शेयर बाजार में क्या है अपर सर्किट

अब रविवार नहीं इस दिन रहेगी SBI की छुट्‌टी, बदल गया अवकाश का दिन..

SBI Weekly Off Changed: सार्वजनिक क्षेत्र के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank of India) की गोवंडी शाखा (Govandi Branch) की तरफ से एक आदेश पारित हुआ है। इसके मुताबिक, 1 दिसंबर से उनका साप्ताहिक अवकाश बदल गया है। अब बैंक रविवार की बजाय शुक्रवार को बंद रहेगा। ऐसे ही रविवार को लोगों के लिए खुला रहेगा।


इस सप्ताह शाखा परिसर के बाहर इस आशय का एक नोटिस जारी किया गया था। इस कदम का उद्देश्य उत्तर-पूर्वी उपनगर गोवंडी और उसके आसपास रहने वाली स्थानीय अल्पसंख्यक आबादी को सुविधा प्रदान करना है।


हालांकि, स्थानीय स्तर पर लिए गए इस निर्णय पर अपनी टिप्पणियों के लिए एसबीआई के शीर्ष अधिकारी उपलब्ध नहीं थे। नोटिस के अनुसार, 1 दिसंबर से, एसबीआई गोवंडी स्टॉक फ्यूचर्स कितने बजे खुलते हैं? शाखा सभी शुक्रवार और महीने के दूसरे और चौथे शनिवार को बंद रहेगी।

रविवार से गुरुवार तक, बैंक खुलने का समय सामान्य रहेगा। सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे स्टॉक फ्यूचर्स कितने बजे खुलते हैं? तक। ऐसी आशंका व्यक्त की गई कि दादर में एसबीआई मिलेनियम शाखा भी इसका पालन करेगी, लेकिन शाखा के अधिकारियों ने मंगलवार को दावों को सिरे से खारिज कर दिया।

बता दें कि संयोग से, शहर और देश के कुछ अन्य हिस्सों में कुछ अन्य बैंकों की शाखाएं भी रविवार को आधे दिन के लिए काम करती हैं। इससे इन लोगों को सुविधा मिलती है, जो हफ्ते में आ नहीं पाते और रविवार को ही फ्री रहते हैं।

NSE ने SGX के साथ किया करार, पढ़िए इससे जुड़ी डिटेल्स

NSE और SGX के बीच नई व्यवस्था निवेशकों को भारतीय शेयरों और इंडेक्स के आधार पर ट्रेडिंग करने की अनुमति देगी.

  • Money9 Hindi
  • Publish Date - October 24, 2021 / 11:31 AM IST

NSE ने SGX के साथ किया करार, पढ़िए इससे जुड़ी डिटेल्स

फिलहाल सिंगापुर एक्सचेंज पर केवल निफ्टी फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स का कारोबार होता है, जिनमें से SGX निफ्टी सबसे पसंदीदा है.

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज (SGX) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. जो निवेशकों को गुजरात की गिफ्ट सिटी में NSE के प्रोडक्ट्स के आधार पर सभी डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट का व्यापार करने में सक्षम बनाता है. यह सौदा प्रमुख भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों द्वारा सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज के साथ अपने कॉन्ट्रैक्ट को खत्म करने की धमकी के 3 साल बाद आता है, इस डर से कि इस तरह के व्यापार से ग्लोबल इनवेस्टर्स भारतीय बाजारों से विदेशी बाजारों में कूद जाएंगे.

अन्य डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट से जल्द कारोबार होगा

NSE और SGX के बीच नई व्यवस्था दुनिया भर के निवेशकों को भारतीय शेयरों और इंडेक्स के आधार पर भारत के अधिकार क्षेत्र में आने वाले प्लेटफॉर्म पर निवेशकों को व्यापार करने की अनुमति देगी. यह जापान में निवेशकों के लिए सुबह से और अमेरिका में निवेशकों के लिए देर रात तक काम करेगा.

