Super Corp Success Story : मिलिए एक एसी पुलिस अफसर से, जो हैं एक सुपरमॉडल, बॉक्सर-बाइकर और बहुत कुछ
Eksha Kerung Motivational Story: असल जिंदगी की वंडर वुमन एक्शा केरुंग अनगिनत लोगों के लिए प्रेरणा हैं. सिक्किम में एक पुलिस वाली, वह एक सुपर मॉडल, एक बॉक्सर और एक बाइकर भी है. बमुश्किल 21 साल की महिला अफसर अपने अलग अलग अंदाज के लिए जानी जाती हैं. एक ऐसे देश में, जहां लड़कियां अपनी जगह बनाने के लिए जी जान से लड़ना जारी रखती हैं, एक्शा न केवल महिलाओं के लिए, बल्कि उन परिवारों के लिए भी एक प्रेरणा है, जो महिलाओं को करियर में आगे बढ़ने के लिए सपोर्ट करते हैं.
एक्शा केरुंग का जन्म सिक्किम के सोम्बरिया गांव में साल 2000 में हुआ था. एक्शा की प्राइमरी और सेकेंडरी की पढ़ाई सोम्बरिया के ही लोकल स्कूल से हुई थी. इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने NSS नर बहादुर भंडारी डिग्री कॉलेज टाडोंग गंगटोक में ग्रेजुएशन के लिए एडमिशन लिया.
एक्शा को बचपन से ही एक्टिंग और मॉडलिंग का शौक है. उन्होंने स्कूलिंग के दौरान ही कई मॉडलिंग और फैंसी ड्रेस कॉम्पटिशन में हिस्सा लिया और जीतीं भी थीं. एक्शा ने अपने कॉलेज के फ्रैशर इवेंट में मिश फ्रैशर का टाइटल जीता था.
एक्शा केरुंग एक प्रोफेशनल बॉक्सिंग प्लेयर हैं. उन्होंने नेशनल लेवल बॉक्सिंग चेंपियनशिप में अपने राज्य को रिप्रजेंट कर चुकी है. एक्शा एक बाइक राइडर भी हैं. बाइक सिखाने के लिए उनके पहले टीचर एक्शा के पिता ही बने. एक्शा एक कॉर्प, एक बाइक राइडर और एक बॉक्सर होने पर खुद को बहुत लकी मानती हैं.
अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद एक्शा ने 19 साल की उम्र में ही सिक्किम पुलिस में नौकरी करना शुरू कर दिया. 14 महीने की कड़ी ट्रेनिंग के बाद उन्होंने एंटी रायोट फॉर्स ऑफ सिक्किम जॉइन कर ली.
'एमटीवी सुपरमॉडल ऑफ द ईयर सीजन 2' के दौरान जब एक्शा हैंग सुब्बा उर्फ एक्शा केरुंग ने अपना परिचय दिया तो मलाइका अरोड़ा ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया और कहा, 'ऐसी महिलाओं को सलाम करने की जरूरत है.'
एक्शा केरुंग एक पुलिस अधिकारी, बाइकर और मुक्केबाज हैं, लेकिन उनका सबसे बड़ा सपना सुपरमॉडल बनना और दुनिया को यह साबित करना है कि ऐसा कुछ भी नहीं है जो महिलाएं नहीं कर सकतीं.
एक्शा केरुंग इंस्टाग्राम पर काफी एक्टिव हैं और उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर 1.6 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं. एक्शा केरुंग वास्तव में महिलाओं के लिए एक प्रेरणा है और यह इस बात का प्रमाण है कि महिलाएं जो कुछ भी सोचती हैं उसे हासिल कर सकती हैं.
एक इंटरव्यू में, एक्शा ने यह भी शेयर किया कि सिक्किम एक छोटा राज्य होने के नाते सरकारी नौकरी का बहुत महत्व है और वर्तमान में वह परिवार की एकमात्र कमाने वाली है. स्टेट रिजर्व लाइन में ट्रांसफर होने से पहले नौकरी के लिए उन्हें 14 महीने के ट्रेनिंग से गुजरना पड़ा था.
