यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान

यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान, जिसे आमतौर पर यूलिप पॉलिसी के रूप में जाना जाता है, निवेश और बीमा कवर का एक पूरा पैकेज है जो धन बढ़ाने में मदद करता भारत में शेयर बाजार में निवेश करने के लिए चरण है। आमतौर पर, यूलिप पारदर्शी और लचीले होते हैं, जिससे व्यक्ति को आवश्यकता के अनुसार अपनी योजना को अनुकूलित करने की अनुमति मिलती है। यह आपको बीमा कवरेज प्रदान करता है और आपको योग्य भारत में शेयर बाजार में निवेश करने के लिए चरण निवेश विकल्पों में अपने प्रीमियम का एक हिस्सा निवेश करने की अनुमति देता है जिसमें स्टॉक, बॉन्ड, म्यूचुअल फंड और बहुत कुछ शामिल हैं। यूलिप इंश्योरेंस में निवेशक अपने निवेश को ऋण से इक्विटी में स्वैप कर सकते हैं और इसके विपरीत स्तंभ से पोस्ट तक चलने या दंडित होने की चिंता किए बिना भी कर सकते हैं।

यूलिप प्लान पहली बार 1971 में यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया द्वारा पेश किए गए थे और तब से इन योजनाओं को भारतीय बीमा बाजार द्वारा सराहा गया है।

आज, अधिक प्रदाताओं ने यूलिप योजनाओं के खेल में टैप किया है और न्यूनतम शुल्क पर नए युग की सुविधाओं के साथ ऐसी योजनाओं की पेशकश करके अपने ग्राहकों की जरूरतों को सफलतापूर्वक पूरा कर रहे हैं। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल, बजाज लाइफ, एचडीएफसी सहित सभी प्रमुख बीमा कंपनियां भारतीय उपभोक्ताओं को यूलिप प्लान के असंख्य ऑफर करती हैं।

आइए खरीदारी का निर्णय लेने से पहले यूलिप प्लान की विस्तृत जानकारी प्राप्त करें।

यूलिप प्लान का महत्व क्या है?

यूलिप प्लान आपको 18 साल की उम्र में जल्दी निवेश करने की अनुमति देता है। जब कोई पॉलिसीधारक यूलिप प्लान के लिए नियमित प्रीमियम का भुगतान करता है, तो बीमाकर्ता जीवन बीमा कवर के लिए इसके एक हिस्से का उपयोग करता है। शेष राशि का उपयोग विभिन्न ऋण और इक्विटी निवेशों के लिए किया जाता है, इस प्रकार आपके रिटायरमेंट के बाद के जीवन को वित्तीय रूप से समर्थन देने के लिए पर्याप्त धन जमा होता है। ऐसी योजनाओं का सबसे अनिवार्य हिस्सा यह है कि पॉलिसीधारक लॉक-इन अवधि के बाद किसी भी समय पॉलिसी का कार्यकाल निर्धारित कर सकता है और बाहर निकल सकता है। यूलिप रिटायर होने और रिटायरमेंट के बाद जीवन का आनंद लेना शुरू करने का निर्णय लेने की सुविधा प्रदान करता है।

यूलिप प्लान की बेहतर समझ के लिए यहां एक उदाहरण दिया गया है।

30 साल के कमल अपनी पत्नी के साथ यात्रा करने के लिए पर्याप्त धन के साथ 60 साल की उम्र में रिटायर होना चाहते हैं। वह नियमित और संभावित खर्चों जैसे कि घरेलू आवश्यक वस्तुओं, चिकित्सा बिलों, क्षति और मरम्मत आदि के बारे में अच्छी तरह से जानते हैं, इस प्रकार, उन्होंने अनुमान लगाया कि सेवानिवृत्ति के बाद एक स्वतंत्र और आरामदायक जीवन जीने के लिए लगभग 5 करोड़ रुपये की आवश्यकता होनी चाहिए। कमल अब लगभग 15,000 रुपये के मासिक प्रीमियम के साथ यूलिप प्लान का विकल्प चुन सकते हैं। अपनी सेवानिवृत्ति के समय 60 वर्ष की आयु पर, वह अपनी आवश्यकताओं के आधार पर नियमित आय या भारत में शेयर बाजार में निवेश करने के लिए चरण एकमुश्त के रूप में रिटर्न प्राप्त करने का निर्णय ले सकता है। यूलिप प्लान आपको लाइफ़ कवर सुरक्षा प्रदान करते हुए आपके प्रीमियम को अपनी पसंद के फ़ंड के प्रकार में निवेश करके काम करते हैं।

यह कैसे काम करता है?

यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान के लिए आपके द्वारा भुगतान किए जाने वाले प्रीमियम का उपयोग धन और जीवन बीमा बनाने के लिए किया जाता है। प्लान के शुरुआती वर्षों में, प्लान के खर्चों के लिए प्रीमियम की एक बड़ी राशि का उपयोग किया जाता है। बाद में, प्रीमियम को दो अलग-अलग खंडों में विभाजित किया जाता है- निवेश और बीमा।

आपकी पसंद के फंड में निवेश की गई राशि के लिए इकाइयां जारी की जाती हैं; यह ऋण, इक्विटी या दोनों का संयोजन हो सकता है। इकाइयों का आवंटन मूल निधि के प्रदर्शन पर निर्भर करता है। शुरुआती 2 से 3 प्लान वर्षों में, उच्च खर्चों की कटौती के कारण, फंड का मूल्य कम रहेगा। इसके अलावा, मृत्यु दर में भी मासिक रूप से कटौती की जाएगी। यह किसी व्यक्ति को जीवन बीमा प्रदान करने के लिए बीमा राशि है और आपके द्वारा चुने गए फंड मूल्य के रूप में बदल जाएगी। इन फंडों के रखरखाव के लिए, एक राशि जिसे फंड प्रबंधन शुल्क के रूप में संदर्भित किया जाता है, काट लिया जाएगा।

आईपीओ में निवेश के बारे में आप सभी को पता होना चाहिए

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भारत में शेयर बाजार में निवेश करने के लिए चरण

यह पुस्तक प्रसिद्ध वित्तीय सलाहकार महेश चंद्र कौशिक का एक उत्कृष्ट कार्य है, जो खुदरा निवेशकों पर केंद्रित है और उन्हें निवेश के बारे में कारगार सुझाव देती है। लेखक ने इसमें बहुत सरल भाषा का प्रयोग किया है और तकनीकी शब्दों के प्रयोग से बचते हुए इसे समझने में सुगम और भारत में शेयर बाजार में निवेश करने के लिए चरण पढ़ने में दिलचस्प बना दिया है।
यह पुस्तक पढ़ने के बाद आप समझ जाएँगे कि क्यों कुछ लोग हमेशा शेयर बाजार से पैसे बनाते हैं और कुछ लोग हमेशा शेयरों में पैसे गँवाते हैं। यदि आप इस पुस्तक को कदम-दर-कदम पढ़ेंगे और इसमें दिए सुझावों का पालन करेंगे तो आप शेयर बाजार में कभी नुकसान नहीं उठाएँगे।
इस पुस्तक को पढ़ने के बाद आप जानेंगे कि कैसे शेयर बाजार में 100 डॉलर का एक आरंभिक निवेश बीस वर्षों में 7,18,03,722 डॉलर हो सकता है।
शेयर बाजार की टिप्स के लिए पैसे देना बंद करें। बस इस पुस्तक को पढ़ें तो आप स्वयं ही शेयर बाजार में जीत हासिल करने के सिद्धांत जान जाएँगे और अधिक पैसे कमाना शुरू कर देंगे।

