स्टॉक निवेशक एक "कठिन" स्थिति में
मुद्रास्फीति और फेड एक बार फिर निवेशकों के लिए केंद्र का स्थान ले रहे हैं। सबसे पहले, मजदूरी मुद्रास्फीति के संकेत थे कि दिसंबर शुरू होने की उम्मीद से अधिक गर्मी थी। इसके बाद पिछले शुक्रवार को निर्माता मूल्य सूचकांक में एक अवांछित वृद्धि हुई।
ये "चिपचिपी मुद्रास्फीति" के संकेत हैं। ऐसा जो इतना आसान नहीं होता है। जिस तरह की फेड ने हमें चेतावनी दी थी।
अजीब तरह के व्यापारियों ने इस शुक्रवार को शुरुआती नुकसान को कम करने की कोशिश की . लेकिन बंद होने पर उत्साह के साथ बिकवाली करके अपने होश में आ गए।
आइए विचार करें कि इस सप्ताह की टिप्पणी में व्यापक निवेश दृष्टिकोण के साथ ऐसा क्यों है।
मार्केट कमेंट्री
मेरी अंतिम टिप्पणी में मैंने निवेशकों के लिए उत्प्रेरकों की चर्चा की। दोनों कारक जो बुलिश रैलियों के साथ-साथ मंदी की गिरावट का कारण बनते हैं।
लेख का संक्षेप संस्करण इस बात की सराहना करना है कि स्टॉक की कीमतों के लिए प्रमुख घटक मुद्रास्फीति की स्थिति है और इसलिए फेड को कब तक हठी बने रहना होगा। मुद्रास्फीति जितनी अधिक समय तक रहती है. फेड की दरें उतनी ही अधिक होती हैं. मंदी की संभावना उतनी ही अधिक होती है और स्टॉक की कीमतें कम होती हैं।
अधिकांश निवेशक मुद्रास्फीति की चर्चा करते समय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के बारे में बात करते हैं। हालांकि, भविष्य में यह कहां होगा इसका प्रमुख संकेतक संबंधित उत्पादक मूल्य सूचकांक (पीपीआई) है।
ऐसा इसलिए है क्योंकि यह रिपोर्ट कंपनियों द्वारा अब ली जा रही लागतों की समीक्षा करती है, जो भविष्य में उनके उत्पादों और सेवाओं के लिए उच्च कीमतों के रूप में दिखाई देंगी। अब आप समझ सकते हैं कि शुक्रवार की सुबह पीपीआई के लिए अपेक्षा से अधिक पढ़ना एक स्वागत योग्य संकेत क्यों नहीं था जिसके कारण एसएंडपी 500 वायदा तुरंत +0.5% से -0.5% तक गिर गया. फिर इस पर -0.73% पर बंद हुआ। सत्र।
निवेशकों के लिए पृष्ठ से वास्तव में क्या कूदना चाहिए यह सराहना करना है कि पीपीआई में महीने दर महीने +0.3% की वृद्धि उसी समय हुई जब गैसोलीन की कीमतें पूरे 6% नीचे थीं। फेड को ठीक इसी बात का डर है. कि अन्य जगहों पर मुद्रास्फीति "चिपचिपी" होती जा रही है।
अर्थ अधिक स्थायी। मतलब रास्ते में फेड से उच्च दरें। मतलब अभी महंगाई से लड़ने के लिए लंबी लड़ाई है जिससे हार्ड लैंडिंग (मंदी) के आसार बढ़ जाते हैं। और हां, मतलब कम कॉर्पोरेट कमाई जो स्टॉक की कम कीमतों को जन्म देती है।
अब याद करते हैं कि शुक्रवार 12/5 को हमने सरकारी रोजगार रिपोर्ट में सीखा कि वेतन मुद्रास्फीति अपेक्षा से अधिक थी। और वेतन मुद्रा स्फीति सबसे चिपचिपी श्रेणी के बारे में है।
उस सूचना के जारी होने से खुले के समय स्टॉक वायदा लगभग -1.5% नीचे था। अजीब तरह से, बैल अंत में शेयरों की बोली लगाते रहे और परिणाम लगभग टूट गया।
