क्रिप्टोकरेंसी पर 30% टैक्स के प्रस्ताव से Binance खुश, कहा- "भारत में लीगल हो गया क्रिप्टो!"

बजट 2022: दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टो-एक्सचेंज बाइनेंस ने मंगलवार को भारत के आम बजट में क्रिप्टोकरेंसी पर 30 फीसदी टैक्स लगाने के प्रस्ताव पर खुशी जाहिर की है

Budget 2022: दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टो-एक्सचेंज बाइनेंस (Binance) ने मंगलवार को भारत के आम बजट में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर 30 फीसदी टैक्स लगाने के प्रस्ताव पर खुशी जाहिर की है। बाइनेंस ने एक ट्वीट पर कहा, "अभी-अभी क्रिप्टो को भारत ने एक तरह से कानूनी मान्यता दे दी है। भारत सरकार ने क्रिप्टो एसेट को लेकर एक टैक्स कानून पेश किया है, जिसके जरिए भारत में क्रिप्टो को लेकर चल रही तमाम अटकलों पर अब विराम लग गया है।"

बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में बजट पेश करते हुए क्रिप्टोकरेंसी और नॉन-फंजिबल टोकन (NFT) जैसे वर्चुअल और डिजिटल एसेट्स के लेनदेन पर टैक्स लगाने का ऐलान किया। इसी टैक्स को 'क्रिप्टोकरेंसी टैक्स' कहा जा रहा है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के ट्रांसफर या ट्रांजैक्शन से होने वाली आय पर 30% टैक्स लगाने का ऐलान किया है। साथ ही उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े हर ट्रांजैक्शन पर 1% टीडीएस लगाने का भी ऐलान किया। अगर कोई आपके खाते में क्रिप्टो ट्रांसफर करता है या आपको गिफ्ट करता है, तो भी आपको उस डिजिटल एसेट्स पर पर टैक्स देना होगा।

फीचर आर्टिकल: क्रिप्टोकरेंसी की भारत में स्थिति और निवेशकों का भविष्य

पिछले कुछ समय में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश सबसे हॉट इन्वेस्टमेंट के रूप में उभरा है। खासकर युवा निवेशकों के बीच यह तेजी से लोकप्रिय हुआ है। परंपरागत रूप से सुरक्षित तरीके से पैसा लगाने वाले निवेशक भी इसमें लगातार दिलचस्पी ले रहे हैं।

जहां एक और ब्लॉकचेन की मुख्य भूमिका वाले वेब 3.0 की बात हो रही है, वहीं देश में स्टार्टअप कल्चर भी तेजी से पैर पसार रहा है। ऐसे में दुनिया की सबसे अधिक युवा आबादी वाले देशों में शुमार भारत इस कल्चर को तेजी भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? से अपना रहा है और ब्लॉकचेन आधारित तकनीकों पर बहुत अधिक ध्यान दिया जा रहा है।

क्रिप्टो टैक्स: क्रिप्टो निवेश अब मुख्यधारा में आ चुका है
भारत में क्रिप्टोकरेंसी निवेशक हमेशा से इस बात को लेकर आशंकित रहे हैं कि देश में यह निवेश कानूनी रूप से वैध है या नहीं! इसी धारणा को स्पष्ट करने के लिए पहली बार देश में इस साल के बजट में क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स की बात की गई है।

इस वर्ष के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर अब 30 प्रतिशत कर लगेगा। कराधान उद्देश्य के लिए, क्रिप्टोकरेंसी को अब वर्चुअल डिजिटल एसेट (VDA) की परिभाषा में शामिल कर लिया गया है।

इसके अलावा, लेन-देन के विवरण को विनियमित और कैप्चर करने के लिए क्रिप्टो एक्सचेंज या किसी अन्य भुगतानकर्ता द्वारा क्रिप्टोकरंसी के विक्रेता से 1 प्रतिशत टीडीएस की कटौती का भी प्रावधान किया गया है, यदि कुल भुगतान 10,000 रुपए वार्षिक से ऊपर है। यह प्रावधान 1 जुलाई 2022 से लागू किए जा रहे हैं।

