नगरीय क्षेत्र में विकास योजना (मास्टरप्लान) प्रभावशील है जिसके अन्तर्गत 14 ग्राम समाविष्ट है। नगर पालिका शाजापुर के अतिरिक्त नगर पालिका क्षेत्र शुजालपुर में भी मास्टरप्लान प्रभावशील है। अतः विहित अधिनियम / नियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कलेक्टर दिनेश जैन ने जिला स्तर पर निम्नानुसार कॉलोनी सेल का गठन कर आदेश जारी किये है।
Train Ticket Checking Rule: पुरुष टीटीई नहीं कर सकता महिला रिजर्व ट्रेन कोच की जांच, जानिए क्या है नियम
Indian Railway Rules: भारतीय रेलवे के कुछ नियम ऐसे हैं, जिसके बारे में आपको शायद जानकारी होगी. उसी में से एक नियम यह भी कहता है कि पुरुष टीटीई महिला रिजर्व कोच में टिकट की जांच नहीं कर सकता है.
By: ABP Live | Updated at : 22 Dec 2022 09:43 AM (IST)
भारतीय रेलवे (PC- @jodha_23/twitter)
Indian Railway Rule: रेलवे से हर दिन लाखों की संख्यां में लोग सफर करते हैं. इस कारण रेलवे समय समय पर स्पेशल ट्रेन (Railway Special Train) चलाने से मुख्य निवेश नियम लेकर कई तरह की सुविधा उपलब्ध कराता है. समय के साथ रेलवे अपने नियमों में भी बदलाव (Indian Railway Rule Change) करता है. इसके कुछ नियम पहले से ही मौजूद हैं, लेकिन जानकारी नहीं होने से यात्री इसका लाभ नहीं उठा पाते हैं. आज एक ऐसे ही रेलवे के नियम (Indian Railway Rule) के बारे में जानकारी दी जा रही है.
बिना टिकट यात्रा करने वाले लोगों को रोकने और यात्रियों के यात्रा के दौरान कई मामलों में मदद करने के लिए टीटीई की तैनाती की जाती है. टीटीई यात्रियों के टिकट की जांच (TTE Check Train Ticket) करता है और टिकट नहीं होने पर जुर्माना लगाता है या फिर उचित कार्रवाई करता है. टीटीई मुख्य निवेश नियम को ट्रेन के सभी बोगी में जाने का अधिकार है, लेकिन महिला आरक्षित बोगी में इसे जाने के लिए नहीं कहा जाता है.
पुरुष TTE नहीं कर सकता जांच
रेलवे की वेबसाइट ईरेल डॉट इन के अनुसार, महिलाओं के लिए रिजर्व डिब्बों की जांच आमतौर पर महिला टिकट कलेक्टरों या परीक्षकों द्वारा की जानी चाहिए. पुरुष टिकट जांच अधिकारी या यात्रा टिकट परीक्षकों को "महिला" डिब्बों में एंट्री के लिए नहीं कहा जाता है. रेलवे कहता है कि वे पुरुष टिकट चेकिंग अधिकारी केवल प्लेटफॉर्म से ही महिलाओं के टिकट की जांच कर सकता है.
बिना टिकट यात्रा करने पर जुर्माना (Without Ticket Journey Penalty)
रेलवे की ओर से जानकारी दी जाती है कि अगर कोई भी यात्री बिना टिकट यात्रा करते हुए पाया जाता है तो टिकट जांच अधिकारी उचित कार्रवाई कर सकता है. रेलवे की ओर से बिना टिकट यात्रा करने पर जुर्माना लगाया जाता है. जिस स्टेशन से पैसेंजर ने यात्रा शुरू की है या जिस स्टेशन से ट्रेन चली है या चेकिंग पॉइंट से न्यूनतम अतिरिक्त शुल्क के बराबर राशि के साथ 250 रुपये का जुर्माना देना पड़ सकता है.
