विदेशों में सामान एक्‍सपोर्ट करने की चाहत रखने वाले हर बिजनेसमैन को भारत सरकार एक्सपोर्ट करने का लाइसेंस देती है, लेकिन उसकी कुछ शर्तें होती हैं.

Udyam Registration Benefits In Hindi | उधम पंजीकरण के फायदे

उद्योग आधार पंजीकरण को अब उधम (Udyam)पंजीकरण कहा जाएगा। यह पंजीकरण उन सभी इकाइयों के लिए एक आसान प्रक्रिया है जो एमएसएमई (MSME) की नई परिभाषा के तहत कवर करने के लिए पात्र हैं जिन्हें सरकार द्वारा प्रदान किया गया है।

Apply for Udyam Registration - Click Here

कोई भी व्यक्ति जो सूक्ष्म, लघु या मध्यम व्यवसायों को स्थापित करने का इरादा रखता है, उसे Udyam पंजीकरण पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण के लिए फाइल करना होगा। व्यवसाय को बाद में Registration उधम पंजीकरण प्रमाण पत्र ’नाम से एक यूडियम पंजीकरण संख्या और एक ई-प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। एमएसएमई मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, सभी मौजूदा भारतीय कंपनियां और उद्यम 31 मार्च 2021 को या उससे पहले उधम के रूप में फाइल और पंजीकरण करेंगे।

यहाँ हमने udyam पंजीकरण के लाभ को परिभाषित किया है। अधिक जानने के लिए यहां पढ़ें |

उधम पंजीकरण क्या है? | Udyam Registration In Hindi

भारत सरकार द्वारा जारी नई अधिसूचना में कहा गया है कि 01 जुलाई, 2020 से एक MSME (माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज) को उद्योगम के नाम से जाना जाएगा, और नामांकन या पंजीकरण प्रक्रिया को Udyam Registration के नाम से जाना जाएगा। यह 01 जुलाई 2020 से प्रभावी हो गया है |

उधम पंजीकरण करने के फायदे - Benefits of Udyam Registration in Hindi

आपके व्यवसाय के लिए उधम प्रमाणपत्र के पंजीकरण के कई लाभ हैं, यहाँ हमने उधम पंजीकरण के लाभों का हिंदी में उल्लेख किया है।

  • बैंक ऋण पर ब्याज दर भारत में व्यापार लाइसेंस के लिए आवेदन कैसे करें सब्सिडी
  • बैंकों से संपार्श्विक मुक्त ऋण
  • विलंबित भुगतान, आपूर्ति की गई सामग्री / सेवाओं के विरुद्ध संरक्षण
  • विनिर्माण / उत्पादन क्षेत्र में विशेष लाभकारी आरक्षण नीतियाँ
  • पंजीकरण, लाइसेंस और अनुमोदन प्राप्त करने में आसानी।
  • MSME पंजीकृत इकाई CLCSS (क्रेडिट लिंक्स कैपिटल सब्सिडी स्कीम) के लिए योग्य हो जाती है |
  • अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (International Trade Fair) विशेष विचार
  • सरकारी सुरक्षा जमा (EMD) छूट (भाग लेते समय उपयोगी)
  • बिजली बिल रियायत (Concession on electricity bills)
  • स्टाम्प शुल्क (Stamp fees)और पंजीकरण शुल्क छूट
  • आईएसओ (ISO) प्रमाणन शुल्क प्रतिपूर्ति
  • प्रत्यक्ष कर कानून में छूट का नियम है
  • NSIC प्रदर्शन और क्रेडिट रेटिंग शुल्क सब्सिडी
  • पेटेंट (patent)पंजीकरण सब्सिडी
  • बारकोड पंजीकरण सब्सिडी
  • औद्योगिक पदोन्नति सब्सिडी (IPS) सब्सिडी पात्रता

उधम पंजीकरण करने के प्रक्रिया हिंदी में | Udyam Registration Process In Hindi

  • चरण 1:Udyam पंजीकरण का फॉर्म भरने के लिए Udyam पंजीकरण पोर्टल पर जाएं
  • चरण 2: आधार पंजीकरण संख्या, नाम, और पता जैसे सभी पंजीकरण विवरण भरें
  • चरण 3: अपने उधम (Udyam) पंजीकरण आवेदन के लिए ऑनलाइन भुगतान करें
  • चरण 4: हमारे पंजीकरण विशेषज्ञों में से एक आपके उधम (Udyam) पंजीकरण आवेदन की प्रक्रिया करेगा
  • चरण 5: 1-2 घंटे में आप अपने पंजीकृत ई-मेल (E-mail) पते पर अपना उधम (Udyam) पंजीकरण ई-प्रमाणपत्र प्राप्त करेंगे।

क्यों msmeregistrar.org ?