इस तरह से कहा जा सकता है कि अब भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश पूरी तरह से कानूनी रूप से वैध हो चुका है। जहां तक अधिक कर की बात है तो यह एक लचीली व्यवस्था है। यह शुरुआती समय है और आने वाले समय में इस पर अधिक विचार किया जाएगा। इसके बाद निवेशकों को हित को देखते हुए इसमें आवश्यक बदलाव किए जा सकते हैं।

भारत बन रहा वेब 3.0 हब
वेब3 या वेब 3.0 एक नई शब्दावली है, जो ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है। इसका अर्थ एक ऐसे इंटरनेट स्पेस से है, जो विकेन्द्रीकृत प्रक्रिया को बढ़ावा देता है। सरल शब्दों में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के पास इंटरनेट चरण के स्वामी होने की शक्ति होती है। इसके अनुसार इंटरनेट की दुनिया में आम इंटरनेट उपयोगकर्ता शेयरधारक होंगे।

वेब 3.0 मूल रूप से यह निर्धारित करता है कि किसी दिए गए इंटरनेट व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र में भाग लेने वाले सभी विभिन्न हितधारक अपने डेटा पर नियंत्रण कैसे बनाए रखते हैं। अच्छी बात यह है कि भारत धीरे-धीरे वेब 3.0 अर्ली एडॉप्टर के रूप में भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? विकसित हो रहा है, जिसमें पूरे देश में कार्यक्रमों की योजना तेजी से बनाई जा रही है।

वेब 3.0 में इकोसिस्टम के लिए क्रिप्टो एसेट की जरूरत होती है और यही वजह है कि वेब 3.0 क्रिप्टो करेंसी के अभाव में सफल नहीं हो सकता। नए इकोसिस्टम में एक्सचेंज के मीडियम के रूप में क्रिप्टोकरेंसी का होना जरूरी है। यही कारण है कि वेब 3.0 का क्रेज क्रिप्टो व्यापार को भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? और आगे ले जाएगा।

भारत में क्रिप्टो निवेश: लगातार विकास के पथ पर अग्रसर
भारत में क्रिप्टो निवेशक और HODLers उत्साहित हैं और आशावाद से भरे हुए हैं। HODLers शब्द का चलन क्रिप्टो करेंसी को खरीदकर उसे लंबे समय तक होल्ड करने वाले लोगों के लिए किया जाता है। भारत में क्रिप्टो को वैधानिक मान्यता मिलने, वेब 3.0 को जल्दी अपनाने की स्पर्धा और निवेश के लिए आधुनिक विकल्प ने अग्रणी क्रिप्टो एक्सचेंजों रजिस्टर्ड यूजर्स की संख्या तेजी से बढ़ाई है।

कॉइनस्विच कुबेर प्लेटफॉर्म पर 15 मिलियन यानी डेढ़ करोड़ से अधिक यूजर्स हैं और कंपनी अपनी वर्कफोर्स को दिसंबर 2022 तक 1000 तक पहुंचाना चाहती है। कॉइनस्विच भारत का पहला ऐसा क्रिप्टो एक्सचेंज होगा, जो अपनी टीम में वेब 3.0 इंजीनियर्स की भर्ती करेगा। इसके अलावा​ क्रिप्टो के निवेशक इस वजह से भी बढ़ रहे हैं क्योंकि लोग बड़े पैमाने पर निवेश के दूसरे विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।

इसमे शामिल है: एनएफटी, मेटावर्स-संचालित निवेश और भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? डिफाइ-आधारित निवेश।

कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि भारत में क्रिप्टो में काफी संभावनाएं हैं। निवेशकों की दिलचस्पी के साथ ही वेब 3.0 के विकास की वजह से क्रिप्टो समय की मांग बन चुके हैं। आधुनिक युग में नवीनतम तकनीकों के साथ यदि किसी निवेश को सबसे अधिक पसंद किया जा रहा है तो वह क्रिप्टो निवेश ही है।

