#6 .शेयर का प्राइस कैसे बढ़ता है?
FREE Stock Market Course Online In Hindi – स्टॉक मार्केट कोर्स
यदि आप इन्वेस्टिंग और और ट्रेडिंग सीखना चाहते हैं तो आप यहां से सीखना शुरू कर सकते हैं हमारा पूरा प्रयास रहेगा कि हम सभी चीजें आपको सरल भाषा में बताएं :
> स्टॉकमार्केटकोर्सकिसकेलिएहै ?
1. जो स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करना चाहते हैं।
2. जो ऑनलाइन पैसा कमाना पसंद करते हैं।
3. जिनके पास कैपिटल है और वह इन्वेस्टमेंट करना ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? चाहते हैं।
4. जो रोज पैसा कमाना चाहते हैं।
> About Stock Market Course :
इस कोर्स में स्टॉक मार्किट के सभी ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? फंडामेंटल बताये जायेंगे, हम दावा करते है की आप स्टॉक मार्किट में एक अच्छे ट्रेडर और इन्वेस्टर बन सकते है इस कोर्स में क्या शामिल है चलिए जानते है :
स्काल्पिंग ट्रेडिंग (Scalping Trading)
स्काल्पिंग ट्रेडिंग का मकसद होता है मिनटों में पैसा कमाना इसमें ट्रेडर शेयर को कुछ चंद मिनटों (या उससे ज्यादा समय के लिए) के लिए ही खरीदते हैं और स्टॉक मार्केट में इन्हीं शेयर के दाम बढ़ने (या कम होने पर) पर खरीदे गए शेयर को बेचकर मुनाफा कमा लेते हैं। जब कोई भी ट्रेडर ऐसी ट्रेडिंग करता है तो उसे स्काल्पिंग ट्रेडिंग कहते हैं।
ऐसी ट्रेडिंग करने वाले ट्रेडर 1 दिन में 1 से ज्यादा कुछ बार 10-20 से ज्यादा भी ट्रेड करते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)
इंट्राडे ट्रेडिंग को हम डे ट्रेडिंग भी कहते हैं। इसका मतलब यह है कि ट्रेडर एक ही दिन में शेयर खरीद लेता
है और उसी दिन में अपने शेयर को फायदे या नुकसान में बेच देता है। आसान शब्दों में कहें तो एक ट्रेडर 1 दिन में समान खरीदता है और उसी दिन में अपना सामान बेच देता है।
इसे कहते हैं इंट्राडे ट्रेडिंग। इंट्राडे ट्रेडिंग का मकसद अचानक आई उछाल या गिरावट का लाभ उठाना होता है जिससे ट्रेडर समय रहते ही मुनाफा कमा सके।
इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेडर हर बार लाभ ही कमाए ऐसा संभव नहीं है ट्रेडर को इसमें नुकसान भी हो सकता है।
ट्रेडिंग में सबसे मुश्किल इंट्राडे ट्रेडिंग होती है इसलिए इसको अच्छी तरह स्टॉक मार्केट सीखने के बाद ही करना शुरू करना चाहिए।
स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)
स्विंग ट्रेडिंग में अक्सर ट्रेडर शेयर को 1 हफ्ते से लेकर 4 हफ्तों तक अपने पास रखता है और फिर इन शेयर को सेल कर देता है। स्विंग ट्रेडिंग का मुख्य लक्ष्य कुछ सप्ताह में शेयर के दाम में आने वाले Swing का लाभ उठाकर जल्द से जल्द लाभ कमाना होता है। इसी को ही स्विंग ट्रेडिंग कहते हैं। इस बात का ध्यान रहे कि इसमें जोखिम भी होता है
पोजीशन ट्रेडिंग से तात्पर्य है कि इसमें ट्रेडर शेयर खरीदता है और इन शेयरों को लंबे समय के लिए अपने पास
रखता है। ऐसा करने के लिए हर एक ट्रेडर को शेयर अपने पास रखने के लिए शेयर की डिलीवरी अपने डीमैट अकाउंट में लेनी पड़ती है।
ट्रेडर ने जितने शेयर जिस दाम में खरीदे हैं इन शेयरों का मूल्य ब्रोकर को देना पड़ता है ऐसा करने से
उसको डीमैट अकाउंट में सभी शेयर मिल जाते हैं। इसके बाद वह कभी भी अपने शेयर को बेचकर पैसे जुटा
सकता है।
ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं?
