पायलट प्रोजेक्ट शुरू में चार शहरों – मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर को कवर करेगा. फिर धीरे-धीरे अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला तक इसका विस्तार होगा.
ई-रुपी के बारे में जानकारी | फुल फॉर्म, मीनिंग और उपयोग । About E-RUPI in Hindi
अब आपको बाजार से सब्जी, अनाज, आटा, दाल, चावल, कपड़े, मोबाइल या कोई सामान लेने के लिए कागज के नोट या सिक्के ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। 1 से लेकर 2000 रुपए तक के, हर तरह के नोट आपके मोबाइल में डिजिटल रुपए (E-Rupi) के रूप में रहेंगे और उनसे आप कुछ भी सामान खरीद सकेंगे या रिचार्ज कर सकेंगे। बिल का पेमेंट कर सकेंगे और किसी को पैसा भी भेज सकेंगे। ये सारी सुविधाएं आपको मिलेंगी डिजिटल रुपए से। इसके लिए किसी bank account या payment app की भी डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं? जरूरत नहीं पड़ेगी। क्योंकि ये UPI पेमेंट से अलग तरीके का सिस्टम होगा, जोकि SMS या QR Code की मदद से चलेगा। इसके लिए इंटरनेट की भी जरूरत नहीं होगी।
1 दिसंबर 2022 से रिजर्व बैंक ने, खुदरा सौदों (Retail transactions) के लिए भी, भारतीय रुपयों का डिजिटल रूप ई-रुपी (e-R ) लांच कर दिया है। फिलहाल, इसे सिर्फ भारत के 4 प्रमुख शहरों दिल्ली, मुंबई, बंगलुरू और भुवनेश्वर में शुरू किया गया है। अगले चरण में इसे अहमदाबाद, हैदराबाद, लखनऊ, पटना, इंदौर, शिमला, कोच्चि, गुवाहाटी, और गंगटोक में डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं? भी शुरू किया जाएगा। धीरे-धीरे करके अगले कुछ महीनों में इसे पूरे भारत में, हर शहर-हर गांव में इस्तेमाल के लिए लागू कर दिया जाएगा।
ई-रुपी क्या है? What is e-Rupi
- e-Rupi का फुल फॉर्म होता है-Electronic Rupee
- हिंदी में इसका मतलब होता है- इलेक्ट्रॉनिक रुपया या डिजिटल रुपया
डिजिटल रुपए भी लीगल टेडर होंगे: कागजी नोटों और सिक्कों की तरह डिजिटल रुपए भी लीगल टेंडर होंगे। मतलब ये कि, इनकी इनकी कानूनी और वैध मान्यता (legal Validity and acceptability) होगी। रिजर्व बैंक इससे संबंधित मौद्रिक नीति भी बनाता रहेगा। घरेलू बाजार और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में डिजिटल रुपयों की कीमत निर्धारण का सिस्टम भी पहले की डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं? तरह काम करता रहेगा।
लोगों के पास किस तरह से पहुंचेगे e-Rupi: सामान्य लोगों तक ये डिजिटल रुपए (e-Rupee) पहुंचाने का जिम्मा, रिजर्व बैंक ने फिलहाल 8 बैकों को सौंपा है (बैकों के नाम नीचे देंखें)। इन्हें भागीदार बैंक (participating banks) कहा गया है। ये बैंक अपने ग्राहकों को एक digital wallet देंगे, जिसमें उनके डिजिटल रुपए (e-R) भेजे जाएंगे। मतलब यह कि बैंक आपको कागजी नोटों या सिक्कों की बजाय e-R वाले वॉलेट देंगे। आप जितने पैसे खर्च कर देंगे, उतनी रकम आपके डिजिटल पर्स में घट जाएगी। इसी तरह, आपको जितने पैसे मिलेंगे, आपके डिजिटल पर्स में उतनी रकम बढ़ जाएगी।
ई-रुपी के फायदे | Benefits of e-Rupi
- बैंक अकाउंट या पेमेंट एप होना जरूरी नहीं: डिजिटल रुपयों (e-R) को प्राप्त करने या खर्च करने के लिए आपको न तो किसी बैंक अकाउंट रखने की जरूरत होगी और न ही किसी कार्ड या डिजिटल पेमेंट एप की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर, SMS या QR code के माध्यम से यह आपको मिल जाएगी और डिजिटल वैरिफिकेशन के माध्यम से इससे पेमेंट भी किया जा सकेगा।
- इंटरनेट और स्मार्ट फोन की भी जरूरत नहीं पड़ेगी: डिजिटल रुपए से लेन-देन की प्रक्रिया के लिए किसी तरह के इंटरनेट या स्मार्ट फोन की अनिवार्यता नहीं रहेगी। आप किसी भी साधारण फोन की मदद से भी पैसों का लेन-देन निपटा सकेंगे।
- नोटों के फटने या खराब होने की समस्या नहीं: कागजी नोट या सिक्कों की तरह, डिजिटल रुपया कभी भी न तो खराब होगा और न ही फटने का डर रहेगा। न तो आपको टेप या गोंद से चिपका हुआ नोट मिलेगा और न ही नकली सिक्का मिलेगा। रिजर्व बैंक को भी नकली नोटों और नकली सिक्कों की समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा।
