम्पाउंडिंग की ताकत (Power of Compounding) तब समझ में आएगी, जब आप कम उम्र से ही निवेश की शुरुआत करेंगे. जितना ज्यादा वक्त अपने निवेश को देंगे, उतना ही फायदा आपको मिलेगा. 5-10 साल के बजाए 20-25 साल के निवेश पर कम्पाउंडिंग भी ज्यादा होगी.
इनवेस्टमेंट करने से रोकता है ये डर
निवेश के दौरान विफलता को लेकर हमारा जो डर है वही हमें हमेशा इनवेस्टमेंट करने से रोकता है. पैसा कमाने की तकनीकें जितनी सरल सुनाई देती हैं, वे उतनी ही सरल हैं. इसमें पहला थीम है- 'कुछ नहीं करना'. कुछ नहीं करना और अमीर बनना. ये कुछ ऐसा है, जिसे सुनकर लोग पागल हो जाते हैं. पहला सवाल ये है कि आखिर ये काम कैसे करता है? असल में ये कुछ इस तरह काम करता है, छोटी अवधि में इक्विटी बाजार अस्थिर होता है, लेकिन वे समय के साथ ऊपर की ओर बढ़ता है. 25 साल तक कुछ न करना आपको काफी अमीर बना सकता है. बेशक, आपको पहले निवेश करना चाहिए और ये निवेश नियमित रूप से होना चाहिए. इसके अलावा कोई रास्ता नहीं है. यहां गौर करने वाली बात ये है कि कोई भी आपको ये नहीं बताता है कि लंबे समय तक कुछ नहीं करना आसान नहीं होता है. डेटा बताता है कि 50 फीसदी से अधिक एचएनआई (उच्च निवल मूल्य वाले व्यक्ति) निवेशक, जो दो लाख से ऊपर निवेश करते हैं. वे दो साल तक भी निवेश नहीं कर पाते हैं.
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भावनात्मक रोलर-कोस्टर की तरह होती है निवेश की जर्नी
निवेश की ये जर्नी एक भावनात्मक रोलर-कोस्टर हो सकती है. जिसमें आपका इंवेस्मेंट मार्केट प्राइस के हिसाब से ऊपर नीचे होता रहता है. जब मार्केट वैल्डू ऊपर जाता है, तो निवेशक पैसा बनाते हैं. शेयर बाजार में जरूरी नहीं है कि सिर्फ नामी गिरामी कंपनियों के शेयर ही अच्छा रिटर्न दिला सकते हैं. बाजार में ऐसे कई सस्ते शेयर मौजूद हैं, जिनके फंडामेंटल मजबूत बने हुए हैं. उन कंपनियों का बिजनेस बेहतर है और उनमें अच्छी अर्निंग की संभावनाएं बनी हुई हैं. अगर ऐसे शेयरों की पहचान हो जाए तो इनमें आगे अच्छा रिटर्न मिल सकता है.
डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना ज़रूरी है की मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)
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Published at : 26 Oct 2021 03:45 PM (IST) Tags: Personal Finance Investments अमीर लोग कहाँ निवेश करते हैं? equity markets wealth creation HNIs हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi
अमीर लोग औसत व्यक्ति से लाख गुना अधिक ग्रीन हाउस का उत्सर्जन करते हैं: ऑक्सफैम रिपोर्ट
नयी दिल्ली, सात नवंबर (भाषा) दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से 125 लोग जितना निवेश करते हैं, उससे एक साल में औसतन 30 लाख टन कार्बन डाईऑक्साइड पैदा होता है जो निचले तबके की 90 प्रतिशत आबादी के औसत से 10 लाख गुना अधिक है। गैर लाभकारी समूह ऑक्सफैम द्वारा जारी एक नयी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। ‘कार्बन बिलियनेरीज: द इन्वेस्टमेंट एमिशन ऑफ द वर्ल्ड्स रिचेस्ट पीपुल’ शीर्षक से प्रकाशत रिपोर्ट में कहा गया है कि इन अत्यंत अमीर लोगों की 183 कंपनियों में कुल 2.4 ट्रिलियन हिस्सेदारी है। जीवाश्म ईंधन और सीमेंट जैसे प्रदूषणकारी उद्योगों