जुर्माना नहीं चुकाने पर क्या होगा
अगर कोई यात्री जुर्माना नहीं देता है तो टीटीई आरपीएफ का सहारा ले सकता है. बिना टिकट यात्रा करने और जुर्माने की राशि नहीं चुकाने पर धारा 137 के तहत धोखाधड़ी का मुकदमा चलाया जा सकता है. साथ ही जेल भी जाना पड़ सकता है.
Published at : 21 Dec 2022 06:25 PM (IST) Tags: Indian Railway IRCTC IRCTC Rule women reserve Coach हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Utility-news News in Hindi
Landmark Cars Share Price: मुख्य निवेश नियम लैंडमार्क कार्स के आईपीओ ने निवेशकों को किया निराश, 7 फीसद डिस्कांउट पर हुआ लिस्ट
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। देश में बड़ी लक्जरी कार डीलर कंपनी लैंडमार्क कार्स के आईपीओ की लिस्टिंग शुक्रवार को हुई। कंपनी का शेयर एनएसई पर सात प्रतिशत डिस्काउंट पर 471 रुपये पर लिस्ट हुआ। आईपीओ में कंपनी के शेयर का प्राइस 506 रुपये निर्धारित किया गया था। कंपनी के शेयर की लिस्टिंग ऐसे समय में पर हुई है, जब शेयर बाजार में गिरावट का माहौल है और दोनों ही मुख्य इंडेक्स सुबह 10:30 बजे तक लगभग एक- एक प्रतिशत नीचे कारोबार कर रहे थे।
आईपीओ को मिला था अच्छा रिस्पाॉन्स
लैंडमार्क कार्स का आईपीओ का सब्सक्रिप्शन 15 दिसंबर को बंद हुआ था। कंपनी के आईपीओ को 3.06 गुना का सब्सक्रिप्शन मिल था। संस्थागत निवेशकों की ओर से भी आईपीओ में अच्छी खरीदारी देखी गई है। वहीं, कंपनी के आईपीओ को 80,41,805 शेयरों के मुकाबले 2,46,45,186 शेयरों की बोलियां प्राप्त हुई थीं।
क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए बनी श्रेणी को 8.71 गुना सब्सक्राइब किया गया, गैर-संस्थागत निवेशकों को 1.32 गुना सब्सक्रिप्शन मिला और खुदरा व्यक्तिगत निवेशकों (आरआईआई) को 59% का सब्सक्रिप्शन मिला।
लैंडमार्क कार्स के शेयरों की बात करें तो कंपनी इस पब्लिक ऑफर से 552 करोड़ रुपये जुटाए थे। इसमें से 402 करोड़ रुपये का ऑफर फॉर सेल (OFS) था। ओएफएस के तहत प्रमोटर संजय करसनदास ठक्कर और निवेशक टीपीजी ग्रोथ II एसएफ, आस्था और गरिमा मिश्रा शेयर बेच थे। वहीं, बाकी 150 करोड़ रुपये के लिए फ्रेश इश्यू जारी किया गया था।
लैंडमार्क कार्स का कारोबार
देश में लैंडमार्क कार्स लक्जरी कार्स की एक बड़ी डीलर है। कंपनी के पास मर्सिडीज-बेंज, होंडा, जीप, वोक्सवैगन और रेनॉल्ट के लिए डीलरशिप्स हैं।
अवैध कॉलोनीयों के निर्माण पर लगेगी लगाम, कलेक्टर का आदेश जारी
शाजापुर/आदित्य शर्मा : शाजापुर जिले में नगर पालिका एवं नगर परिषद के शहरी क्षेत्रों में निरन्तर हो रहे विकास के कारण आवासीय क्षेत्रों की मांग बढ़ने से अवैध कॉलोनाइजेशन की गतिविधियों में निरन्तर वृद्धि हो रही है। इस संबंध में भूखण्ड केताओं द्वारा भी अधोसंरचना का विकास न होने के संबंध में लगातार शिकायतें कलेक्ट्रेट व एसडीएम को प्रस्तुत की जा रही है।
जिले में अवैध कॉलोनीयों के निर्माण करने वाले व्यक्तियों द्वारा मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम-1973, मध्यप्रदेश नगर पालिका कॉलोनी विकास नियम-2021 तथा मध्यप्रदेश ग्राम पंचायत (कोलोनियों का विकास) नियम-2014 के प्रावधानों का पालन न करते हुए न तो आवश्यक अनुमतियां प्राप्त की जाती है, न ही स्थल पर नियमानुसार अधोसंरचना का विकास कार्य किया जाता है।