अब जैसा की हमने आपसे ट्रेडिंग की परिभाषा में कहा की आप किसी शेयर को कुछ मिनटों से लेकर हफ्ते भर तक होल्ड कर सकते है। उसी समय अवधि के अनुसार ट्रेडिंग को मुख्य रूप से दो प्रकार में विभाजित किया गया है:
इंट्राडे ट्रेडिंग(Intraday Trading):
इंट्राडे का हिंदी में मतलब है ‘दिन के अंदर’। जब आप किसी शेयर को एक ही दिन में खरीदते और मार्किट बंद होने से पहले बेच देते हैं तो उस प्रकार की ट्रेडिंग को इंट्राडे ट्रेडिंग कहा जाता है। इसमें आपको सुबह मार्किट खुलते ही पोजीशन बनानी होती है क्योंकि अच्छे मौके सुबह ही मिलते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग का ही एक और टाइप होता है जिसे हम कहते है स्कल्पिंग(Scalping) जिसमे मार्किट खुलने के एक घंटे के अंदर ही शेयर का खरीदना और बेचना दोनों हो जाता है।
स्विंग ट्रेडिंग(Swing Trading)
स्विंग का हिंदी में मतलब होता है ‘झूलना’ और ट्रेडिंग जगत में भी इसका मतलब होता है किसी शेयर को एक से ज़्यादा ट्रेडिंग सेशन तक पकड़ के रखना और कुछ दिन या हफ़्तों बाद बेचना। हम ऐसा कह सकते है कि आपको एक शेयर लेकर कुछ दिनों या हफ़्तों तक झूलना है और जब उसकी कीमत आपके मुताबिक बढ़ जाये तो उसे बेच देना है। अब क्योंकि स्विंग Trading में हम एक दिन से ज़्यादा शेयर को होल्ड करते हैं इसे हम डिलीवरी(Delivery) ट्रेडिंग भी कहते है।
ट्रेडिंग कैसे सीखें? How to Learn Trading in Hindi?
ट्रेडिंग एक ऐसी चीज़ है जो आपको एक दिन में नहीं आएगी। इसके लिए आपको रोज़ पढ़ना पड़ेगा। जिस प्रकार अच्छी किताबें और अच्छे लोग तुरंत समझ में नहीं आते उन्हें पढ़ना पड़ता है। वैसे ही ट्रेडिंग का ज्ञान लेने के लिए आपको टेक्निकल एनालिसिस और Trading Psychology से जुड़ी किताबों को पढ़ना पड़ेगा तब जाकर कुछ बात बनेगी।
इसके बाद भी सिर्फ पढ़ने से काम नहीं चलेगा। आपको मार्किट का रुख देखकर अपनी खुद की स्ट्रेटेजी बनानी पड़ेगी और जिस शेयर में ट्रेडिंग करने की सोच रहे हैं उसके कैंडलस्टिक चार्ट को देखकर उसका तकनिकी विश्लेषण करना होगा। इसके बाद ही आपको पता चल पायेगा कि वो शेयर ऊपर जायेगा या नहीं।
मार्किट से बड़ा गुरु कोई नहीं है इसलिए अगर आप Trading सीखना चाहते हैं तो लाइव ट्रेडिंग सेशन के दौरान किसी भी स्टॉक को पकड़ लें जिसके प्राइस में तेजी से बदलाव हो रहे हो। उस शेयर ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? के पीछे के पैटर्न को देखकर आने वाले पैटर्न का अंदाज़ा लगाएं और खुद का टेस्ट करें।
ट्रेडिंग कैसे की जाती है?