मासिक धर्म से जुड़ी वर्जनाओं को तोड़ना और कोविड उपयुक्त व्यवहार को बढ़ावा देना जारी रखेगा #RedDotChallenge
नई दिल्ली, 28 मई 2021: कोविड-19 महामारी की वजह से पीरियड्स के दौरान साफ-सफाई जुड़ी स्वच्छता संबंधी चुनौतियां बढ़ गई हैं, जिसके कारण विशेष रूप से सबसे गरीब समुदायों की वंचित महिलाओं और बालिकाओं के स्वास्थ्य बुरा असर पड़ता है। इस बारे में जानकारी की कमी, मिथक व वर्जनाएं, पीरियड्स के दौरान साफ-सफाई के लिए जरुरी प्रोडक्ट्स तक सीमित पहुंच और खराब स्वच्छता अवसंरचना की वजह से भारत में महिलाओं और बालिकाओं के शैक्षिक अवसर, स्वास्थ्य और सामाजिक स्थिति पर गहरा असर पड़ रहा है।
यूनिसेफ, बालिकाओं, महिलाओं और अपने भागीदारों व समर्थकों के साथ मिलकर एक ऐसी दुनिया की परिकल्पना करता है जहां प्राकृतिक मासिक धर्म की वजह से किसी भी लड़की या महिला पीछे न छूट जाये, और जहां मासिक धर्म से जुड़े मिथक व वर्जनाएं न हो।
28 मई को मासिक धर्म स्वच्छता दिवस की शुरुआत के तीसरे साल, यूनिसेफ इंडिया सभी लोगों में सुरक्षा एवं स्वच्छता को बढ़ावा देने हेतु #RedDotChallenge अभियान का नेतृत्व कर रहा है - जिसमें मासिक धर्म के दौरान जरुरी देखभाल और कोविड-19 का मुकाबला करना भी शामिल है। यह अभियान मशहूर हस्तियों और प्रभावशाली लोगों सहित सभी क्षेत्रों के लोगों को सोशल मीडिया के ज़रिए से इस मुद्दे पर आपनी बात रखने हेतु प्रोत्साहित करता है।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एनवायर्नमेंटल रिसर्च एंड पब्लिक हेल्थ के 'भारत में स्कूलों में मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता की तत्परता' (2020) के परिणामों में पाया गया कि आधी से भी कम लड़कियों को मासिक धर्म की उम्र से पहले मासिक धर्म के बारे में जानकारी थी। पूरे भारत में स्कूलों के बंद होने की वजह से लाखों बच्चों को भारी नुकसान हो रहा है, साथ ही पीरियड्स को कैसे मैनेज किया जाए, इसकी जानकारी भी बहुत कम ही है।
इसके अतिरिक्त, भारत में लड़कियां पर यूनिसेफ और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स के अध्ययन (2020) के रिसर्च से पता चलता है कि शहरी क्षेत्रों में गरीब घरों की लड़कियां मासिक धर्म के दौरान जरुरत की उचित स्वच्छता सुविधाओं से वंचित हैं, जिसमें हर दो में से एक लड़की अपने मासिक धर्म के दौरान पैसे की कमी की वजह से सैनिटरी नैपकिन या टैम्पोन का इस्तेमाल नहीं कर पाती।
कोविड-19 वैक्सीन को लेकर बांझपन और मासिक धर्म चक्र पर असर जैसे अफवाहों और फर्जी खबरों की वजह से भी काफी नुकसान पहुंच रहा है, हालांकि इस तरह की सूचनाओं का कोई सबूत नहीं है। मासिक धर्म से संबंधित गलत सूचना और मिथकों की वजह से महिलाएं और बालिकाएं मुफ्त टीकाकरण व स्वास्थ्य देखभाल जैसी जीवन रक्षक सेवाओं तक पहुंचने से वंचित नहीं रहनी चाहिए।
हर महीने मासिक धर्म के दौरान, कई लड़कियों को मासिक धर्म के पीछे के जैविक कारणों का पता नहीं होता है, और न ही वे अपने साथ अचानक होने वाले भेदभाव को समझ पाती हैं। भेदभाव और अलग रहने को मजबूर इन महिलाओं और बालिकाओं के पास अपने मासिक धर्म को गरिमा के साथ प्रबंधित करने हेतु सुरक्षित, स्वच्छ और किफायती साधन मौजूद नहीं होते हैं। यूनिसेफ के इस क्षेत्र में अनुभव कि वजह से यह बदल सकता है। सामुदायिक जागरूकता बढ़ाकर और मासिक धर्म के दौरान साफ-सफाई के लिए जरुरी प्रोडक्ट्स की आपूर्ति का समर्थन करके, इस सोच में बदलाव लाना संभव है।