अनुक्रम

1. अपने शेयर बाजार निवेश को
किसी खुदरा व्यापार के रूप में देखें—13

2. शेयर बाजार में 100 डॉलर के शुरुआती निवेश से
7,18,03,722 डॉलर कैसे बनाएँ?—20

3. बेस प्राइस (आधार मूल्य) सिस्टम का नवाचार—25

4. एक शेयर के मौलिक लक्ष्य मूल्य के लिए
प्रति शेयर शुद्ध मूल्य की अवधारणा—31

5. किसी स्टॉक के लक्ष्य मूल्य की
भविष्यवाणी के लिए मौलिक गणना—35

6. एक स्टॉक में अटकलों की पहचान कैसे करें?—38

7. क्या अंकित मूल्य के नीचे स्टॉक खरीदना अच्छा होता है?—41

8. निवेश के लिए शेयर का चुनाव कैसे करें?—43

9. बोनस और स्टॉक विभाजन सिर्फ निवेशकों पर
मनोवैज्ञानिक प्रभाव डालते हैं —47

10. रिवर्स ट्रेडिंग सिस्टम—49

11. लंबी अवधि की इक्विटी एस.आई.पी. में
लाभ बुक करने की मेरी सेना विधि—54

12. शेयर बाजार में जीत के स्वर्णिम नियम—57

13. शेयर बाजार में अपना निवेश कैसे बढ़ाएँ?—60

14. स्टॉक की बदलती कीमतों के मूल कारण क्या हैं?—64

15. शेयर बाजार का सबसे बड़ा झूठ—68

16. विकल्प कारोबार क्या है?—71

17. टी.वी. विश्लेषक हमें भ्रमित कैसे करते हैं?—75

18. व्यापारियों के लिए आध्यात्मिक सुझाव—77

19. छोटे निवेशकों के लिए आसान तकनीकी विश्लेषण—79

20. पैनी स्टॉक्स में निवेश करने के लिए मेरे मूल सिद्धांत?—82

21. शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के लिए फॉर्मूला—85

22. म्यूचुअल फंड्स निवेश—90

23. ई.एल.एस.एस. (ELSS) में लाभांश विकल्प का चुनाव करें —93

24. म्यूचुअल फंड्स एस.आई.पी. में लाभ कैसे बुक करें?—94

25. स्टॉक होल्ड करने के मानदंड—97

26. शेयर बाजार में अपने नुकसान की पुनःप्राप्ति कैसे करें?—99

The Author

भारतीय संस्कृति के अध्येता और संस्कृत भाषा के विद्वान् श्री सूर्यकान्त बाली ने भारत के प्रसिद्ध हिंदी दैनिक अखबार ‘नवभारत टाइम्स’ के सहायक संपादक (1987) बनने से पहले दिल्ली विश्वविद्यालय में अध्यापन किया। नवभारत के स्थानीय संपादक (1994-97) रहने के बाद वे जी न्यूज के कार्यकारी संपादक रहे। विपुल राजनीतिक लेखन के अलावा भारतीय संस्कृति पर इनका लेखन खासतौर से सराहा गया। काफी समय तक भारत के मील पत्थर (रविवार्ता, नवभारत टाइम्स) पाठकों का सर्वाधिक पसंदीदा कॉलम रहा, जो पर्याप्त परिवर्धनों और परिवर्तनों के साथ ‘भारतगाथा’ नामक पुस्तक के रूप में पाठकों तक पहुँचा। 9 नवंबर, 1943 को मुलतान (अब पाकिस्तान) में जनमे श्री बाली को हमेशा इस बात पर गर्व की अनुभूति होती है कि उनके संस्कारों का निर्माण करने में उनके अपने संस्कारशील परिवार के साथ-साथ दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज और उसके प्राचार्य प्रोफेसर शांतिनारायण का निर्णायक योगदान रहा। इसी हंसराज कॉलेज से उन्होंने बी.ए. ऑनर्स (अंग्रेजी), एम.ए. (संस्कृत) और फिर दिल्ली विश्वविद्यालय से ही संस्कृत भाषाविज्ञान में पी-एच.डी. के बाद अध्ययन-अध्यापन और लेखन से खुद को जोड़ लिया। राजनीतिक लेखन पर केंद्रित दो पुस्तकों—‘भारत की राजनीति के महाप्रश्न’ तथा ‘भारत के व्यक्तित्व की पहचान’ के अलावा श्री बाली की भारतीय पुराविद्या पर तीन पुस्तकें—‘Contribution of Bhattoji Dikshit to Sanskrit Grammar (Ph.D. Thisis)’, ‘Historical and Critical Studies in the Atharvaved (Ed)’ और महाभारत केंद्रित पुस्तक ‘महाभारतः पुनर्पाठ’ प्रकाशित हैं। श्री बाली ने वैदिक कथारूपों को हिंदी में पहली बार दो उपन्यासों के रूप में प्रस्तुत किया—‘तुम कब आओगे श्यावा’ तथा ‘दीर्घतमा’। विचारप्रधान पुस्तकों ‘भारत को समझने की शर्तें’ और ‘महाभारत का धर्मसंकट’ ने विमर्श का नया अध्याय प्रारंभ किया।

IT शेयरों में गिरावट के बावजूद टेक सेक्टर का 2023-25 का आउटलुक नजर आ रहा अच्छा, जानिए क्यों

