18 वर्ष से अधिक उम्र का ऐसा कोई भी भारतीय नागरिक, जिसके पास बैंक अकाउंट है, वह जार में निवेश कर सकता है और रोज़ाना पैसे बचा सकता है।

Vikash Tiwary

जार ऐप का इस्तेमाल कैसे करें?

  1. अपना जार अकाउंट बनाने के लिए अपने फोन नंबर से लॉगिन करें।
  2. अपने फ़ोनपे, गूगल पे या पेटीएम खाते से यूपीआई ऑटोपे सेटअप करें।
  3. अब जार को सोने की बेहतरीन दर पर रोज़ाना पैसे बचाने दें।
  4. अपने जार अकाउंट में जमा हुए सोने को तुरंत बेचने के लिए 'फ़ंड विथड्रॉ' ऑप्शन पर क्लिक करें और सीधे अपने ई-वॉलेट में पैसा पाएं। जार आपकी मोटी बचत को सुनिश्चित करने के लिए सोने की बेहतरीन दरें देता है।

अपनी तरह का पहला मेड इन इंडिया ऐप। एनपीसीआई और भारत के बेहतरीन यूपीआई सेवा प्रदाताओं के समर्थन से हम भारत में सोने में निवेश करने के लिए एक नया एप्लिकेशन पेश करने वाली पहली कंपनी हैं।

जार में आपको स्पिन द व्हील खेलने का विकल्प मिलेगा, जिसकी मदद से आप अपनी बचत दोगुनी कर सकते हैं।

जार की मदद से आप अपना पैसा कहां लगाते हैं? ‍

आप जार के प्रीमियम डिजिटल गोल्ड इंवेस्टमेंट प्लान और ऑफर के साथ, छोटी-छोटी बचत (सोने की सर्वोत्तम दरों पर) कर सकते हैं।

100% सुरक्षित और आसान इस पेशकश की मदद से, आप हर लेन-देन पर अपने-आप 24 कैरेट सोना ख़रीद सकते हैं।

जार आपको अपने पैसों पर पूरा कंट्रोल देता है। सिर्फ़ कुछ बटन पर क्लिक करके आप इस प्रोसेस को रोक सकते हैं, फिर से शुरू कर सकते हैं या पैसे निकाल सकते हैं।

सोच रहे हैं यह डिजिटल गोल्ड क्या है?

‍डिजिटल गोल्ड वास्तविक सोना ही है। जगह बचाने और सुरक्षा सुनिश्चित करने आप अपनी रकम को कैसे कर सकते हैं दोगुना के लिए इसे वर्चुअली स्टोर किया गया है।

एक क्लिक की मदद से आप जब चाहें इसे असली सोना में बदल सकते हैं। डिजिटल गोल्ड के फ़ायदे, ख़तरे और टैक्स से जुड़ी जानकारी के बारे में ज़्यादा जानें।

आप भविष्य के अपने सारे आर्थिक सपनों को पूरा करने के लिए जार बना सकते हैं:

जार ऐप में बचत के प्रकार:

1. 10 से विभाजित होने वाली सबसे क़रीबी रक़म (डिफ़ॉल्ट): जार आपके लेन-देन को 10 से विभाजित होने वाली सबसे क़रीबी रक़म मानेगा।

उदाहरण के लिए: अगर आप 27 रुपए का लेन-देन करते हैं, तो जार इसे 10 से विभाजित होने वाली सबसे क़रीबी रकम मान लेगा। आप अपनी रकम को कैसे कर सकते हैं दोगुना यानी, आपकी रकम 30 मानी जाएगी। अब जो तीन रुपए का अंतर आया, जार उसे अपने आप डिजिटल गोल्ड में निवेश कर देगा।

2. सबसे क़रीबी वह संख्या जिसके आख़िर में 5 का अंक हो: जार आपके लेन-देन को उस क़रीबी रक़म में बदल देगा जिसके अंत में 5 का अंक हो।

उदाहरण के लिए: अगर आप 22 रुपए का लेन-देन करते हैं, तो जार इसे सबसे क़रीबी वह रक़म मान लेगा जिसके अंत में 5 का अंक हो। यानी, आपकी रक़म 25 रुपए मानी जाएगी। अब जो तीन रुपए का अंतर आया, जार उसे अपने आप डिजिटल गोल्ड में निवेश कर देगा।

3. हर दिन 1 रुपए से लेकर 500 रुपए तक की एक निश्चित रकम की बचत: जार आपके हिसाब से हर लेन-देन को 10 या 5 से विभाजित होने वाली सबसे नज़दीकी रक़म में बदलता रहेगा। यह तब तक होगा जब तक कि रोज़ाना की रक़म 500 रुपए को न छू लें। यही कारण है कि जार ऐप को 500 रुपए तक के ऑटो-पे के लिए परमिशन की ज़रूरत होती है।

जार अकाउंट बनाने के लिए मुझे क्या-क्या चाहिए?

