भारत जब पिछले साल कोविड-19 महामारी की पहली लहर की चपेट में था, तो सरकार ने उस समय के स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए एक रामबाण के रूप मे तथा साथ ही साथ विकास के एक नए मंत्र के रूप में "आत्‍मनिर्भर भारत" के अपने दृष्टिकोण की घोषणा की। इस कदम में यह तर्क निहित था कि महामारी के दौरान स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के लिए घरेलू आपूर्ति श्रृंखला अधिक विश्वसनीय और आसानी से उपलब्‍ध होगी। इसके अलावा, यह तर्क भी दिया गया कि आयात पर न्यूनतम निर्भरता देश में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के हित में है। ये दृष्टिकोण तर्कसंगत आर्थिक सोच और व्यापक रूप से स्वीकृत इस सिद्धांत के खिलाफ हैं कि आपूर्ति श्रृंखलाओं का विविधीकरण एक अच्छी जोखिम-प्रबंधन रणनीति का अनिवार्य घटक है। दरअसल, भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर के रूप में हाल ही में आई स्वास्थ्य आपदा सबसे लाभदायक विदेशी मुद्रा व्यापार प्रणाली क्या है आत्मनिर्भरता की आलंकारिक व्‍याख्‍या की खामियों को उजागर करती है। इस लेख में, हम चर्चा करते हैं कि घरेलू के बजाय वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं सबसे लाभदायक विदेशी मुद्रा व्यापार प्रणाली क्या है पर भरोसा करना, अप्रत्याशित स्वास्थ्य झटकों का सामना करने के लिए एक बेहतर रणनीति क्यों है।

ई-रुपये का चलन और प्रभाव जैसे-जैसे बढ़ेगा, वैसे-वैसे नकदी के प्रबंधन में कमी आएगी।

रिजर्व बैंक शुरू कर रहा रुपये में ग्‍लोबल ट्रे‍ड सेटलमेंट, कैसे काम करेगा यह सिस्‍टम और कितना होगा फायदा?

डॉलर के मुकाबले रुपया 79.60 के रिकॉर्ड निचले स्‍तर पर चला गया है.

डॉलर के मुकाबले रुपया 79.60 के रिकॉर्ड निचले स्‍तर पर चला गया है.

डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा में आ रही गिरावट और विदेशी मुद्रा भंडार पर बढ़ते दबाव से बचने के लिए आरबीआई ने नया ट्रेड . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : July 14, 2022, 13:17 IST
दुनिया के बाकी देश डॉलर, येन, यूरो और पाउंड में ही ग्‍लोबल ट्रेडिंग करते हैं.
रिजर्व बैंक का मकसद रुपये पर डॉलर व अन्‍य करेंसी का दबाव घटाना है.
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 10 महीने के आयात के लिए पर्याप्‍त है.

नई दिल्‍ली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ग्‍लोबल मार्केट में भारत की पहुंच बढ़ाने और ट्रेडिंग को आसान बनाने के लिए आयात-निर्यात का सेटलमेंट रुपये में कराने की बात कही है. यह सिस्‍टम किस तरह से काम करेगा और भारत को इसका क्‍या फायदा मिलेगा. कमोडिटी एक्‍सपर्ट इसे भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के लिए बड़ा मूव बता रहे हैं.

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 6 अरब डॉलर गिरा, अक्टूबर 2020 के बाद से सबसे कम

Published: August 27, 2022 8:52 PM IST

RBI

मुंबई: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 6.687 अरब डॉलर गिरकर 564.053 अरब डॉलर हो गया है. प्रभुदास लीलाधर में अर्थशास्त्री और क्वांट विश्लेषक ऋतिका छाबड़ा ने कहा, “भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 19 अगस्त को घटकर 564 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, जो अक्टूबर 2020 के बाद सबसे कम है. आरबीआई (Reserve Bank of India) के साप्ताहिक सांख्यिकीय आंकड़ों से पता चलता है कि 19 अगस्त को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 6.687 अरब डॉलर गिरकर 564.053 अरब डॉलर हो गया. इस गिरावट का मुख्य कारण विदेशी मौजूदा सबसे लाभदायक विदेशी मुद्रा व्यापार प्रणाली क्या है सबसे लाभदायक विदेशी मुद्रा व्यापार प्रणाली क्या है परिसंपत्तियों में गिरावट है, जिसका उपयोग आरबीआई विदेशी मुद्रा बाजार में रुपये में गिरावट को कम करने के लिए कर रहा है.”

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इससे पहले के सप्ताह में 12 अगस्त को समाप्त सप्ताह के दौरान देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2.238 डॉलर घटकर 570.74 अरब डॉलर रह गया था. जुलाई के अंतिम सप्ताह में वृद्धि को छोड़कर हर एक सप्ताह में रिजर्व में गिरावट आई है. फरवरी के अंत में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से यह 26 सप्ताहों में से 20 के लिए गिर गया है.

समीक्षाधीन सप्ताह में एफसीए 5.779 अरब डॉलर गिरकर 501.216 अरब डॉलर हो गया. आगे बढ़ते हुए, छाबड़ा ने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार निकट अवधि में दबाव में रहने की संभावना है क्योंकि डीएक्सवाई जुलाई के मध्य में अपने उच्च स्तर पर वापस आ गया है और तेल की कीमतें ऊंची रहने की उम्मीद है.