भारतीय आईटी कंपनियों का रिटर्न आउटलुक काफी आर्कषक और बाजार की तुलना में काफी अच्छा नजर आ रहा है। कुछ आईटी कंपनियों में इस समय सीधे तौर पर भी निवेश किया जा सकता है। लेकिन भारत की डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों के एकाधिकार और कॉम्पिटीटिव एडवांटेज को देखते हुए इन स्टॉक के बॉस्केट में निवेश करना ज्यादा बेहतर होगा

इस समय भारतीय आईटी कंपनियां 3.5 से 5.5 फीसदी के अर्निंग यील्ड पर उपलब्ध है। लंबी अवधि में इनमें डबल डिजिट ग्रोथ की संभावना है

Dr. Vikas V. Gupta , CEO & Chief Investment Strategist at OmniScience Capital

IT index और Omni DX (ओमनीसाइंस का आईटी शेयरों का एक पोर्टफोलियो) इस साल अब तक 25 फीसदी और 22 फीसदी टूट चुके हैं। इस बात का डर है कि अमेरिका और दूसरे विकसित देशों की मंदी से भारतीय आईटी और डिजिटल ट्रांसफार्मेशन कंपनियों के कारोबार में कमजोरी देखने को मिल सकती है। इस डर को कुछ ज्यादा ही बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया जा रहा है।

भारतीय आईटी कंपनियों को समझने को लिए ये जानना जरूरी है कि इनकी आय का 50 फीसदी से ज्यादा हिस्सा डिजिटल ट्रांसफार्मेशन और उससे जुड़ी सेवाओं से आता है। ये सेवाएं काफी हद तक क्लाउड कम्प्यूटिंग पर आधारित होती हैं। भारत की आईटी कंपनियां तीन टॉप की क्लाउड प्लेटफार्म प्रोवाइडर कंपनियों Amazon (AWS), Microsoft (Azure) और Alphabet (Google Cloud)के साथ जुड़ी हुई हैं। इन तीनों के पास 65 फीसदी से ज्यादा बाजार हिस्सेदारी है।

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इन तीनों क्लाउड प्लेटफार्म प्रोवाइडर कंपनियों ने हाल की तिमाही में सबसे ज्यादा बड़ी ग्रोथ हासिल की है। Amazon (AWS) की रेवेन्यू तिमाही आधार पर 33 फीसदी की बढ़त के साथ 20 अरब डॉलर रही है। वहीं, Microsoft (Azure)की रेवेन्यू तिमाही आधार पर 33 फीसदी की बढ़त के साथ 25 अरब डॉलर रही है। जबकि,Alphabet (Google Cloud) की रेवेन्यू तिमाही आधार पर 36 फीसदी की बढ़त के साथ 6 अरब डॉलर रही है।

Amazon के सीएफओ ब्रायन ओल्साव्स्की का कहना है "AWS तेजी से ग्रोथ कर रहा है। हमारा मानना ​​है कि हम अभी भी एंटरप्राइज और पब्लिक के क्लाउड टेक्नोलॉजी को अपनाने के शुरुआती चरण में हैं। हमें उम्मीद है कि AWS के ग्राहक आगे भी क्लाउड टेक्नोलॉजी पर निवेश करते रहेंगे। AWS आगे भी नई टेक्नोलॉजी और क्षेत्रों में विकास करने के लिए निवेश करता रहेगा”। इसी तरह Microsoft (Azure) और Alphabet (Google Cloud) ने भी क्लाउड टेक्नोलॉजी में निवेश बढ़ाने और इसमें विस्तार की बात कही है।

इन बातों से स्पष्ट होता है कि 2022 से 2026 के बीच और उसके बाद भी क्लाउंट बिजनेस में जोरदार मजबूती देखने को मिलेगी। यह आईटी कंपनियों के लिए एक शुभ संकेत है।

इसके अलावा भारतीय आईटी कंपनियों को डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होने से भी फायदा होने की उम्मीद है। डॉलर के मुकाबले रुपया पिछले 1 साल में करीब 11 फीसदी टूटा है। लॉन्ग टर्म नजरिए से देखें तो भारतीय रुपये में डॉलर के मुकाबले सालाना आधार पर 2.5 से 5 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। इससे आईटी कंपनियों के रेवेन्यू और मुनाफे में बढ़त की संभावना दिख रही है। इस समय भारतीय आईटी कंपनियां 3.5 से 5.5 फीसदी के अर्निंग यील्ड पर उपलब्ध है। लंबी अवधि में इनमें डबल डिजिट ग्रोथ की संभावना है।

