Dial Test Indicator: Types & Reading | Hindi | Industrial Engineering

Read this article in Hindi to learn about:- 1. डायल टेस्ट इंडिकेटर के प्रकार (Types of Dial Test Indicator) 2. डायल टेस्ट इंडिकेटर के ग्रेजुएशनें (Graduations and Uses of Dial Test Indicator) 3. रीडिंग (Reading) and Other Details.

Contents:

  1. डायल टेस्ट इंडिकेटर के प्रकार (Types of Dial Test Indicator)
  2. डायल टेस्ट इंडिकेटर के ग्रेजुएशनें (Graduations and Uses of Dial Test Indicator)
  3. डायल टेस्ट इंडिकेटर के रीडिंग (Reading of Dial Test Indicator)
  4. डायल टेस्ट इंडिकेटर के चैक करने की तकनीक (Checking Techniques of Dial Test Indicator)
  5. डायल टेस्ट इंडिकेटर के सावधानियां (Precautions of Dial Test Indicator)

1. डायल टेस्ट इंडिकेटर के प्रकार (Types of Dial Test Indicator):

प्रायः दो प्रकार के डायल टेस्ट इंडिकेटर प्रयोग में लाए जाते हैं:

i. प्लंजर टाइप:

इस प्रकार के डायल टेस्ट इंडिकेटर में मूवमेंट का मेग्निफिकेशन एक रैंक और पीनियन मकेनिज्म द्वारा प्राप्त किया जाता है । इस डायल टेस्ट इंडिकेटर से प्राय: 0.01 Indicators कितने होते है मि.मी. की सूक्ष्मता में चैकिंग की जाती है । इसकी अंदरूनी रचना में रैक पर 25 मि.मी. लंबाई में 50 दांत बने होते हैं अर्थात् इनका पिच ½ मि.मी. होता है । यह रैक ड्राइवर होता है ।

रैक के साथ 10 दांतों वाली पीनियन को मैश कर दिया जाता है । यह ड्रिविन होती है । इस 10 दांतों वाली पीनियन के स्पिंडल पर एक दूसरी 75 दांतों वाली पीनियन फिट रहती है । यह ड्राइवर होती है । इस 75 दांतों वाली पीनियन के साथ एक 15 दांतो वाली पीनियन को मैश कर दिया जाता है । यह ड्रिविन होती है । इस 15 दांतों वाली पीनियन के स्पिंडल के साथ एक सुई जोड़ दी जाती है जो कि पीनियन के घूमने के साथ-साथ डायल पर घूमती है ।

इस सुई के चक्करों की संख्या निम्नलिखित सूत्र से निकल सकते हैं:

इस प्रकार रैक का 1 दांत अर्थात् ½ मि.मी. चलने पर सूई डायल पर 172 चक्कर लगाती है । पूरे डायल को 100 बराबर भागों में बांटा होता है और आधा डायल 50 बराबर भागों में बांटा होता है । इस प्रकार ½ चक्कर में सुई 50 डिवीजन कँवर करती है ।

यदि सूई 50 डिवीजन कँवर करती है तो रैक चलता है = ½ मि.मी.

यदि सूई 1 डिवीजन कँवर करती है तो रैक चलता है = ½ x 1 /50

= 1/100 मि.मी. या .01 मि.मी.

अतः मीट्रिक पद्धति में डायल टेस्ट इंडिकेटर से .01 मि.मी. की सूक्ष्मता में चैकिंग की जा सकती है ।

इस प्रकार के डायल टेस्ट इंडिकेटर में मूवमेंट का मेग्निफिकेशन एक लीवर और स्क्रोल मकेनिज्म द्वारा प्राप्त किया जाता है । इसमें बाल टाइप कांटेक्ट के साथ एक स्टाइलस लगा होता है । इसका प्रयोग प्रायः वहां पर किया जाता है जहां पर प्लंजर टाइप डायल टेस्ट इंडिकेटर का प्रयोग करना मुश्किल हो ।

2. डायल टेस्ट इंडिकेटर के ग्रेजुएशनें (Graduations and Uses of Dial Test Indicator):

