एल्गो ट्रेडिंग कैसे करते हैं इससे रिलेटेड आप यूट्यूब पर वीडियो देख सकते हैं तो आपको एल्गो टेस्ट सॉफ्टवेयर के बारे में वीडियो मिल जाएंगी।
GBP/JPY ends week flat
FXStreet (Córdoba) - Cable ended the week unchanged against the yen, but holding a slightly bearish bias in the short term. GBP/JPY bottomed on Tuesday at 176.62 and then bounced and peaked the same day at 178.72; after that moved all week sideways. On Thursday after being unable to hold above 178.00, fell modestly.
The decline found support during Thursday and Friday at 177.05/15 and then rebounded slightly to finish the week trading around 177.50.
Price action stabilized during the last few days after soaring in the previous two week more than 800 pips. The long term trend is still bullish but in the short term is not clear.
The strength of the US dollar favored the stabilization of GBP/JPY. The rise of USD/JPY was offset by a sharp decline in GBP/USD.
NZD/UD RSI offers potential for lower yet
NZD/USD is trading at 0.7869, down -0.72% on the day, having posted a daily high at 0.7957 and low at 0.7861.
The US Stocks market closed the week with a strong note as major indexes posted around 1% gains in the day and they cut weekly losses; however the advance wasn't enough to close the week with gains.
SEBI in Action: 10 साल तक शेयरों की खरीद-बिक्री नहीं कर सकेगा मेहुल चोकसी, 5 करोड़ का जुर्माना भी, समझें क्या है पूरा मामला
SEBI in Action: पूंजी बाजार नियामक SEBI ने भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) को सिक्योरिटीज मार्केट से 10 साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। इसके अलावा चोकसी पर पांच करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। सेबी ने यह कार्रवाई गीतांजलि जेम्स (Gitanjali Gems) के शेयरों की गलत तरीके से ट्रेडिंग को लेकर किया है। सेबी ने आज 31 अक्टूबर को इससे जुड़ा आदेश जारी किया है।
सेबी के आदेश के मुताबिक चोकसी को 45 दिन के भीतर जुर्माना भरना है। चोकसी गीतांजलि जेम्स के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक होने के साथ कंपनी के प्रमोटर ग्रुप का हिस्सा था। इस साल फरवरी में सेबी ने गीतांजलि जेम्स के मामले में इनसाइडर ट्रेडिंग के नियमों के उल्लंघन के चलते चोकसी पर सिक्योरिटीज मार्केट से एक साल का प्रतिबंध और 1.5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया प्राइस एक्शन ट्रेडिंग कभी गलत नहीं है था।
SEBI in Action: 10 साल तक शेयरों की खरीद-बिक्री नहीं कर सकेगा मेहुल चोकसी, 5 करोड़ का जुर्माना भी, समझें क्या है पूरा मामला
SEBI in Action: पूंजी बाजार नियामक SEBI ने भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) को सिक्योरिटीज मार्केट से 10 साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। इसके अलावा चोकसी पर पांच करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। सेबी ने यह कार्रवाई गीतांजलि जेम्स (Gitanjali Gems) के शेयरों की गलत तरीके से ट्रेडिंग को लेकर किया है। सेबी ने आज 31 अक्टूबर को इससे जुड़ा आदेश जारी किया है।
सेबी के आदेश के मुताबिक चोकसी प्राइस एक्शन ट्रेडिंग कभी गलत नहीं है को 45 दिन के भीतर जुर्माना भरना है। चोकसी गीतांजलि जेम्स के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक होने के साथ कंपनी के प्रमोटर ग्रुप का हिस्सा था। इस साल फरवरी में सेबी ने गीतांजलि जेम्स के मामले में इनसाइडर ट्रेडिंग के नियमों के उल्लंघन के चलते चोकसी पर सिक्योरिटीज मार्केट से एक साल का प्रतिबंध और 1.5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।
Algo Trading के फायदे
एल्गो ट्रेडिंग के फायदे बहुत हैं जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं-
- Emotionaless Trading – एल्गो ट्रेडिंग का सबसे अच्छा फायदा या है कि इसमें किसी व्यक्ति का इंवॉल्वमेंट नहीं होता है जिससे इमोशनल ट्रेडिंग नहीं होती है क्योंकि इमोशनल ट्रेडिंग से हमें अच्छा खासा लॉस हो सकता है एल्गो ट्रेडिंग में इमोशनलेस ट्रेडिंग होती है अगर आपको फायदा होता प्राइस एक्शन ट्रेडिंग कभी गलत नहीं है है तो तो ठीक है लेकिन आपके स्टॉपलॉस पर यह आपको बाहर कर देगा।