नगरीय क्षेत्र में विकास योजना (मास्टरप्लान) प्रभावशील है जिसके अन्तर्गत 14 ग्राम समाविष्ट है। नगर पालिका शाजापुर के अतिरिक्त नगर पालिका क्षेत्र शुजालपुर में भी मास्टरप्लान प्रभावशील है। अतः विहित अधिनियम / नियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कलेक्टर दिनेश जैन ने जिला स्तर पर निम्नानुसार कॉलोनी सेल का गठन कर आदेश जारी किये है।
जिसमें अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को प्रभारी अधिकारी तथा संबंधित तहसीलदार / नायब तहसीलदार (नगरीय निकाय) मुख्य नगर पालिका अधिकारी / प्रतिनिधी (नगरीय निकाय) क्षेत्रीय राजस्व निरीक्षक / पटवारी – जांच दल में है।
जारी आदेश के मुताबिक कॉलोनी सेल की नस्तियों का संधारण एवं प्रचालन शंकर बघेल राजस्व निरीक्षक ( व्यपवर्तन) द्वारा किया जाएगा तथा अवैध कॉलोनी विकास के संबंध में शिकायत / प्रतिवेदन प्राप्त होने पर प्रथमतः उपरोक्तानुसार जांच दल को प्रेषित किया जाएगा। जांच दल से प्रतिवेदन / रिपोर्ट प्राप्त होने पर प्रकरण प्रभारी अधिकारी के माध्यम से नियम 22 के तहत कार्यवाही हेतु सक्षम प्राधिकारी महोदय के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
जारी आदेश में अनुभाग मुख्य निवेश नियम शुजालपुर क्षेत्र से संबंधित जांच प्रतिवेदन / रिपोर्ट अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) शुजालपुर के माध्यम से सक्षम प्राधिकारी के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी तथा सक्षम प्राधिकारी नियम-22 में विहित प्रक्रिया का पालन करते हुए अपेक्षित कार्यवाही सुनिश्चित कराएंगे तथा स्थानीय नगरीय निकाय को नियम 26 के प्रावधानों के तहत दाण्डिक कार्यवाही हेतु आदेशित कर सकेंगे।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2022-23 सीरीज III के लिए सब्सक्रिप्शन शुरू, जानिए इसके बारे में मुख्य निवेश नियम सबकुछ
Sovereign Gold Bond Scheme: जो लोग सोना खरीदना चाहते हैं, उसमें निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए एक बार फिर सॉवरेन गोल्ड बॉऩ्ड मुख्य निवेश नियम स्कीम शुरु हो रही है जिसमें आप एक तरीके से सस्ता सोना खरीद सकते हैं। सोने के लिए अपने बजट के बराबर पैसा लगाकर शानदार मुनाफा हासिल कर सकते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2022-23 सीरीज 3 का सब्सक्रिप्शन शुरू कर दिया है, जो पांच दिनों के लिए ओपन रहेगा। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का इशू प्राइस 999 शुद्ध सोने की कीमत के आधार पर तय होता। इस बार नई किस्त का इशू प्राइस 5409 रुपये प्रतिग्राम रखा गया है।
आरबीआई की ओर से जारी बयान में बताया गया कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2022-23 सीरीज III के लिए सब्सक्रिप्शन अवधि 19-23 दिसंबर, 2022 तक रहेगी, जबकि इसके जारी होने की तिथि 27 दिसंबर रहेगी।
कौन खरीद सकता है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड ?