सप्ताहांत में निवेशकों ने यह महसूस किया कि यह खबर वास्तव में काफी मंदी की थी। यही कारण है कि सप्ताह के पहले तीन सत्रों में शेयरों में 3% से अधिक की गिरावट आई है।
यह कार्रवाई कुछ हद तक इस शुक्रवार सुबह पीपीआई की प्रतिक्रिया के समान है। स्टॉक वायदा खबर पर चट्टान की तरह गिर गया। लेकिन किसी तरह अंतिम घंटे तक संघर्ष किया जब भालू ने पहिया ले लिया।
शायद ऐसा इसलिए है क्योंकि कुछ व्यापारी पूरी तरह से सराहना नहीं करते हैं कि पीपीआई अधिक व्यापक रूप से सीपीआई रिपोर्ट के लिए अग्रणी संकेतक है जो मंगलवार 12/13 को सामने आता है। शायद वे पासा पलटना चाहते हैं और देखते हैं कि वहां क्या होता है।
या शायद वे बुधवार 12/14 को अगले फेड रेट के फैसले का इंतजार करना चाहते हैं। मैं निवेशकों को याद दिलाना चाहता हूं कि पिछली बैठक में क्या हुआ था। भविष्य में दरों में वृद्धि कम होने की घोषणा के कुछ ही मिनटों के भीतर उन्होंने मूर्खतापूर्ण तरीके से 2% की वृद्धि की।
हालांकि, जब पॉवेल तीस मिनट बाद मंच पर आए, तो उन्होंने लोगों को आगे के दीर्घकालिक संघर्ष की याद दिलाई। और अर्थव्यवस्था के लिए सॉफ्ट लैंडिंग बनाने की संभावना बहुत कम हो गई थी। उस भाषण ने उस 2% रैली को सत्र के -2.5% समापन तक नीचे कर दिया।
लंबी कहानी संक्षेप में, यदि निवेशक 12/13 सीपीआई रिपोर्ट या 12/14 <<ईसीएल-168||फेड घोषणा>> में पासा पलटना चाहते हैं तो वे तेजी से बने रह सकते हैं। हालाँकि, जब आप पीछे हटते हैं और जो चल रहा है उसकी संपूर्णता को देखते हैं, जो कि मैंने अपने "2023 स्टॉक मार्केट आउटलुक" में किया है, तो आप इस बात की सराहना करेंगे कि ऑड्स अभी भी अगले साल की शुरुआत में मंदी की ओर इशारा कर रहे हैं। शेयर की कीमतों के लिए रास्ता।
यह टिप्पणी एक लेख का संपादित संस्करण है जिसका उपयोग पीओडब्लूआर वैल्यू न्यूजलेटर में किया गया था।
Share Market मे Investment करना कैसे Start करे? | Beginner Guide For The Stock Market
How To Start Investment In Stock Market (Beginner Guide) In Hindi: आज कल बहुत सारे लोग share market मे invest कर रहे है और अच्छा return कमाते है। तो अगर आप भी share market मे invest करना चाहते है तो हम आपको शुरू से बताएगे की share market मे कैसे invest करे?
Share मार्केट मे investment करने के बहुत फायदे है जेसे आप कम पैसों मे स्टार्ट कर सकते है। ओर आज 2021 मे ये बहुत easy हो गया है कोई भी इंसान घर बेठे सिर्फ मोबाइल से सब कर सकते है। कोई भी पेपर वर्क नही है 5-10 मिनिट मे आप investment कर सकते हो।
ओर शुरू मे आपको कम ब्रोकर कैसे बनते हैं पैसा invest करना है क्यूकी आप अभी नए हो तो loss भी हो सकता है इसलिए सीखने के लिए थोड़े से शुरुआत करनी चाहिए। ओर तब आपको मार्केट की, shares की knowledge नही होगी तो हो सकता है आपने सही stock न लिए हो ओर loss हो…!
