मिलता है छोटी रकम में बड़ा मुनाफा, जानिए क्या है डेरिवेटिव मार्केट

डेरिवेटिव एक कॉन्ट्रैक्ट होते हैं जिनकी कीमत किसी दिए गए खास एसेट पर निर्भर होती है. ये एसेट stock commodity currencyindex आदि कुछ भी हो सकते हैं.डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट छोटी अवधि के फाइनेंशिल इंस्ट्रूमेंट्स होते हैं जो एक सीमित अवधि के लिए मान्य होते हैं.

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। मीडिया में आने वाली खबरों में आप अक्सर पड़ते होंगे कि पेट्रोल और डीजल महंगा होने वाला है क्योंकि कच्चा तेल महंगा हो गया है. या फिर पेट्रोल और डीजल सस्ता होने वाला है क्योंकि कच्चा तेल सस्ता हो गया है. इन खबरों की वजह से आपको ये अंदाजा हो ही गया होगा कि पेट्रोल और डीजल के भाव कच्चे तेल के भाव पर निर्भर होते हैं. ऐसा सिर्फ पेट्रोल या डीजल में ही नहीं होता कई फाइनेंशियल इस्ट्रूमेंट्स भी होते हैं जिनका भाव किसी दूसरी कमोडिटी या एसेट्स के आधार पर बदलता हैं. इन इंस्ट्रूमेंट्स को Derivatives कहते हैं और जिस मार्केट में इनका कारोबार होता है उन्हें डेरिवेटिव मार्केट कहते हैं. आइये आज हम आपको इस बाजार के बारे कुछ जरूरी जानकारी देते हैं.

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डेरिवेटिव क्या होते हैं?

डेरिवेटिव एक कॉन्ट्रैक्ट होते हैं जिनकी कीमत किसी दिए गए खास एसेट पर निर्भर होती है. ये एसेट stock, commodity, currency,index आदि कुछ भी डेरिवेटिव एक्सचेंज क्या है हो सकते हैं.डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट छोटी अवधि के फाइनेंशिल इंस्ट्रूमेंट्स होते हैं जो एक सीमित अवधि के लिए मान्य होते हैं. यानि एक तारीख के बाद ये रद्द हो जाते डेरिवेटिव एक्सचेंज क्या है हैं जिसे कॉन्ट्रैक्ट की एक्सापायरी माना जाता है. इन कॉन्ट्रैक्ट का कारोबार derivative market में किया जाता है. देश की जानी मानी कंपनी 5paisa डेरिवेटिव में कारोबार करने में मदद करती है. इससे जुड़ी सटीक जानकारी भी ये कंपनी मुहैया कराती है.

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डेरिवेटिव कितने तरह के होते हैं?

Derivative मार्केट में 4 तरह डेरिवेटिव होते हैं. जिन्हें फारवर्ड, फ्यूचर, ऑप्शंस और स्वैप कहते हैं. फॉरवर्ड दो पक्षों के बीच एक खास एग्रीमेंट होता है. जिसमें शर्तें अलग अलग स्थितियों के आधार पर अलग अलग होती हैं. क्योंकि शर्तों के कोई मानक नहीं होते और ये अलग अलग सौदों के हिसाब से अलग अलग होते हैं. इसलिए इन्हें एक्सचेंज में खरीद बेच नहीं सकते. इनकी बिक्री ओवर द काउंटर होती है. वहीं फ्यूचर और ऑप्शन मानकों के तहत तैयार किये कॉन्ट्रैक्ट होते हैं.

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इसलिए इनको एक्सचेंज में खरीदा या बेचा जा सकता है. फ्यूचर एक मानकीकृत समझौता है जिसमें शर्तों को पूरा करने का बाध्यता जुड़ी होती है. वहीं ऑप्शन भी एक कॉन्ट्रैक्ट होता है लेकिन इसमें खरीदार के साथ बाध्यता नहीं जुड़ी होती है. ऑप्शन दो तरह के होते हैं-कॉल ऑप्शन और पुट ऑप्शन. वहीं स्वैप कॉन्ट्रैक्ट दो पक्षों के बीच पहले से तय फॉर्मूले के आधार पर कैश फ्लो का आदान प्रदान करने के लिए किया जाता है. सीधे शब्दों में स्वैप एक सिक्योरिटी डेरिवेटिव एक्सचेंज क्या है डेरिवेटिव एक्सचेंज क्या है को दूसरी सिक्योरिटी में बदलने की सुविधा देता है. इसमें इंट्रेस्ट रेट और करंसी स्वैप शामिल होते हैं. डेरिवेटिव की बारिकियों को जानने और कब कैसे और कहां पर जाकर डेरिवेटिव कारोबार करना है, इसकी जानकारी 5paisa दे रहा है.