हम निजी सलाहकार विशेषज्ञ और पेशेवर हैं, जो भारत सरकार के नियमों के अनुसार MSME / उद्योग आधार / छोटे या मध्यम उद्यमों के व्यवसाय पंजीकरण और प्रमाण के लिए प्रक्रियाओं के लिए बहुत अच्छी तरह से वाक़िफ़ हैं। हम भारतीय व्यवसायों को सशक्त बनाने और उनकी सरकार के काम को सरल और आसान बनाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

Msmeregistrar.org जैसे पोर्टल के माध्यम से, जो कि एकल-खिड़की प्रणाली है जो आपके घर के पंजीकरण की सुरक्षा से त्वरित और परेशानी मुक्त Udyam पंजीकरण ऑनलाइन प्रदान करती है, कभी आसान नहीं रही।

उपरोक्त पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन Udyam पंजीकरण सरकारी पोर्टलों का उपयोग करके या सरकारी कार्यालयों में ऑफ़लाइन ऑनलाइन पंजीकरण के लिए आवश्यक अतिरिक्त समय को समाप्त करके समय बचाता है। अन्य पोर्टलों में एक बहुत ही जटिल और लंबी प्रक्रिया है जो ग्राहक के अनुकूल नहीं है और नए व्यापार मालिकों और पहली बार पंजीकरण करने वाले ग्राहकों के लिए बहुत भ्रामक है।

हमारे साथ अब उधम के रूप में पंजीकृत है और विभिन्न सरकारी उधम लाभ उठाते हैं। यदि आप ऑनलाइन Udyam पंजीकरण फॉर्म भरते समय किसी भी समस्या का सामना कर रहे हैं, या Udyam Registration पर कोई संदेह है तो आप हम तक पहुँच सकते हैं |

यदि आप ऑनलाइन Udyam पंजीकरण फॉर्म भरते समय किसी भी समस्या का सामना कर रहे हैं, या Udyam Registration पर कोई संदेह है, तो आप केवल फॉर्म भरकर हम तक पहुँच सकते हैं और फिर हमारा एक कार्यकारी आपको Udyam हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से कॉल करेगा।

भारत में व्यापार लाइसेंस के लिए आवेदन कैसे करें

मुख पृष्ठ

पेट्रोलियम तथा विस्फोटक
सुरक्षा संगठन (PESO)

उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग

Forms and Certificates

Application for Licence to manufacture and possess for sale Ammonium Nitrate or convert melt to solid and vice versa and possess for sale of Ammonium Nitrate.

Application for Licence to stevedore, bag and store Ammonium Nitrate

Application for grant/amendment of- (a) Licence to Possess for sale or use of Ammonium Nitrate from a store house not exceeding 30MT; or (b) Licence to Possess for sale or use of Ammonium Nitrate from a store house exceeding 30MT; or (c) Licence to Possess for use of Ammonium Nitrate from a store house attached to explosives manufacturing/Nitrous Oxide manufacturing unit; or (d) Licence to possess for use Ammonium Nitrate for agricultural purpose from a storehouse.

Application for grant/amendment of licence to transport Ammonium Nitrate

Application for grant of licence to (a) Import Ammonium Nitrate; or (b) Export Ammonium Nitrate

Application for grant/amendment/renewal/transfer of a licence to import and store carbide

Application for the grant/renewal of a licence to store film.