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सबसे पहले आपको stock market मे investment करने के लिए एक Demat Account ओर Trading account खोलना होगा।
पहले investment करने के लिए आपको किसी offline broker के पास अकाउंट खुलवाना पड़ता था ओर वो full service देते थे जो थोड़ा expensive हो जाता था क्यूकी account opening fees, commission, brokerage बहुत खर्चे होते थे।
लेकिन आज कल एसे online बहुत सारी application है जिससे आप कम ब्रोकर कैसे बनते हैं पैसों या zero मे open करा सकते हो ओर brokerage भी बहुत कम होती है।
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Be Humble
आप पहले जो share खरीदेगे उसमे दो चिज़े होगी या आपको फ़ायदा होगा या नुकसान। अगर आपको फ़ायदा हुआ तो Humble रहे अपने आपको lucky माने अपने आपको स्टॉक मार्केट का expert मान ना गलत है क्यूकी उस स्थिति मे फिर आप ज्यादा excitement मे ज्यादा रिस्क लेगे ओर बहुत पैसा invest करेगे।
याद रखे अगर profit हुआ भी है तो वो बाय चान्स है। मार्केट मे पैसा कमाना इतना आसान नही है शुरू मे ही करोड़पति बन जाए, नही तो हर इंसान करोड़पति होता। मार्केट मे continue ब्रोकर कैसे बनते हैं profit कमाना थोड़ा मुश्किल है।
दूसरा ये हो सकता है की आपको loss हुआ हो तो ऐसा नही मानना की ये जुआ है, हम इससे दूर रहेगे या demotivated हो कर ये सोच लो की ये हमारी लिए नही है ओर हमेशा के लिए छोड़ देते है।
आपको loss हुआ तो जानो की क्या गलती थी? मार्केट की वजह से? या stock analysis, या ओर कुछ।
Keep Learning
आपको हमेशा कुछ न कुछ सीखते रहना है। ऐसा नही करना की एक बार loss हुआ तो जिंदगी भर investment नही करोगे। आप Book पढ़ के, video देख के, news से सीख कर improvement लाना है ओर ग्रो करना है। ज्यादा से ज्यादा सीखना है, केसे?, क्या?, कब? करे?
शेर मार्केट के एक्सपेर्ट के बारे मे जानना शुरू करो। उनकी books पढ़ो। जेसे warrant buffet, Rakesh Jhunjhunwala. ,Radhakishan Damani., Ramesh Damani. ,Raamdeo Agrawal.,Vijay Kedia.,Nemish Shah., Porinju Veliyath.,Dolly Khanna. उनके experience जानो ।
Company’s के बारे मे जाने
आपने सब जान लिया की केसे स्टॉक खरीदे ओर चुने लेकिन आपको ये भी पता होना चाहिए की कोनसी कोनसी कंपनी होती है क्या करती है मार्केट मे उस कंपनी के बारे मे क्या चल रहा है। ये सब मतलब आपको कंपनी के बारे मे idea लेने है तो इसके लिए आपको business magazine पढ़नी चाहिए, blogs पढ़ने चाहिए, business news देखनी चाहिए।
Multi-pal Investment Strategy (Portfolio investment)
हमे अपना सारा पैसा एक ही जगह या एक ही कंपनी मे इन्वेस्ट नही करने चाहिए। थोड़ा थोड़ा करके एक से ज्यादा कंपनी मे करना चाहिए क्यूकी अगर कोई एक कंपनी मे नुकसान हो तो दूसरे मे प्रॉफ़िट हो तो हमे ज्यादा loss नही होगा।
एक साथ सारा पैसा सारी कंपनी मे loss हो वो chance कम है। इसलिएएक ही टोकरी मे सारे अंडे रखने की बजाय अलग अलग मे रखो।
सट्टे बाजारी से सावधान
share मार्केट शॉर्ट टर्म मे उपर नीचे होता है लेकिन लंबे समय मे प्रॉफ़िट ही होता है अगर आपने सही कंपनी मे invest किया है तो! share market मे रोज भाव उपर नीचे होते है
तो आपको इसमे घबराना नही है ओर रोज रोज अपने शेर खरीदने-बेचने नही है। ओर अगर आप ऐसा करेगे तो ज्यादा ध्यान आपका उस साइड ज्याएगा ओर लॉन्ग टर्म के ब्रोकर कैसे बनते हैं लिए आप ज्यादा प्रॉफ़िट नही कमा पाएगे।
आप शेर मार्केट मे रातो रात अमीर नही बनते है. उसके लिए टाइम लगता है पैसा double हो फिर भी आप लखपति नही बन सकते, क्यूकी अगर आप 15000 रूपय लगा रहे हो तो ज्यादा से ज्यादा 30000Rs होगे उसमे आप लखपति नही बन सकते जल्दी! हा Long Term मे हो सकते हो अगर आप daily investment करते हो तो।
saving मे ज्यादा से ज्यादा 7% return है लेकिन सही Investment से आपको 12-13% ब्रोकर कैसे बनते हैं शेर मे मिलता है जो लगभग डबल है!