NSE की विज्ञप्ति के अनुसार, SGX India Connect IFSC ने भी GIFT शहर में अपना ऑफिस खोला और ऐलान किया कि वह दिन में GIFT डेटा कनेक्ट लॉन्च करेगा. इस कनेक्टिविटी के जरिए, ग्लोबल निवेशकों को निफ्टी के ट्रेडिंग डेटा तक रीयल-टाइम पहुंच प्राप्त होगी.

फिलहाल सिंगापुर एक्सचेंज पर केवल निफ्टी फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स का कारोबार होता है, जिनमें से SGX निफ्टी सबसे पसंदीदा है. बाद में, एक बार जब SGX और NSE के बीच का लिंक स्टेबल हो जाता है, तो SGX निफ्टी जैसे पसंदीदा डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्स और NSE के दूसरे सूचकांकों पर आधारित प्रोडक्ट को नए प्लेटफॉर्म पर कारोबार किया जा सकता है, जो ज्वाइंट वेंचर कंपनी SGX इंडिया कनेक्ट IFSC द्वारा चलाया जाएगा.

साथ ही NSE के बैंक निफ्टी इंडेक्स पर आधारित कॉन्ट्रैक्ट का भी SGX पर कारोबार किया जाना है.

पब्लिकेशन के मुताबिक, नए ऑफिस के खुलने और डेटा कनेक्शन से ग्लोबल निवेशक अपनी ट्रेडिंग रणनीतियों को बेहतर बनाने के लिए लाइव एनएसई डेटा का उपयोग करने में सक्षम होंगे.

Stock Exchange: जाने, शेयर बाजार में क्या स्टॉक फ्यूचर्स कितने बजे खुलते हैं? है अपर सर्किट और लोअर सर्किट?

हम बताते हैं कि लोअर सर्किट और अपर सर्किट क्या है। लेकिन, स्टॉक ट्रेडिंग में लोअर सर्किट और अपर सर्किट को जानने से पहले यह जानते हैं कि शेयर का मूल्य घटने और बढ़ने के पीछे का सही कारण क्या होता है?