आरबीआई की ओर से जारी नए सर्कुलर के अनुसार, कोई भी व्यक्ति, एचयूएफ, ट्रस्ट, यूनिवर्सिटी और चैरिटेबल संस्था सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीद सकती है। किसी भी व्यक्ति या संस्था को कम से कम 1 ग्राम या उसके गुणज में सोना खरीदना होगा। एक व्यक्ति एवं एचयूएफ अधिकतम 4 किलो गोल्ड और ट्रस्ट एवं संस्थाएं अधिकतम 20 किलो गोल्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं।
ऑनलाइन खरीद पर मिलेगा डिस्काउंट
भारतीय रिजर्व बैंक के साथ एग्रीमेंट में, भारत सरकार ने उन निवेशकों को डिस्काउंट देने का फैसला किया है जो ऑनलाइन आवेदन करते हैं अगर कोई व्यक्ति या संस्था डिजिटल माध्यम से ऑनलाइन सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीदती है, तो उसे प्रति ग्राम 50 रुपये का डिस्काउंट दिया जाएगा। इन निवेशकों के लिए गोल्ड बांड का निर्गम मूल्य रु. 5,359 रुपये प्रति ग्राम होगा।
SBI के माध्यम से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) कैसे खरीदें
1. क्रेडेंशियल्स का उपयोग करके एसबीआई नेट बैंकिग में लॉग इन करें
2. मेन मेनू से ‘ई-सर्विस’ पर क्लिक करें
3. ‘सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम’ पर क्लिक करें
4. यदि आप पहली बार निवेश कर रहे हैं तो आपको रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
5. हेडर टैब से ‘रजिस्टर’ चुनें, फिर ‘नियम और शर्तें’, फिर ‘आगे बढ़ें’.
6. अपनी सभी डिटेल के साथ नॉमिनेशन और अन्य डिटेल जोड़ें
7. NSDLया CDSL से डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट चुनें जहां आपका डीमैट अकाउंट है
8. डीपी आईडी, क्लाइंट आईडी दर्ज करें और ‘सबमिट’ टैब पर क्लिक करें
9. डिटेल की पुष्टि करें और ‘सबमिट’ टैब पर क्लिक करें
10। रजिस्ट्रेशन के बाद हेडर टैब से ‘खरीदारी’ चुनें
11. नॉमिनेशन क्वांटिटी, नॉमिनेशन डिटेल दर्ज करें
12. अपना ओटीपी दर्ज करें और ‘पुष्टि करें’ पर क्लिक करें
Don’t miss out on this golden opportunity!
SOVEREIGN GOLD BONDS SCHEME 2022-23 Tranche-III opens from 19th Dec – 23rd Dec, 2022
Know more: https://t.co/toePwiynMR#SovereignGoldBond #AzadiKaAmritMahotsavWithSBI #SBI pic.twitter.com/W4rLKCSI2W— State Bank of India (@TheOfficialSBI) December 18, 2022
ऑफलाइन कहां से खरीद सकते हैं?
आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को सभी बड़े बैंकों के माध्यम से खरीद सकते हैं, जैसे जैसे एसबीआई और एचडीएफसी बैंक। निर्धारित डाकघरों से भी इसकी खरीद हो सकती है। किसी भी लघु वित्त बैंक, भुगतान बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक से भी खरीद सकते हैं। इसके अलावा आप स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), क्लीयरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (CCIL), एनएसई और बीएसई से भी इन बॉन्ड्स को खरीद सकते हैं।
क्या है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड?
