बिजनेस जानकारी की डाटाबेस प्रणाली (द बिजनेस इन्फोर्मेशन डाटाबेस सिस्टम) अमेरिकी उद्यमियों को विदेशी सरकार और बहुपक्षीय विकास बैंक खरीदारियों के बारे में नवीनतम जानकारी प्रदान करता है। एक संवादात्मक मैप इंटरफेस द्वारा उद्यमी विदेशों में अमेरिकी सरकार के आर्थिक व वाणिज्यिक विशेषज्ञों द्वारा नए निर्यात अवसरों, का पता कर सकते हैं। सरकारी व निजी हिस्सेदार मैचमेकिंग, विश्लेषण व्यापार प्रणाली और अन्य उद्देश्यों के लिए बीआईडीएस डेटा से लिंक या डाउनलोड कर सकते हैं।

भारत में व्यापार शुरू करना

एक बिलियन से भी अधिक जनसंख्या वाला भारतीय बाजार उचित उत्पादों, सेवाओं और प्रतिबद्धताओं वाले अमेरिकी निर्यातकों के व्यापार प्रणाली लिए आकर्षक और विविध अवसर मुहैया कराता है। भारतीय अर्थव्यवस्था के वैश्वीकरण और विस्तार होने से मध्यावधि में भारत की ऊर्जा, पर्यावरण, स्वास्थ्य देखरेख, उच्च-प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचे, परिवहन और रक्षा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में उपकरणों और सेवाओं की आवश्यकताएं दसियों बिलियन डॉलर से भी अधिक होगी। उपलब्ध नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान भारत का सकल घरेलू उत्पाद विकास दर 7.6 प्रतिशत थी। सरकार द्वारा नीतियों का उदारीकरण जारी रखने की संभावना के साथ, भारत के पास आगामी कुछ वर्षों तक सतत उच्च विकास दर कायम रखने की क्षमता है और अमेरिकी कंपनियों को विकसित होते भारतीय बाजार में प्रवेश के अवसर को अवश्य प्राप्त करना चाहिए।

अमेरिका-भारत व्यापार

भारत में व्यापार किस प्रकार करें

तेजी से बढ़ते मध्य वर्ग, आय बढ़ने और महंगे कृषि उत्पादों के उपभोग का तरीका बदलने से अमेरिकी कृषि के बड़े स्तर पर भारत में निर्यात बढ़ने की संभावनाएं हैं। भारत में आधुनिक फुटकर क्षेत्र का विस्तार हो रहा है, खाद्य प्रसंस्करणकर्ता वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में प्रवेश चाहते हैं, और खाद्य सेवा के सेफ नए प्रयोग करना चाहते हैं एवं नए उत्पादों और वैश्विक व्यंजनों को चखने के इच्छुक युवाओं व उच्च आय वाले उपभोक्ताओं को आकर्षित करना चाहते है। भारतीय बाजार में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के इच्छुक निर्यातकों को पहले यह पता लगाना चाहिए कि क्या उस उत्पाद की बाजार व्यापार प्रणाली तक पहुंच हैं और छोटे स्तार शुरुआत करने तथा विशिष्ट लेबलिंग एवं पैकेजिंग आवश्यकताओं को पूरा करने लिए तैयार रहना चाहिए।

महत्वपूर्ण रिपोर्टें:

अनुवाद

हमसे संपर्क करें
दूतावास फोनः 24198000
दूतावास फैक्सः 24190017
ईमेलः [email protected]

यदि आप फोन या फैक्स
अमेरिका से कर रहे हैं
सबसे पहले 011-91-11- डायल करें
भारत के अंदर से लेकिन दिल्ली के
बाहर से फोन कर रहे हैं तो
पहले 011- डायल करें

रॉबर्ट जे. गारवेरिक, आर्थिक, पर्यावरण, विज्ञान व प्रौद्योगिकी मामलों के मिनिस्टर काउंसिलर

स्कॉट एस सिंडलर, कृषि मामलों के मिनिस्टर काउंसिलर

जॉन मैक्कैसलिन, वरिष्ठ वाणिज्यिक अधिकारी व वाणिज्यिक मामलों के मिनिस्टर काउंसिलर

भारत सरकार

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कंपनी अधिनियम व्यापार प्रणाली 1956 की धारा 25 के अंतर्गत कंपनी के रूप में 31 मार्च, 1995 को राष्ट्रीरय व्याीपार सूचना केंद्र का निगमन किया गया। कंपनी ने मार्च, 1996 से काम करना आरंभ किया। अपने कामकाज के प्रशासन के लिए इसका एक निदेशक मंडल है जिसमें वाणिज्यक एवं उद्योग मंत्रालय, राष्ट्री य सूचना विज्ञान केंद्र (एन आई सी) भारतीय विदेश व्याकपार संस्थाान (आई आई एफ टी) तथा वाणिज्यिक आसूचना एवं सांख्यिकी महानिदेशालय (डी जी सी आई एंड एस) के प्रतिनिधि शामिल हैं। अन्य प्रतिनिधि भारतीय व्याआपार संवर्धन संगइन (आई टी पी ओ) तथा अन्यक निर्यात संवर्धन परिषदों / शीर्ष निकायों से हैं।

आईटीपीओ तथा एन आई सी इस कंपनी के संयुक्त प्रमोटर हैं व्यापार प्रणाली तथा कंपनी के इक्विटी अंशदान में कार्पस फंड के रूप में 4 व्यापार प्रणाली करोड़ रूपए (2 करोड़ रूपए प्रत्येमक) की राशि का योगदान दिया है।