मीट्रिक डायल टेस्ट इंडिकेटर में एक सौंवें डिविजन में ग्रेजुएशनें बनी होती हैं । प्रत्येक 10वें डिवीजन पर 0, 0.1, 0.2 से 0.9 अंकित होता है । इसके स्केल को एक रिंग बैजल के द्वारा घुमाया जा सकता है जिससे इसे जीरो पर आसानी से सेट किया जा सकता है । कुछ डायल टेस्ट इंडिकेटरों में जीरो से क्लॉकवाइज दिशा में प्लस में और ऐंटी-क्लॉंकवाइज दिशा में माइनस में पढ़ा जाता है जिससे प्लस और माइनस रीडिग्स ली जा सकती हैं ।

डायल टेस्ट इंडिकेटर का प्रयोग प्रायः निम्नलिखित कार्यों के लिए किया जाता है:

1. किसी फ्लैट जॉब की समानान्तर भुजाओं को चैक करने के लिए ।

2. किसी गोल जॉब की संकेंद्रता चैक करने के लिए

3. मास प्रॉडक्शन में एक ही साइज के कार्यों की लंबाई, चौड़ाई, ऊंचाई आदि चैक करने के लिए ।

4. लेथ मशीन पर सेंटरों को अलाइनमेंट में Indicators कितने होते है सेट करने के लिए ।

5. मशीन टूल्स को अलाइनमेंट में सेट करने के लिए ।

3. डायल टेस्ट इंडिकेटर के रीडिंग (Reading of Dial Test Indicator):

रीडिंग लेने के लिए डायल टेस्ट इंडिकेटर को स्टैंड पर फिट कर देना चाहिए । स्टैंड साधारण बेस वाला या चुम्बकीय आधार वाला हो सकता है । प्लंजर के नीचे और जॉब के ऊपर की दूरी को सेट कर लेना चाहिए ।

जॉब को प्लंजर के नीचे सेट करते समय ध्यान रखना चाहिए कि सुई द्वारा डायल पर एक या दो चक्कर लग जाएं । चैकिंग करते समय यदि सुई डायल के जीरो से पीछे रह जाए तो समझना चाहिए कि जॉब (-) में हैं और यदि सूई डायल पर जीरो से आगे बढ़ जाए तो समझना चाहिए कि जॉब (+) में हैं ।

इंडिकेटर स्टैंड्स:

डायल टेस्ट इंडिकेटरों का प्रयोग स्टैंड के साथ किया जाता है ।

प्रायः निम्नलिखित प्रकार के स्टैंड प्रयोग में लाए जाते हैं:

(a) कास्ट ऑयरन बेस के साथ साधारण कार्य वाला स्टैण्ड

(b) यूनिवर्सल क्लेम्प के साथ मैग्नेटिक स्टैण्ड

(c) फ्लेक्सीबल पोस्ट के साथ मैग्नेटिक स्टैण्ड

4. डायल टेस्ट इंडिकेटर के चैक करने की तकनीक (Checking Techniques of Dial Test Indicator):

(i) चैक करने वाले वर्कपीस को सरफेस प्लेट पर रखे ।

(ii) उपयुक्त स्टैण्डपर डायल टेस्ट इंडिकेटर को लगाएं ।

(iii) प्लंजर के टिप को वर्कपीस की सरफेस के साथ संपर्क में लाएं और देखें कि प्वाइंटर दो या तीन चक्कर लगा लें ।

(iv) प्वाइंटर और रेवोलूशन काउंटर की प्रारंभिक पोजीशन को नोट करें और उसे रिफरेंस के प्वाइंट की तरह प्रयोग करें ।

(v) टिप के नीचे वर्कपीस को आगे-पिछे मूव करें ।

(vi) प्लस या माइनस रीडिंग के लिए डायल टेस्ट इंडिकेटर को पढे ।

5. डायल टेस्ट इंडिकेटर के सावधानियां (Precautions of Dial Test Indicator):

(i) डायल टेस्ट इंडिकेटर को अन्य कटिंग टूल्स के साथ मिलाकर नहीं रखना चाहिए ।

(ii) इसे झटके के साथ प्रयोग नहीं करना चाहिए ।

(iii) इसे रफ सरफेस पर प्रयोग नहीं करना चाहिए ।

(iv) कार्य करने बाद इसे अच्छी तरह से साफ करके इसके बॉक्स में रख देना चाहिए ।

बाइक इंडिकेटर काम ना करे तो क्या चेक करना चाहिए | indicator-not-working-bike in hindi

