अमेरिका में व्यापार करना
राष्ट्रपति ओबामा ने अमेरिका को दुनिया का प्रमुख व्यापारिक स्थान प्रदर्शित करने के लिए सेलेक्ट यूएसए योजना की घोषणा की है। और संघीय-स्तर के कार्यक्रमों और सेवा संबंधी व्यापार निवेश में भाग लेना सरल बनाया है। सेलेक्ट यूएसए को हमारे राज्यों की गतिविधियों में सहायक के रूप में बनाया गया है- अमेरिका में आर्थिक विकास के प्राथमिक संचालक के रूप में।
शुरू करना
यहां संभावित निवेशकों के लिए अमेरिकी सेवाओं का अच्छा उपयोग करने हेतु कुछ व्यावहारिक कदम यहां दिए गए हैं।
अमेरिका में निवेश करने के लिए सामान्य जानकारी प्राप्त करने हेतु सेलेक्ट यूएसए डाॅट जीओवी वेबसाइट देखें। सेलेक्ट यूएसए व्यापार और निवेश के लिए उचित स्थान के रूप में अमेरिका में सुविधाओं को रेखांकित करता है। विशाल घरेलू बाजार से लेकर पारदर्शी कानूनी प्रणाली, दुनिया में सबसे उन्नत कंपनिया सहित अमेरिका व्यापार की जगह है। वेबसाइट पर विभिन्न राज्यों और प्रदेशों द्वारा प्रस्तुत व्यापार प्रोत्साहन ब्राउज कर सकते हैं।
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Opinion: भारतीय रेल की बड़ी उड़ान
दस सुरंगों और 50 पुलों से गुजरती हुई 25 किलोमीटर लंबी ऊधमपुर-कटरा रेल लाइन का चालू होना भारतीय रेल के इतिहास का एक औरअध्याय है. अठारहवीं सदी के उत्तरार्ध में जिस रेल ने भारत में कदम ट्रेंड लाइनों के साथ व्यापार रखा था, उसके जैसे पंख लग गए हैं और आज वे हिमालय के दुर्गम रास्तोंके ऊपर भी फैल गए हैं.
मधुरेन्द्र सिन्हा
- नई दिल्ली,
- 04 जुलाई 2014,
- (अपडेटेड 10 जनवरी 2015, 2:05 PM IST)
दस सुरंगों और 50 पुलों से गुजरती हुई 25 किलोमीटर लंबी ऊधमपुर-कटरा रेल लाइन का चालू होना भारतीय रेल के इतिहास का एक और अध्याय है. अठारहवीं सदी के उत्तरार्ध में जिस रेल ने भारत में कदम रखा था, उसके जैसे पंख लग गए हैं और आज वे हिमालय के दुर्गम रास्तों के ऊपर भी फैल गए हैं.
यह रेल लाइन इसलिए महत्वपूर्ण नहीं है कि यह भारत के एक बड़े धार्मिक स्थल को शेष भारत से जोड़ती है बल्कि हिमालय में भी अपनी इंजीनियरिंग और अपने कौशल का परिचय देती है. सैकड़ों सालों तक हिमालय भारत के सामने एक चुनौती की तरह खडा़ रहा और इसकी ऊंची-ऊंची पर्वतमालाओं पर रेल लाइन बिछाने की बात सोचना भी एक सपना था लेकिन अब वह पूरा होता दिख रहा है. 1,132 करोड़ रुपये की लागत से बनी यह रेल लाइन अंततः जम्मू-कश्मीर के लिए एक लाइफ लाइन बन जाएगी. पिछली सदी में भारतीय रेल के इंजीनियरों और कर्मियों ने ई श्रीधरन के कुशल नेतृत्व में कोंकण रेल की परियोजना पूरी करके दुनिया भर में अपनी कीर्ति फैलाई. अब जम्मू-कश्मीर में हमें इंजीनियरिंग का कमाल देखने को मिल रहा है. हिमालय पर एक बार फिर विजय की तैयारी है. हिमालय पर रेल लाइन बिछाना भारत के लिए एक रणनीतिक महत्व भी है. चीन ने जिस तरह अपनी रेल का प्रसार किया है वह हैरान कर देने वाला है. वह तिब्बत के दुर्गम रास्तों तक अपनी रेल ले आया है और अब पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर तक उसे पहुंचाने की तैयारी में है.