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सोने में निवेश की सरकारी स्कीम है। भारत सरकार की ओर से RBI सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी करता है। इसमें भौतिक रूप से सोने की खरीद के बजाय डिजिटल गोल्ड में निवेश की सुविधा होती है। सरकार ने 2015 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना शुरू की थी। इसके तहत वित्त वर्ष में 4 बार सब्सक्रिप्शन का मौका मिलता है। इस बार सब्सक्रिप्शन के लिए तीसरी सीरीज 19 से 23 दिसंबर तक खुली रहेंगी। इस वित्त वर्ष की चौथी सीरीज 6 से 10 मार्च तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगी. इससे पहले, जनवरी और अगस्त 2022 में SGB में निवेश की सुविधा दी गई थी।
एक बार में कितना गोल्ड बॉन्ड खरीद सकते हैं?
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की मैच्योरिटी 8 साल की होती है. इस दौरान 2.5% की सालाना दर से ब्याज मिलता है, यानी 8 साल में 20 प्रतिशत ब्याज मिलेगा। 5वें साल से आपको विड्रॉल ऑप्शन मिल जाता है और ब्याज भी मिलने लगता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में कम से कम एक ग्राम सोने का निवेश किया जा सकता है, और व्यक्तियों, एचयूएफ, और ट्रस्टों और अन्य समान संस्थाओं के लिए प्रत्येक वित्तीय वर्ष में निवेश की जा सकने वाला अधिकतम निवेश क्रमश: चार किलोग्राम, चार किलोग्राम और बीस किलोग्राम है। अच्छी बात ये है कि इसे नाबालिग के नाम पर भी खरीदा जा सकता है।
फिजिकल गोल्ड और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में क्या फर्क है
दरअसल, फिजिकल सोना खरीदने में कई दिक्कतें होती हैं। एक मुख्य निवेश नियम मुख्य निवेश नियम तरफ सोने की शुद्धता की चिंता तो दूसरी तरफ सोना खरीदने और गहने बनवाने पर GST और मेकिंग चार्ज भी देन पड़ता हैं। SGB बॉन्ड GST के दायरे में नहीं है, जबकि फिजिकल गोल्ड पर 3% GST लगता है। घर में सोना रखने पर उसकी सुरक्षा की भी चिंता रहती है। SGB पेपर फॉर्म में होता है, तो इसके रखरखाव में खर्च नहीं करना पड़ता। निवेश के नजरिये से फिजिकल गोल्ड के मुकाबले सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में पैसा लगाना बेहतर माना जा सकता है, क्योंकि बाजार में चाहे कितनी भी उथल-पुथल हो आपका नुकसान नहीं होगा।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के फायदे
गोल्ड बांड योजना का मकसद फिजिकल सोने की मांग को कम करना है। जैसे आपने सोना खरीदकर घर में रखा है और भाव बढ़ने का इंतजार करना होगा। लिहाजा गोल्ड बॉन्ड में पैसा लगाकर निवेशक सोने की सुरक्षा की मानसिक चिंता से भी मुक्त रह सकता है। यही कुछ खास वजहें हैं जिनके कारण लोगों की दिलचस्पी गोल्ड बॉन्ड में बढ़ रही है। साथ ही घरेलू बचत को वित्तीय बचत में बदलकर इसका ऐसा इस्तेमाल करना है ताकि इससे आम निवेशकों को सस्ता सोना मिले तो वहीं अर्थव्यवस्था को भी फायदा हो।
नगरीय विकास एवं आवास विभाग
1950 में भारत के गणतंत्र की नींव के साथ राज्यों का पुनर्गठन हुआ, इसके फलस्वरूप मध्य प्रदेश राज्य की स्थापना 1956 में की गयी, सन 2000 तक भौगोलिक रूप से मध्य प्रदेश सबसे बड़ा राज्य था। सन 2000 में इसका विभाजन कर छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना की गयी, इसके बावजूद भी यह राजस्थान के बाद दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। देश के कुल क्षेत्रफल का 9.5% (308,000 वर्ग की.मी.) और 6% जनसंख्या (7.25 करोड़) मध्य प्रदेश में है। देश की कुल नगरीय जनसंख्या के आधार पर मध्य प्रदेश अपनी 5.57% जनसंख्या के साथ आठवे स्थान पर आता है।
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