बाइक इंडिकेटर काम ना करे तो क्या चेक करना चाहिए

और right side का indicator on कर देगा जिसे आपको पता चल जाएगा की आपके आगे वाला व्यक्ति right side मुड़ेगा और आप सावधान हो जाओगे जिसे दुर्घटना का खतरा कम हो जाता है इसी कारण हर वाहन में indicator का इस्तेमाल किया गया है

बाइक इंडिकेटर काम न करे तो क्या करे ( indicator-not-working-bike in hindi )

अगर आपकी bike के indicator काम ना करे तो क्या करे और क्या क्या चेक करना चाहिए आपको जब indicator बंद हो जाए

(1) . बैटरी को चेक करे

अगर आपके इंडिकेटर काम नहीं करते तो आपको सबसे पहले यह पता होना चाहिए की आपकी bike की बैटरी खराब तो नहीं है या फिर डाउन तो नहीं है

अगर आपकी बैटरी खराब या डाउन होगी तो indicator काम नहीं करेगे लेकिन जब आप bike को स्टार्ट करगे तो indicator काम करने लग जाए तो आप समझ जाइए की बैटरी डाउन है या खराब है

(2) . फ्यूज को चेक करे

जब भी आपके bike के indicator या हॉर्न या ब्रेक लाइट बल्ब काम करना बंद कर देता है तो आप सबसे पहले फ्यूज को चेक करे क्युकी वायरिंग का सीधा कनेक्सन फ्यूज के साथ होता है

अगर फ्यूज खराब हो जाता है तो वायरिंग के साथ जुड़े सभी चीज काम करना बंद कर देते है new मोडला की bike तो बिना बैटरी के स्टार्ट भी नही हो पाती इसलिए फ्यूज को जरुर चेक करे

(3) . indicator flasher को चेक करे

यह indicator के लिए बहुत जरुरी पार्ट होता है flasher ही indicator को चलाता है अगर flasher खराब हो जाता है तो चारो indicator काम करना बंद कर देते है

इसलिए अगर आपकी bike के चारो indicator काम करना बंद कर गए हो तो आप flasher को जरुर चेक करे आप flasher को डायरेक्ट करके भी चेक कर सकते है

उसके लिए आपको एक वायर के टुकड़े को लेना है और उसको दोनों तरफ से छिल लेना है और जिस वायरिंग में flasher लग रहा था उन दोनों वायर में अपनी छिली हुई वायर को लगा कर indicator को जला कर चेक कर लेना है

(4) . indicator switch को चेक करे

indicator ना चलने की एक समस्या switch के काम ना करने के कारण भी उत्पन हो जाती है हमने देखा है ज्यादातर bike में स्विच में पानी लगने के कारण indicator के बटन में dust जम जाती है

जो indicator को on नहीं होने देता जब हम indicator को on करते है तो स्विच में लगा indicator का बटन जाम हो जाता है इसलिए एक बार स्विच को जरुर चेक करवाए

(5) . हेंडल के पास वायर को चेक करे

हमने ज्यादातर bike में देखा है हेंडल के पास जो वायर होती है हेंडल के बार बार मुड़ने की वजह से वायर टूट जाती है

इसलिए अगर आपकी bike के indicator , लाइट , मीटर लाइट बंद हो जाए तो एक बार हेंडल के पास जो वायर लगी होती है उसको एक बार चेक करे और फिरसे टेप करदे

6 . indicator bulb को चेक करे

कई बार आप सब कुछ चेक कर लेते है लेकिन bulb को चेक नहीं करते क्युकी कई बार चारो indicator एक साथ भी खराब हो जाते है

या पानी लगने की वजह से bulb के निचले हिसे में dust लगने की वजह से bulb काम नहीं करता तो आप indicator के bulb को चेक करे या फिर dust को साफ़ कर दे

indicator buzzer क्या है इसे कैसे लगाएं

buzzer को indicator के flasher के साथ लगाया जाता है जब हम indicator को on करते है तो यह बजता रहता है

और यह बताता है की bike का indicator on हो चूका है इसको लगाना भी बहुत आसान होता है buzzer की वायर को flasher की वायर के साथ ही लगाया जाता है

buzzer में भी दो वायर होती है और flasher में भी दो पिन होती है आपको buzzer की दोनों तारो को छिलना है और + – को देखकर Indicators कितने होते है flasher की पिन में लगाकर वायरिंग की तार में लगा देना है आपका buzzer लग जाएगा