Trading शुरू करने के लिए आपको सबसे पहले एक डीमैट अकाउंट की ज़रूरत पड़ती है जो आपको स्टॉक एक्सचेंज के साथ जोड़ता है। बिना ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट के बिना आप शेयर खरीदने की सोच भी नहीं सकते।
अगर आपने डीमैट अकाउंट खुलवा लिया है तो आप बिना किसी दिक्कत के ट्रेडिंग शुरू कर सकते है। दुनिया के शेयर बाज़ारों की टाइमिंग अलग अलग होती है जैसे भारतीय स्टॉक मार्किट सुबह 9:15 पर खुलता है और दोपहर 3:30 बजे बंद हो जाता है जबकि अन्य स्टॉक एक्सचेंज जैसे यूरोप,ऑस्ट्रेलिया, न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज और अमेरिकी नैस्डेक की ओपन टाइमिंग काफी अलग है।
तो जिस मार्किट में आपको Trading करनी है उसकी ओपनिंग और क्लोजिंग टाइमिंग पता करें। फिर ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खुलवाएं। ट्रेडिंग अकाउंट इंट्राडे ट्रेडिंग में मदद करेगा और डीमैट आपको स्विंग ट्रेडिंग करने में मदद करेगा क्योंकि आपके ख़रीदे गए शेयर डीमैट के अंदर ही रखे जायेंगे। ये दोनों काम करने के बाद आप आराम से किसी भी शेयर में ट्रेड करना शुरू कर सकते हैं।
स्टॉक कितने प्रकार के होते हैं (How many types of stocks are there)
इस तरह की कंपनी लगातार अपने प्रॉफिट को मैनेज करने में सफल होती है इस तरह की कंपनी में Dividend स्टॉक कम होता है या नहीं होता है इस तरह की कंपनी अपने स्टॉक होल्डर को Dividend देगी या नहीं देगी यह निश्चित नहीं होता है और इस तरह के स्टॉक सबसे ज्यादा रिस्की होते हैं मतलब Growth स्टॉक में सबसे ज्यादा रिस्क होता है
2. मूल्य स्टॉक (Value stock) = वैल्यू स्टॉक में डिस्काउंट अवेलेबल होते हैं जो प्राइस उसका निश्चित होता है उसमें भी वह डिस्काउंट कर देते हैं और कभी कभी Value स्टॉप पर कंपनी अपने प्रॉफिट पर डिस्काउंट भी देती है मतलब अपने प्रॉफिट का कुछ हिस्सा अपने शेयर होल्डर को Dividend के रूप में बांट देती है उसे Value स्टॉक कहते हैं
अन्य दो प्रकार और भी है स्टॉक के
1.ब्लू चिप स्टॉक (Bluechip stock)
ब्लू चिप स्टॉक उन कंपनी के स्टॉक होते है जो अपने सेक्टर में लीडर होती है और इनकी लार्ज कैपिटल होती है। ब्लू चिप स्टॉक भरोसेमंद और इन्वेस्टर की पहली पसंद होते है। क्योकि यह स्टॉक नियमित रूप से प्रॉफिट कमाने में सक्षम है। यदि ब्लू चिप स्टॉक में अधिक समय के लिए निवेश किया जाए तो यह अधिक लाभकारी हो सकता है।
2.पैनी स्टॉक (Penny stock)
Penny का अर्थ है- पैसे । वह स्टॉक जिनकी वैल्यू बहुत कम (यानी 1 रुपये से 25 रुपये ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? तक) होती है और मार्किट कैपिटल 100 करोड़ से अधिक नही होती है उन्हें पैनी स्टॉक कहते है। पैनी स्टॉक में निवेश करना सुरक्षित नही माना जाता है यह स्टॉक में बहुत जोखिम होता है।
Share Market में ट्रेडिंग कैसे करे?
हम सब जानते और समझते है कि लाखो लोग हर वर्ष Share market में अपना हाथ अजमाते है लेकिन उनमे से अधिकतर नाकाम हो जाते है ऐसा क्यों होता है? चलिए समाझते है
ज्यादातर लोगो को रातो रात आमिर बनना होता है. जैसा वो मूवी देखते है. उन्हें बहुत जल्दी होती है. इसके चलते वो काफी चीज मिस कर देते है. कुछ चीजे गलत कर देते है. कुछ जरुरी चीजे तो करते ही नहीं है
अपना सारा पैसा एक साथ निवेश कर देते है निवेश करने से पहले ये पता करना जरुरी नहीं समाझते है कि आखिर उन्हें कहा, कितना और कैसे पैसे इन्वेस्ट करने है.