  1. एक वैलिड फ़ोन नंबर
  2. फ़ोनपे, गूगलपे, पेटीएम या भारत में किसी भी अन्य यूपीआई सेवा देने वाली कंपनी से जुड़ा एक यूपीआई खाता।

फ़िलहाल, जार की मदद से पैसे की बचत करने के लिए केवाईसी वेरिफ़िकेशन की ज़रूरत नहीं है।

Fixed Deposit Double Scheme क्या है?

बैंकों द्वारा शुरू की गई सावधि जमा दोहरी योजना (फिक्स्ड डिपॉजिट डबल स्कीम) एक ऐसी योजना है जिसमें निवेशक अपने पैसे को पूर्व निर्धारित अवधि में थोड़ा-थोड़ा करके निवेश करता है और एक निश्चित अवधि के बाद उसका पैसा बैंक द्वारा दोगुना करके लोटा दिया जाता है।

परिपक्वता अवधि पर अपने पैसे को दोगुना करने के इच्छुक निवेशकों के उद्देश्य को पूरा करने के लिए विभिन्न बैंकों द्वारा सावधि जमा डबल योजना (Fixed Deposit Double Scheme) जो विशेष सावधि जमा योजना (Special Fixed Deposit Scheme) के नाम से भी जानी जाती है को लॉन्च किया गया।

फिक्स्ड डिपॉजिट डबल स्कीम से अपने पैसे को दोगुना कैसे करें?

यह एक पुनर्निवेश योजना है जहां चक्रवृद्धि लाभ उत्पन्न करने के लिए अर्जित ब्याज को मूलधन में जोड़कर पुनर्निवेश किया जाता है। बैंक आमतौर पर सावधि जमा दोहरी योजना की पेशकश करते हैं। ये FD स्कीम हैं जिनमें निवेशकों को एक निश्चित अवधि के लिए एक निश्चित राशि जमा करनी होती है।

यह योजना किसी निवेशक के लिए पैसों को तब दोगुना करती है जब कोई निवेशक बैंक द्वारा तय पूर्व निर्धारित अवधि तक एक निश्चित अमाउंट प्रत्येक महीना या त्रैमासिक आधार पर जमा करता है। आप भारत की टॉप सरकारी व प्राइवेट बैंकों के माध्यम से इस स्कीम का लाभ उठा सकते है।

फिक्स्ड डिपॉज़िट डबल स्कीम एक FD स्कीम है जिसकी निश्चित अवधि बैंक द्वारा तय की जाती है। बैंक आमतौर पर इस प्रकार की जमा राशि के लिए न्यूनतम निवेश राशि तय करता है और ब्याज दर FD की अवधि पर निर्भर करती है।

सामान्य फिक्स्ड डिपॉजिट और फिक्स्ड डिपॉजिट डबल स्कीम में क्या अंतर है?

एक सामान्य फिक्स्ड डिपॉजिट में जमाकर्ता जमा की अवधि और निवेश राशि का चयन कर सकता है वही एक फिक्स्ड डिपॉजिट डबल स्कीम में निवेशक जमाकर्ता जमा की अवधि और निवेश की राशि का चयन नहीं कर सकता है क्योंकि यह बैंक द्वारा पूर्व निर्धारित होती है।

सामान्य सावधि जमा में, आप अपने निवेश पर अर्जित ब्याज को नियमित अंतराल पर निकाल सकते हैं या इसे पुनर्निवेश कर सकते हैं जबकि सावधि जमा डबल योजना में आप मेच्योरिटी पीरियड से पहले अर्जित ब्याज को बाहर नहीं निकाल सकते हैं यह केवल पुनर्निवेश ही होता है।

सामान्य फिक्स्ड डिपॉजिट में आपके द्वारा किए गए धन को दोगुना करने की कोई गारंटी नहीं मिलती है लेकिन फिक्स्ड डिपाजिट डबल स्कीम में आपके द्वारा निवेश किए गए धन को दोगुना करने की गारंटी मिलती है।

सामान्य FD स्कीम में आप अपना पैसा कभी भी बाहर निकाल सकते हैं लेकिन FD डबल प्लान में आप बैंक द्वारा तय की गई मैच्योरिटी अवधि के बाद ही अपना पैसा बाहर निकाल सकते हैं। आज के ब्लॉकचेन युग में पैसा कमाने का एक और तरीका है क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना, इसके लिए आप ऑनलाइन बिटकॉइन कमाने के सर्वोत्तम तरीकों के बारे में जान सकते हैं।

फिक्स्ड डिपॉजिट डबल स्कीम को कौन ऑफर करता है?