शेयर बाजार में क्या है अपर सर्किट

शेयर बाजार में क्या है अपर सर्किट

हाइलाइट्स

  • भारतीय स्टॉक फ्यूचर्स कितने बजे खुलते हैं? शेयर बाजार में गुरुवार को कुछ सरकारी बैंकों के शेयरों में भारी तेजी दिखी
  • इस दिन कुछ सरकारी बैंकों के शेयरों में भारी तेजी देखी गई
  • कुछ बैंकों के कारोबार पर सर्किट ब्रेकर भी लगा
  • आपको मालूम है कि क्या होता है सर्किट ब्रेकर
  1. क्यों घटता-बढ़ता है शेयर का मूल्य?
    सामान्य निवेशक इस बात को लेकर कभी कभी बहुत हैरान रहते हैं कि शेयर का मूल्य किस हिसाब से बढ़ता और घटता रहता है। शेयर का मूल्य दो कारणों से बढ़ता या घटता रहता है। पहला कारण शेयर की सप्लाई और डिमांड और दूसरा कारण कंपनी द्वारा मुनाफा कमाना या कंपनी का घाटा। लेकिन, अगर हम स्टॉक ट्रेडिंग में देखें तो शेयर की सप्लाई स्टॉक फ्यूचर्स कितने बजे खुलते हैं? और डिमांड की वजह से अधिकतर शेयर का मूल्य घटता बढ़ता रहता है। जब भी शेयर की डिमांड बढ़ती है यानी ज्यादा लोग खरीदते हैं तो उसका दाम बढ़ जाता है। और, जब लोग शेयर को बेचना स्टार्ट कर देते हैं तब शेयर का मूल्य घटने लगता है यह इस तरह से काम करता है।
  2. क्या है लोअर सर्किट?
    मान लीजिए आपके पास किसी कंपनी का शेयर हैं। किसी वर्ष के दौरान उस कंपनी को किसी कारणवश घाटा लगना शुरू हो जाता है। ऐसे में आप उस कंपनी का शेयर बेचने लगेंगे। ऐसे ही बहुत से लोग जो उस कंपनी के शेयर को लिए होंगे वह भी बेचना शुरू कर देंगे। जब सब बेचना शुरू कर देंगे तो एक ही दिन में उस कंपनी का शेयर शून्य तक पहुंच सकता है। ऐसी स्थिति में शेयर का मूल्य एक निश्चित सीमा तक गिरे इसके लिए NSE तथा BSE स्टॉक एक्सचेंज ने कुछ नियम बनाए हैं। जिनके अंतर्गत जब किसी कंपनी में अचानक सब लोग शेयर बेचना शुरू कर दें तो एक निश्चित सीमा तक ही उस शेयर का मूल्य घटेगा। उसके बाद उस शेयर की ट्रेडिंग बंद हो जाएगी। यह जो मूल्य घटने की सीमा है, उसे ही लोअर सर्किट कहते हैं।
  3. लोअर सर्किट का इस्तेमाल कब होता है?
    लोअर सर्किट के तीन चरण होते हैं। यह 10 फीसदी, 15 फीसदी और 20 फीसदी की गिरावट पर लगता है। यदि 10 फीसदी की गिरावट दिन में 1 बजे से पहले आती है, तो बाजार में एक घंटे के लिए कारोबार रोक दिया जाता है। इसमें शुरुआती 45 मिनट तक कारोबार पूरी तरह रुका रहता है और 15 मिनट का प्री-ओपन सेशन होता है। यदि 10 फीसदी का सर्किट दोपहर 1 बजे के बाद लगता है, तो कारोबार 30 मिनट के लिए रुक जाता है। इसमें शुरुआती 15 मिनट तक कारोबार पूरी तरह रुका रहता है और 15 मिनट का प्री-ओपन सेशन होता है। यदि 2.30 बजे के बाद 10 फीसदी का लोअर सर्किट लगता है, तो कारोबार सत्र के अंत तक यानी 03.30 बजे तक जारी रहता है।
  4. क्या है 15 फीसदी का सर्किट नियम?
    यदि 15 फीसदी की गिरावट 1 बजे से पहले आती है, तो बाजार में दो घंटे के लिए कारोबार रोक दिया जाता है। इसमें शुरुआती 1 घंटा और 45 मिनट तक कारोबार पूरी तरह रुका रहता है और 15 मिनट का प्री-ओपन सेशन होता है। यदि 15 फीसदी का सर्किट दोपहर 1 बजे के बाद लगता है, तो कारोबार एक घंटे के लिए रुक जाता है. इसमें शुरुआती 45 मिनट तक कारोबार पूरी तरह रुका रहता है और 15 मिनट का प्री-ओपन सेशन होता है। यदि 2.30 बजे के बाद 15 फीसदी का लोअर सर्किट लगता है, तो कारोबार के अंत तक यह लगा रहता है।
  5. क्या है अपर सर्किट
    अपर सर्किट को एक उदाहरण के जरिए समझते हैं। मान लीजिए कि आपके पास किसी कंपनी के शेयर हैं। उस कंपनी को खूब मुनाफा होता है या किसी कारणवश उस कंपनी में निवेशकों की रूचि बढ़ जाती है। ऐसे में उस कंपनी के शेयर का दाम खूब चढ़ने लगता है। ऐसे में किसी कंपनी के शेयर का मूल्य एक ही दिन में आसमान में पहुंच जाएगा। इसी हालत से बचने के लिए शेयर बाजार में अपर सर्किट का प्रावधान है। उस निश्चित मूल्य सीमा तक उस कंपनी के शेयर का दाम पहुंचते ही उसमें अपर सर्किट लग जाएगा और उसकी ट्रेडिंग बंद हो जाएगी। जिस तरह से लोअर सर्किट पर 10, 15 और 20 फीसदी का नियम लागू होता है, वही नियम अपर सर्किट पर भी लागू होता है।
  6. कारोबार रुकने के बाद कब और कैसे शुरू होता है?
    सर्किट लगने पर कारोबार रुक जाता है। जब बाजार दोबारा खुलता है तो पहले 15 मिनट का प्री-ओपन सत्र होता है। इसके बाद सामान्य कारोबार शुरू होता है और यह अगला सर्किट लगने या सत्र के अंत (जो भी पहले हो) तक जारी रहता है।
  7. सर्किट का इस्तेमाल क्यों किया जाता है?
    सर्किट के स्तर स्टॉक एक्सचेंज द्वारा तय किए जाते हैं। इन्हें निवेशकों और ब्रोकरों के हितों को ध्यान में रख कर लगाया जाता है ताकि उन्हें बाजार के बड़े झटकों से बचाया जा सके। बाजार के उतार-चढ़ाव के दौरान कारोबारियों को करारा झटका लगता है। ऐसी स्थिति में बाजार पर दबाव बढ़ जाता है।
  8. भारतीय शेयर बाजार में कब से हुआ सर्किट स्टॉक फ्यूचर्स कितने बजे खुलते हैं? का प्रावधान?
    भारतीय शेयर बाजार में अपर सर्किट और लोअर सर्किट का इतिहास 28 जून 2001 से शुरू होता है। उसी दिन बाजार नियामक सेबी ने सर्किट ब्रेकर की व्यवस्था की थी। यह व्यवस्था लागू होने के बाद इसका पहली बार इस्तेमाल 17 मई 2004 को हुआ था।

