Acidic and Basic radical test: लवण विश्लेषण :Write in this way
Salt analysis (Acidic and Basic radical test) is done to find out acidic and basic radicals present in it. Salt analysis is a qualitative analysis. लवण विश्लेषण द्वारा यह ज्ञात किया जाता है कि दिए गए लवण के आधारभूत विश्लेषण क्या है नमूने में कौन सा धनायन (Cation) तथा कौन सा ऋणायन (Anion) उपस्थित है | लवण की थोड़ी आधारभूत विश्लेषण क्या है सी मात्रा को परखनली में लेकर विभिन्न अभिकर्मक मिलाकर परीक्षण किया जाता है तो उसमे उत्पन्न गैस का रंग , गंध , तीक्ष्णता या विलयन का रंग , अवक्षेप (precipitate), अवक्षेप की घुलनशीलता आदि प्रेक्षणों से कुछ निष्कर्ष निकलता है जिससे लवण में उपस्थित अम्लीय मूलक (Anion) अथवा क्षारीय मूलक(Cation) का पता आधारभूत विश्लेषण क्या है चल जाता है I लवण विश्लेषण को गुणात्मक विश्लेषण (Qualitative Analysis) भी कहते है I
प्रयोग संख्या – आधारभूत विश्लेषण क्या है 03
उद्देश्य :- दिए गए लवण (मिश्रण ) में एक अम्लीय मूलक तथा एक क्षारीय मूलक की पहचान कीजिये I
आवश्यक उपकरण :-टेस्ट ट्यूब,फ़िल्टर पेपर ,बर्नर, स्प्रिट लैम्प , टेस्ट ट्यूब होल्डर ,अभिकर्मक इत्यादि I
प्रेक्षण तालिका :- अम्लीय मूलक की पहचान करना –
क्र0सं0 | प्रयोग | प्रेक्षण | निष्कर्ष |
1 | मिश्रण +तनु H2SO4 (ठन्डे में) थोड़ा सा गर्म करने पर | कोई क्रिया नहीं | प्रथम समूह अनुपस्थित |
2 | (i) मिश्रण + सांद्र H2SO4 आधारभूत विश्लेषण क्या है थोड़ा सा गर्म करने पर | तीक्ष्ण गंधयुक्त गैस | द्वितीय समूह संभव |
(ii) परखनली के मुख पर NH4OH से भीगी छड़ लाने पर | सफ़ेद धुआं निकलता है | Cl – निश्चित | |
(iii)मिश्रण + तनु HNO3 +AgNO3 | सफ़ेद अवक्षेप , NH4OH में विलेय | Cl – निश्चित |
रासायनिक अभिक्रियाएं :-
प्रेक्षण तालिका :- क्षारीय मूलक की पहचान करना –
क्र0सं0 | प्रयोग | प्रेक्षण | निष्कर्ष |
1 | मिश्रण + NaOH थोड़ा सा गर्म करने पर | अमोनिया की गंध आती है | NH4 + संभव |
2 | परखनली के मुख पर NH4OH से भीगी छड़ लाने पर | सफ़ेद धुआं निकलता है | NH4 + निश्चित |
रासायनिक अभिक्रियाएं :-
परिणाम :- दिए गए लवण में उपस्थित एक अम्लीय मूलक तथा एक क्षारीय मूलक निम्न हैं –
(i) अम्लीय मूलक …. Cl – ( क्लोराइड आयन )
(ii) क्षारीय मूलक …… NH4 + ( अमोनियम आयन )
image
प्रयोग संख्या – 04
उद्देश्य :- दिए गए लवण (मिश्रण) में एक अम्लीय मूलक तथा एक क्षारीय मूलक की पहचान कीजिये I
आवश्यक उपकरण :-टेस्ट ट्यूब,फ़िल्टर पेपर ,बर्नर, स्प्रिट लैम्प , टेस्ट ट्यूब होल्डर ,अभिकर्मक इत्यादि I
प्रेक्षण तालिका :- अम्लीय मूलक की पहचान करना –
क्र0सं0 | प्रयोग | प्रेक्षण | निष्कर्ष |
1 | मिश्रण +तनु H2SO4 (ठन्डे में) | रंगहीन , गंधहीन गैस आधारभूत विश्लेषण क्या है बुदबुदाहट के साथ निकलती है | CO3 – – संभव |
2 | गैस को चूने के पानी में प्रवाहित करने पर | चूने का आधारभूत विश्लेषण क्या है पानी दूधिया हो जाता है | CO3 – – निश्चित |
रासायनिक अभिक्रियाएं :-
(चूने का पानी)
प्रेक्षण तालिका :- क्षारीय मूलक की पहचान करना –
रासायनिक अभिक्रियाएं :-
परिणाम :- दिए गए लवण में उपस्थित एक अम्लीय मूलक तथा एक क्षारीय मूलक निम्न हैं –
सर्वेक्षण पद्धति के आधारभूत तत्त्व क्या हैं? इस पद्धति का प्रमुख लाभ क्या है? - Sociology (समाजशास्त्र)
सर्वेक्षण पद्धति के आधारभूत तत्त्व क्या हैं? इस पद्धति का प्रमुख लाभ क्या है?