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वक्त की जरूरत है रुपये में व्यापार, अंतरराष्ट्रीय बाजार में अन्य के मुकाबले मजबूत और स्थिर होगी भारतीय मुद्रा

रुपये को वैश्विक मान्यता दिलाने के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था के आकार में वृद्धि करनी होगी जिसके लिए भारत को मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाना होगा। रुपये में निवेश एवं व्यापार को बढ़ाने से रुपये के मूल्य में भी वृद्धि होगी जो वैश्विक व्यापार में भारत की भागीदारी के नए आयाम स्थापित करेगी।

[डा. सुरजीत सिंह]। हाल में जारी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि विश्व की अर्थव्यवस्था मंदी की ओर बढ़ रही है। डालर के निरंतर मजबूत होने से महत्वपूर्ण मुद्राएं कमजोर पड़ने लगी हैं। विभिन्न देशों के विदेशी मुद्रा भंडार घटने लगे हैं, जिसके चलते वैश्विक वृद्धि दर घट रही है। आर्थिक परिदृश्य बदलने से वैश्विक भू-राजनीति भी बदल रही है। भारत सरकार ने इस पर गंभीरता से विचार करना प्रारंभ किया है कि इन बदलते वैश्विक हालात के लिए जिम्मेदार अमेरिकी डालर पर निर्भरता को कैसे कम किया जाए?

विदेशी मुद्रा व्यापार पर नुकसान के बाद आपको क्या करना चाहिए?

एब्स्ट्रैक्ट:विदेशी मुद्रा व्यापार पर 0% तक के नुकसान को पूरी तरह से खत्म करने के लिए जोखिम प्रबंधन नहीं किया जाता है। हालांकि, इस प्रबंधन का उपयोग होने वाले लगातार नुकसान को कम करने के लिए किया जाता है।

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विदेशी मुद्रा[ व्यापार पर नुकसान ऐसी चीजें हैं जिनसे हर व्यापारी बचना चाहता है। जैसा कि हमने अक्सर समझाया है, यह एक प्रकार का निवेश है जो बहुत जोखिम भरा है, हालांकि यह अभी भी प्रसिद्ध है क्योंकि यह लाभदायक है। कई नए निवेशक उभर रहे हैं, खासकर सहस्राब्दी पीढ़ी से। कारण यह है कि विदेशी मुद्रा कम समय में भी किसी को भी धनवान बना देती है।

यह वास्तव में एक निवेश के रूप में जाना जाता है जो शानदार लाभ प्रदान करता है, लेकिन यह मत भूलो कि इसमें सभी के लिए एक बड़ा जोखिम भी है। ऐसे में हम नुकसान की बात कर रहे हैं।

कोविड-19 के दौरान की आपूर्ति श्रृंखलाओं में वैश्विक पारस्‍परिक-निर्भरता

चीन से आधिकारिक सीमा शुल्क डेटा के आधार पर हमारी गणना के अनुसार, जैसे ही चीन में महामारी से प्रेरित लॉकडाउन हटा, देश के कोविड-19 उत्पादों के निर्यात ने आसमान छू लिया जिसने अन्य देशों में इनकी कमी को दूर किया। चीन के कोविड-19 उत्पादों का निर्यात लॉकडाउन-पूर्व की अवधि (अप्रैल-दिसंबर 2019) के दौरान 43 अरब अमेरिकी डॉलर से लगभग 200% बढ़कर लॉकडाउन के बाद की अवधि (अप्रैल-दिसंबर 2020) के दौरान 125 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया। सबसे महत्वपूर्ण उत्पादों जैसे कि सुरक्षात्मक वस्त्रों (491%), परीक्षण किट (461%), ऑक्सीजन थेरेपी उपकरण, और पल्स ऑक्सीमीटर (135%) में वृद्धि दर सबसे अधिक थी।

अनुभवजन्य साक्ष्य इस बात की पुष्टि करते हैं कि कोविड-19 (आर्थिक सबसे लाभदायक विदेशी मुद्रा व्यापार प्रणाली क्या है सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी), 2020) से संबंधित चिकित्सा उत्पादों में आपूर्ति श्रृंखलाओं की वैश्विक पारस्‍परिक निर्भरता उच्च स्तर पर है, जिसमें यह देखा गया कि कोई एक देश किसी एक कोविड-19 उत्पाद का शीर्ष उत्पादक हो सबसे लाभदायक विदेशी मुद्रा व्यापार प्रणाली क्या है सकता है, लेकिन किसी दूसरे उत्‍पाद का आयातक भी हो सकता है। इसी तरह, वैक्सीन का उत्पादन, वितरण और प्रशासन विभिन्न देशों में उपलब्ध संसाधन की एक श्रृंखला जिसमें सक्रिय सामग्री, शीशियों, सीरिंज, कोल्ड बॉक्स, ड्राई आइस, फ्रीजर आदि शामिल है, तक पहुंच पर निर्भर हैं (ओईसीडी, 2021)। जैसा कि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की रिपोर्ट में कहा गया है, "एक विशिष्ट वैक्सीन निर्माण संयंत्र लगभग 30 विभिन्न देशों में लगभग 300 आपूर्तिकर्ताओं से प्राप्त 9,000 विभिन्न सामग्रियों का उपयोग करेगा" (डब्ल्यूटीओ, 2020)।

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