- Unlimited Backtesting– एल्गो सॉफ्टवेयर के माध्यम से आप जितना चाहे व्यक्ति स्टिंग कर सकते हैं और बहुत ही कम समय में आप कई सालों की बैक टेस्टिंग कर सकते हैं जिससे आपकी ट्रेडिंग में बहुत अच्छा कॉन्फिडेंस बिल्ड होता है।
- High Speed Trade – किसी इंसान द्वारा कोई भी ट्रेड बहुत जल्दी नहीं लिया जा सकता समय लगता है और जो इंस्टीट्यूशंस और बड़ी ट्रेडर के लिए यह आसान नहीं होता उन्हें बहुत जल्दी ट्रेड लेने होते हैं और बड़ी क्वांटिटी में ट्रेड लेने होते हैं लेकिन मार्केट में ज्यादा कॉन्टिटी के आर्डर एक ही समय में ऑर्डर करना आसान नहीं है लेकिन एल्गो ट्रेडिंग से बहुत आसान बनाती है एल्गो ट्रेडिंग से माध्यम से आप सेकंड में अपने ऑर्डर को एग्जीक्यूट प्राइस एक्शन ट्रेडिंग कभी गलत नहीं है कर सकते हैं।
- Time Freedom – जब हम ट्रेड लेते हैं तो हमें मार्केट को दिनभर देखना होता है और टारगेट एवं लॉस को देखना होता है लेकिन जब आपने एक बार एल्बो सेट कर दिया है प्राइस एक्शन ट्रेडिंग कभी गलत नहीं है तो आप और भी अपना काम कर सकते हैं एवं ट्रेडिंग का काम मार्केट में आपका एल्गो ट्रेडिंग करेगा इसमें आपकी समय की बचत अच्छी होती है अगर आपके पास समय की कमी है तो एल्गो ट्रेडिंग आपके लिए वरदान है।
- एल्गो ट्रेडिंग में आप अनलिमिटेड स्टॉक के डाटा को एनालाइज कर सकते हैं एवं उन पर एक ही टाइम पर नजर रख सकते हैं।
Algo Trading के नुकसान
एल्गो ट्रेडिंग आज के समय में बहुत प्राइस एक्शन ट्रेडिंग कभी गलत नहीं है प्रचलित हो रहा है और लोगों का कहना है कि एल्गो ट्रेडिंग भविष्य है क्योंकि भविष्य मेल को ट्रेडिंग ही होने वाली है तो दोस्तों एल्गो ट्रेडिंग के नुकसान की बात करें तो एल्गो ट्रेडिंग के नुकसान बहुत कम है लेकिन किसी भी नए ट्रेडर के लिए एल्गो ट्रेडिंग बिल्कुल प्राइस एक्शन ट्रेडिंग कभी गलत नहीं है भी नहीं है पहले उसे मैनुअली ट्रेडिंग सीखनी होगी।
इसी के साथ आपको बता दें कि एल्गो ट्रेडिंग कंप्यूटर या फिर रोबोट द्वारा जाने वाली ट्रेडिंग है और आपको पता ही होगा कि कंप्यूटर कभी भी गलती नहीं प्राइस एक्शन ट्रेडिंग कभी गलत नहीं है करता है अगर आप कोई Algo Trading स्ट्रेटजी बना रहे हैं और उसमें कोई गलती हो जाती है तो आप इसे इग्नोर बिल्कुल भी नहीं कर सकते क्योंकि इससे आपको बहुत ज्यादा नुकसान हो सकता है।
तो साथियों आशा करता हूं कि आपको इस लेख के माध्यम से एल्गो ट्रेडिंग क्या है (Algo Trading in Hindi) एल्गो ट्रेडिंग कैसे करते हैं एल्गो ट्रेडिंग के फायदे एवं नुकसान क्या है इससे संबंधित पूरी जानकारी आपको विस्तार से मिल गई होगी ऐसे ही शेयर मार्केट से संबंधित खबरों एवं प्राइस एक्शन ट्रेडिंग कभी गलत नहीं है जानकारियों के लिए हमारे ब्लॉग को पढ़ते रहिए एवं इस लेख को अपने दोस्तों के साथ नीचे दिए गए शेयर बटन के माध्यम से शेयर जरूर करें धन्यवाद।
शेयर बाजार को वैसे तो जोखिम वाली जगह माना जाता है, लेकिन निवेशक अपनी जानकारी और सावधानी के बूते यहां खूब मुनाफा भी कमात . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : June 03, 2022, 16:04 IST
नई दिल्ली. कभी-कभी जरा सी चूक कितनी भारी पड़ सकती है, इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है. ऐसी ही एक घटना बृहस्पतिवार को NSE पर ट्रेडिंग के दौरान सामने आई, जब ब्रोकर के एक गलत क्लिक से ही करीब 250 करोड़ रुपये का नुकसान हो गया.
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, ब्रोकरेज की भाषा में इसे फैट फिंगर ट्रेडिंग कहते हैं, जहां कोई ब्रोकर ऑर्डर प्लेस करते समय गलती से की-बोर्ड का ऐसा बटन दबा देता है जो उसके पूरे सौदे को तबाह कर देता है. भारत में यह अब तक का सबसे बड़ा मामला है. अनुमान है कि इसमें ब्रोकर को 200-250 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इससे पहले साल 2012 में ब्रोकरेज हाउस एमके ग्लोबल को भी इसी तरह के एक मामले में 60 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा था.
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