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सर्वेक्षण परिणामात्मक समष्टि अनुसंधान पद्धति है। इसकी कोशिश किसी विषय पर समग्र दृष्टिकोण प्रदान करना है।
Acidic and Basic radical test: लवण विश्लेषण :Write in this way
Salt analysis (Acidic and Basic radical test) is done to find out acidic and basic radicals present in it. Salt analysis is a qualitative analysis. लवण विश्लेषण द्वारा यह ज्ञात किया जाता है कि दिए गए लवण के नमूने में कौन सा धनायन (Cation) तथा कौन सा ऋणायन (Anion) उपस्थित है | लवण की थोड़ी सी मात्रा को परखनली में लेकर विभिन्न अभिकर्मक मिलाकर परीक्षण किया जाता है तो उसमे उत्पन्न गैस का रंग , गंध , तीक्ष्णता या विलयन का रंग , अवक्षेप (precipitate), अवक्षेप की घुलनशीलता आदि प्रेक्षणों से कुछ निष्कर्ष निकलता है जिससे लवण में उपस्थित अम्लीय मूलक (Anion) अथवा क्षारीय मूलक(Cation) का पता चल जाता है I लवण विश्लेषण को गुणात्मक विश्लेषण (Qualitative Analysis) भी कहते है I
प्रयोग संख्या – 03
उद्देश्य :- दिए गए लवण (मिश्रण ) में एक अम्लीय मूलक तथा एक क्षारीय मूलक की पहचान कीजिये I
आवश्यक उपकरण :-टेस्ट ट्यूब,फ़िल्टर पेपर ,बर्नर, स्प्रिट लैम्प , टेस्ट ट्यूब होल्डर ,अभिकर्मक इत्यादि I
प्रेक्षण तालिका :- अम्लीय मूलक की पहचान करना –
क्र0सं0 | प्रयोग | प्रेक्षण आधारभूत विश्लेषण क्या है | निष्कर्ष |
1 | मिश्रण +तनु H2SO4 (ठन्डे में) थोड़ा सा गर्म करने पर | कोई क्रिया नहीं | प्रथम समूह अनुपस्थित |
2 | (i) मिश्रण + सांद्र H2SO4 थोड़ा सा गर्म करने पर | तीक्ष्ण गंधयुक्त गैस | द्वितीय समूह संभव |
(ii) परखनली के मुख पर NH4OH से भीगी छड़ लाने पर | सफ़ेद धुआं निकलता है | Cl – निश्चित | |
(iii)मिश्रण + तनु HNO3 +AgNO3 | सफ़ेद अवक्षेप , NH4OH में विलेय | Cl – निश्चित |
रासायनिक अभिक्रियाएं :-
प्रेक्षण तालिका :- क्षारीय मूलक की पहचान करना –
क्र0सं0 | प्रयोग | प्रेक्षण | निष्कर्ष |
1 | मिश्रण + NaOH थोड़ा सा गर्म करने पर | अमोनिया की गंध आती है | NH4 + संभव |
2 | परखनली के मुख पर NH4OH से भीगी छड़ लाने पर | सफ़ेद धुआं निकलता है | NH4 + निश्चित |
रासायनिक अभिक्रियाएं :-
परिणाम :- दिए गए लवण में उपस्थित एक अम्लीय मूलक तथा एक क्षारीय मूलक निम्न हैं –
(i) अम्लीय मूलक …. Cl – ( क्लोराइड आयन )
(ii) क्षारीय मूलक …… NH4 + ( अमोनियम आयन )
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प्रयोग संख्या – 04