भारत में व्यापार शुरू करना

एक बिलियन से भी अधिक जनसंख्या वाला भारतीय बाजार उचित उत्पादों, सेवाओं और प्रतिबद्धताओं वाले अमेरिकी निर्यातकों के लिए आकर्षक और विविध अवसर मुहैया कराता है। भारतीय अर्थव्यवस्था के वैश्वीकरण और विस्तार होने से मध्यावधि में भारत की ऊर्जा, पर्यावरण, स्वास्थ्य देखरेख, उच्च-प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचे, परिवहन और रक्षा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में उपकरणों और सेवाओं की आवश्यकताएं दसियों बिलियन डॉलर से भी अधिक होगी। उपलब्ध नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान भारत का सकल घरेलू उत्पाद विकास दर 7.6 प्रतिशत थी। सरकार द्वारा नीतियों का उदारीकरण जारी रखने की संभावना के साथ, भारत के पास आगामी कुछ वर्षों तक सतत उच्च विकास दर कायम रखने की क्षमता है और अमेरिकी कंपनियों को विकसित होते भारतीय बाजार में प्रवेश के अवसर को अवश्य प्राप्त करना चाहिए।

अमेरिका-भारत व्यापार

भारत में व्यापार किस प्रकार करें

तेजी से बढ़ते मध्य वर्ग, आय बढ़ने और महंगे कृषि उत्पादों के उपभोग का तरीका बदलने से अमेरिकी कृषि के व्यापार प्रणाली बड़े स्तर पर भारत में निर्यात बढ़ने की संभावनाएं हैं। भारत में आधुनिक फुटकर क्षेत्र का विस्तार हो रहा है, खाद्य प्रसंस्करणकर्ता वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में प्रवेश चाहते हैं, और खाद्य सेवा के सेफ नए प्रयोग करना चाहते हैं एवं नए उत्पादों और वैश्विक व्यंजनों को चखने के इच्छुक युवाओं व उच्च आय वाले उपभोक्ताओं को आकर्षित करना चाहते है। भारतीय व्यापार प्रणाली बाजार में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के इच्छुक निर्यातकों को पहले यह पता लगाना चाहिए कि क्या उस उत्पाद की बाजार तक पहुंच हैं और छोटे स्तार शुरुआत करने तथा विशिष्ट लेबलिंग एवं पैकेजिंग आवश्यकताओं को पूरा करने लिए तैयार रहना चाहिए।

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सबसे पहले 011-91-11- डायल करें
भारत के अंदर से लेकिन दिल्ली के
बाहर से फोन कर रहे हैं तो
पहले 011- डायल करें

रॉबर्ट जे. गारवेरिक, आर्थिक, पर्यावरण, विज्ञान व प्रौद्योगिकी मामलों के मिनिस्टर काउंसिलर

स्कॉट एस सिंडलर, कृषि मामलों के मिनिस्टर काउंसिलर

जॉन मैक्कैसलिन, वरिष्ठ वाणिज्यिक अधिकारी व वाणिज्यिक मामलों के मिनिस्टर काउंसिलर

भारत सरकार

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सितंबर 2021* में भारत का समग्र निर्यात (संयुक्‍त रूप से पण्‍यवस्‍तु और सेवाएं) 54.06 बिलियन अमरीकी डॉलर अनुमानित किया गया है जिससे पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 21.44 प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि दर्ज हुई

निर्यात आयात डेटा बैंक (वार्षिक)

यह एक प्रणाली है। सब कुछ व्यापार डेटा के लिए संबंधित है। यह मुख्य रूप से डेटा व्यापार के बारे में जानकारी देता है। डेटा का स्रोत DGCI&S है। यह पूरी की जानकारी देगा

यह एक प्रणाली है। सब कुछ व्यापार डेटा के लिए संबंधित है। यह मुख्य रूप से डेटा व्यापार के बारे में जानकारी देता है। डेटा का स्रोत DGCI&S है। यह पूरी की जानकारी देगा

विदेश व्यापार प्रदर्शन विश्लेषण (FTPA)

यह एक प्रणाली है। सब कुछ व्यापार डेटा के लिए संबंधित है। यह मुख्य रूप से डेटा व्यापार के बारे में जानकारी देता है। डेटा का स्रोत DGCI&S है। यह पूरी की जानकारी देगा

SAFTA (भारत, पाकिस्तान, व्यापार प्रणाली नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव और अफगानिस्तान) पर समझौता

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कंपनी अधिनियम 1956 की धारा 25 के अंतर्गत कंपनी के रूप में 31 मार्च, 1995 को राष्ट्रीरय व्याीपार सूचना केंद्र का निगमन किया गया। कंपनी ने मार्च, 1996 से काम करना आरंभ किया। अपने कामकाज के प्रशासन के लिए इसका एक निदेशक मंडल है जिसमें वाणिज्यक एवं उद्योग मंत्रालय, राष्ट्री य सूचना विज्ञान केंद्र (एन आई सी) भारतीय विदेश व्याकपार संस्थाान (आई आई एफ टी) तथा वाणिज्यिक आसूचना एवं सांख्यिकी महानिदेशालय (डी जी सी आई एंड एस) के प्रतिनिधि शामिल हैं। अन्य प्रतिनिधि भारतीय व्याआपार व्यापार प्रणाली संवर्धन संगइन (आई टी पी ओ) तथा अन्यक निर्यात संवर्धन परिषदों / व्यापार प्रणाली शीर्ष निकायों से हैं।

आईटीपीओ तथा एन आई सी इस कंपनी के संयुक्त प्रमोटर हैं तथा कंपनी के इक्विटी अंशदान में कार्पस फंड के रूप में 4 करोड़ रूपए (2 करोड़ रूपए प्रत्येमक) की राशि का योगदान दिया है।

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