इसका मतलब यह हुआ कि चीन रेल से सीधे भारत की सीमा तक आ पहुंचेगा. यह न केवल हैरानी की बात है बल्कि चिंता की भी. इससे न केवल बड़े पैमाने पर साजो सामान बल्कि सैनिक भी पहुंचाए जा सकते हैं. दूसरी ओर चीन पूर्वोत्तर में भी रेल लाइनें बिछाने की तैयारी में है. रक्षा की दृष्टि से वह भी एक महत्वपूर्ण इलाका है जहां काफी समय से चीन नजरें गड़ाए बैठा है. ऐसे में भारतीय रेल की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है. हमें भी उसका उन इलाकों तक विस्तार करना ही होगा और न केवल सीमाओं की रक्षा के विचार से बल्कि व्यापार बढ़ाने के लिहाज से भी. हम सभी जानते हैं कि चीन हाल के वर्षों में भारत का बहुत बड़ा व्यापारिक साझीदार बन गया है और हम उसके साथ सालाना लगभग 80 अरब डॉलर का व्यापार करते हैं और अनुमान है कि यह 2015 तक बढ़कर 100 अरब डॉलर का हो जाएगा.
इतिहास गवाह है कि भारत का चीन ट्रेंड लाइनों के साथ व्यापार के साथ व्यापार का रिश्ता बेहद पुराना है और वह विख्यात सिल्क रूट जिससे उस जमाने में दोनों देशों के व्यापारी आते-जाते थे, अब प्रासंगिक नहीं रह गया है. इतने बड़े पैमाने पर व्यापार अब समुद्री जहाजों से होता है जिस पर ज्यादा लागत आती है और समय भी बहुत लगता है. इस दृष्टि से भी हिमालय की ऊंची-नीची घाटियों में रेल चलाना जरूरी है.
लेकिन यह जितना आसान दिखता है उतना है नहीं. इन परियोजनाओं के लिए रेलवे को 80,000 करोड़ रुपए की जरूरत होगी और तब 14 रेल लाइनें बिछ सकेंगी जिनमें तीन पूर्वोत्तर में हैं. ज़ाहिर है यह बहुत बड़ी रकम है और अब देखना है कि नई सरकार इसका बीड़ा कैसे उठाती है. अभी तो शुरुआत भर है.
मणिपुर में पहुंची पहली मालगाड़ी (Freight Train)
27 जनवरी, 2022 को पहली मालगाड़ी मणिपुर के रानी गैदिनल्यू (Rani Gaidinliu) स्टेशन पर पहुंची। 75 साल बाद मणिपुर में प्रवेश करने वाली यह पहली मालगाड़ी है। यह मणिपुर राज्य में हो रहे तेजी से परिवर्तन को दर्शाता है।
मणिपुर में नई रेलवे लाइन
मणिपुर एक पहाड़ी राज्य है। इस कारण से इस क्षेत्र में रेलवे लाइनों का निर्माण करना कठिन था। मणिपुर में बनी नई रेलवे लाइन 111 किमी लंबी है। यह जिरीबाम से इंफाल तक चलती है। जिरीबाम रेलवे स्टेशन असम-मणिपुर सीमा से 17 किमी ट्रेंड लाइनों के साथ व्यापार दूर है। रेल विभाग नई रेल लाइन के साथ 46 सुरंगों का निर्माण करेगा। साथ ही इसमें 153 ब्रिज भी शामिल हैं। इसी लाइन में दुनिया का सबसे ऊंचा ब्रिज है। यह नोनी जिले में है।यह पुल 141 मीटर ऊंचा है। रेलवे अब तक रेलवे लाइन के निर्माण में 14,000 करोड़ रुपये खर्च कर चुका है। यह निर्माण 2013 में शुरू हुआ था। इस लाइन का निर्माण इंफाल तक किया जाना था। अब, मोरेह तक विस्तार करने की योजना है। मोरेह मणिपुर-म्यांमार सीमा पर स्थित ट्रेंड लाइनों के साथ व्यापार एक व्यापारिक केंद्र है।
महत्व
पूर्वोत्तर के लिए रेल संपर्क का विस्तार करके, भारत सरकार दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ अपने व्यापार को बढ़ाने की कोशिश कर रही है। भारत की योजना आसियान देशों के साथ व्यापार बढ़ाने के लिए उत्तर पूर्वी राज्यों को प्रवेश द्वार के रूप में उपयोग करने की है। साथ ही, भारत सरकार यहां उग्रवाद को कम करने के लिए इस क्षेत्र से संपर्क बढ़ा रही है। यदि संपर्क बढ़ता है, तो व्यापार बढ़ता है और क्षेत्र का आर्थिक विकास बढ़ता है। इससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़े हैं। वे आतंकवादी समूहों के प्रति कम संवेदनशील हो जाते हैं।
ट्रांस एशियन रेलवे ( Trans Asian Railway)
