बचत किए गए पैसे को दो साल से अधिक नहीं रखें। यदि दो साल से अधिक रखना चाहते हैं तो उस पैसे को कहीं निवेश कर लें जिससे आपका धन कुछ बेहतर रिटर्न दे सके।
बचत और निवेश में अंतर | Bachat Aur Nivesh
bachat kya hai. bachat aur nivesh mein antar ko jano.
एक ऐसा समय था जब बचत करने मात्र से ही जीवन को सफल मानते थे। धीरे – धीरे समय बदला और बचत भी कम पड़ने लगी। अब वो समय आ गया है जब बचत से भविष्य के सपने पूरे नहीं होते दिख रहे। अब बचत के साथ निवेश को भी अपनाना बचत और निवेश में क्या अंतर हैं जरूर हो गया है।
बचत करने की प्रवृति पिछले हजारों सालों से चली आ रही है। कठिन समय में बचत काम आती थी, परन्तु अब हर वर्ष महंगाई बढ़ने के कारन, आज की गयी बचत, कल कोई बड़ा फायदा नहीं होने वाला इसलिए इस बचत को निवेश में बदल लेना ही समझदारी है। निवेश से बचत को समय के साथ बढ़ाया जा सकता है और महंगाई की दर का प्रभाव कम किया जा सकता है। इस प्रकार से बचत और निवेश को समझना अति आवश्यक है।
निवेश और बचत को ढंग से समझने के लिए सबसे पहले इनके शाब्दिक अर्थ को समझना होगा फिर बचत कैसे की जा सकती है और बचत से निवेश किस प्रकार किया जा सकता है। इस प्रकार निवेश और बचत में अंतर को समझने ने आसानी होगी।
बचत क्या है
मासिक कमाई में से मासिक खर्चा निकल देने पर बचत निकलती है। मान लो की आपकी कमाई 10000 हजार रूपये मासिक बचत और निवेश में क्या अंतर हैं है। आपका कुल मासिक खर्चा 6000 रूपये है। इस प्रकार आपके पास मासिक 4000 रुपए बचते है। ये चार हजार रूपये आपकी मासिक बचत है।
बचत किये गए रुपयों को भविष्य के लिए किसी में निवेश करने पर आपके द्वारा किये गए निवेश समय के साथ बढ़ता जायेगा। इस प्रकार से रूपये के मूल्य में कमी और महंगाई की भरपाई, निवेश से हो जाएगी।
बचत की अपेक्षा निवेश क्यों जरुरी है
बचत हमेशा वही रहेगी या खर्च हो जाने से कम हो सकती है, परन्तु निवेश से बचत की राशि समय के साथ बढ़ती जाएगी। इस प्रकार आज की बचत राशि से भविष्य में वस्तु खरीदना नामुमकिन हो सकता है, क्योंकि भविष्य में वस्तुओं का मूल्य बढ़ेगा। अब निचे दिए गए निम्न बिंदुओं से बचत और निवेश को समझते है।
बचत | निवेश |
मासिक आय और खर्चों के बीच का अंतर ही बचत बचत और निवेश में क्या अंतर हैं है। | लाभ प्राप्त हेतु खरीदी गयी वास्तु के मूल्य और बेचने पर मिलने वाले मूल्य का अंतर ही निवेश है। |
बचत की राशि निश्चित होती है। | निवेश की राशि अनिश्चित होती है। |
खर्चो को कम करके बचत की जाती है। | निवेश लाभ प्राप्त करके किया जाता है। |
बचत, हमारी कमाई और खर्चों पर निर्भर है। | निवेश बाजार पर निर्भर है। |
बचत निश्चित दर पर जाती है। | निवेश, बाजार और लाभ प्राप्त करने की कला है। |
बचत करने के तरीके
किसी भी सरकारी बचत योजना या FD में जमा करके बचत की जा सकती है। जिस पर निश्चित लाभ प्राप्त होने की सम्भावना होती है। बचत में जोखिम ना के बराबर होता है। बचत करने के लिए अधिक राशि की जरुरत नहीं होती। छोटी – छोटी बचत योजना में मासिक बचत की जा सकती है।
अगर आपको बचत करनी हो तो आपको इन सरकारी बचत योजना के बारे में बढ़ सकते है।