निष्कर्ष

आशा करते है की आपको बाइक इंडिकेटर काम ना करे तो क्या चेक करना चाहिए इसके बारे में पता चल गया होगा और अब अगर आपकी बाइक का Indicators कितने होते है इंडिकेटर खराब होगा तो आप आसानी से चेक कर लोगे अगर आपको फिर भी कोई समस्या है तो comment करे हम आपकी मदत करेगे

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जानिए कुछ सवालों के जवाब

Q . क्यों खराब होता है indicator ?

Q . चारो indicator एक साथ बंद हो जाए तो क्या करे ?

ans . अगर आपकी bike के चारो indicator एक साथ बंद हो जाए तो आपको , बैटरी , फ्लेसर , फ्यूज , वायरिंग , स्विच को चेक करना है|

Q . कितने में मिल जाता है bike indicator price ?

ans . आपको एक देसी indicator 30 से 50 रूपये तक मिल जाता है लेकिन अच्छी company का indicator आपको 100 से 120 रूपये में एक मिलेगा |

Q buzzer का इस्तेमाल कहा किया जाता है ?

ans . buzzer का इस्तेमाल फ्लेसर के साथ किया जाता है जब हम indicator को चलाते है तो यह Indicators कितने होते है buzzer अवाज करता है और हमें बताता है की indicator चल गया है

ParabolicM Simplified Parabolic Indicator For MT4

ParabolicM Simplified Parabolic Indicator For MT4 लोकप्रिय परवलयिक एसएआर संकेतक का एक बड़ा संस्करण है जो मेटाट्रेडर 4 में भी शामिल है। यह संकेतक मूल्य आंदोलनों के लिए थोड़ी तेज़ी से प्रतिक्रिया करता है जो आपके व्यापार पर कई सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। पहले आप इसके साथ एक पूर्व प्रविष्टि प्राप्त कर सकते हैं, दूसरा आप एक प्रवृत्ति परिवर्तन को तेजी से पहचान कर अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं और इस तरह अपने ट्रेडों को जल्दी से बाहर कर सकते हैं।

Partially Automated Trading Besides Your Day Job
Alerts In Real-Time When Divergences Occur

पैराबोलिक SAR इंडिकेटर को मूल रूप से J. Welles Wilder द्वारा विकसित किया गया था। वह लोकप्रिय एटीआर और आरएसआई संकेतक के डेवलपर भी हैं, जो वास्तव में दिखाता है कि वह एक बहुत कुशल विश्लेषक और डेवलपर है। पैराबोलिक SAR का अर्थ है "परवलयिक स्टॉप और रिवर्स"। यह नाम अच्छी तरह से चुना गया है और पहले से Indicators कितने होते है ही समझाता है कि इसे कैसे काम करना है।

सूचक परवलयिक रेखाओं में चलता है, जो आम तौर पर छोटे डॉट्स द्वारा प्रदर्शित होते हैं, जो कि वर्तमान मूल्य आंदोलन के ऊपर या नीचे होते हैं। यदि डॉट्स कीमत से ऊपर हैं, तो इसका मतलब है कि बाजार वर्तमान में डाउनट्रेंड में है और इसके विपरीत अगर डॉट्स कीमत से नीचे हैं, तो बाजार में तेजी आ रही है। इस ज्ञान के साथ आप आसानी से पालन कर सकते हैं और बाजार के हर कदम पर व्यापार कर सकते हैं।

आप इसका उपयोग अपने व्यापार निकास को परिभाषित करने के लिए भी कर सकते हैं। डॉट्स स्विच स्थिति तक अपने ट्रेडों को चलने दें। एक बार जब आप डॉट की स्थिति में बदलाव करते हैं, तो अपने वर्तमान व्यापार से बाहर निकलें और दूसरी दिशा में प्रवेश करें।

जैसा कि आप देख सकते हैं कि परवलयिक एसएआर संकेतक बहुत उपयोगी है, फिर भी उपयोग करना आसान है। हालांकि, यह सही नहीं है और कभी-कभी थोड़ा धीमा होता है। यह वह जगह है जहाँ ParabolicM Simplified Parabolic Indicator For MT4 का उपयोग करना आपको एक फायदा देता है और आपके परिणामों में सुधार करता है। आप अपने लाभ को अधिकतम करने के लिए इस संकेतक को दूसरों के साथ भी जोड़ सकते हैं।