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क्यों जरूरत है डेरिवेटिव?

Derivatives कॉन्ट्रैंक्ट भविष्य में किसी एसेट में होने वाले तेज उतार-चढ़ाव के जोखिम से सुरक्षा देता है. उदाहरण के लिए अगर किसी कारोबारी को लगता है कि आने वाले समय में किसी कमोडिटी में तेज बढ़त हो सकती है और उसे उसी समय इस खास commodity की जरूरत हो जब कीमतों में तेजी की आशंका हो तो वो पहले ही कॉन्ट्रैक्ट कर कमोडिटी की सप्लाई को सुनिश्चित कर सकता है वो भी अपने लिए अनुकूल कीमतों पर. इससे कारोबारी भविष्य में कीमतों में तेजी से खुद को सुरक्षित कर सकता है.

डेरिवेटिव एक्सचेंज क्या है

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करेंसी डेरिवेटिव्स क्या होते है और Zerodha Kite पर हम उसमे कैसे ट्रेड कर सकते है ?

करेंसी डेरिवेटिव्स फ्यूचर्स और ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट होते है जो एक्सचेंज पर ट्रेड होते है।

यह स्टॉक फ्यूचर्स और ऑप्शंस के समान है लेकिन करेंसी डेरिवेटिव्स कॉन्ट्रैक्ट के अंडरलाइंग स्टॉक के बदले करेंसी पेयर्स है (यानी USDINR, EURINR, JPYINR या GPINR) हैं।

NSE का करेंसी डेरिवेटिव सेगमेंट 4 करेंसी पेयर्स पर करेंसी फ्यूचर्स, 3 करेंसी पेयर्स पर क्रॉस करेंसी फ्यूचर्स और ऑप्शंस और 10 साल की गवर्नमेंट सिक्योरिटीज पर इंटरेस्ट रेट फ्यूचर्स और 91 डे ट्रेजरी-बिल्स (टी-बिल्स) जैसे डेरिवेटिव इंस्ट्रूमेंट्स में ट्रेडिंग प्रदान करता है।

करेंसी डेरिवेटिव में Kite पर ट्रेड करने के लिए करेंसी डेरिवेटिव सेगमेंट आपके अकाउंट पर इनेबल होना चाहिए।

यदि आपके अकाउंट के लिए करेंसी सेगमेंट इनेबल नहीं है, तो आप अपना इनकम प्रूफ अपलोड करके सेगमेंट को एक्टिवेट कर सकते हैं। करेंसी सेगमेंट को एक्टिवेट करने के स्टेप्स को जानने के लिए यहां क्लिक करें।

एक बार आपका सेगमेंट इनेबल हो जाने के बाद, आप करेंसी पेयर्स के फ्यूचर्स और ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स को अपनी वॉचलिस्ट में जोड़कर ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं।

इन कॉन्ट्रैक्ट्स को अपनी मार्केटवॉच में जोड़ने के लिए, Kite पर यूनिवर्सल सर्च पर, करेंसी पेयर का नाम टाइप करें, उदाहरण के लिए 'USDINR' और आप ड्रॉपडाउन मेनू में करेंसी के सभी कॉन्ट्रैक्ट देख सकेंगे।

कॉन्ट्रैक्ट को जोड़ने के बाद, कॉन्ट्रैक्ट को खरीदने या बेचने के लिए उस पर माउस को घुमाएँ ।

लिमिट ऑर्डरबुक के साथ विकेन्द्रीकृत डेरिवेटिव का व्यापार करें

यह वह एक्सचेंज है जिसका आपने हमेशा सपना देखा है। डेक्सिलॉन एक बेहतरीन विकेंद्रीकृत डेरिवेटिव एक्सचेंज है जो केंद्रीय सीमा ऑर्डर बुक के साथ कस्टम ब्लॉकचैन पर चलता है। हमारा उत्पाद स्व-हिरासत, लाइटस्पीड निष्पादन, सर्वोत्तम ट्रेडिंग शुल्क और मौलिक पारदर्शिता प्रदान करता है।

डेक्सिलॉन क्या संपत्ति प्रदान करता है?

डेक्सिलॉन शुरुआत में यूएसडीसी मार्जिन परपेचुअल फ्यूचर्स की पेशकश करता है। भविष्य में हम डिलीवरी फ्यूचर्स और ऑप्शंस में विस्तार करेंगे।

डेक्सिलॉन पर व्यापार कैसे करें?

क्रिप्टो डेरिवेटिव्स का व्यापार कैसे करें?

हेहे… भगवान की मदद से

क्या केवाईसी शुरू करने की जरूरत है?