Application for approval or grant or amendment or transfer of licence for manufacture of explosives

Application for grant or amendment of Shot firer’s certificate to carry out blasting of explosives in areas not coming under Mines Act, 1952

Application for grant or amendment of foreman’s certificate to supervise manufacture of fireworks or safety fuse

दिन में चलने वाले स्पा व्यवसाय के लिए कानूनी औपचारिकताएं

Sneha Santra

स्पा और वैलनेस उद्योग हर दिन फल-फूल रहा है और हम कई कॉर्पोरेट कंपनियों को व्यवसाय में प्रवेश करते देख रहे हैं। हाल ही के एक अध्ययन के मुताबिक, स्पा और वैलनेस उद्योग 2022 तक $154.6 बिलियन छू लेगा। अगर आप व्यवसाय क्षेत्र में नए हैं भारत में व्यापार लाइसेंस के लिए आवेदन कैसे करें और अपने व्यावसायिक हुनर को आजमाने का मौका देख रहे हैं, तो एक स्पा सैलून शुरू करना आपके लिए बहुत फायदेमंद रहेगा। वर्तमान में भारत में इस उद्योग के लिए मुश्किल से कोई नियम-अधिनियम हैं, लेकिन अन्य किसी भी व्यवसाय की तरह आपको ये व्यवसाय शुरू करने से पहले कुछ कानूनी दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी। दस्तावेजों की सूची नीचे दी जा रही है:

शॉप एंड इस्टैब्लिशमेंट रजिस्ट्रेशन (गुमास्ता लाइसेंस)

भारत में आप किसी जगह दूकान लेकर कोई भी व्यवसाय शुरू करते हैं, तो आपको आपके क्षेत्र की राज्य संस्था से शॉप एक्ट लाइसेंस लेना जरूरी होता है। शॉप एंड इस्टैब्लिशमेंट लाइसेंस एक्ट को महाराष्ट्र की क्षेत्रीय भाषा में गुमास्ता कहा जाता है। अगर आप किसी दूकान या ऑफिस में अपना व्यवसाय शुरू कर रहे हैं, तो आपके लिए शॉप एंड इस्टैब्लिशमेंट लाइसेंस जरूरी है। सभी दूकानों को इस कानून के अंतर्गत पंजीयन करना पड़ता है। इससे आपको व्यवसाय करने की कानूनी इजाजत मिलती है और आप उस जगह पर व्यवसाय कर रहे हैं, इस बात का सबूत भी मिल जाता है। अगर आपके पास शॉप एंड इस्टैब्लिशमेंट लाइसेंस है, तो उसके जरिए आपको कई सारे फायदे लाभ और करों में छूट भी मिल सकती है।

शॉप एंड इस्टैब्लिशमेंट लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आपको कई दस्तावेजों की जरूरत होती है:

- संस्थान का कोई प्रमाण - किराया अनुबंध, बिजली/टेलीफोन का बिल, आदि

- मालिक के पते का प्रमाण

- व्यवसाय के लिए अधिकार पत्र

- संस्थान के प्रबंधक/कर्मचारियों की जानकारी

- फॉर्म-ए, जो कार्य शुरू करने से 30 दिनों की अवधि में उस क्षेत्र के निरीक्षक को पंजीयन के लिए दिया हुआ आवेदन होता है।

GST पंजीयन

GST भारत का सबसे बड़ा कर-सुधार है, जिसने व्यवसाय करने की आसानी में आश्चर्यजनक सुधार लाया है और भारत के लाखों छोटे व्यवसायियों को घेरे में लेते हुए करदाताओं का आधार बढ़ाया है। स्पा व्यवसाय शुरू करने के लिए आपको GST के लिए पंजीयन कराना जरूरी है। नई GST प्रणाली में अगर आप ऐसा व्यवसाय या अन्य कोई उद्यम शुरू करते हैं, जिसमें उत्पाद या सेवाओं की या दोनों की बिक्री या खरीद होती है, तो आपको GST के लिए पंजीयन करना पड़ेगा। GST पंजीयन के बिना आपको ना तो ग्राहकों से GST जमा करने की अनुमति होती है और ना ही आप जमा किए गए GST पर कर में छूट का आवेदन कर सकते हैं। आपको दण्ड भी भुगतना पड़ सकता है।

GST के पंजीयन के लिए आपको इन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:

- व्यवसाय/आवेदक का पैन कार्ड

- फोटोग्राफ्स के साथ पहचान और पते का प्रमाण

- व्यवसाय के पंजीयन का दस्तावेज

- व्यवसाय के पते का प्रमाण

- बैंक अकाउंट का प्रमाण

VAT और बिक्री कर पंजीयन

भारत में उत्पादों की बिक्री कर रहे किसी भी व्यावसायिक संस्थान के लिए बिक्री कर पंजीयन बंधनकारक होता है। अगर आप अपने स्पा में से शैम्पू, कंडीशनर, आयल, आदि स्पा प्रोडक्ट्स बेचना चाहते हैं तो VAT/बिक्री कर पंजीयन करवाना बेहद जरूरी हो जाता है। अगर वैसा नहीं है तो उसकी कोई आवश्यकता नहीं है। VAT और बिक्री कर पंजीयन के लिए जरूरी दस्तावेज हैं :

- व्यवसाय/ आवेदक का पैन कार्ड

- संपत्ति के दस्तावेजों की कॉपी

- किराया अनुबंध कॉपी (अगर प्रॉपर्टी किराये पर है तो)

- MOA/AOA (अगर कंपनी हो तो)

- सर्टिफिकेट ऑफ इनकॉर्पोरेशन (अगर कंपनी हो तो)

- भागीदारी का अनुबंध (अगर भागीदारी हो तो)

- व्यवसाय की जगह का बिजली/ पानी/ टेलिफोन बिल

ये थे स्पा व्यवसाय शुरू करने के लिए जरूरी प्रमुख लाइसेंस/प्रमाणपत्र। इनके अलावा, ये कानूनी दस्तावेज भी आपके पास होना जरूरी है:

सिर्फ 10 रुपये में बनता है बंदूक का लाइसेंस, बस आपको करना होता है ये काम

बंदूक के लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया ज्यादा कठिन नहीं है, लेकिन इसके लिए आपको करीब 2 दर्जन दस्तावेज सम्मिलित करने होते हैं. साथ ही ये लाइसेंस बनवाने के बाद सिर्फ अपनी आत्मरक्षा के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.

सिर्फ 10 रुपये में बनता है बंदूक का लाइसेंस, बस आपको करना होता है ये काम

भारत में हर नागरिक की सुरक्षा के लिए पुलिस के साथ कई एजेंसियां काम करती हैं और पुलिस की ओर से किए जा रहे सराहनीय कार्य की वजह से हर कोई खुद को सुरक्षित महसूस करता है. लेकिन, फिर भी कई लोगों को विशेष कारणों की वजह से हथियार की आवश्यकता होती है और देश के नागरिक हथियार का लाइसेंस बनवा सकते हैं. हथियार का लाइसेंस लेने के बाद खुद की सुरक्षा के लिए बंदूक खरीद सकते हैं. ऐसे में जानते हैं कि बंदूक का लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया क्या है…

बंदूक के लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया ज्यादा कठिन नहीं है, लेकिन इसके लिए आपको करीब 2 दर्जन दस्तावेज सम्मिलित करने होते हैं. साथ ही ये लाइसेंस बनवाने के बाद सिर्फ अपनी आत्मरक्षा के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं, इससे आप किसी को धमका नहीं सकते हैं. अगर आपको भी लगता है कि आपका बंदूक का लाइसेंस चाहिए तो आपको तय प्रकिया के अनुसार प्रशासन को भारत में व्यापार लाइसेंस के लिए आवेदन कैसे करें बताना होता है कि आखिर आपको इसकी जरूरत क्यों है?

किसे मिल सकता है बंदूक का लाइसेंस?

बंदूक का लाइसेंस लेने का अधिकार हर व्यक्ति को हो, लेकिन उन्हें साबित करना होता है कि आखिर उन्हें जरूरत क्यों है. इसके बाद प्रशासन पर निर्भर करता है कि वो आपके दलील को सही मानते हैं या नहीं. अगर प्रशासन को लगता है कि आपको वाकई बंदूक की आवश्यकता है तो आप लाइसेंस बनवा सकते हैं. लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया का कोई निश्चित समय नहीं है कि आपको इतने दिन में लाइसेंस में मिल जाएगा.

क्या है पूरी प्रक्रिया?