Technical Analysis & Fundamental Analysis
कोई भी शेर खरीदने से पहले आपको थोड़ा बहुत उस कंपनी के बारे मे Analysis करना जरूरी है। Technical analysis मे charts होते है वो देख कर आप कंपनी की performance जान सकते हो।
उसमे ज्यादा कुछ नही पता चलता लेकिन उसकी price की growth देख सकते हो अलग अलग Time period मे। की ये month मे इतनी price थी अब इतनी है पिछले साल क्या था। सारा कुछ जान पाएगे।
ओर fundamental मे आप ज्यादा detail मे जा कर company के बारे मे जानते हो। ज़्यादातर long term investment के लिए fundamental analysis करते है। उसके बारे मे हम बाद मे Detail मे जानेगे।
आप हमारी वैबसाइट से भी ब्रोकर कैसे बनते हैं बहुत कुछ सीख सकते हो इसलिए जुड़े रहे investmentsikho.com पे, share market के बारे मे ओर भी बहुत सारे investment आइडिया के बारे मे।
How to invest in stocks?
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आप free मे upstox, Groww, Angel One जैसे Discount Broker के पास account open करा सकते है। जहा आप एप्लिकेशन से ही share खरीद सकते है।
समस्या का 'समाधान' चाहिए तो 'सेवा' करें
Meerut: बाप-बड़ा न भैया, सबसे बड़ा रुपैया। इस कहावत का सच देखना है तो नगर निगम आएं। मामला बर्थ सर्टिफिकेट का हो या हाउस टैक्स का। हर कार्य के लिए दलालों की सेवाएं उपलब्ध हैं, जो बाकायदा बोर्ड लगाकर दफ्तर के बाहर बैठे हैं। इसके विपरीत अगर आप दलालतंत्र में यकीन नहीं रखते हैं तो आपको नगर निगम के सिस्टम की अच्छी तरह से जानकारी होनी चाहिए। किसी पार्षद या अधिकारी से पहचान भी आपको मुश्किल से निकाल सकती है। फिर भी क्लर्क की सेवा जरूरी बताई जाती है। आइए देखते हैं कि नगर निगम से पब्लिक को क्या हैं समस्याएं और कैसे हो सकता है उनका समाधान
मुश्किल से मिलता है बर्थ सर्टिफिकेट
शर्मा जी को तीन वर्षीय बेटे का ब्रोकर कैसे बनते हैं स्कूल में दाखिल कराने के लिए बर्थ सर्टिफिकेट की जरूरत पड़ गई। वह जैसे ही नगर निगम के दफ्तर पहुंचे तो उनका मुकाबला एक दलाल से हो गया। दलाल ने समस्या सुनी और एक हजार रुपए में समस्या का समाधान करने की गारंटी दी। शर्मा जी ने प्रस्ताव खारिज कर दिया। किसी तरह उन्होंने रिकार्ड रूम से फॉर्म लिया तो बाबू ने औपचारिकताएं पूर्ण करने के लिए बच्चे के स्कूल का कागज मांग लिया। चूंकि अभी एडमिशन होना था, इसलिए उनके पास स्कूल का कोई कागज नहीं था। बाबू ने समाधान बताया कि जन्म के समय अस्पताल से मिला प्रमाण पत्र ले आएं। ये भी शर्मा जी के पास नहीं था। उन्होंने सवाल किया, कोई और तरीका? आखिर कैसे होगा काम? इस पर बाबू ने एक दलाल का पता समझा दिया कि उससे मिल लो।
बर्थ सर्टिफिकेट में खेल