बचत और निवेश में क्या अंतर हैं
वीडियो: बचत और निवेश के बीच का अंतर
बचत बनाम निवेश
बचत और निवेश दोनों व्यक्तियों और व्यवसायों के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। बचत आमतौर पर अल्पकालिक भुगतान लक्ष्यों और जरूरतों को प्राप्त करने के लिए की जाती है और प्रकृति में कम जोखिम वाली होती है। निवेश बड़े मुनाफे के उद्देश्य से किए जाते हैं और इसलिए, इसमें उच्च स्तर का जोखिम शामिल होता है। इसके बाद का लेख बचत और निवेश की दोनों अवधारणाओं की व्याख्या करता है और दिखाता है कि वे एक-दूसरे से काफी अलग हैं।
जमा पूंजी
बचत वह तरीका है, जिसमें धन को सुरक्षित रखने या बरसात के दिन उपयोग के लिए रखा जाता है। बचत बचत और निवेश में क्या अंतर हैं को कई कारणों से भी रखा जा सकता है जैसे कि घर खरीदने के लिए, कॉलेज के लिए, वाहन खरीदने के लिए, यात्रा के लिए, सेवानिवृत्ति के उद्देश्यों के लिए, आदि। जो पैसा बचता है उसे आमतौर पर एक सुरक्षित स्थान पर रखा जाता है, और आमतौर पर बैंक बचत खाते में रखा जाता है जिसमें ब्याज आय प्राप्त करने के लाभ के साथ कोई जोखिम नहीं होता है। बचत को अन्य स्थानों पर भी रखा जा सकता है जैसे कि समाज खाते, मुद्रा बाजार खाते और जमा प्रमाण पत्र। अधिकांश बैंक अपने बचत खातों पर उच्च ब्याज दर की पेशकश करके व्यक्तियों को धन बचाने बचत और निवेश में क्या अंतर हैं के लिए प्रोत्साहित करते हैं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि जितने अधिक उपभोक्ता बचत करते हैं, उतने अधिक फंड बैंक और वित्तीय संस्थान ऋण के रूप में दे सकते हैं।
बचत तथा निवेश में क्या अंतर है और इनमें से कौन अधिक महत्वपूर्ण?
हम समझते हैं कि बचत और निवेश एक ही बात है। जरूरी नहीं कि हकीकत में एेसा हो।। दोनों तरीके आपके वित्तीय लक्ष्य हासिल करने में निर्णायक हैं। दोनों में आपको अपना पैसा अलग बचत और निवेश में क्या अंतर हैं निकालकर रखना होता है पर उद्देश्य भिन्न होते हैं। बचत उसे कहते हैं जिसमें आप बचत और निवेश में क्या अंतर हैं थोड़ा-थोड़ा पैसा जोड़कर बड़ा फंड बनाते हैं ताकि अल्पकालिक जरूरतें पूरी की जा सकें। जैसे हम बचपन में कॉमिक बुक खरीदने के लिए पिगी बैंक में पैसा रखते थे। यह एकदम सही उदाहरण है। यदि आपके ध्यान में आया हो तो हमने कभी उस पर कमाई जाने वाली ब्याज दर अथवा उस पैसे पर मिलने वाले रिटर्न पर गौर नहीं किया। इसमें एक ही उद्देश्य यही होता है कि जब पैसे की जरूरत पड़े तो वह आसानी से उपलब्ध रहे। कैश, सेविंग उकाउंट अथवा करंट अकाउंट में रखा पैसा बचत कहलाता है। दूसरी तरफ निवेश में किसी वित्तीय फायदे अथवा किसी निश्चित अवधि में पैसा बढ़ने की उम्मीद से किसी निवेश माध्यम में पैसा लगाने की वचनबद्धता होती है। इसमें एक निश्चित अवधि में तय राशि जमा करनी होती है। इस तरह म्युचुअल फंड, शेयर और सोने में पैसा लगाना, जहां रिटर्न निश्चित नहीं होता, निवेश कहलाता है। रिटर्न कंपनी के प्रदर्शन, मार्केट की स्थिति और आम आर्थिक मनोभाव पर निर्भर होता है। हम यदि निवेश करते हैं तो इन सारी बातों पर विचार करते हैं और इसके साथ अपने लक्ष्य को भी ध्यान में रखते हैं कि हमें वांछित राशि कितनी अवधि में प्राप्त हो जाएगी।