उद्देश्य :- दिए गए लवण (मिश्रण) में एक अम्लीय मूलक तथा एक क्षारीय मूलक की पहचान कीजिये I
आवश्यक उपकरण :-टेस्ट ट्यूब,फ़िल्टर पेपर ,बर्नर, स्प्रिट लैम्प , टेस्ट ट्यूब होल्डर ,अभिकर्मक इत्यादि I
प्रेक्षण तालिका :- अम्लीय मूलक की पहचान करना –
क्र0सं0 | प्रयोग | प्रेक्षण | निष्कर्ष |
1 | मिश्रण +तनु H2SO4 (ठन्डे में) | रंगहीन , गंधहीन गैस बुदबुदाहट के साथ निकलती है | CO3 – – संभव |
2 | गैस को चूने के पानी में प्रवाहित करने पर | चूने का पानी दूधिया हो जाता है | CO3 – – निश्चित |
रासायनिक अभिक्रियाएं :-
(चूने का पानी)
प्रेक्षण तालिका :- क्षारीय मूलक की पहचान करना –
रासायनिक अभिक्रियाएं :-
परिणाम :- दिए गए लवण में उपस्थित एक अम्लीय मूलक तथा एक क्षारीय मूलक निम्न हैं –
Return on Capital Employed – ROCE kya hai ?
अगर हम उन शेयरों की पहचान करना चाहते हैं जो लंबी अवधि में आधारभूत विश्लेषण क्या है हमारे निवेश को कई गुना कर सकते हैं तो अन्य बातों के साथ साथ, हम सबसे पहले दो चीज़ें देखनी होंगी ; पहला, बढ़ता हुआ ROCE (Return on Capital Employed) और दूसरा, कंपनी के Capital Employed की मात्रा में लगातार होता हुआ विस्तार। इस प्रकार की कंपनियां कंपाउंडिंग मशीन की तरह कार्य करती हैं, वे प्रॉफिट को लगातार उच्च रिटर्न दरों पर पुनर्निवेश करती हैं और निवेशकों की संपत्ति को लंबे समय तक लगातार Grow करती रहती हैं।
सभी निवेशक और शेयर बाजार विश्लेषक निवेश के लिए बेहतर कंपनी या स्टॉक का चुनाव करने के लिए ROCE का उपयोग अवश्य करते हैं। Return on Capital Employed – ROCE एक ऐसा महत्वपूर्ण वित्तीय अनुपात है जो निवेश के लिए बेहतरीन कंपनी का चुनाव करते समय एक आधारभूत संकेतक की भूमिका निभाता है। Return on Capital Employed – ROCE kya hai ?
ROCE क्या है ?
जब कोई कंपनी किसी भी प्रकार का बिजनेस करती है या नया बिजनेस शुरू करती है तो उस बिजनेस को चलाने के लिए और आगे बढ़ने के लिए उसे उस बिजनेस पर पूंजी या वित्तीय संसाधनों का निवेश करना पड़ता है। यह निवेश कंपनी के बिजनेस की प्रकृति के अनुसार किसी भी प्रकार का हो सकता है जैसे भवन, जमीन, मशीन, उपकरण, सॉफ्टवेयर, ब्रांड आदि। इन्ही संसाधनों के सदुपयोग से कंपनी अपना बिजनेस चलाती है और लाभ अर्जित करती है। वित्तीय अनुपात ROCE यह दर्शाता है कि कंपनी अपने बिजनेस से लाभ अर्जित करने के लिए कितनी दक्षतापूर्वक इन संसाधनों या पूंजी का उपयोग कर पा रही है। “How efficiently company is utilising its resources or capital to make profit from its business.”