मोरेह तक रेल लाइन का विस्तार करने की योजना ट्रांस एशियन रेलवे का एक हिस्सा है। ट्रांस एशियन रेलवे निर्माणाधीन है। ट्रेंड लाइनों के साथ व्यापार ट्रांस एशियन रेलवे का उद्देश्य एशिया और यूरोप के बीच एक रेल मार्ग बनाना है। यह एशिया और प्रशांत के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग की एक परियोजना है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य सिंगापुर, इस्तांबुल और तुर्की के बीच एक सतत रेल लिंक प्रदान करना है।
Jabalpur Railway News : नई रेल परियोजनाओं के लिए यात्री और व्यापारी, दोनों संभावनाएं तलाशेगा रेलवे
जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। रेलवे इस बार नई रेल परियोजनाओं पर काम करने के लिए भौगोलिक परिस्थितियों के साथ यात्रियों की मांग और व्यापारिक संभावनाओं को भी देखेगा। इसके लिए पश्चिम मध्य रेलवे के तीनों मंडल के साथ देशभर के रेल मंडलों ने काम शुरू कर दिया है। इधर, जबलपुर रेल मंडल भी दो नई रेल परियोजनाओं के सर्वे का काम शुरू करने जा रहा है। इनमें दमोह-पन्ना और पन्ना-सागर नई रेल लाइन का काम है। इनके सर्वे के दौरान मंडल का कमर्शियल विभाग रेलवे की आय और व्यापार की संभावनाएं तलाशेगा।
नई परियोजनाओं के बदले नियम
कोरोना काल के बाद रेलने ने न सिर्फ नियमों में फेरबदल किया है, बल्कि अपने काम करने के तरीके भी बदल दिए हैं। इस बार पुरानी परियोजनाओं की हर दिन समीक्षा हो रही है। इनके काम की रफ्तार जानने के लिए रेलवे बोर्ड के अधिकारी के साथ रेल मंत्री भी नजर रखे हुए हैं। हाल ही में इनकी सुस्त रफ्तार को देखते हुए पमरे जोन समेत कई जोन में बदलाव किए गए। वहीं अब नई परियोजनाओं को शुरू करने के लिए रेलवे ने यात्री संभावनाओं, स्थानीय संगठन और आम लोगों की मांग के साथ वहां पर रेलवे को मिलने वाले व्यापारी और यात्रियों की संख्या का भी आंकलन शुरू हाेगा।
इन दो परियोजनाओं को सर्वे
दमोह से पन्ना- नई रेल लाइन में इस बार दमोह से पन्ना के बीच रेल लाइन का सर्वे होगा। इसमें जमीन के साथ जहां रेल लाइन डाली जानी है, वहां पर यात्री की मांग और व्यापारिक संभावनाओं का भी सर्वे किया जाएगा। सागर से पन्ना- दमोह से पन्ना रेल लाइन में सागर को भी जोड़ा जाना है। इसे दूसरी रेल लाइन से जोड़कर देखा जा रहा है। जबलपुर रेल मंडल द्वारा इसका भी सर्वे कर व्यापारिक संभावनाओं को तलाशा जाएगा।
पुरानी दो परियोजनाएं, नहीं हुआ काम
जबलपुर रेल मंडल की सीमा में दो और नई रेल लाइन पर काम ट्रेंड लाइनों के साथ व्यापार शुरू हुआ था, लेकिन सर्वे के बाद इनका काम नहीं बढ़ा। इनमें गाडरवारा से होते हुए इंदौर तक दूसरी रेल लाइन बिछाई जानी थी। इस पर इंदाैर से बुधनी तक रेल लाइन का काम हुआ, लेकिन फिर इसे बंद कर दिया गया। इधर, गाडरवारा से नई रेल लाइन ले जाने पर अभी तक कोई कदम नहीं हुआ है। सूत्रों के मुताबिक रेलवे को इन ट्रेंड लाइनों के साथ व्यापार परियोजनाओं में मुनाफा नजर नहीं आ रहा है। इंदौर-गाडरवारा-जबलपुर नई रेल लाइन परियोजनाओं को राजनैतिक लिहाज से बनाया जा रहा था, लेकिन ट्रेंड लाइनों के साथ व्यापार इसे भी बजट न मिलने की वजह से ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।
Railway News: धनबाद-गया रेल रूट पर पटरी ट्रेंड लाइनों के साथ व्यापार से उतरे मालगाड़ी के तीन डिब्बे, कई ट्रेनें प्रभावित
पूर्व मध्य रेल के सीपीआरओ वीरेंद्र कुमार ने बताया कि धनबाद मंडल के कोडरमा-गया रेलखंड के बीच टनकुप्पा स्टेशन पर आज, 27 दिसंबर 2022 को 03.15 बजे प्वाइंट संख्या 51/AB अप लाइन पर मालगाड़ी के 03 वैगन पटरी से उतर गए हैं, जिसके कारण अप लाइन पर ट्रेनों का परिचालन बाधित है.