इस योजना को भारत के लगभग सभी बैंक ऑफर करते हैं इसीलिए आप किसी भी बैंक में जाकर बैंक अधिकारी से फिक्स डिपाजिट डबल स्कीम के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करके अपनी बचत को थोड़ा-थोड़ा जमा करना शुरू कर सकते हैं और एक विशेष समय के बाद आपका पैसा डबल हो जाएगा।

फिक्स्ड डिपॉजिट डबल स्कीम के तहत निवेश राशि और समय (Tenure) तय होता है। इस पर अर्जित ब्याज को योजना में पुनर्निवेशित किया जाता है और यहां ब्याज दर भी पूरी अवधि के दौरान स्थिर रहती है। इसलिए, परिपक्वता समय पर आपके द्वारा निवेश किये गये पैसे दोगुने हो जाता है।

आरबीआई द्वारा रजिस्टर्ड बैंकों के अलावा फिक्स्ड डिपॉजिट डबल स्कीम को कोई भी ऑफर नहीं करता है इसलिए कृपया किसी की बातों में नहीं आए और धोखा करने वाले लोगों से बचें। अपने पैसे को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिष्ठित बैंकों के माध्यम से ही इस योजना का लाभ उठाएं।

क्या है VPF

वीपीएफ वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड का स़ंक्षिप्त रूप है। यह ईपीएफ का ही एक विस्तृत रूप है। ऐसे में सिर्फ नौकरीपेशा ही इसका फायदा उठा सकते हैं। साधारण शब्दों में कहें तो जब आप ईपीएफ खाते में एक्स्ट्रा पैसे जमा करवाते हैं तो उसे ही वीपीएफ कहा जाता है। इसके लिए पीपीएफ की तरह अलग से खाता नहीं खुलवाना पड़ता। इसे इस तरह समझते हैं, मान लीजिए आपकी सैलरी से ईपीएफ के 2000 रुपये कटते हैं। आप चाहें तो अपने एचआर से संपर्क कर अपनी योगदान राशि को 5000 कर देते हैं तो एक्स्ट्रा पैसा वीपीएफ होता है। बता दें ​कि यह ईपीएफ के 12 फीसदी से अलग होता है। ऐसे में यदि आप 5000 रुपये का योगदान करते हैं तो नियोक्ता आपकी बेसिक सैलरी के 12 का ही योगदान करेगा।

इसका फायदा सिर्फ वो ही लोग उठा सकते हैं, जिनका ईपीएफ अकाउंट हो। इसका अलग से कोई अकाउंट नहीं होता है। आपको बस अपने एचआर से संपर्क कर अपने पीएफ अकाउंट में ज्यादा योगदान करने का संकल्प लेना होता है। ऐसे में बिना नौकरीपेशा लोग और असंगठित क्षेत्र के लोग इसका फायदा नहीं उठा सकते हैं।

कर्मचारी बढ़ा सकते हैं प्रोविडेंट फंड की राशि

कोई भी कर्मचारी 12 फीसदी की तय सीमा से ज्‍यादा राशि अपने पीएफ खाते में जमा करा सकता है। इसके लिए कर्मचारी अपने नियोक्‍ता को मासिक सैलरी से अधिक राशि पीएफ खाते में डालने की गुजारिश कर सकता है। वह चाहे तो अपनी कुल बेसिक सैलरी का 100 फीसदी भी वीपीएफ खाते में जमा कर सकता है।

वीपीएफ दरअसल आपका ईपीएफ खाता होता है। इसका अलग से कोई खाता नहीं होता है। इसलिए इस पर उतना ही ब्याज मिलता है, जितना पीएफ अकाउंट पर मिलता है। अगर आपको अपने पीएफ खाते पर सालाना 8.1 फीसदी ब्‍याज सरकार दे रही है तो वीपीएफ खाते पर भी इतना ही ब्‍याज का भुगतान किया जाएगा। वैसे तो पीएफ की ब्याज की रेट बदलती रहती है, लेकिन फिर भी पीपीएफ अकाउंट से ज्यादा इसमें पैसा मिलता है।