ParabolicM Simplified Parabolic Indicator For MT4 साथ व्यापार कैसे करें

ParabolicM Simplified Parabolic Indicator For MT4 साथ व्यापार करना बहुत सरल है और लंबी सीखने की अवधि के बिना महारत हासिल की जा सकती है। यदि आप संकेतों को थोड़े तकनीकी विश्लेषण के साथ जोड़ते हैं, तो आप जीत की दर में काफी सुधार कर सकते हैं।

उपरोक्त स्क्रीनशॉट में आप इस संकेतक के आधार पर कुछ उदाहरण ट्रेड देख सकते हैं। हम सिस्टम के नियमों का पालन करते हैं और एक बार डॉट्स पक्ष बदलने के बाद प्रवेश करते हैं। अतिरिक्त सुरक्षा के लिए मैं आपको सलाह दूंगा कि आप केवल उच्च समय सीमा के रुझान के साथ व्यापार करें और छोटे रिवर्सल का व्यापार करें।

एक और बात जहां यह बेहतर है कि ParabolicM Simplified Parabolic Indicator For MT4 साथ व्यापार को छोड़ दें। संकेतक ट्रेंडिंग बाजारों के लिए बनाया गया था और इसे बाजार में उपयोग करने से नुकसान हो सकता है, जिससे बचा जा सकता था।

व्यापार प्रबंधन आपके ऊपर है और चुनने के लिए कई विकल्प हैं। जैसा कि मैं एक रूढ़िवादी व्यापारी हूं, मुझे अपने ट्रेडों को लंबे समय तक चलने देना पसंद नहीं है और जब संभव हो तो लाभ उठाएं। यदि आप अपने ट्रेडों को अधिक समय तक चलने देना चाहते हैं, तो यह उच्च समय सीमा का पालन करने और डॉट्स को देखने के लिए एक विकल्प हो सकता है कि ParabolicM Simplified Parabolic Indicator For MT4 आपके व्यापार से बाहर निकलने के लिए ड्राइंग कर रहा है। इस तरह आप एकल व्यापार के साथ बड़ा लाभ कमा सकते हैं।

Parabolic SAR संकेतक के साथ ParabolicM Simplified Parabolic Indicator For MT4 तुलना करना

उपरोक्त छवि में, आप नीले रंग में ParabolicM Simplified Parabolic Indicator For MT4 देख सकते हैं और लाल रंग में मानक परवलयिक एसएआर संकेतक। दोनों एक ही मूल सेटिंग्स का उपयोग करते हैं जो आप देख सकते हैं कि वे अलग तरह से शांत व्यवहार करते हैं।

आम तौर पर, ParabolicM Simplified Parabolic Indicator For MT4 मानक संस्करण की तुलना में मूल्य आंदोलन के बहुत करीब है। यह अक्सर पहले की प्रविष्टियों की ओर जाता है और पहले के व्यापार से बाहर निकलता है। ये दोनों चीजें हमें बेहतर कीमत प्रदान करती हैं। यदि हम मानक संस्करण का उपयोग करना चाहते थे तो हम बेहतर कीमतों पर प्रवेश कर सकते हैं और बेहतर कीमतों पर बाहर निकल सकते हैं।

इन दो चीजों के बाद आप देख सकते हैं कि ParabolicM Simplified Parabolic Indicator For MT4 आपके ट्रेडिंग परिणामों को गंभीर रूप से सुधार सकता है।

Indicators कितने होते है

हमें भोजन का स्वाद खट्टा व कड़वा लगता है। भोजन के ऐसे स्वाद का प्रमुख कारण उस भोजन में विद्यमान अम्ल व क्षारक है।

We find the taste of food sour and bitter. The main reason for such taste of food is the acid and base present in that food.