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Stock Market Holidays: शेयर मार्केट में अगले हफ्ते इतने दिन रहेगा हॉलिडे! दिवाली के दिन होगी मुहूर्त ट्रेडिंग, जानें डिटेल्स

Stock Market: 24 अक्टूबर को देशभर में दिवाली का त्योहार मनाया जाएगा. इस कारण इस दिन शेयर मार्केट बंद रहेगा. मगर शाम के समय केवल एक घंटे के लिए शेयर मार्केट मुहूर्त ट्रेडिंग के लिए खुलेगा.

By: ABP Live | Updated at : स्टॉक फ्यूचर्स कितने बजे खुलते हैं? 23 Oct 2022 01:03 PM (IST)

शेयर मार्केट हॉलिडे

Stock Market Holidays: शेयर मार्केट में हर दिन लाखों निवेशक अपने पैसे लगाते हैं. शेयर के प्राइस गिरने और बढ़ने पर उनकी विशेष नजर रहती है. शेयर मार्केट (Share Market) में रोज ट्रेडिंग करने वालों के लिए एक बेहद जरूरी खबर है. अगले हफ्ते शेयर मार्केट (Stock Market) में बहुत से दिन ट्रेंडिंग बंद रहने वाली है. 24 अक्टूबर 2022 को दिवाली का त्योहार (Diwali 2022) बनाया जाएगा. इस कारण 24 अक्टूबर को ट्रेडिंग बंद रहेगी.

दिवाली के शुभ मौके पर शाम में केवल एक घंटे के लिए इक्विटी, करेंसी डेरिवेटिव्स, कमोडिटी, इक्विटी डेरिवेटिव्स आदि के लिए एक घंटे की विशेष ट्रेडिंग (Special Trading Session on Diwali 2022) की अनुमति दी जाएगी. ध्यान देने वाली बात ये है कि देश के सभी बड़े त्योहारों में शेयर मार्केट बंद रहता हैं. इस दिन बैंकों की भी छुट्टी रहती है. आइए जानते हैं कि अलगे हफ्ते किन-किन दिनों मार्केट बंद (Market Holiday List) रहेगा-

इन दिनों मार्केट रहेगा बंद
BSE और NSE की आधिकारिक स्टॉक फ्यूचर्स कितने बजे खुलते हैं? वेबसाइट के अनुसार 24 से 28 अक्टूबर 2022 के बीच के कारोबारी हफ्ते में शेयर मार्केट कुल दो दिन बंद रहेगा. 24 अक्टूबर को पूरे देशभर में दिवाली और लक्ष्मी पूजा का त्योहार मनाया जाएगा. इस कारण इस दिन शेयर मार्केट बंद रहेगा. मगर शाम के समय केवल एक घंटे के लिए शेयर मार्केट मुहूर्त ट्रेडिंग (Muhurat Trading) के लिए खुलेगा. इसके अलावा 26 अक्टूबर को दिवाली बलिप्रतिपदा के कारण मार्केट बंद रहेगा. इसके अलावा मंगलवार और फिर गुरुवार से मार्केट में नॉर्मल ट्रेडिंग चालू रहेगी.