क्रिप्टोकरेंसी की कानूनी स्थिति स्पष्ट करें: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा

क्रिप्टोकरेंसी की कानूनी स्थिति स्पष्ट करें: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा

जस्टिस सूर्यकांत की उक्त टिप्पणी उस समय आई, जब प्रवर्तन निदेशालय के लिए पेश हुईं एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी ने बेंच से आग्रह किया कि गैन बिटकॉइन घोटाले के आरोपी अजय भारद्वाज जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।

जस्टिस सूर्यकांत ने इस पर पूछा,

''आपका 'सहयोग न करने' का क्या मतलब है?

एएसजी ने जवाब दिया कि ईडी ने जांच के सिलसिले में आरोपी को कई समन जारी किए हैं। गौरतलब है कि अगस्त, 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी को एक करोड़ रुपये जमा करने पर अग्रिम जमानत दी थी। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया था कि उसके खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाया जा सकता। ईडी ने जमानत रद्द करने के भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? लिए आईए दायर किया।

जस्टिस सूर्यकांत ने तब मौखिक रूप से टिप्पणी की,

"हम चाहते हैं कि आप भारत संघ के रूप में बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी के रूप में शासन को रिकॉर्ड पर रखें? क्या यह अभी भी एक अपराध है?"

एएसजी से आग्रह किया,

"हम ऐसा करेंगे। डायरेक्ट मार्केटिंग दिशानिर्देश हैं, जिन्हें उन्होंने चुनौती दी है। इस घोटाले में 80,000 बिटकॉइन शामिल हैं, जिनकी कीमत 20,000 करोड़ है। पूरे देश में एफआईआर दर्ज हैं। पीड़ित हजारों लोग हैं जिनकेा पैसे इसमें लगा है। "

उल्लेखनीय है कि हाल के बजट सत्र में संसद ने वित्त विधेयक पारित किया, जो क्रिप्टो-करेंसी एक्सचेंज पर टैक्स लगाने का प्रावधान करता है। हालांकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि क्रिप्टो करेंसी पर टैक्स लगाने का मतलब यह नहीं है कि इसे कानूनी मान्यता मिल गई है।

जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने ​​वर्तमान मामले में दर्ज किया कि एएसजी ने कहा कि इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि 80,000 के बिटकॉइन यानी लगभग 20,000 करोड़ रुपए मूल्य के बिटकॉइन के घोटाले का आरोप है, याचिकाकर्ता ने जांच के दौरान सहयोग नहीं किया। गिरफ्तारी पर रोक लगाने वाले अंतरिम आदेश को वापस लिया जा सकता भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? है।

पीठ ने शुक्रवार को निर्देश दिया,

"हम याचिकाकर्ता को प्रवर्तन निदेशालय में जांच अधिकारी के सामने पेश होने का निर्देश देते हैं और जब भी ऐसा करने के लिए कहा जाए तो जांच में सहयोग करे। आईओ चार सप्ताह के भीतर इस अदालत के समक्ष एक नई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करेगा। इसमें प्रगति का संकेत दिया जाएगा। जांच और याचिकाकर्ता की ओर से सहयोग है या नहीं। याचिकाकर्ता द्वारा जांच में सहयोग करने की शर्त पर गिरफ्तारी पर रोक लगाने वाला अंतरिम आदेश लिस्टिंग की अगली तारीख तक जारी रहेगा।"

कथित तौर पर, अजय भारद्वाज के भाई अमित भारद्वाज, गैन बिटकॉइन घोटाले के कथित मास्टरमाइंड को मार्च 2018 में गिरफ्तार किया गया था। बाद में तीन अप्रैल, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी। अमित भारद्वाज ने भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? कई कंपनियों की स्थापना की। उसने बिटकॉइन निवेश पर 10% मासिक रिटर्न का वादा किया था।

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