भारतीय आईटी कंपनियों का रिटर्न आउटलुक काफी आर्कषक और बाजार की तुलना में काफी अच्छा नजर आ रहा है। कुछ आईटी कंपनियों में इस समय सीधे तौर पर भी निवेश किया जा सकता है। लेकिन भारत की डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों के एकाधिकार और कॉम्पिटीटिव एडवांटेज को देखते हुए इन स्टॉक के बॉस्केट में निवेश करना ज्यादा बेहतर होगा।

निफ्टी आईटी एक्सचेंज ट्रेडेड फंडो और म्यूचुअल फंडों में भी निवेश किया जा सकता है। लेकिन समस्या यह है कि इसमें से कुछ फंड काफी ज्यादा कंस्ट्रेडेड हो सकते हैं। उदाहरण के लिए निफ्टी आईटी इंडेक्स फंड सिर्फ 2 स्टॉक में करीब 50 फीसदी निवेश करता है। ऐसे में आईटी कंपनियों के एक छोटे बॉस्केट में निवेश करना एक बेहतर विकल्प हो सकता है। इनमें से आईटी कंपनियो में निवेश का जो आप जो भी तरीका अपनाना चाहें अपनाएं लेकिन एक बात का ख्याल जरूर रखें कि आपके आईटी कंपनियों के इस बॉस्केट में सिर्फ 1-2 या 3 शेयर ही नहीं होने चाहिए बल्कि इसका आधार ज्यादा बढ़ा होना चाहिए।

बेशक ये याद रखें कि आईटी सेक्टर में इक्विटी और स्टॉक विशेष से जुड़े जोखिम हैं। इसके अलावा भारतीय आईटी सेक्टर विदेशी मुद्रा और किसी खास देश से जुड़े जोखिमों के अधीन है। ऐसे में डिजिटल ट्रांसफार्मेशन वाली कंपनियों में लंबी अवधि के लिए निवेश करके इस जोखिम से निपटा जा सकता है।

डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

Dr. Vikas V. Gupta is the CEO & Chief Investment Strategist at OmniScience Capital.

Sudhanshu Dubey

Sudhanshu Dubey

Tags: # share markets

First Published: Oct 12, 2022 12:53 PM

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IT शेयरों में गिरावट के बावजूद टेक सेक्टर का 2023-25 का आउटलुक नजर आ रहा अच्छा, जानिए क्यों

भारतीय आईटी कंपनियों का रिटर्न आउटलुक काफी आर्कषक और बाजार की तुलना में काफी अच्छा नजर आ रहा है। कुछ आईटी कंपनियों में इस समय सीधे तौर पर भी निवेश किया जा सकता है। लेकिन भारत की डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों के एकाधिकार और कॉम्पिटीटिव एडवांटेज को देखते हुए इन स्टॉक के बॉस्केट में निवेश करना ज्यादा बेहतर होगा

इस समय भारतीय आईटी कंपनियां 3.5 से 5.5 फीसदी के अर्निंग यील्ड पर उपलब्ध है। लंबी अवधि में इनमें डबल डिजिट ग्रोथ की संभावना है

Dr. Vikas V. Gupta , CEO & Chief Investment Strategist at OmniScience Capital

IT index और Omni DX (ओमनीसाइंस का आईटी शेयरों का एक पोर्टफोलियो) इस साल अब तक 25 फीसदी और 22 फीसदी टूट चुके हैं। इस बात का डर है कि अमेरिका और दूसरे विकसित देशों की मंदी से भारतीय आईटी और डिजिटल ट्रांसफार्मेशन कंपनियों के कारोबार में कमजोरी देखने को मिल सकती है। इस डर को कुछ ज्यादा ही बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया जा रहा है।

भारतीय आईटी कंपनियों को समझने को लिए ये जानना जरूरी है कि इनकी आय का 50 फीसदी से ज्यादा हिस्सा डिजिटल ट्रांसफार्मेशन और उससे जुड़ी सेवाओं से आता है। ये सेवाएं काफी हद तक क्लाउड कम्प्यूटिंग पर आधारित होती हैं। भारत की आईटी कंपनियां तीन टॉप की क्लाउड प्लेटफार्म प्रोवाइडर कंपनियों Amazon (AWS), Microsoft (Azure) और Alphabet (Google Cloud)के साथ जुड़ी हुई हैं। इन तीनों के पास 65 फीसदी से ज्यादा बाजार हिस्सेदारी है।