कैसे खोल सकते हैं VPF खाता

इसके लिए कोई खास झंझट करने की आवश्यकता नहीं है। आप आसानी से वीपीएफ में एक्स्ट्रा पैसे निवेश कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपनी ऑफिस के एचआर या फाइनेंस टीम से संपर्क करना होगा और वहां वीपीएफ के लिए रिक्वेस्ट दे सकते हैं। इसके बाद आप जितना चाहेंगे उतना अमाउंट वीपीएफ में जुड़ जाएगा।

वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड खाते पर भी PF खाते की तरह टैक्‍स छूट मिलती है, लेकिन दोनों खातों को मिलाकर एक वित्‍तवर्ष में सिर्फ 1.5 लाख रुपये पर ही आयकर कानून की धारा 80सी के तहत टैक्‍स छूट ली जा सकती है। हालांकि सरकार ने पीएफ योगदान पर सीमा लगा दी है। सरकार ने एक साल में 2.5 लाख रुपये के निवेश की सीमा तय की है। अब इससे अधिक निवेश पर आपको टैक्स देना होगा। ईपीएफ या वीपीएफ से मिलने वाले पैसे और 5 साल की नौकरी पूरी होने के बाद की जाने वाली निकासी पर टैक्‍स नहीं लगता है।

आप अपनी रकम को कैसे कर सकते हैं दोगुना

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पोस्‍ट ऑफिस एफडी या बैंक एफडी..कहां कितने सालों में आपका पैसा होगा डबल? इस फॉर्मूले से जानें

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बिज़नेस न्यूज़ डेस्क - जो लोग गारंटीड रिटर्न में विश्वास रखते हैं, उनकी पहली पसंद फिक्स्ड डिपॉजिट है। एफडी में आप एकमुश्त राशि निवेश करते हैं और एक निश्चित अवधि के बाद आपको यह राशि ब्याज सहित मिलती है। FD की सुविधा आपको बैंक और पोस्ट ऑफिस दोनों जगह मिलती है। दोनों जगहों की ब्याज दरें अलग-अलग हो सकती हैं। वैसे ब्याज कहां और कितना मिल रहा है, इसे देखकर आप खुद ही अपना मुनाफा समझ सकते हैं. लेकिन अगर आप अपनी रकम को कैसे कर सकते हैं दोगुना आप यह कैलकुलेट करना चाहते हैं कि किस जगह एफडी में निवेश करने पर आपका पैसा कितने समय में डबल हो जाएगा तो इसके लिए आप एक खास फॉर्मूले का इस्तेमाल कर सकते हैं और इसके जरिए आप इसे आसानी से जान सकते हैं। हम बात कर रहे हैं रूल ऑफ 72 के फॉर्मूले की। यह फॉर्मूला निवेश के लिहाज से काफी अहम माना जाता है। ज्यादातर विशेषज्ञ इसे कैलकुलेशन का काफी सटीक फॉर्मूला मानते हैं, जिसके जरिए यह तय किया जाता है कि आपका निवेश कितने दिनों में दोगुना होगा।

किसान विकास पत्र में निवेश के लाभ

  • यह एक प्रकार की Post office Savings Scheme है.
  • किसान विकास पत्र ( Kisan Vikas Patra Interest Rate 2022 ) स्कीम में वर्तमान में 6.9 प्रतिशत की दर से ब्याज दिया जा रहा है।
  • इस स्कीम के तहत सिर्फ 124 महीनों यानी 10 साल 4 महीने में आपका पैसा दोगुना हो जाएगा.
  • इस स्कीम में आप न्यूनतम 1000 रुपए के निवेश से शुरुआत कर सकते है और अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है।
  • योजना में निवेश करने के लिए आपकी उम्र 18 साल या इससे अधिक होनी चाहिए.
  • आप किसी भी पोस्ट ऑफिस (Post Office) में सिंगल या ज्वाइंट अकाउंट खुलवा सकते है।
  • KVP Scheme में आपको आयकर (Tax) में भी छूट मिलेगी।

निवेश करने के बाद आप कम से कम ढाई साल तक इस खाते से पैसे नहीं निकाल पाएंगे। हालांकि निवेशक कुछ शर्तों के तहत मैच्योरिटी से पहले इस खाते से पैसे निकाल सकते हैं. बता दें अगर कोई भी निवेशक प्रमाण पत्र खरीदने के एक साल के अंदर में वापस लेता है तो उसको ब्याज का फायदा नहीं मिलेगा.

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