‘कार्बन बिलियनेरीज: द इन्वेस्टमेंट एमिशन ऑफ द वर्ल्ड्स रिचेस्ट पीपुल’ शीर्षक से प्रकाशत रिपोर्ट में कहा गया है कि इन अत्यंत अमीर लोगों की 183 कंपनियों में अमीर लोग कहाँ निवेश करते हैं? कुल 2.4 ट्रिलियन हिस्सेदारी है। जीवाश्म ईंधन और सीमेंट जैसे प्रदूषणकारी उद्योगों में उनका निवेश 500 कंपनियों के मानक एवं छोटे समूह के औसत का दोगुना है।
कुल मिलाकर ये 125 अरबपति हर साल 39.3 करोड़ टन सीओ2ई (कार्बन डाईऑक्साइड के समान) के लिए निवेश करते हैं जो 6.7 करोड़ की आबादी वाले देश फ्रांस के वार्षिक कार्बन उत्सर्जन के बराबर है।
रिपोर्ट के अनुसार, इतने सीओ2ई के उत्सर्जन के लिए प्रत्येक अरबपति को एक निजी जेट से 1.6 करोड़ बार दुनिया का चक्कर लगाना होगा। वहीं 18 लाख गाएं अगर समान स्तर पर सीओ2ई का उत्सर्जन करें तो यह 125 अरबपतियों के ऊर्जा खर्च के बराबर होगा। प्रत्येक अरबपति के उत्सर्जन की भरपाई के लिए करीब 40 लाख लोगों को शाकाहारी बनना होगा।
ऑक्सफैम इंडिया के सीईओ अमिताभ बेहर ने कहा, ‘‘समग्र उत्सर्जन के लिए अमीर लोगों की प्रमुख और बढ़ती जिम्मेदारी पर जलवायु नीति निर्माण में शायद ही कभी चर्चा की जाती है या उन पर विचार किया जाता है। इसे बदलना होगा। कॉरपोरेट पिरामिड के शीर्ष पर स्थित इन अरबपति निवेशकों के पास जलवायु के परिवर्तन की बड़ी जिम्मेदारी है। वे बहुत लंबे समय तक जवाबदेही से बचते रहे हैं।
2021 में ऑक्सफैम ने खुलासा किया कि 2050 तक दुनिया के कार्बन उत्सर्जन को दूर कर ‘विशुद्ध शून्य उत्सर्जन’ प्राप्त करने के लिए कम से कम 16 लाख हेक्टेयर नए वनों की आवश्यकता होगी, जो भारत के आकार के पांच गुना के बराबर क्षेत्र है।
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) के अनुसार, विकासशील देशों के लिए अनुकूलन लागत 2030 तक प्रति वर्ष 300 अरब अमेरीकी डॉलर तक बढ़ सकती है। अकेले अफ्रीका को 2020 से 2030 के बीच 600 अरब अमेरीकी डॉलर की आवश्यकता होगी।
ऑक्सफैम ने यह भी अनुमान लगाया है कि दुनिया के बेहद अमीर लोगों पर एक संपत्ति कर लगाने से प्रति वर्ष 1.4 ट्रिलियन अमरीकी डालर जुटाए जा सकते हैं, और यह एक महत्वपूर्ण संसाधन हो सकता है जिससे उन विकासशील देशों की मदद की जा सकती है - जो कि जलवायु संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं ।
धरती को गर्म कर रहे अमीर लोग, गरीबों के मुकाबले ज्यादा फैला रहे ग्रीनहाउस गैस: ऑक्सफैम रिपोर्ट
2021 में ऑक्सफैम ने खुलासा किया कि 2050 तक दुनिया के कार्बन उत्सर्जन को दूर कर 'अमीर लोग कहाँ निवेश करते हैं? विशुद्ध शून्य उत्सर्जन' हासिल करने के लिए कम से कम 16 लाख हेक्टेयर नए वनों की जरूरत होगी, जो भारत के आकार के पांच गुना के बराबर क्षेत्र है.
दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से 125 लोग जितना निवेश करते हैं, उससे एक साल में औसतन 30 लाख टन कार्बन डाईऑक्साइड पैदा होता है जो निचले तबके की 90 प्रतिशत आबादी के औसत से 10 लाख गुना ज्यादा है. गैर लाभकारी समूह ऑक्सफैम द्वारा जारी एक नयी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. ‘कार्बन बिलियनेरीज: द इन्वेस्टमेंट एमिशन ऑफ द वर्ल्ड्स रिचेस्ट पीपुल’ शीर्षक से प्रकाशत रिपोर्ट में कहा गया है कि इन अत्यंत अमीर लोगों की 183 कंपनियों में कुल 2.4 ट्रिलियन हिस्सेदारी है. जीवाश्म ईंधन और सीमेंट जैसे प्रदूषणकारी उद्योगों में उनका निवेश 500 कंपनियों के मानक एवं छोटे समूह के औसत का दोगुना है.