उदय गुप्ता
- चंदौली,
- 27 दिसंबर 2022,
- (अपडेटेड 27 दिसंबर 2022, 9:37 AM IST)
झारखंड में मालगाड़ी के डिब्बे पटरी से उतर गए हैं. पूर्व मध्य रेल के धनबाद मंडल के कोडरमा-गया रेलखंड के बीच टनकुप्पा स्टेशन पर आज यानी 27 दिसंबर को तड़के में 03 बजकर 15 मिनट पर ये एक्सीडेंट हुआ. दरअसल, प्वाइंट संख्या 51/AB अप लाइन पर मालगाड़ी के 03 वैगन ट्रेंड लाइनों के साथ व्यापार पटरी से उतर गए, जिसकी वजह से इस रूट के अप लाइन पर ट्रेन सेवाएं बाधित हुई हैं.
घटना की जानकारी मिलते ही गोमो और गया से दुर्घटना राहत यान मौके पर पहुंच चुका है. रेलवे अधिकारियों के अनुसार मौके पर राहत कार्य जारी है. इस दुर्घटना के चलते इस रूट से गुजरने वाली कई ट्रेनें प्रभावित हुई हैं. इसमें कई ट्रेनों को बदले हुए रूप से चलाया जा रहा है. वहीं कुछ ट्रेनों को कैंसिल भी कर दिया गया है. साथ ही साथ रेलवे ने कोडरमा गया दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन धनबाद और गोमो स्टेशनों पर हेल्पलाइन नंबर भी जारी कर दिए हैं.
इन ट्रेनों का मार्ग परिवर्तन
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अपने प्रारंभिक स्टेशन से 26 दिसंबर 2022 को प्रस्थान करने वाली निम्नलिखित ट्रेनों का मार्ग परिवर्तिन वाया नेसुचबो गोमो-धनबाद- प्रधान खंटा- कुलटी- झाझा-पटना-पंडत दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन होकर किया गया है.
1. 13009 हावड़ा- योगनगरी ऋषिकेष दून एक्सप्रेस
2. 12311 हावड़ा- कालका मेल
3. 12938 हावड़ा-गाँधीधाम एक्सप्रेस
4. 12825 राँची-आनंद विहार टर्मिनस एक्सप्रेस
5. 22307 हावड़ा-बीकानेर एक्सप्रेस
6. 12321 हावड़ा-छत्रपति महाराज शिवाजी टर्मिनस एक्सप्रेस
7. 12987 सियालदह-अजमेर सुपर फास्ट एक्सप्रेस
इन ट्रेनों को किया गया है रद्द
अपने प्रारंभिक स्टेशन से 27 दिसंबर 2022 को प्रस्थान करने वाली निम्नलिखित ट्रेनों का परिचालन रद्द किया गया है
1. 13305/13306 धनबाद-डेहरी ऑन सोन-धनबाद इंटससिटी
2. 13553 आसनसोल- वाराणसी एक्सप्रेस
हेल्पलाइन नंबर जारी
1. कोडरमा स्टेशन-9262695207
2. गोमो - 9471191511
3. धनबाद-8102928627
4- गया - 9771427494
5- डी डी यू जंक्शन - 7388898100
पूर्व मध्य रेल के सीपीआरओ वीरेंद्र कुमार ने बताया कि धनबाद मंडल के कोडरमा-गया रेलखंड के बीच टनकुप्पा स्टेशन पर आज 27 दिसंबर 2022 को 03.15 बजे प्वाइंट संख्या 51/AB अप लाइन पर मालगाड़ी के 03 वैगन पटरी से उतरने के कारण अप लाइन पर ट्रेनों का परिचालन बाधित है. गोमो एवं गया से दुर्घटना राहत यान पहुंच चुका है.
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