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Amazon के सीएफओ ब्रायन ओल्साव्स्की का कहना है "AWS तेजी से ग्रोथ कर रहा है। हमारा मानना ​​है कि हम अभी भी एंटरप्राइज और पब्लिक के क्लाउड टेक्नोलॉजी को अपनाने के शुरुआती चरण में हैं। हमें उम्मीद है कि AWS के ग्राहक आगे भी क्लाउड टेक्नोलॉजी पर निवेश करते रहेंगे। AWS आगे भी नई टेक्नोलॉजी और क्षेत्रों में विकास करने के लिए निवेश करता रहेगा”। इसी तरह Microsoft (Azure) और Alphabet (Google Cloud) ने भी क्लाउड टेक्नोलॉजी में निवेश बढ़ाने और इसमें विस्तार की बात कही है।

इन बातों से स्पष्ट होता है कि 2022 से 2026 के बीच और उसके बाद भी क्लाउंट बिजनेस में जोरदार मजबूती देखने को मिलेगी। यह आईटी कंपनियों के लिए एक शुभ संकेत है।

इसके अलावा भारतीय आईटी कंपनियों को डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होने से भी फायदा होने की उम्मीद है। डॉलर के मुकाबले रुपया पिछले 1 साल में करीब 11 फीसदी टूटा है। लॉन्ग टर्म नजरिए से देखें तो भारतीय रुपये में डॉलर के मुकाबले सालाना आधार पर 2.5 से 5 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। इससे आईटी कंपनियों के रेवेन्यू और मुनाफे में बढ़त की संभावना दिख रही है। इस समय भारतीय आईटी कंपनियां 3.5 से 5.5 फीसदी के अर्निंग यील्ड पर उपलब्ध है। लंबी अवधि में इनमें डबल डिजिट ग्रोथ की संभावना है।

भारतीय आईटी कंपनियों का रिटर्न आउटलुक काफी आर्कषक और बाजार की तुलना में काफी अच्छा नजर आ रहा है। कुछ आईटी कंपनियों में इस समय सीधे तौर पर भी निवेश किया जा सकता है। लेकिन भारत की डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों के एकाधिकार और कॉम्पिटीटिव एडवांटेज को देखते हुए इन स्टॉक के बॉस्केट में निवेश करना ज्यादा बेहतर होगा।

निफ्टी आईटी एक्सचेंज ट्रेडेड फंडो और म्यूचुअल फंडों में भी निवेश किया जा सकता है। लेकिन समस्या यह है कि इसमें से कुछ फंड काफी ज्यादा कंस्ट्रेडेड हो सकते हैं। उदाहरण के लिए निफ्टी आईटी इंडेक्स फंड सिर्फ 2 स्टॉक में करीब 50 फीसदी निवेश करता है। ऐसे में आईटी कंपनियों के एक छोटे बॉस्केट में निवेश करना एक बेहतर विकल्प हो सकता है। इनमें से आईटी कंपनियो में निवेश का जो आप जो भी तरीका अपनाना चाहें अपनाएं लेकिन एक बात का ख्याल जरूर रखें कि आपके आईटी कंपनियों के इस बॉस्केट में सिर्फ 1-2 या 3 शेयर ही नहीं होने चाहिए बल्कि इसका आधार ज्यादा बढ़ा होना चाहिए।

बेशक ये याद रखें कि आईटी सेक्टर में इक्विटी और स्टॉक विशेष से जुड़े जोखिम हैं। इसके अलावा भारतीय आईटी सेक्टर विदेशी मुद्रा और किसी खास देश से जुड़े जोखिमों के अधीन है। ऐसे में डिजिटल ट्रांसफार्मेशन वाली कंपनियों में लंबी अवधि के लिए निवेश भारत में शेयर बाजार में निवेश करने के लिए चरण करके इस जोखिम से निपटा जा सकता है।

डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

Dr. Vikas V. Gupta is the CEO & Chief Investment Strategist at OmniScience Capital.

Sudhanshu Dubey

Sudhanshu Dubey

Tags: # share markets

First भारत में शेयर बाजार में निवेश करने के लिए चरण Published: Oct 12, 2022 12:53 PM

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