लाइसेंस बनवाने के लिए आपको एप्लीकेशन के साथ आवेदन फॉर्म जमा करना होता है. अब यह प्रक्रिया ऑनलाइन भी हो गई है. ऑफलाइन प्रक्रिया में आवदेन अपने क्षेत्र के डीसीपी (लाइसेंसिंग) कार्यालय में जाकर देना होता है और कई शहरों में यह फॉर्म एसडीएम को देना होता है. वहीं, अगर पुलिस कमिश्नरेट का इलाका है, तो कमिश्नर को अर्जी जाएगी. डीएम एप्लीकेशन को जांच के लिए एसपी के ऑफिस में भेज देता है. एसपी ऑफिस से एप्लीकेशन आवेदक के थाने में जाती है. थाना अपनी रिपोर्ट एक नियत समय में लाइसेंस अधिकारी को भेज देगा. इसके बाद आपके आवेदन को मंजूरी मिलती है और कई बार यह खारिज भी कर दी जाती है.

कितने रुपये लगते हैं?

वैसे तो यह निर्भर करता है कि आपको कौनसी बंदूक का लाइसेंस चाहिए. उसके आधार पर निर्धारित होती है इसकी फीस. लेकिन, ऐसा नहीं है कि इसके लिए आपको लाखों रुपये खर्च होते हैं, इसकी शुरुआत फीस 10 रुपये से शुरू है, जो 300 रुपये तक है. आप वो फीस नीचे दिए गए चार्ट में देख सकते हैं. अगर आपको हैंडगन (पिस्टल/ रिवॉल्वर) या रिपटिंग राइफल का लाइसेंस बनवाना है तो इसकी फीस 100 रुपये है.

लाइसेंस मिलने के बाद कोई भी बंदूक रख सकते हैं?

भारत में सिर्फ तीन तरह की बंदूक के लिए ही लाइसेंस जारी किया जाता है, जिसमें शॉर्टगन, हैंडगन और स्पोर्टिंग गन शामिल है. एक व्यक्ति अधिक से अधिक तीन बंदूकों का ही लाइसेंस ले सकता है और बंदूक रखने की सीमा पर पाबंदी होती है. सरकार के नियमों के अनुसार कई ऐसी बंदूकें भी है, जिन्हें आम आदमी को नहीं दिया जाता है.

लाइसेंस मिलने के बाद क्या होता है?

लाइसेंस मिलने के बाद भी आपको तय प्रक्रिया के आधार पर लाइसेंस खरीदना होता है. वहीं, बंदूक खरीदने के बाद आपको स्थानीय थाने में इसकी जानकारी देनी होती है और हथियार की जानकारी भी पुलिस के पास होती है. वहीं, समय समय पर इसके बारे में जानकारी थाने में देनी होती है.

विदेश में सामान बेचने के लिए ये हैं शर्तें, जानिए पूरा प्रोसेस

विदेशों में सामान एक्‍सपोर्ट करने की चाहत रखने वाले हर बिजनेसमैन को भारत सरकार एक्सपोर्ट करने का लाइसेंस देती है, लेकिन उसकी कुछ शर्तें होती हैं.

विदेश में सामान बेचने के लिए ये हैं शर्तें, जानिए पूरा प्रोसेस

विदेशों में सामान एक्‍सपोर्ट करने की चाहत रखने वाले हर बिजनेसमैन को भारत सरकार एक्सपोर्ट करने का लाइसेंस देती है, लेकिन उसकी कुछ शर्तें होती हैं.

ज्यादातर बड़े मैन्‍युफैक्‍चरर/ट्रेडर्स अपने प्रोडक्‍ट को विदेशों में बेचना चाहते हैं और डॉलर या यूरो जैसी करेंसी में कमाई करना चाहते हैं और कई मैन्‍युफैक्‍चरर/ट्रेडर्स ऐसा करते भी हैं. लेकिन, इन सबके बीच कुछ ऐसे मैन्‍युफैक्‍चरर/ट्रेडर्स भी रह जाते हैं जो विदेशों में सामान बेचना तो चाहते हैं लेकिन, उन्हें ऐसा करने का तरीका नहीं पता. तो चलिए आज यही जानते हैं कि आखिर विदेशों में एक्सपोर्ट करने की क्या प्रक्रिया है.