अम्ल, क्षारक, सूचक, गंधीय सूचक, अम्ल-क्षार सूचक, लिटमस और लिटमस विलयन को इस प्रकार समझा जा सकता है–

Acid, base, indicator, odorant indicator, acid-base indicator, litmus and litmus solution can be understood as–

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संक्षारण एवं विकृतगंधिता | Corrosion And Rancidity

सूचक (Pointer)

वे पदार्थ जो किसी रासायनिक पदार्थ के भौतिक एवं रासायनिक गुणधर्मों को सूचित करते हैं, 'सूचक' कहलाते हैं। सूचक के माध्यम से यह ज्ञात किया जा सकता है कि कोई रासायन अम्ल है अथवा क्षार। यह कार्य सूचक उस रसायन के रंग परिवर्तन का अध्ययन कर करता है। कुछ ऐसे भी रासायनिक पदार्थ होते हैं, जिनकी गंध अम्लीय अथवा क्षारकीय माध्यम में परिवर्तित हो जाती है। इन्हें 'गंधीय सूचक' के नाम से जाना जाता है। 'लिटमस विलयन'Indicators कितने होते है का प्रयोग भी एक सूचक की तरह किया जाता है। लिटमस विलियन बैगनी रंग का रंजक होता है। यह थैलोफ़ाइटा समूह के लिचेन नामक पौधे से प्राप्त किया जाता है। कभी-कभी ऐसी परिस्थितियाँ भी आती हैं कि लिटमस विलियन न तो अम्लीय होता है और न ही क्षारकीय। ऐसी स्थिति में वह बैगनी रंग का हो जाता है। बहुत सारे प्राकृतिक पदार्थ उदाहरण के लिए हल्दी, लाल पत्ता गोभी, पेटूनिया, हायड्रेंजिया, जेरानियम जैसे अनेक फूलों की रंगीन पंखुड़ियाँ किसी विलियन में अम्ल तथा क्षार की उपस्थिति को सूचित करते हैं। इन्हें 'अम्ल-क्षार सूचक' या केवल सूचक के नाम से जाना जाता है।

The substances which indicate the physical and chemical properties of a chemical substance are called 'indicators'. Through the indicator, it can be known whether a chemical is an acid or a base. This action indicator does this by studying the color change of that chemical. There are also some chemical substances, whose smell changes in acidic or basic medium. These are known as 'scent indicators'. 'Litmus solution' is also used as an indicator. Litmus solution is a violet colored pigment. It is obtained from a plant called lichen of Thallophyta group. Sometimes there are situations where litmus solution is neither acidic nor basic. In this condition, it becomes purple in color. Many natural substances, for example, the colored petals of many flowers like turmeric, red cabbage, petunia, hydrangea, geranium indicate the presence of acids and bases in a solution. These are known as 'acid-base indicators' or simply pointers.

लिटमस पत्र (Litmus Paper)

लिटमस पत्र एक प्राकृतिक सूचक होता है। इसी प्रकार हल्दी भी एक प्राकृतिक सूचक है। किसी रासायनिक पदार्थ के अम्ल अथवा क्षारक होने की जाँच करने के लिए 'संश्लेषित सूचक' का प्रयोग किया जाता है। रसायन के क्षेत्र में प्रयोग किये जाने वाले प्रमुख संश्लेषित सूचक मेथिल ऑरेंज एवं फीनॉल्फथेलिन हैं।

Litmus letter is a natural indicator. Similarly turmeric is also a natural indicator. 'Synthetic indicator' is used to test whether a chemical substance is an acid or a base. The main synthetic indicators used in the field of chemistry are methyl orange and phenolphthalein.

अम्ल (Acid)

अम्ल स्वाद में खट्टे होते हैं। ये नीले लिटमस पत्र को लाल कर देते हैं। अम्लों के प्रमुख उदाहरण निम्नलिखित हैं–
1. हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl)
2. सल्फ्यूरिक अम्ल (H 2 SO 4 )
3. नाइट्रिक अम्ल (HNO 3 )
4. एसिटिक अम्ल (CH 3 COOH)

Acids are sour in taste. They turn blue litmus paper red. Following are the major examples of acids–
1. Hydrochloric acid (HCl)
2. Sulfuric Acid (H 2 SO 4 )
3. Nitric Acid (HNO 3 )
4. Acetic Acid (CH 3 COOH)

क्षारक (Base)