- बैंक अकाउंट या कार्ड के डिटेल्स सुरक्षित रहेंगे : पूरी प्रक्रिया के दौरान, आपको न तो बैंक अकाउंट डिटेल्स देने पड़ते हैं न ही आधार कार्ड या एटीएम कार्ड के डिटेल्स देने पड़ते हैं। इससे आपके व्यक्तिगत और फाइनेंशियल डिटेल्स पूरी तरह सुरक्षित बने रहते हैं। आपका कोई विवरण चोरी होने या या शेयर होने की गुंजाइश नहीं रहती।
- संपर्क से संक्रमण की गुंजाइश नहीं: आपको अपने संपर्क में आए किसी सामान को दूसरे को देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। न डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं? रसीद, न कार्ड और न ही फिंगरप्रिंट देना पड़ेगा। दूर से ही कोई भी पेमेंट या ट्रांसफर हो जाएगा। दो लोगों के बीच किसी तरह के संपर्क की जरूरत नहीं पड़ेगा। यानी कि किसी बीमारी के संक्रमण के फैलने की गुंजाइश नहीं रहेगी।
- आपसी लेन-देनों में गोपनीयता भी कायम रहेगी: अभी आप बाजार में या घर में किसी को पैसे देते हैं या लेते हैं तो इसकी जानकारी किसी तीसरे व्यक्ति डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं? या संस्था को नहीं हो पाती। बैंक और सरकार को भी नहीं। इस तरह की गोपनीयता डिजिटल रुपयों के संबंध में भी कायम रहेगी। बैंक या सरकार, न तो ऐसे लेन-देन पर निगाह रख सकेंगे और न ही इनका कोई रिकॉर्ड उन्हें मिलेगा।
Cryptocurrency vs Digital Currency: RBI ने लांच की डिजिटल करेंसी, जानें क्रिप्टोकरेंसी से कैसे है अलग और क्या हैं इसके फायदे
Cryptocurrency vs Digital Currency: क्रिप्टोकरेंसी और केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) दोनों ने पूरे भारत में लाखों लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। डिजिटल एसेट्स के रूप में सामान्य स्थिति के बावजूद दोनों में काफी अंतर है। पूर्व वित्त सचिव एससी गर्ग का मानना है कि सीबीडीसी डीमैटरियलाइज्ड बैंक नोट की तरह होता है, और उसका क्रिप्टोकरेंसी से कोई लेना-देना नहीं है।
बता दें कि देश में पहले ही बहुत से ऑनलाइन पेमेंट के ऑप्शन मौजूद है।ऐसे में अहम सवाल यह है कि जब इतने सारे ऑनलाइन पेमेंट के विकल्प मौजूद हैं और वो बेहतर काम भी कर रहे हैं तो फिर डिजिटल रुपया लाने की जरूरत ही क्यों पड़ी। क्यों खास है डिजिटल करेंसी (Digital Currency) और यह Cryptocurrency से कितनी अलग है।
सीबीडीसी डिजिटल कॉइन क्रिप्टो का भविष्य
क्रिप्टोकरेंसी को दुनिया मुद्रा के रूप में स्वीकार नहीं कर सकती है। हालांकि, सीबीडीसी जैसे रेगुलेटेड डिजिटल कॉइन क्रिप्टो का भविष्य हो सकते हैं। मैकिन्से ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में स्टेबल कॉइन के प्रचलन में तेजी से वृद्धि के साथ केंद्रीय बैंकों ने अपनी स्टेबल डिजिटल करेंसी का पता लगाने के प्रयास तेज कर दिए हैं।
सीबीडीसी या भारतीय ई-रुपया आरबीआई द्वारा जारी किया गया एक डिजिटल टोकन है और यह देश की फिएट करेंसी से जुड़ा हुआ है। ब्लॉकचैन विशेषज्ञों के एक समूह ब्लॉकचैन काउंसिल का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के विकास ने कैशलेस सोसाइटी और डिजिटल करेंसी में रुचि बढ़ा दी है, जिसके चलते दुनिया भर की सरकारें और केंद्रीय बैंक सरकार समर्थित डिजिटल करेंसी के उपयोग पर विचार कर रहे हैं।
Digital Rupee का आज से लेन-देन, क्या Paytm और Google Pay से होगा मुकाबला? जानिए फायदे की बात
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) एक दिसंबर 2022 से रिटेल डिजिटल रुपये (e₹-R) का पहला पायलट प्रोजक्ट लॉन्च करने जा रहा है. रिजर्व बैंक के इस डिजिटल करेंसी को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) एक दिसंबर 2022 से रिटेल डिजिटल रुपये (e₹-R) का पहला पायलट प्रोजक्ट लॉन्च करने जा रहा है. रिजर्व बैंक के इस डिजिटल करेंसी को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) नाम दिया गया है. करेंसी को डिजिटल बनाने और कैशलेस पेमेंट को गति देने के लिए केंद्रीय बैंक ने ये तरीका अपनाया है. अब सवाल उठता है कि क्या पेमेंट का नया तरीका UPI और मोबाइल वॉलेट जैसे पेटीएम (Paytm) और गूगल-पे (Google-pay) का सीधा प्रतिस्पर्धी होगा? आइए जानते हैं कि एक्सपर्ट्स इसको लेकर क्या कहते हैं.