भारत सरकार एक्‍सपोर्ट करने के इच्‍छुक हर बिजनेसमैन को एक्‍सपोर्ट लाइसेंस देती है. लेकिन, उनकी अपनी कुछ शर्तें होती हैं, जिन्हें पूरा करना होता है. सरकारी वेबसाइट इंडियन ट्रेड पोर्टल पर एक्‍सपोर्ट लाइसेंस हासिल करने के लिए अनिवार्य शर्तों के बारे में पूरी जानकारी है, आइए जानते हैं.

कंपनी शुरू करें

DCX Systems IPO: आईपीओ के पहले ही 40% प्रीमियम पर पहुंचा शेयर, पैसा लगाने वालों को मिल सकता है बंपर रिटर्न

Titan: 3 रु से 2700 रु का हुआ स्‍टॉक, टाटा ग्रुप शेयर का असली रिटर्न रहा 18000 गुना, तेजी अभी बाकी है

Stocks in News: PFC, Route Mobile, SBI Cards, Tata Chemicals जैसे शेयर दिखाएंगे एक्‍शन, इंट्राडे में करा सकते हैं कमाई

एक्‍सपोर्ट बिजनेस की शुरुआत करने के लिए सबसे पहले आपको एक कंपनी बनानी होगी. ये कंपनी अकेले या पार्टनरशिप में बनाई जा सकती है. जिसकी पूरी जानकारी सरकार को दी जाएगी.

बैंक अकाउंट और पैन

एक्‍सपोर्ट बिजनेस के लिए आपके पास बैंक अकाउंट होना चाहिए, जिसमें आपकी कंपनी का पूरा लेनदेन किया जाएगा. इसलिए किसी भी विदेशी मुद्रा में डील करने वाले ऑथराइज्‍ड बैंक में अपना करेंट अकाउंट खुलवा लें. इसके अलावा पैन कार्ड भी अनिवार्य है.

इंपोर्टर-एक्‍सपोर्टर कोड (IEC) नंबर

IEC एक 10 डिजिट वाला नंबर होता है, जो एक्‍सपोर्ट या इंपोर्ट करने के लिए जरूरी होता है. इंपोर्टर-एक्‍सपोर्टर कोड के लिए डीजीएफटी की रीजनल अथॉरिटी को एप्‍लीकेशन सबमिट करनी होती है. इसके लिए आपको फॉर्म ANF 2A भरना होगा, इसके साथ आपसे कुछ जरूरी डॉक्‍यूमेंट्स भी लिए जाएंगे. आप DGFT की वेबसाइट http://dgft.gov.in/ पर भी e-IEC के लिए अप्‍लाई कर सकते हैं.

रजिस्‍ट्रेशन कम मेंबरशिप सर्टिफिकेट (RCMC)

इंपोर्ट/एक्‍सपोर्ट के लिए RCMC भी अनिवार्य है. इसे एक्‍सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल्स/फियो/कमोडिटी बोर्ड्स/अथॉरिटीज द्वारा दिया जाता है. इससे एक्‍सपोर्टर FTP 2015-20 के तहत कंसेशन का भी लाभ ले सकते हैं.

प्रोडक्‍ट और मार्केट सिलेक्‍शन

ये आपके व्यापार भारत में व्यापार लाइसेंस के लिए आवेदन कैसे करें से जुड़ा मुद्दा है. आप किस प्रोडक्ट को एक्सपोर्ट करना चाहते हैं, उसका मार्केट क्या होगा, इन सब बातों पर जरूरी रिसर्च जरूर कर लें. बता दें कि भारत में व्यापार लाइसेंस के लिए आवेदन कैसे करें आप प्रतिबंधित प्रोडक्‍ट्स के अलावा किसी भी प्रोडक्‍ट का एक्‍सपोर्ट कर सकते हैं. आप एफटीपी के तहत कुछ देशों में मिलने वाले मार्केट बेस्‍ड एक्‍सपोर्ट बेनिफिट्स को भी पता कर लें.

(Source- http://www.indiantradeportal.in/vs.jsp?lang=0&id=0,25,44)

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