कल के ट्रेडिंग का समय-

News Reels

  • ब्लॉक डील सेशन की शुरुआत शाम 5.45 से होगी और 6.00 बजे शाम तक चलेगी.
  • प्री ओपन ट्रेडिंग सेशन शाम 6.00 से 6.08 तक चलेगा.
  • नॉर्मल मार्केट दिवाली की शाम 6.15 से 7.15 तक एक घंटे के लिए चलेगा.
  • कॉल ऑक्शन सेशन शाम 6.20 से 7.05 तक चलेगा.
  • वहीं क्लोजिंग सेशन शाम 7.15 से 7.25 तक रहेगा.

जानें क्या है मुहूर्त ट्रेडिंग का महत्व?
हिंदू धर्म में दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा की जाती है. ऐसे में इस दिन किसी प्रकार के निवेश का आरंभ बहुत लाभकारी माना जाता है. इस साल दिवाली के दिन से हिंदू कैलेंडर वर्ष संवत 2079 की शुरुआत हो जाएगी. ऐसे में हर साल दिवाली के खास मौके पर शेयर मार्केट में स्पेशल शेयर ट्रेडिंग सेशन रखा जाता है जिसे मुहूर्त ट्रेडिंग (Muhurat Trading Details) के नाम से जाना जाता है. इस दिन निवेशक जमकर निवेश करके अपने नए साल की शुरुआत करते हैं.

ये स्टॉक फ्यूचर्स कितने बजे खुलते हैं? भी पढ़ें-

DA Hike News: दिवाली पर इस राज्य के कर्मचारियों को मिला शानदार तोहफा! महंगाई भत्ते में 4% बढ़ोतरी का एलान

Published at : 23 Oct 2022 01:03 PM (IST) Tags: Share Market Muhurat Trading stock market holidays Diwali 2022 हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

जब शेयर मार्केट गिरता है तो कहां जाता है आपका पैसा? यहां समझिए इसका गणित

Share market: जब शेयर मार्केट डाउन होता है, तो निवेशकों का पैसा डूबकर किसके पास जाता है? क्या निवेशकों के नुकसान से किसी को मुनाफा होता है. आइए इसका जवाब बताते हैं.

  • शेयर मार्केट डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है
  • अगर कंपनी अच्छा परफॉर्म करेगी तो उसके शेयर के दाम बढ़ेंगे
  • राजनीतिक घटनाओं का भी शेयर मार्केट पर पड़ता है असर

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जब शेयर मार्केट गिरता है तो कहां जाता है आपका पैसा? यहां समझिए इसका गणित

नई दिल्ली: आपने शेयर मार्केट (Share Market) से जुड़ी तमाम खबरें सुनी होंगी. जिसमें शेयर मार्केट में गिरावट और बढ़त जैसी खबरें आम हैं. लेकिन कभी आपने सोचा है कि जब शेयर मार्केट डाउन होता है, तो निवेशकों का पैसा डूबकर किसके पास जाता है? क्या निवेशकों के नुकसान से किसी को मुनाफा होता है. इस सवाल का जवाब है नहीं. आपको बता दें कि शेयर मार्केट में डूबा हुआ पैसा गायब हो जाता है. आइए इसको समझाते हैं.