पैसे इन्वेस्ट करने से पहले सही कंपनी/जगह नहीं चुनते है जिससे उन्हें नुकसान का सामना करना पड़ता है और वो ट्रेडिंग छोड़ देते है
यदि आपको ट्रेडिंग में सफल होना है तो ऊपर दी गयी गलतियां न करे. Points को जरूर फॉलो करे. इसके लिए आपको कड़ी मेहनत करनी होगी
Trading ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? का क्या मतलब होता है? (Trade meaning in hindi)
Share को खरीदना और बेचना Trading कहलाता है. जितने भी लोग Share market में Trading करते है उन सभी का अपना अपना तरीका होता है. Trading करने का. शेयर खरीद कर वो अपने Demat account में रखते हैं.
Demat account का उपयोग शेयर को खरीदने और बेचने के लिए ट्रेडर द्वारा किया जाता है
शेयरों की खरीद-बिक्री की सुविधा ऑनलाइन उपलब्ध है. ट्रेडिंग करने से पहले ध्यान रखे कि इसमें काफी जोखिम होता है. यदि आप सही तरीके से करते है तो आप कम से कम 2-3 गुने पैसे कमा सकते है
यदि आप गलत तरीके को चुनते है तो आपके द्वारा निवेश किये गए पैसे पुरे डूब भी सकते है. चलिए Stock market से जुड़े कुछ Important point के बारे में चर्चा करते है.
- कंपनियों के नतीजे समझने की कोशिश करे। कैसे वो आपको ट्रेडिंग में मदद और नुकसान दे सकते है
- शेयर के असली मूल्यांकन को समझे
- बाजार की चाल समझे। आखिर इस दौरान ट्रेडिंग में क्या चल रहा है? क्या आपको ज्यादा प्रॉफिट दे सकता है
- किसी कंपनी के Share purchase करने से पहले उसके कारोबार और शेयर की असली कीमत को जरूर परखे.
- जब शेयर का भाव कम हो तब शेयर खरीदने में ज्यादा प्रॉफिट हो सकता है क्युकि शेयर मार्किट में शेयर का भाव कभी एक सामान नहीं होता है. हो सकता है अभी रेट कम है अगले ही पल बढ़ जाये तब आप अपने शेयर बेंच कर ज्यादा मुनाफा कमा सकते है
Share market me trading kaise ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? kare in hindi
Share Market me trading kaise kare? इसको समझने के लिए आपको बाजार का सही ज्ञान होना जरुरी है. Share market में सफल होने के लिए नीचे दी गयी Marketing tips को जरूर फॉलो करे ये आपको इस क्षेत्र में Pro बना सकती है
एक Trading account खोलें: सबसे पहले एक Trading account खोले। अकाउंट खोलने के लिए एक अच्छा ऑनलाइन स्टॉक ब्रोकर ढूंढें। अकाउंट खोलने के बाद अच्छे से ट्रेडिंग करने के Trading tools का उपयोग करे।
आज के समय में Trading tools मुफ्त और paid दोनों फॉर्म में मौजूद करे। मैं आपको राय देना चाहूंगा कि आप Paid trading tool का उपयोग करे उसमे आपको Latest और Powerful feature देखने को मिलेंगे। यदि आपको ये अच्छे फीचर Free trading tool में मिलते है तो आप उसे भी यूज़ कर सकते है
पढ़ना सीखें- एक ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? मार्केट क्रैश कोर्स: यदि आप कम समय में अच्छी ट्रेडिंग करना सीखना चाहते है और उससे पैसे कमाना चाहते है तो आपको एक्सपर्ट की राय लेना जरूरी हो जाता है उन्होंने अपने सालो के एक्सपेरिंस में जो भी सीखा है
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