यदि बच्चा तीन साल से अधिक का है और आप के पास उसके जन्म से संबंधित कोई कागज या कार्ड नहीं है तो आपको जेब ढीली करनी होगी। फिर बच्चे का जन्म अस्पताल नहीं बल्कि घर में दिखाया जाएगा। इसके लिए पार्षद से एक पत्र लिखवाना होगा, जिसमें दो गवाहों के साइन भी होंगे। इस पर क्षेत्र में तैनात नगर निगम का सुपरवाइजर भी टिप्पणी लिखेगा। उसकी सेवा अलग करनी होगी। इतनी प्रक्रिया के बाद नगर निगम में कागजात जमा होंगे। फिर एक दो दिन की भाग दौड़ के उपरांत आपको बच्चे का सर्टिफिकेट मिल जाएगा।
सही काम पर परेशानियां
यदि बाबू द्वारा मांगे गए सारे कागज आपके पास हैं, तो समझ लीजिए की आपकी परेशानी के दिन शुरू हो गए हैं। औपचारिकता के तौर पर आपका फार्म तो जमा करा लिया जाएगा। अव्वल तो उसको कंप्यूटर में फीड नहीं किया जाएगा और यदि कर भी लिया तो उस पर सिगनेचर कराने के लिए आपको अफसरों के आगे पीछे चक्कर काटने होंगे। सबसे बड़ी परेशानी तो बर्थ व डेथ सर्टिफिकेट के रजिस्ट्रार असीम रंजन ही पैदा कर देंगे। अपने निजी कामों और व्यवस्तता का हवाला देकर वो न केवल आपके फार्म पर हस्ताक्षर करने की जहमत उठाएंगे, बल्कि आपकी फाइल को भी दाब कर बैठ जाएंगे। यहां बस आपका कसूर इतना भर है कि आपके पास वो सब कागज मौजूद थे जो यहां के बाबू नहीं चाहते।
अगर आप समस्या का वास्तविक हल चाहते हैं तो इसके लिए आपको किसी भी कदम पर धांधली मिलने की शिकायत नगर आयुक्त या फिर उप नगर आयुक्त से करनी होगी। साथ ही आपको उनके समक्ष अपने फार्म की पूरी फाइल प्रस्तुत करनी होगी। शिकायत सही पाए जाने पर आपके काम पर ध्यान दिया जाएगा।
यहां करें संपर्क
बिजली संबंधी समस्या
यदि आपके गली मोहल्ले या फिर पार्क आदि की लाइट खराब हो गई है और इसे ठीक करवाना आप अपनी जिम्मेदारी समझते हैं तो समझ लो कि जान आफत में है। हालांकि निगम की ओर से फोन सुविधा भी शुरू की गई है, लेकिन वो केवल दिखाने के लिए है। उसका असल मकसद आपको निगम दफ्तर तक खींच कर लाना है। निगम पहुंचे तो वही जटिल प्रक्रिया। आपसे मोहल्ला वासियों के हस्ताक्षर वाली एक एप्लीकेशन और पार्षद का पत्र मांगा जाएगा। सभी कागजात जमा करने के बाद आठ दिन का समय मिलेगा। कल-परसो में महीना बीत जाएगा और उसके बाद पता लगेगा कि यहां 'सेवा' किए बिना कुछ नहीं मिलता।
समस्या के समाधान के लिए संबंधित मोहल्ले के कुछ लोगों और प्रार्थना पत्र के साथ जाकर नगर आयुक्त से मिला जा सकता है। नगर आयुक्त से मिलकर अपनी समस्या बताएं। नगर आयुक्त उसी समय आपकी एप्लीकेशन पर संबंधित काम के लिए आदेश करेगा। इसके अलावा आपकी पार्षद से सही ट्यूनिंग होनी चाहिए या फिर किसी अन्य जनप्रतिनिधि का नगर आयुक्त के नाम सिफारिशी पत्र होना चाहिए। बावजूद इसके यदि काम नहीं होता तो नगर आयुक्त से शिकायत करें। सिफारिश का हवाला दें तो कुछ दिनों बाद काम हो जाएगा।
एक्सीएन, प्रभारी बिजली
हाउस टैक्स बनवाना भी आसान नहीं