कंपनी के भविष्य को परख कर करते हैं निवेश

आपको पता होगा कि कंपनी शेयर मार्केट में उतरती हैं. इन कंपनियों के शेयरों पर निवेशक पैसा लगाते हैं. कंपनी के भविष्य को परख कर ही निवेशक और विश्लेषक शेयरों में निवेश करते हैं. जब कोई कंपनी अच्छा प्रदर्शन करती है, तो उसके शेयरों को लोग ज्यादा खरीदते हैं और उसकी डिमांड बढ़ जाती है. ऐसे ही जब किसी कंपनी के बारे में ये अनुमान लगाया जाए कि भविष्य में उसका मुनाफा कम होगा, तो कंपनी के शेयर गिर जाते हैं.

डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है शेयर

शेयर मार्केट डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है. लिहाजा दोनों ही परिस्‍थितियों में शेयरों का मूल्‍य घटता या बढ़ता जाता है. इस बात को ऐसे लसमझिए कि किसी कंपनी का शेयर आज 100 रुपये का है, लेकिन कल ये घट कर 80 रुपये का हो गया. ऐसे में निवेशक को सीधे तौर पर घाटा हुआ. वहीं जिसने 80 रुपये में शेयर खरीदा उसको भी कोई फायदा नहीं हुआ. लेकिन अगर फिर से ये शेयर 100 रुपये का हो जाता है, तब दूसरे निवेशक को फायदा होगा.

कैसे काम करता है शेयर बाजार

मान लीजिए किसी के पास एक अच्छा बिजनेस आइडिया है. लेकिन उसे जमीन पर उतारने के लिए पैसा नहीं है. वो किसी निवेशक के पास गया लेकिन बात नहीं बनी और ज्यादा पैसे की जरूरत है. ऐसे में एक कंपनी बनाई जाएगी. वो कंपनी सेबी से संपर्क कर शेयर बाजार में उतरने की बात करती है. कागजी कार्रवाई पूरा करती है और फिर शेयर बाजार का खेल शुरू होता है. शेयर बाजार में आने के लिए नई कंपनी होना जरूरी नहीं है. पुरानी कंपनियां भी शेयर बाजार में आ सकती हैं.

शेयर का मतलब हिस्सा है. इसका मतलब जो कंपनियां शेयर बाजार या स्टॉक मार्केट में लिस्टेड होती हैं उनकी हिस्सेदारी बंटी रहती है. स्टॉक मार्केट में आने के लिए सेबी, बीएसई और एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) में रजिस्टर करवाना होता है. जिस कंपनी में कोई भी निवेशक शेयर खरीदता है वो उस कंपनी में हिस्सेदार हो जाता है. ये हिस्सेदारी खरीदे गए शेयरों की संख्या पर निर्भर करती है. शेयर खरीदने और बेचने का काम ब्रोकर्स यानी दलाल करते हैं. कंपनी और शेयरधारकों के बीच सबसे जरूरी कड़ी का काम ब्रोकर्स ही करते हैं.

निफ्टी और सेंसेक्स कैसे तय होते हैं?

इन स्टॉक फ्यूचर्स कितने बजे खुलते हैं? दोनों सूचकाकों को तय करने वाला सबसे बड़ा फैक्टर है कंपनी का प्रदर्शन. अगर कंपनी अच्छा परफॉर्म करेगी तो लोग उसके शेयर खरीदना चाहेंगे और शेयर की मांग बढ़ने से उसके दाम बढ़ेंगे. अगर कंपनी का प्रदर्शन खराब रहेगा तो लोग शेयर बेचना शुरू कर देंगे और शेयर की कीमतें गिरने लगती हैं.

इसके अलावा कई दूसरी चीजें हैं जिनसे निफ्टी और सेंसेक्स पर असर पड़ता है. मसलन भारत जैसे कृषि प्रधान देश में बारिश अच्छी या खराब होने का असर भी शेयर मार्केट पर पड़ता है. खराब बारिश से बाजार में पैसा कम आएगा और मांग घटेगी. ऐसे में शेयर बाजार भी गिरता है. हर राजनीतिक घटना का असर भी शेयर बाजार पर पड़ता है. चीन और अमेरिका के कारोबारी युद्ध से लेकर ईरान-अमेरिका तनाव का असर भी शेयर बाजार पर पड़ता है. इन सब चीजों से व्यापार प्रभावित होते हैं.

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