क्षारक स्वाद में कड़वे होते हैं। वे लाल लिटमस पत्र को नीला कर देते हैं। श्वेत वस्त्रों पर लगे सब्जी के दाग पर जब साबुन को रगड़ा जाता है तो उस कपड़े पर लगे धब्बे का रंग भूरा-लाल हो जाता है। ऐसा होने का प्रमुख कारण प्रयोग किए गए साबुन की प्रकृति का क्षारकीय होना है। उस कपड़े को अत्यधिक धोने पर वह धब्बा फिर से पीले रंग का हो जाता है। क्षारक के प्रमुख उदाहरण निम्नलिखित हैं–
1. सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH)
2. कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड [Ca(OH) 2 ]
3. पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड (KOH)
4. मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड [Mg(OH) 2 ]
5. अमोनियम हाइड्रॉक्साइड (NH 4 OH)

Basics are bitter in taste. They turn red litmus paper blue. When soap is rubbed on a vegetable stain on white clothes, the color of the stain on that cloth becomes brownish-reddish. The main reason for this happening is the basic nature of the soap used. On excessive washing of that cloth, the stain again turns yellow. Following are the major examples of bases–
1. Sodium Hydroxide (NaOH)
2. Calcium hydroxide [Ca(OH) 2 ]
3. Potassium hydroxide (KOH)
4. Magnesium Hydroxide [Mg(OH) 2 ]
5. Ammonium Hydroxide (NH 4 OH)

आशा है, उपरोक्त जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी।
धन्यवाद।
R F Temre
rfcompetition.com

I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
rfcompetiton.com

इंडिकेटर के फाल्ट बढ़ा रहे बिजली मीटर की रफ्तार

केस एक- सोनबरसा कस्बे के श्रीत्रिपाठी के घरेलू कनेक्शन पर लगा बिजली मीटर अगस्त माह में अचानक तेज चलने लगा। रोजाना 7 से 8 यूनिट बिजली खपत दर्ज करने लगा। हैरान-परेशान श्रीत्रिपाठी ने बिजली निगम में.

 इंडिकेटर के फाल्ट बढ़ा रहे बिजली मीटर की रफ्तार

केस एक- सोनबरसा कस्बे के श्रीत्रिपाठी के घरेलू कनेक्शन पर लगा बिजली मीटर अगस्त माह में अचानक तेज चलने लगा। रोजाना 7 से 8 यूनिट बिजली खपत दर्ज करने लगा। हैरान-परेशान श्रीत्रिपाठी ने बिजली निगम में मीटर तेज चलने की शिकायत दर्ज कराई। बिजली निगम ने क्षेत्र के जेएमटी से मीटर की जांच कराई तो मीटर ठीक मिला। इसके बाद जेएमटी ने घर की वायरिंग की जांच की। स्विचबोर्ड में लगे चार इंडिकेटर को डिस्कनेक्ट किया। अगले दिन से मीटर बिजली खपत पहले की अपेक्षा कम खपत दर्ज करने लगा। जेएमटी ने उन्हें सलाह दी की इंडिकेटर निकवा कर फेक दीजिए। इसमें फाल्ट होने के कारण ही मीटर तेज चल रहा था।

केस दो- पादरी बाजार कस्बे की अर्चना देवी के चार कमरें के मकान में लगा बिजली मीटर भी जून महीने से रोजाना 10 से 12 यूनिट बिजली खपत दर्ज कर रहा था। अगस्त में 350 यूनिट का बिल आने पर उनका माथा ठनका। उन्होंने बिजली निगम में आवेदन देकर मीटर तेज चलने की शिकायत दर्ज कराई। क्षेत्र के जेएमटी ने एक्वाचेक से मीटर की जांच की। बिजली कर्मचारी ने वायरिंग व अर्थिंग की जांच की। सबकुछ दुरुस्त मिलने पर उसने इण्डीकेटर की जांच की तो आठ स्वीच बोर्ड में लगे इंडिकेटर के क्वायल शार्ट मिले। वे वोल्टेज अधिक ले रहे थे। उपभोक्ता ने सभी इंडिकेटर निकवा दिए। मीटर अपनी रफ्तार में चलने लगा। अब अर्चना के घर रोजाना तीन से चार यूनिट ही बिजली खपत दर्ज हो रहीं है। अर्चना के अनुरोध पर बिजली निगम अब बिल सुधार करने में जुटा है।