हाउस टैक्स के मामले में जनता जनार्दन की परेशानियां और भी बढ़ जाती हैं। परेशानियां तब और अधिक बढ़ जाती हैं, जब आप एक जिम्मेदार व ईमानदार नागरिक हैं। हाउस टैक्स के लिहाज से शहर के तीन जोन में बांटा गया है। मुख्यालय, शास्त्रीनगर और कंकरखेड़ा। इन जोनों के अपने अलग जोनल प्रभारी हैं। जबकि हर वार्ड के लिए एक अलग बाबू की तैनाती की गई है। बनवाने के लिए आपको निगम दफ्तर स्थित हाउस टैक्स डिपार्टमेंट से फॉर्म खरीदना होगा। आपको अपनी आईडी व राशन कार्ड के अलावा संबंधित प्रॉपर्टी का बैनामा या फिर रजिस्ट्री की एक कॉपी देनी होगी। फॉर्म आपको वार्ड के हाउस टैक्स बाबू के यहां जमा करना होगा। बाबू के समक्ष आपको पूरे मकान का हुलिया बयां करना होगा।
यहां पैदा होगी समस्या
फॉर्म जमा करने के बाद संबंधित रजिस्ट्रार ऑफिस या प्राधिकरण से आपकी प्रॉपर्टी के कागजों का सत्यापन कराया जाएगा। हालांकि हाउस टैक्स जारी करने में तीन माह का समय निर्धारित किया जाता है, लेकिन नगर निगम बाबुओं के व्यस्त शेड्यूल के आगे या तो उनकी सेवा करनी होगी या फिर निगम से लेकर संबंधित विभागों तक की पैरवी भी आपको ही करनी पड़ेगी।
हाउस टैक्स बनवाते समय किसी भी कदम पर अनियमितता मिलने पर संबंधित कर निर्धारण अफसर को सीधे एप्रोच किया जा सकता है। वहां भी सुनवाई नहीं होती तो नगर आयुक्त को शिकायत दी जा सकती है। नगर निगम में आयोजित होने वाले समाधान दिवस पर भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।
हाउस टैक्स के लिए यहां करें संपर्क
नगर निगम ब्रोकर कैसे बनते हैं के किसी भी कार्य में यदि अनियमिताएं देखने को मिल रही हैं, तो कोई भी शहरवासी मुझे या संबंधित अफसर को फोन या एसएमएस के जरिए समस्या से अवगत करा सकता है। उस पर पूरा अमल किया जाएगा।
-सतीश कुमार दुबे, नगर आयुक्त मेरठ
नगर निगम में किसी भी तरह की धांधली की शिकायत मेरे कार्यालय पर आकर या फिर में मोबाइल नंबर पर बताएं। शिकायत सही पाए जाने पर संबंधित अफसर या कर्मचारी पर दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी।
समस्या का 'समाधान' चाहिए तो 'सेवा' करें
Meerut: बाप-बड़ा न भैया, सबसे बड़ा रुपैया। इस कहावत का सच देखना है तो नगर निगम आएं। मामला बर्थ सर्टिफिकेट का हो या हाउस टैक्स का। हर कार्य के लिए दलालों की सेवाएं उपलब्ध हैं, जो बाकायदा बोर्ड लगाकर दफ्तर के बाहर बैठे हैं। इसके विपरीत अगर आप दलालतंत्र में यकीन नहीं रखते हैं तो आपको नगर निगम के सिस्टम की अच्छी तरह से जानकारी होनी चाहिए। किसी पार्षद या अधिकारी से पहचान भी आपको मुश्किल से निकाल सकती है। फिर भी क्लर्क की सेवा जरूरी बताई जाती है। आइए देखते हैं कि नगर निगम से पब्लिक को क्या हैं समस्याएं और कैसे हो सकता है उनका समाधान
मुश्किल से मिलता है बर्थ सर्टिफिकेट