बचत और निवेश में अंतर: Saving and Investment
Saving and Investment: आमतौर पर लोग बचत और निवेश को एक ही मान लेते हैं, जबकि इन दोनों में बड़ा अंतर होता है दरअसल, देखा जाए तो बचत और निवेश दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं, लेकिन फिर भी एक दूसरे से काफी अलग हैं। क्योंकि बचत के बिना निवेश सम्भव नहीं है और बिना निवेश के आप अधिक लाभ नहीं पा सकते हैं। असल में निवेश आपकी की गई बचत का सही उपयोग होता है। चलिए इसे विस्तार से समझते हैं।
दरअसल व्यक्ति की मासिक आय और उसके खर्च के बीच का अंतर ही बचत होता है। जबकि निवेश उन बचाए गए पैसों को सही जगह लगाकर उसे बनाना है। जैसे कि एफडी, शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड आदि निवेश के लोकप्रिय माध्यम हैं।
निवेश के लिए जरूरी है सही प्लानिंग
बचत के लिए व्यक्ति को संयम की जरूरत होती है, जबकि निवेश के लिए समझ की। क्योंकि निवेश एक बड़ा जोखिम हो सकता है, ऐसे में इसके लिए सही प्लानिंग की जरूरत पड़ती है और उसका फैसला काफी सोच समझकर करना चाहिए।
जी हां, बचत के साथ निवेश करना बेहद जरूरी है, क्योंकि समय के साथ महंगाई बढ़ती रहती है। ऐसे में बचत के पैसों को रखने कि बजाए इसका सही जगह निवेश करना जरूरी है ताकी उसका उन पैसों का सही मूल्य मिल सके।
वित्तीय लक्ष्यों के लिए बचत और निवेश में अंतर
अक्सर देखा गया है कि लोग अपने वित्तीय लक्ष्य प्राप्त करने में हमेशा पिछड़ जाते हैं। बचत और निवेश में क्या अंतर हैं ये लोग नियमित बचत करते रहने के बावजूद अपने वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए संघर्ष करते रह जाते हैं। अपने जीवन के वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए यह जानना जरूरी है कि हम उन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कितनी बचत कर रहे हैं और उसे कहां निवेश कर रहे हैं जिससे कि हम अपने निर्धारित उद्देश्य के अनुसार पैसा जोड़ सकें।
साधारण भाषा में समझा जाए तो बचत और निवेश में अंतर इतना ही है कि जो राशि आप अपनी नियमित आय से बचा कर अलग रख लेते हैं वह बचत है और यदि आप अपनी उस बचत तो कुछ रिटर्न प्राप्त करने के लिए ऐसा कुछ खरीदते हैं जो कि भविष्य में आपकी सम्पत्ति बन बचत और निवेश में क्या अंतर हैं सके। अब हम इस अंतर को विस्तार से समझते हैं। पढ़िये SIP vs RD in hindi हमारी साइट पर।
बचत अल्पकालिक लक्षयों के लिए है। बचत खाता, आरडी यानी recurring deposit, एफडी यानी fixed deposit या अन्य किसी भी तरीक़े से अलग से रखे गए पैसे को बचत कह सकते हैं। गृहनियों द्वारा बचा कर किचन में चावल के मर्तबान में रखा पैसा भी बचत की श्रेणी में ही आएगा। बचत में रखा पैसा जब चाहिए हो तब सहजता से उपलब्ध होता है। अक्सर यह बचत अल्पकलीन लक्षयों या आपातकालीन जरूरतों के लिए होती है। बचत में रखा गया आपका पैसे निवेश के मुक़ाबले अधिक सुरक्षित रहता है।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 793