नहीं, केवाईसी की जरूरत नहीं है। ग्राहक अपने क्रिप्टो वॉलेट का उपयोग करके ट्रेडिंग के लिए अधिकृत कर सकते हैं। कृपया हमारे एक्सचेंज से कैसे जुड़ें, इस पर चरण-दर-चरण मार्गदर्शिका देखें।

डेक्सिलॉन कितना सुरक्षित है? मेरे फंड कहां जमा होंगे?

आप अपने पैसे के प्रभारी हैं। डेक्सिलॉन बहुत सुरक्षित है, क्योंकि केंद्रीकृत एक्सचेंजों के विपरीत, डेक्सिलॉन ग्राहक के किसी भी फंड को स्टोर नहीं करता है। ग्राहक स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट में फंड जमा करते हैं, जिसे सत्यापित और ऑडिट किया जा सकता है।

NSE Emerge क्या है? What’s NSE Emerge in Hindi 2022

दोस्तों अगर आप इस लेख पर आए है तो हमें उम्मीद है की आप शेयर मार्केट को जानने और समझनें को इच्छुक होंगे, अतः आप स्टॉक मार्केट से रिलेटेड सभी इनफार्मेशन को जानना चाहते है, इसी में ही NSE Emerge भी आता है, तो आज के लेख में हम जानेंगे की NSE Emerge क्या है? What’s NSE Emerge in Hindi 2022.

NSE Emerge क्या है? What’s NSE Emerge in Hindi

दोस्तों NSE Emerge जिसे एनएससी इमर्ज भी कहते है, जानने से पहले हमें NSE के बारें में जानना होगा, तो चलिए सबसे पहले जानते हैं की NSE क्या है?

NSE क्या है? Whats National Stock Exchange in Hindi

Table of Contents

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (NSE) भारत का प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज है, जो मुंबई, महाराष्ट्र में स्थित है. NSE की स्थापना 1992 में देश में पहले डीमैटरियलाइज्ड इलेक्ट्रॉनिक एक्सचेंज के रूप में हुई थी.

डेरिवेटिव्स ट्रेड बॉडी फ्यूचर्स इंडस्ट्री एसोसिएशन (FIA) द्वारा जारी किये गये आंकड़ों के आधार पर कारोबार किए गए कॉन्ट्रैक्ट्स की संख्या के हिसाब से यह 2021 में दुनिया का सबसे बड़ा डेरिवेटिव एक्सचेंज है.

एनएसई एक आधुनिक, पूरी तरह से स्वचालित स्क्रीन-आधारित इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग सिस्टम प्रदान करने वाला देश का पहला एक्सचेंज था, जिसने देश भर में फैले निवेशकों को आसान ट्रेडिंग सुविधाएं प्रदान कीं.

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का कुल बाजार पूंजीकरण US$3.4 ट्रिलियन से अधिक है जो इसे अगस्त 2021 तक दुनिया का 9वां सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज बनाता है.

NSE Emerge क्या है?

NSE EMERGE, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज द्वारा चलाया गया एक Initiative है जो भारत के छोटे और मध्यम आकार के एंटरप्राइज और स्टार्टअप कंपनियों के लिए है. इसमें कंपनियां बिना इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO ) के NSE पर लिस्ट हो सकती हैं.

What’s NSE Emerge in Hindi

यह प्लेटफॉर्म SME और स्टार्टअप्स को फंडिंग के लिए निवेशकों से जुड़ने में मदद करता है. अगस्त 2019 के दौरान, NSE को अपने SMI प्लेटफॉर्म पर लिस्टेड 200वीं कंपनी मिली.

FY13 के बाद से, 200 कंपनियों को सूचीबद्ध किया गया, प्लेटफ़ॉर्म पर सामूहिक रूप से 3,136 करोड़ रुपये जुटाए. SME IPO प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध पहली कंपनी चेन्नई की थेजो इंजीनियरिंग थी और वंडर फाइब्रोमैट्स प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध होने वाली 200वीं फर्म थी.

SME IPO क्या है?

SME IPO स्पेशली SME (Small and Medium Enterprises), और Start-Up के लिए Regular IPO की तुलना में Minimum Compliance और Cost के साथ पूँजी जुटाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, ऐसे में NSE Emerge के मामले में, कंपनियों को SEBI से नहीं, बल्कि बोर्ड से अप्रूवल लेने की आवश्यकता होती है.

कई कंपनियां SME प्लेटफॉर्म से Main Board में स्थानांतरित हो गई हैं, जो NSE द्वारा SME Exchange की सफलता को दर्शाता है.

SME का फुलफॉर्म क्या होता है?

Small and Medium Enterprises

NSE का फुलफॉर्म क्या है?

National Stock Exchange

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