शर्मा जी को तीन वर्षीय बेटे का स्कूल में दाखिल कराने के लिए बर्थ सर्टिफिकेट की जरूरत पड़ गई। वह जैसे ही नगर निगम के दफ्तर पहुंचे तो उनका मुकाबला एक दलाल से हो गया। दलाल ने समस्या सुनी और एक हजार रुपए में समस्या का समाधान करने की गारंटी दी। शर्मा जी ने प्रस्ताव खारिज कर दिया। किसी तरह उन्होंने रिकार्ड रूम से फॉर्म लिया तो बाबू ने औपचारिकताएं पूर्ण करने के लिए बच्चे के स्कूल का कागज मांग लिया। चूंकि अभी एडमिशन होना था, इसलिए उनके पास स्कूल का कोई कागज नहीं था। बाबू ने समाधान बताया कि जन्म के समय अस्पताल से मिला प्रमाण पत्र ले आएं। ये भी शर्मा जी के पास नहीं था। उन्होंने सवाल किया, कोई और तरीका? आखिर कैसे होगा काम? इस पर बाबू ने एक दलाल का पता समझा दिया कि उससे मिल लो।
बर्थ सर्टिफिकेट में खेल
यदि बच्चा तीन साल से अधिक का है और आप के पास उसके जन्म से संबंधित कोई कागज या कार्ड नहीं है तो आपको जेब ढीली करनी होगी। फिर बच्चे का जन्म अस्पताल नहीं बल्कि घर में दिखाया जाएगा। इसके लिए पार्षद से एक पत्र लिखवाना होगा, जिसमें दो गवाहों के साइन भी होंगे। इस पर क्षेत्र ब्रोकर कैसे बनते हैं में तैनात नगर निगम का सुपरवाइजर भी टिप्पणी लिखेगा। उसकी सेवा अलग करनी होगी। इतनी प्रक्रिया के बाद नगर निगम में कागजात जमा होंगे। फिर एक दो दिन की भाग दौड़ के उपरांत आपको बच्चे का सर्टिफिकेट मिल जाएगा।
सही काम पर परेशानियां
यदि बाबू द्वारा मांगे गए सारे कागज आपके पास हैं, तो समझ लीजिए की आपकी परेशानी के दिन शुरू हो गए हैं। औपचारिकता के तौर पर आपका फार्म तो जमा करा लिया जाएगा। अव्वल तो उसको कंप्यूटर में फीड नहीं किया जाएगा और यदि कर भी लिया तो उस पर सिगनेचर कराने के लिए आपको अफसरों के आगे पीछे चक्कर काटने होंगे। सबसे बड़ी परेशानी तो बर्थ व डेथ सर्टिफिकेट के रजिस्ट्रार असीम रंजन ही पैदा कर देंगे। अपने निजी कामों और व्यवस्तता का हवाला देकर वो न केवल आपके फार्म पर हस्ताक्षर करने की जहमत उठाएंगे, बल्कि आपकी फाइल को भी दाब कर बैठ जाएंगे। यहां बस आपका कसूर इतना भर है कि आपके पास वो सब कागज मौजूद थे जो यहां के बाबू नहीं चाहते।
अगर आप समस्या का वास्तविक हल चाहते हैं तो इसके लिए आपको किसी भी कदम पर धांधली मिलने की शिकायत नगर आयुक्त या फिर उप नगर आयुक्त से करनी होगी। साथ ही आपको उनके समक्ष अपने फार्म की पूरी फाइल प्रस्तुत करनी होगी। शिकायत सही पाए जाने पर आपके काम पर ध्यान दिया जाएगा।
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बिजली संबंधी समस्या
यदि आपके गली मोहल्ले या फिर पार्क आदि की लाइट खराब हो गई है और इसे ठीक करवाना आप अपनी जिम्मेदारी समझते हैं तो समझ लो कि जान आफत में है। हालांकि निगम की ओर से फोन सुविधा भी शुरू की गई है, लेकिन वो केवल दिखाने के लिए है। उसका असल मकसद आपको निगम दफ्तर तक खींच कर लाना है। निगम पहुंचे तो वही जटिल प्रक्रिया। आपसे मोहल्ला वासियों के हस्ताक्षर वाली एक एप्लीकेशन और पार्षद का पत्र मांगा जाएगा। सभी कागजात जमा करने के बाद आठ दिन का समय मिलेगा। कल-परसो में महीना बीत जाएगा और उसके बाद पता लगेगा कि यहां 'सेवा' किए बिना कुछ नहीं मिलता।