पेटीएम और गूगल पे से कितना अलग?
बिजनेस टूडे में छपी खबर के अनुसार, एक्सपर्ट्स का कहना है कि डिजिटल रुपये का मुकाबला मोबाइल वॉलेट जैसे पेटीएम और गूगल-पे से नहीं है. डिजिटल रुपया पेमेंट का एक नया तरीका है. इसके तहत आपको बैंक से एक बार डिजिटल रुपया खरीदना होगा. उसके बाद आप वॉलेट से वॉलेट में लेन-देन कर पाएंगे.
RBI Digital Currency : आज लांच होने जा रहा है डिजिटल रूपया, जानिए इससे क्या होंगे फायदे
आज डिजिटल रूपया लांच होने जा रहा है जिसके बारे में काफी देर से चर्चा चल रही थी। इस डिजिटल रूपए से विदेशी लेन देन और भी आसान हो जायेगा और कई मायनों में ये आम नागरिक की लाइफ पर भी असर डालेगा। इससे आपको क्या फायदा या नुकसान होगा, आइये जानते हैं।
HR Breaking News, New Delhi: भारतीय रिजर्व बैंक डिजिटल करेंसी (Digital Rupee) को लॉन्च करेगा। RBI अभी डिजिटल करेंसी- डिजिटल रुपी का पहला पायलट परीक्षण करेगा। इसे फिलहाल होलसेल ट्रांजेक्शन के लिए लाया गया है। सरकार जल्द डिजिटल रुपी को रिटेल सेगमेंट के लिए भी रोल आउट करेगी। RBI ने सोमवार को बयान में कहा था कि पायलट परीक्षण के तहत सरकारी प्रतिभूतियों में सेकेंडरी मार्केट लेनदेन का निपटान किया जाएगा।
Tax on Digital currency or virtual currency in India (डिजीटल करेंसी या वर्चुअल करेंसी पर टैक्स)
प्राईवेट वर्चुअल करेंसी या प्राईवेट डिजिटल करेंसी (जैसे क्रिप्टो करंसी) से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी पर विचार-विमर्श शुरु किया गया है और जो निस्कर्ष आएगा उसके बाद हम इस पर कायदे-कानून बनाने पर विचार करेंगे।
बितमंत्री ने क्रिप्टोकरेंसी और अन्य प्राइवेट डिजिटल Assets पर टैक्सेशन को स्पष्ट किया। उन्होंने प्राइवेट डिजिटल करेंसी के लेनदेन से होने वाली डिजिटल करेंसी के क्या क्या फायदे हैं? कमाई पर 30 प्रतिशत टैक्स लगाने की घोषणा की है। डिजीटल एसेट को कर के दायरे में लाने के लिये इस संपत्ति की श्रेणी में एक सीमा से अधिक के लेन-देन पर एक प्रतिशत टीडीएस लगाने का भी प्रस्ताव किया गया है।
डिजिटल रूपया (CBDC) और क्रिप्टो करेंसी में अंतर क्या है?
वित्त मंत्री द्वारा केंद्रीय बजट 2022-23 में डिजिटल रुपये को लेकर कई घोषणाएं की गई हैं । लेकिन लोगो को अभी भी कंफ्यूज हैं कि सीबीडीसी (डिजिटल करेंसी) को सरकार हां कर रही है और साथ ही बिटक्वाइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को ना कर रही है। आइए इन दोनो के बीच के अन्तर को समझते हैं।
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CBDC (Digital currency)
विशेषज्ञों के अनुसार डिजिटल रुपये (Digital currency) की अवधारणा बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी से प्रेरित है। डिजीटल रूपया (CBDC) केंद्रीय बैंक द्वारा जारी डिजीटल करेंसी होता है जबकि बिटकॉइन (क्रिप्टो करेंसी) एक प्राईवेट वर्चुअल करेंसी है।
Central Bank Digital currency (CBDC) केंद्रीय बैंक के नियमों के अनुसार होता है जबकि बिटक्वाइन (क्रिप्टो करेंसी) अनियंत्रित होती है।
क्रिप्टोकरेंसी का प्रबंधन एक कंप्यूटर एल्गोरिथम द्वारा किया जाता है वहीं डिजिटल करेंसी को केंद्रीय बैंक द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
डिजिटल रुपये(CBDC) को सेंट्रल सरकार की मान्यता मिली होती है। इसके साथ ही डिजिटल रुपया केंद्रीय बैंक की बैलेंसशीट में भी शामिल होगी और इसे देश की सॉवरेन करेंसी में बदला जा सकता है।
ऐसा भी प्रस्ताव है कि देश में डिजिटल करेंसी को बैंक नोट की परिभाषा में रखा जाए। इसके लिए RBI ने कानून में संशोधन का प्रस्ताव भी दिया है।
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