ब्रोकिंग चार्जेज (Broking Brokerage Charges)
अक्सर ब्रोकर्स अपना ब्रोकिंग चार्ज फिक्स रखते हैं. चार्जेज कारोबार के वॉल्यूम और फ्रीक्वेंसी पर भी निर्भर करते हैं. इसलिए ब्रोकर को चुनने से पहले उसके चार्जेज के बारे में अच्छी तरह से पता कर लें.
Margin Trading- मार्जिन ट्रेडिंग
मार्जिन ट्रेडिंग
What is Margin Trading: शेयर बाजार में मार्जिन ट्रेडिंग से अर्थ उस प्रक्रिया से है, जहां व्यक्तिगत निवेशक शेयर खरीद की अपनी क्षमता से ज्यादा स्टॉक्स खरीदते हैं। मार्जिन ट्रेडिंग भारत में इंट्रा डे ट्रेडिंग को भी परिभाषित करती है। मार्जिन ट्रेडिंग की सुविधा विभिन्न स्टॉक ब्रोकर्स देते हैं। मार्जिन ट्रेडिंग में एक सिंगल सेशन में सिक्योरिटीज की खरीद और बिक्री शामिल रहती है। समय के साथ विभिन्न ब्रोकरेजेस ने टाइम ड्यूरेशन के मामले में कुछ ढील दी है। मार्जिन ट्रेडिंग में निवेशक एक विशेष सत्र में शेयर की चाल का अनुमान लगाते हैं। इलेक्ट्रॉनिक स्टॉक एक्सचेंजेस की बदौलत, मार्जिन ट्रेडिंग अब छोटे ट्रेडर्स के लिए भी एक्सेसिबल है। मार्जिन ट्रेडिंग की प्रक्रिया काफी सरल है।
मार्जिन अकाउंट, निवेशकों को अपनी शेयर खरीद क्षमता से ज्यादा शेयर खरीदने के संसाधन उपलब्ध कराता है। इस उद्देश्य के लिए ब्रोकर शेयर खरीदने के लिए पैसे उधार देता है और शेयरों को अपने पास गिरवीं रख लेता है। मार्जिन अकाउंट के साथ ट्रेड करने के लिए निवेशक को सबसे पहले मार्जिन अकाउंट खुलवाने के लिए अपने ब्रोकस को रिक्वेस्ट करनी होती है। इसके लिए ब्रोकर को कैश में पैसे देने होते हैं, जिसे मिनिमम मार्जिन कहते हैं।
स्टॉक ब्रोकर क्या शेयर ब्रोकर का चुनाव कैसे करें? है और शेयर ब्रोकर के प्रकार (Stock Broker in Hindi)
Stock Broker Kya Hai In Hindi: अगर आप शेयर मार्केट के बारे में सीखना चाहते हैं तो इससे जुड़े छोटे – छोटे टर्म के बारे में जानकारी प्राप्त करें, इनके बारे में जानकारी होना आपके वित्तीय बुद्धि को मजबूत बनाती है. शेयर बाजार से जुडी एक ऐसी ही टर्म है जो कि बहुत महत्वपूर्ण है वह है स्टॉक ब्रोकर. जिसके बारे में हम आपको आज के लेख में जानकारी देंगे.
आज के इस लेख में आपको जानने को मिलेगा कि Stock Broker क्या है, स्टॉक ब्रोकर कितने प्रकार के होते हैं, स्टॉक ब्रोकर कैसे काम करता है और स्टॉक ब्रोकर कैसे बनें.
शेयर खरीदने के लिए क्या करना होगा?
शेयर बाजार में पांव रखने से पहले आपको चाहिए डिमैट अकाउंट. जैसे बैंक में बचत, एफडी में निवेश के लिए बैंक अकाउंट चाहिए वैसे ही शेयर मार्केट में निवेश के लिए डिमैट अकाउंट होना जरूरी है. डीमैट के जरिए ही शेयर्स को खरीदा-बेचा जाता है, होल्ड किया जाता है. यह एक तरह से शेयर्स का डिजिटल अकाउंट है.
डीमैट अकाउंट मतलब- डीमटेरियलाइज्ड यानी किसी भी फिजिकल चीज का डिजिटलाइज होना. डिमैट शेयर ब्रोकर का चुनाव कैसे करें? अकाउंट आप चंद सैकेंड में खोल सकते हैं. आधार कार्ड, पैन कार्ड जैसी केवाईसी डॉक्यूमेंट लगती हैं. इसके लिए ब्रोकर की जरूरत होती है. अब ब्रोकर कोई व्यक्ति भी हो सकता है और कंपनी भी. ब्रोकर की वेबसाइट या एप पर जाकर डिमैट अकाउंट आसानी से खोला जा सकता है. अगर आप नेटबैंकिंग करते हैं तो आपके बैंक की वेबसाइट या एप पर भी डिमैट अकाउंट खोल सकते हैं. आमतौर पर इसकी लिए कोई फीस नहीं देनी होती लेकिन यह कंपनी पर निर्भर करता है कि वे डिमैट के लिए कितना वसूलना चाहते हैं.
किस कंपनी का शेयर खरीदें?