केस तीन-सिक्टौर के जितेन्द्र कुमार पासवान के कनेक्शन पर लगा बिजली मीटर भी विगत छह माह से महीने में 400 से 450 यूनिट बिजली खपत दर्ज कर रहा था। हैरान-परेशान जितेन्द्र ने क्षेत्र के जेई व एसडीओ से मीटर तेज चलने की शिकायत दर्ज कराई। बिजली निगम की टीम ने मीटर की जांच की। मीटर में कोई कमी नहीं मिली। टीम जितेन्द्र कुमार को फटकार लगाते हुए लौट गई। जितेन्द्र ने क्षेत्र के जेएमटी से मीटर की जांच का अनुरोध किया। जेएमटी ने उसके घर की वायरिंग,अर्थिंग व इनवर्टर की जांच की। इनवर्टर का कनेक्शन गलत जुड़ा मिला। जेएमटी ने इनवर्टर का कनेक्शन दुरुस्त कर दिया। इसके बाद मीटर की रफ्तार कम हो गई।

क्या आपने सोचा है कि घर में बिजली आ रही है या नहीं, यह जानने के लिए स्विच बोर्ड में जो इंडिकेटर लगवाते है, वो दिखता भले छोटा हो, लेकिन आपको बड़ी चपत लगा सकता है। यह तीन मामले इसकी बानगी भर है। असल में यदि इंडिकेटर में कोई भी फाल्ट आया तो वह आपके बिजली मीटर की रफ्तार बढ़ा देता है। जाने अनजाने में उस बिजली का भुगतान करना पड़ता है। जिसका इस्तेमाल आपने किया ही नहीं। इस समस्या के सर्वाधिक मामले ग्रामीण क्षेत्रों से प्रकाश में आ रहे है। सिक्टौर, खोराबार, पादरी बाजार व सोनबरसा क्षेत्र के सैकड़ों कनेक्शनों के मीटरों की जांच में सामने यह मामला उजागर हुआ। स्विच बोर्ड से इंडिकेटर निकवाले के बाद उपभोक्ता के मीटर की रफ्तार कम हो गई।

इंडिकेटर का फाल्ट बढ़ा देता है बिजली खपत

बिजली निगम के सेवा निवृत इंजीनियर कृष्ण कुमार कहते है कि इंडिकेटर में रजिस्टेंट लगे होते है। उसमें पतले तार की वाईडिंग होती है। वह वोल्टेज को कम कर देता है। रजिस्टेंट में फाल्ट आने पर एलईडी फ्यूज हो जाता है। क्वायल शार्ट होने पर वह अधिक करंट खाने की सम्भावना बढ़ जाती है। ऐसे में मीटर तेज चलने लगते है। इतना ही नहीं घर की वायरिंग व अर्थिंग की जांच भी कराते रहें। घर की अर्थिंग दुरुस्त होने पर वायरिंग या इंडिकेटर में फाल्ट आने पर फाल्टी करंट जमीन में चला जाता है। ऐसे में मीटर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

इंडिकेटर लगावाने से परहेज करे उपभोक्ता

बिजली निगम के जूनियर मीटर टेस्टर राजकुमार उपाध्याय व रमेश साहनी ने कहा कि पहले लोग अपने घरों में इंडिकेटर इसलिए लगवाते थे कि बिजली कटने Indicators कितने होते है व आने की जानकारी उन्हें मिल जाए। वर्तमान समय में 24 घण्टे आपूर्ति शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही है। ऐसे में इंडिकेटर लगवाने का कोई औचित्य नहीं बनता है। एक इंडिकेटर एक दिन में कम से कम सात वाट बिजली खपत करता है। ऐसे में घर में यदि पांच इंडिकेटर लगे हो तो 35 वाट बिजली खपत करेंगे। इंडिकेटर न लगावाकर उपभोक्ता बिजली बचत के साथ ही तमाम मुश्किल परिस्थितयों से बच सकते है। हां यादि इंडिकेटर लगवाना जरुरी समझते हो तो आईएसआई मार्का इंडिकेटर किसी नामी कंपनी का लगवाएं। उसमें फाल्ट होने की सम्भावना कम होती है। लोकल कंपनी के इंडिकेटर में बहुत जल्दी फाल्ट आ जाता है। हम दोनों ने कुछ उपभोक्ताओं की शिकायत पर जांच की। करीब दर्जनभर घरों में इंडिकेटर में फाल्ट मिला।

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