समस्या के समाधान के लिए संबंधित मोहल्ले के कुछ लोगों और प्रार्थना पत्र के साथ जाकर नगर आयुक्त से मिला जा सकता है। नगर आयुक्त से मिलकर अपनी समस्या बताएं। नगर आयुक्त उसी समय आपकी एप्लीकेशन पर संबंधित काम के लिए आदेश करेगा। इसके अलावा आपकी पार्षद से सही ट्यूनिंग होनी चाहिए या फिर किसी अन्य जनप्रतिनिधि का नगर आयुक्त के नाम सिफारिशी पत्र होना चाहिए। बावजूद इसके यदि काम नहीं होता तो नगर आयुक्त से शिकायत करें। सिफारिश का हवाला दें तो कुछ दिनों बाद काम हो जाएगा।
एक्सीएन, प्रभारी बिजली
हाउस टैक्स बनवाना भी आसान नहीं
हाउस टैक्स के मामले में जनता जनार्दन की परेशानियां और भी बढ़ जाती हैं। परेशानियां तब और अधिक बढ़ जाती हैं, जब आप एक जिम्मेदार व ईमानदार नागरिक हैं। हाउस टैक्स के लिहाज से शहर के तीन जोन में बांटा गया है। मुख्यालय, शास्त्रीनगर और कंकरखेड़ा। इन जोनों के अपने अलग जोनल प्रभारी हैं। जबकि हर वार्ड के लिए एक अलग बाबू की तैनाती की गई है। बनवाने के लिए आपको निगम दफ्तर स्थित हाउस टैक्स डिपार्टमेंट से फॉर्म खरीदना होगा। आपको अपनी आईडी व राशन कार्ड के अलावा संबंधित प्रॉपर्टी का बैनामा या फिर रजिस्ट्री की एक कॉपी देनी होगी। फॉर्म आपको वार्ड के हाउस टैक्स बाबू के यहां जमा करना होगा। बाबू के समक्ष आपको पूरे मकान का हुलिया बयां करना होगा।
यहां पैदा होगी समस्या
फॉर्म जमा करने के बाद संबंधित रजिस्ट्रार ऑफिस या प्राधिकरण से आपकी प्रॉपर्टी के कागजों का सत्यापन कराया जाएगा। हालांकि हाउस टैक्स जारी करने में तीन माह का समय निर्धारित किया जाता है, लेकिन नगर निगम बाबुओं के व्यस्त शेड्यूल के आगे या तो उनकी सेवा करनी होगी या फिर निगम से लेकर संबंधित विभागों तक की पैरवी भी आपको ही करनी पड़ेगी।
हाउस टैक्स बनवाते समय किसी भी कदम पर अनियमितता मिलने पर संबंधित कर निर्धारण अफसर को सीधे एप्रोच किया जा सकता है। वहां भी सुनवाई नहीं होती तो नगर आयुक्त को शिकायत दी जा सकती है। नगर निगम में आयोजित होने वाले समाधान दिवस पर भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।
हाउस टैक्स के लिए यहां करें संपर्क
नगर निगम के किसी भी कार्य में यदि अनियमिताएं देखने को मिल रही हैं, तो कोई भी शहरवासी मुझे या संबंधित अफसर को फोन या एसएमएस के जरिए समस्या से अवगत करा सकता है। उस पर पूरा अमल किया जाएगा।
-सतीश कुमार दुबे, नगर आयुक्त मेरठ
नगर निगम में किसी भी तरह की धांधली की शिकायत मेरे कार्यालय पर आकर या फिर में मोबाइल नंबर पर बताएं। शिकायत सही पाए जाने पर संबंधित अफसर या कर्मचारी पर दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी।
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