जवाब है किसी अच्छी कंपनी है, क्योंकि अच्छी कंपनी के शेयर्स अच्छा रिटर्न देते हैं. अच्छी कंपनी मतलब जिसका प्रॉफिट, प्रोडक्ट, भविष्य अच्छा हो. शेयर मार्केट की भाषा में इसे कंपनी के फंडामेंटल्स यानी बुनियादी बातें कहते हैं, कंपनी के फंडामेंटल्स अच्छे हैं तो कंपनी का भविष्य अच्छा माना जाता है. इसके लिए आपको कंपनी की सालाना बैलेंस शीट पर नजर रखनी होती है. यानी कंपनी कितना कमा रही है, कितना कर्ज है, कितना मुनाफा हो रहा है? कंपनी के शेयर्स ने पहले कैसा प्रदर्शन किया है. ये सब देखना होता है. कई बार खबरें भी कंपनी के शेयर्स को प्रभावित करती हैं. जैसे कि जब दुनिया के सबसे अमीर आदमी ईलॉन मस्क ने ट्विटर को खरीदने का ऐलान किया तो निवेशकों में ट्विटर के शेयर्स को खरीदने की होड़ लग गई. लेकिन निवेशक केवल कंपनी के फंडामेंटल्स पर ध्यान दें तो भी काम बन सकता है. सबसे पहले ऐसे शेयर में निवेश करें जो सुरक्षित हैं. यानी उन बड़ी कंपनियों के शेयर्स खरीदें जो दशकों पुरानी हैं, प्रॉफिट में रहती है और आगे भी रहेंगी. इससे आप नुकसान में नहीं रहेंगे. जब इसमें निवेश कर लें तो शेयर्स को स्टडी करना सीखें, कंपनी की बैलेंस शीट पढ़ना सीखें.
ट्रेडिंग या निवेश?
एक्सपर्ट कहते हैं कि 5 साल, 10 साल या उससे भी ज्यादा समय के लिए निवेश करने वाले फायदे में रहते हैं. यानी लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट. अब शेयर बाजार को गहनता से समझने वाले और रिस्क उठा सकने वाले ही शॉर्ट टर्म या हर रोज शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं. कितना और कितने समय के लिए निवेश? अब सबसे पहले आप ये तय करें कि निवेश कितना करना है और कितने समय के लिए. फिर तय करें कि आप निवेश करना क्यों चाहते हैं यानी कि आपका उद्देश्य क्या है. जैसे, शिक्षा, शादी या घर खरीदने जैसे गोल्स. इसी अनुसार आप आगे बढ़ते हैं और तभी आप फैसला ले पाएंगे कि आपको किस शेयर में निवेश करना है. शेयर मार्केट में शुरुआत धीमी रखें.
अगर आपके पास इन सब के लिए समय नहीं है या समझ नहीं है तो ऐसी स्थिति में आप किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट से ही सलाह लें, एक्सपर्ट को बताएं कि आप कितना खर्च करना चाहते हैं और कितने समय के लिए. आपका निवेश का शेयर ब्रोकर का चुनाव कैसे करें? उद्दश्य क्या है और आप निवेश से कितने रिटर्न की अपेक्षा रखते हैं. एक उपाय म्यूचुअल फंड भी हैं. जिसमें कुछ एक्सपर्ट आपके जैसे कई निवशकों शेयर ब्रोकर का चुनाव कैसे करें? के पैसे को कहां लगाना है ये तय करते हैं.
शेयर बाजार में करनी है एंट्री, ऑनलाइन या ऑफलाइन निवेश क्या है फायदेमंद, जानें यहां
बाजार की उथल-पुथल को समझते हैं और बाजार की हलचल की समझ रखते हैं तो आप डिस्काउंट ब्रोकर का चुनाव कर सकते हैं.
Share Market Investment: शेयर बाजार इन दिनों गुलजार है, निवेशकों की बहार है. मार्केट की मदमस्त चाल से निवेशक मालामाल हो रहे हैं. ऐसे में अगर आप भी स्टॉक मार्केट में निवेश करना चाहते हैं तो यह आपके लिए एंट्री का अच्छा मौका शेयर ब्रोकर का चुनाव कैसे करें? है.
अब सवाल उठता है कि शेयर मार्केट में ब्रोकर के जरिए निवेश करना चाहिए या खुद भी इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं. अगर खुद निवेश करते हैं तो ऑनलाइन या ऑफलाइन, कैसे निवेश करना चाहिए. निवेश के दौरान पावर ऑफ अटॉर्नी का क्या महत्व है. इन तमाम बातों के बारे में चर्चा कर रहे हैं Zerodha के सह-संस्थापक निखिल कामथ.
Career Tips, Stock Broker Jobs: इन दिनों बहुत लोग स्टॉक मार्केट (Stock Market Jobs) में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. कई लो . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : November 05, 2021, 14:28 IST
नई दिल्ली (Career Tips, Stock Broker Jobs). अगर आप देश-दुनिया की खबरों में दिलचस्पी रखते हैं तो शेयर मार्केट (Share Market), स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange), स्टॉक ब्रोकर (Stock Broker), निफ्टी (Nifty) और सेंसेक्स (Sensex) से जरूर परिचित होंगे. कम समय में ज्यादा पैसे कमाने के लिए भी लोग अक्सर स्टॉक एक्सचेंज में पैसे निवेश करते हैं. इसे शेयर मार्केट कहा जाता है और जो व्यक्ति किसी इन्वेस्टर और शेयर मार्केट के बीच काम करता है, उसे स्टॉक ब्रोकर कहा जाता है. इस फील्ड में भी जॉब की अपार संभावनाएं मौजूद हैं (Stock Broker Jobs).
आपकी जानकारी के लिए बता दें, ब्रोकर के बिना शेयर मार्केट का बिजनेस अधूरा रहता है. स्टॉक एक्सचेंज और इन्वेस्टर के बीच स्टॉक ब्रोकर एक कड़ी की तरह काम करता है. ब्रोकर के बिना किसी भी इन्वेस्टर या निवेशक के लिए स्टॉक मार्केट में बेस्ट परफॉर्मेंस दे पाना मुश्किल है (Stock Broker Work Profile). डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए भी स्टॉक ब्रोकर की जरूरत पड़ती है.
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