Formula to Calculate ROCE
ROCE को कैलकुलेट करने के लिए हमें दो चीजों की आवश्यकता होती है। पहला ऑपरेटिंग प्रॉफिट या EBIT ( Earning before Interest and Tax), जिसे हम कंपनी के प्रॉफिट & लॉस स्टेटमेंट से प्राप्त कर सकते हैं। दूसरी चीज जिसकी हमें आवश्यकता होती है वह है Total Capital Employed, जिसे हम कंपनी की बैलेंस शीट की सहायता से कैलकुलेट कर सकते हैं।
ROCE का प्रयोग कैसे करें ?
ROCE के आधार पर निवेश के लिए बेहतर स्टॉक का चुनाव करने के लिए इसका प्रयोग हम दो आधारभूत विश्लेषण क्या है प्रकार से कर सकते हैं –
- एक ही प्रकार की इंडस्ट्री या सेक्टर में विभिन्न कम्पनियां होती आधारभूत विश्लेषण क्या है हैं, अगर हमें इन कंपनियों में से उन कंपनियों का चुनाव करना चाहते हैं जिनमें पूंजी का प्रयोग अधिक दक्षता हो रहा हो तो उन कंपनियों में से सबसे अधिक ROCE वाली कंपनियों का चुनाव करना चाहिए। उदाहरण के लिए, नीचे दिए गए चित्र में सीमेंट क्षेत्र की चार कंपनियों और उनके ROCE का मान दिया गया है जिनमे Shree Cement के लिए ROCE का मान अन्य कंपनियों की तुलना में सबसे अधिक (19.14%) है। और Ultratech Cement के लिए ROCE का मान अन्य की तुलना में कम (15.13%) है।
उपरोक्त आधार पर हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि Shree Cement में पूंजी का प्रयोग अन्य कंपनियों की तुलना में अधिक दक्षता पूर्वक किया जा आधारभूत विश्लेषण क्या है रहा है और Ultratech Cement में यह दक्षता अन्य कंपनियों की तुलना में कुछ कम है।
- जब हम ROCE के आधार पर किसी विशिष्ट कंपनी का विश्लेषण करते हैं तो हम यह देखते हैं कि पिछले कुछ सालों में कंपनी का ROCE कैसा रहा, इसमें बढ़ोतरी देखने को मिली या इसके ROCE में गिरावट आई। ROCE के मान में साल दर साल वृद्धि एक अच्छा संकेत माना जाता है इसके विपरीत अगर ROCE के मान में साल दर साल गिरावट होती है तो हमें और अधिक गहराई से विश्लेषण करने की आवश्यकता होती है।
ROCE के आधार पर विश्लेषण करते समय हमे कुछ चीजों पर ध्यान देने आवश्यकता होती है, जैसे – अगर कंपनी ने अपने बिजनेस में अधिक मात्रा में पूंजी निवेश किया है तो कुछ आने वाले कुछ सालों तक जब तक यह निवेश रिटर्न देना आरंभ नहीं कर देता, कंपनी के ROCE में गिरावट आ सकती है।
केवल ROCE के आधार पर निवेश का निर्णय नहीं लिया जा सकता है । ROCE के साथ साथ इसको प्रभावित करने वाले कारकों पर भी हमे ध्यान देना चाहिए और अन्य वित्तीय अनुपातों का भी अध्ययन करना चाहिए।
सर्वेक्षण पद्धति के आधारभूत तत्त्व क्या हैं? इस पद्धति का प्रमुख लाभ क्या है? - Sociology (समाजशास्त्र)
सर्वेक्षण पद्धति के आधारभूत तत्त्व क्या हैं? इस पद्धति का प्रमुख लाभ क्या है?
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सर्वेक्षण परिणामात्मक समष्टि अनुसंधान पद्धति है। इसकी कोशिश किसी विषय पर समग्र दृष्टिकोण प्रदान करना है।
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