कुल मिलाकर ये 125 अरबपति हर साल 39.3 करोड़ टन सीओ2ई (कार्बन डाईऑक्साइड के समान) के लिए निवेश करते हैं जो 6.7 करोड़ की आबादी वाले देश फ्रांस के वार्षिक कार्बन उत्सर्जन के बराबर है. रिपोर्ट के मुताबिक, इतने सीओ2ई के उत्सर्जन के लिए प्रत्येक अरबपति को एक निजी जेट से 1.6 करोड़ बार दुनिया का चक्कर लगाना होगा. वहीं 18 लाख गाएं अगर समान स्तर पर सीओ2ई का उत्सर्जन करें तो यह 125 अरबपतियों के ऊर्जा खर्च के बराबर होगा. प्रत्येक अरबपति के उत्सर्जन की भरपाई के लिए करीब 40 लाख लोगों को शाकाहारी बनना होगा.
16 लाख हेक्टेयर नए वनों की जरूरत
ऑक्सफैम इंडिया के सीईओ अमिताभ बेहर ने कहा, ‘समग्र उत्सर्जन के लिए अमीर लोगों की प्रमुख और बढ़ती जिम्मेदारी पर जलवायु नीति निर्माण में शायद ही कभी चर्चा की जाती है या उन पर विचार किया जाता है. इसे बदलना होगा. कॉरपोरेट पिरामिड के शीर्ष पर स्थित इन अरबपति निवेशकों के पास जलवायु के परिवर्तन की बड़ी जिम्मेदारी है. वे अमीर लोग कहाँ निवेश करते हैं? बहुत लंबे समय तक जवाबदेही से बचते रहे हैं. 2021 में ऑक्सफैम ने खुलासा किया कि 2050 तक दुनिया के कार्बन उत्सर्जन को दूर कर ‘विशुद्ध शून्य उत्सर्जन’ प्राप्त करने के लिए कम से कम 16 लाख हेक्टेयर नए वनों की जरूरत होगी, जो भारत के आकार के पांच गुना के बराबर क्षेत्र है.
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संपत्ति कर लगाने से मिलेगा फायदा?
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) के मुताबिक, विकासशील देशों के लिए अनुकूलन लागत 2030 तक प्रति वर्ष 300 अरब अमेरीकी डॉलर तक बढ़ सकती है. अकेले अफ्रीका को 2020 से 2030 के बीच 600 अरब अमेरीकी डॉलर की जरूरत होगी. ऑक्सफैम ने यह भी अनुमान लगाया है कि दुनिया के बेहद अमीर लोगों पर एक संपत्ति कर लगाने से प्रति वर्ष 1.4 ट्रिलियन अमरीकी डालर जुटाए जा सकते हैं, और यह एक महत्वपूर्ण संसाधन हो सकता है जिससे उन विकासशील देशों की मदद की जा सकती है – जो कि जलवायु संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं.
The Psychology of Money: आप अमीर बनेंगे या नहीं ये पैसा सायकोलॉजी तय करती है
मनी, बिजनेस फाइनेंस से जुड़ी किताबें अक्सर लोग इसलिए पढ़ने से बचते हैं क्योंकि वो काफी जटिल भाषा में लिखी होती हैं. मगर सायकोलॉजी ऑफ मनी में लेखक ने बड़ी आसान भाषा में समझाया है. किताब में 19 छोटी छोटी कहानियों के जरिए मनी से जुड़ी कई बड़ी बातों को समझाया है.
पर्सनल फाइनेंस से जुड़ी आपको कई ऐसी किताबें मिल जाएंगी जो बताती हैं कि कौन सा स्टॉक बढ़िया, एक मजबूत कंपनी कैसे चुनें, कैसे निवेश करें, कहां निवेश करेंगे. मगर ऐसी गिनी चुनी किताबें है जो आपको बताती हैं कि पर्सनल फाइनेंस है क्या, ये क्यों जरूरी है और ये बात सॉइकॉलजी ऑफ मनी से बेहतर कौन बता सकता है.
मॉर्गन हाउसेल एक अवॉर्ड विनिंग ऑथर, लेखक और स्तंभकार हैं. उन्होंने अपनी किताब सायकोलॉजी ऑफ मनी में रुपये-पैसे के पीछे सायकोलॉजी का कनेक्शन बताया है. अगर आप पैसे को लेकर कुछ जमीनी चीजें सीखना और समझना चाहते हैं तो आप इस किताब को बेशक पढ़ सकते हैं.
किताब अमीर लोग कहाँ निवेश करते हैं? की मुख्य बातें
सबसे अच्छी बात मनी बिजनेस फाइनेंस से जुड़ी किताबें अक्सर लोग इसलिए पढ़ने से बचते हैं क्योंकि वो काफी जटिल भाषा में लिखी होती हैं. मगर सायकोलॉजी ऑफ मनी में लेखक ने बड़ी आसान भाषा में समझाया है. किताब में 19 छोटी छोटी कहानियों के जरिए मनी से जुड़ी कई बड़ी बातों को समझाया है. नीचे इस किताब से मिलने वाली कुछ 11 प्रमुख बातों का जिक्र करने जा रहे हैंः
1. पैसा नहीं उसे लेकर आपका रवैया मायने रखता है. मॉर्गन एक कहानी में बताते हैं कि कैसे अमीर लोग कहाँ निवेश करते हैं? एक अमेरिकी सफाईकर्मी स्मार्ट इनवेस्टिंग के जरिए करोड़पति बन जाता है. वहीं दूसरी तरह एक मोटी सैलरी कमाने वाला कंपनी का सीईओ अपने गलत रवैये की वजह से बैंकरप्ट हो जाता है.
2. हर किसी के लिए पैसे के मायने अलग होते हैं. कुछ लोगों के लिए जिनके पास रहने को घर भी नहीं है उनके लिए मिनिमम वेज भी बहुत बड़ी रकम होगी. वहीं दूसरी तरफ किसी कंपनी के एक्जिक्यूटिव या अधिकारी एक लाख डॉलर की सैलरी पर भी नाखुश रह सकते हैं. कुल मिलाकर आप कितना ज्यादा पैसा कमा रहे हैं ये आपकी खुशी नहीं तय करता बल्कि आप किस माहौल, किस परिवेश से आ रहे हैं उस पर निर्भर करता है.
3. कितना पैसा काफी होता है? हम सभी को लगता है कि हम पैसे के लिए काम करते हैं. जिस दिन काम भर पैसा मिल जाएगा काम करना बंद कर देंगे. लेखक एक नामी जालसाज बर्नी मडॉफ जिसने इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी पॉन्जी स्कीम चलाई उसका उदाहरण देकर समझाते हैं कि ऐसा सोचना बिल्कुल गलत है.
सच ये है कि मडॉफ पहले से ही एक बड़े और सफल बिजनेसमैन थे. मगर इसके बाद भी उन्होंने धोखे से पैसे कमाने के लिए पॉन्जी स्कीम चलाई. उन्हें जितने पैसे की जरूरत थी उतना वो अपने कारोबार से बड़े आराम से कमा रहे थे लेकिन लालच के चक्कर में उन्होंने सब कबाड़ा कर दिया.
मडॉफ की कहानी सुनकर ये समझ सकते हैं कि आप दुनिया के सबसे अमीर बन जाने के बाद भी जरूरी नहीं कि संतुष्ट हों. लेखक की भाषा में आपको मालूम होना चाहिए कि आपको असल में एक सुकून भरी जिंदगी जीने के लिए कितने पैसे की जरूरत है.
4. पावर ऑफ कंपाउंडिंग. वारेन बफे को भले ही अब तक के सबसे महानतम निवेशकों से गिना जाता हो मगर सच ये है कि उनकी 99 फीसदी जायदाद 50 साल की उम्र के बाद बनी. बफे के पास इतनी संपत्ति होने का क्रेडिट जाता है कंपाउडिंग को.
5. अमीर होने और अमीर बने रहने में बहुत फर्क है. अमीर होने के बहुत सारे रास्ते हैं मगर अमीर बने रहने का सिर्फ एक ही रास्ता है और वो है सोच समझकर खर्च करना.
6. बिना सोचे समझे रिस्क नहीं लें. मार्केट में हजारों कंपनियों के शेयर मिल रहे हैं मगर इनमें से गिने चुने शेयर ही वाकई आपको अमीर बना सकते हैं. बदकिस्मती से इन्हें ढूंढना बहुत मुश्किल है. इसके लिए आप इंडेक्स फंड खरीद सकते हैं और काफी हद तक एक औसत मुनाफा कमा सकते हैं, जो कुछ नहीं कमाने से तो बेहतर है.
7. इतिहास हमेशा खुद को नहीं दोहराता. निवेशक हमेशा बाजार का अनुमान लगाने के लिए इतिहास के पन्ने पलट कर देखते हैं. मगर ऐसा नहीं है. इतिहास की परिभाषा में ये एक अप्रत्याशित और असमान्य घटानाओं का एक दस्तावेज है. अगर आप अप्रत्याशित घटनाओं के दोबारा होने का अनुमान लगा रहे हैं तो इसे बेवकूफी ही कहा जाएगा. मिसाल के तौर पर अमेरिका हर चार साल में मंदी का सामना करता है. मगर 15 सालों से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी वहां मंदी जैसी कोई चीज नहीं दिखती है.
8. आत्ममुग्ध होने की जरूरत नहीं है. दुनिया लगतार बदल रही है. आज जो चीज चल रही है वो जरूरी नहीं कि आगे भी चले. इंडेक्स फंड भी 50 साल पुराने हैं, US 401k भी 43 साल पुराना है, वेंचर कैपिटल तो 26 साल पहले आया और बिटकॉइन उसका तो जिक्र भी क्या करना. कुल मिलाकर ये समझा जा सकता है कि आज जिस चीज का ट्रेंड है जरूरी नहीं कि हमेशा वही रहेगा. खुद को हमेशा बदलाव के लिए तैयार रखें.
9. पैसे के बदले समय मिलता है. आज हम जो पैसा लगाते हैं उससे पैसिव इनकम जेनरेट होती है, जो एक समय के बाद आपकी सैलरी से ज्यादा हो सकती है. ऐसा होने पर आप आराम से नौकरी छोड़ अमीर लोग कहाँ निवेश करते हैं? सकते हैं और जो आपका दिल करना चाहे, जो आपका पैशन हो उसे फॉलो कर सकते हैं. आपको पैसे के लिए किसी के लिए नौकरी करने की जरूरत नहीं होगी. फाइनैंशली फ्री होंगे.
10. संपत्ति वो है जो नजर नहीं आती. आपने लोगों को ये कहते हुए सुना होगा कि काश मैं करोड़पति होता मगर असल में उनके कहने का मतलब होता है कि मैं काश मैं एक करोड़ रुपये खर्च कर पाता. लेकिन असल में अगर आपको एक करोड़ मिले और आप उसे पूरी तरह खर्च कर दें तो आपकी ये आदत आपको जल्द ही कंगाल भी बना सकती है.
तो अगली बार जब आप किसी तो महंगी गाड़ी या महंगे अपार्टमेंट में रहते हुए देखें तो ये जरूर समझ लें कि वो अमीर नहीं बल्कि अमीर होने का दिखावा कर रहे होंगे. आप लोगों की अमीरियत तो देख सकते हैं मगर उनके खाते में असल में कितने पड़े हैं आप इसका अंदाजा नहीं लगा सकते. इसलिए बेहतर होगा कि किसी की संपत्ति भर देखकर उससे प्रभावित न हों.
11. कोई भी बेवकूफ नहीं है. जब भी आप कोई शेयर खरीदते हैं तो याद रहे कि किसी ने वो शेयर बेचा है. इसका मतलब है कि जब आप कोई शेयर खरीदते हैं तो आप उसे सस्ता समझ रहे होते हैं मगर दूसरी तरह वही स्टॉक बेचने वाले के लिए महंगा होता है. कुल मिलाकर हम कहना ये चाहते हैं कि लोगों को हमेशा यही लगता है कि वो बढ़िया डील कर रहे हैं और उस वक्त के लिए हो सकता है ये अच्छी डील हो भी.
मिसाल के तौर पर आज से 20 साल पहले किसी ने ऐमजॉन के शेयर लिए अमीर लोग कहाँ निवेश करते हैं? होंगे तो वो इस समय 2600 फीसदी के फायदे पर बैठा होगा. मगर वहीं किसी के लिए ऐमजॉन के शेयर इस लेवल पर वाजिब लगेंगे क्योंकि वो एक ई-कॉमर्स कंपनी के अमीर लोग कहाँ निवेश करते हैं? तौर पर ऐमजॉन के बिजनेस का अंदाजा लगा रहा होगा.
निष्कर्ष
दी सायकोलॉजीऑफ मनी को हर उस इंसान को पढ़नी चाहिए जो निवेश करना चाहता है या कर रहा है. किताब अमीर लोग कहाँ निवेश करते हैं? पर्सनल फाइनेंस से लेकर, इनवेस्टिंग तक और फाइनेंशल डिसिजन तक के बारे में बहुत डिटेल में बताती है. हममें से कई लोग पैसे को खुशियों से मापते हैं मगर किताब इस मानसिकता को सिरे से गलत साबित करती है. साथ में पैसे को लेकर कैसा बिहेवियर रखना चाहिए ये भी बताती है. कितने भी बुक रिव्यू लिख दिए जाएं मगर मेरा मानना है कि इस किताब की सीख इसे पढ़कर ही समझ आएगी.
Man's search for meaning: वही जीतता है जो मुश्किल हालात में भी जिंदगी जीने के मायने ढूंढ लेता है
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