यूनिसेफ इंडिया की प्रतिनिधि, डॉ. यास्मीन अली हक ने इस बारे में कहा कि, "मासिक धर्म को लेकर शर्म, गरीबी और मासिक धर्म के दौरान भेदभाव करने वाली सोच की वजह से महिलाओं और बालिकाओं के शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। महामारी की वजह से सैनिटरी प्रोडक्ट्स की सीमित उपलब्धता और लॉकडाउन के कारण महिलाओं और बालिकाओं पर बढ़ते दबाव, गरीबी, और आवश्यक सेवाओं को पाने आ रही बाधाओं की वजह से आबादी के बड़े हिस्से पर प्रभाव पड़ा है और इससे चीजें बदतर हुई हैं। हमें इस बाधा को खत्म करना चाहिए और हर लड़की और महिला को सुरक्षित और गरिमा के साथ मासिक धर्म का प्रबंधन करने में मदद करनी चाहिए। यूनिसेफ महिलाओं और बालिकाओं तक सही जानकारी पहुंचाने के लिए अपने भागीदारों के साथ काम कर रहा है और सभी से मासिक धर्म से जुड़ी इन हानिकारक मिथक व वर्जनाओं को तोड़ने और मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता प्रबंधन में निवेश बढ़ाने, मासिक धर्म स्वच्छता पर जागरूकता फैलाने और संबंधित आपूर्ति तक आसान पहुंच सुनिश्चित करने हेतु साथ मिलकर काम करने का आह्वान करता है।
#RedDotChallenge अभियान का उद्देश्य सोशल मीडिया का इस्तेमाल डिजिटल इन्फ्लुएंसर Diipa Khosla की 'पोस्ट फॉर चेंज' पहल के सहयोग से सामाजिक बदलाव के लिए करना है। 28 मई को समाप्त होने वाले इस अभियान में कई मशहूर हस्तियां शामिल हो रही हैं और वो लाल निशान और मास्क के साथ अपनी तस्वीर पोस्ट करके संदेश दे रही हैं। इस अभियान को Manushi Chillar और Jennifer Winget, Archita Sahu, Megha Gupta सी हस्तियों तथा अन्य युवाओं ने अपना समर्थन दिया है। Diipa Khosla, Masoom Minawala, और जूही गोडाम्बे जैसे कई अन्य डिजिटल इन्फ्लुएंसर ने भी इस अभियान का समर्थन किया है।
आज, यूनिसेफ और भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने सभी महिलाओं और बालिकाओं को मासिक धर्म के दौरान साफ-सफाई के लिए जरुरी अच्छी क्वालिटी के प्रोडक्ट्स मिलें, यह सुनिश्चित करने और इसके लिए मानदंड व मानक तय करना क्यों जरुरी है, इसपर चर्चा करने हेतु साझेदारी की है।
इसके अतिरिक्त, पूरे भारत में यूनिसेफ द्वारा मासिक धर्म स्वच्छता दिवस के दौरान ओडिशा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और गुजरात में कई वेबिनार, प्रशिक्षण, पुस्तक विमोचन, प्रतियोगिताएं और परामर्श का आयोजन किया गया। महाराष्ट्र में, यूनिसेफ ने मुंबई, पुणे और नासिक के शहरी मलिन बस्तियों, गांवों और कोविड देखभाल केंद्रों में बालिकाओं, यौनकर्मियों, प्रवासियों और महिलाओं को 220,000 सैनिटरी पैड के वितरण का समर्थन किया है। स्वच्छता और सफाई के सुरक्षित तरीकों के बारे में लाखों लोगों तक इसका संदेश और समर्थन भी पहुंचाया जाएगा।
महिलाओं के लिए काम करना क्यों जरूरी है? – Why is it Important for Women to Work?
Know Why is it Important for Women to Work – महिलाओं के लिए काम करना क्यों जरूरी है?
दोस्तों आजकल तो एयरपोर्ट भी बस स्टैंड जैसे दिखने लगे है, मेरा कहने का मतलब वह की भीड़ को देखकर कहने से है. हर प्रकार के त्यौहार को लोग पूरी धूमधाम और शानोशौकत से मानाने लगे है. हर घर में आजकल ज्यादातर सभी के पास कोई ना कोई गैजेट अवश्य है. (Important for Women to Work)
इन सब बातों से एक बात पता लगती है के आजकल के लोग पुराने लोगो की तरह नहीं रहे, वह आजकल काफी समृद्ध हो चुके है, और उनके जीवन को जीने का स्टार अब ऊँचा उठ चुका है. और ऐसे में घर का खर्चा भी महिलाओं के लिए पैसे कमाना क्यूं जरुरी है बढ़ रहा है जिस कारण से आजकाल महिलाए भी घर को छोड़कर अब बाहर काम काम करने के लिए जाने लगी है.
आजकल हर कार्य क्षेत्र में महिलाओ की भागदारी दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है. और इस कारण से उनपर घर के बोझ के साथ साथ काम का बोझ भी पड़ गया है. परन्तु यह कोई कुछ नया भी बोझ नहीं है, सदियों से महिलाओ पर ऐसी जिम्मेदारिया पड़ती ही रही है.
बस पहले उनके पास घर से बहार जाने के लिए सिमित साधन थे, परन्तु आजकल तो महिलाये भी गाड़िया चलने लगी है और पुरुषो के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर उनके बराबर कड़ी होती है.
आज की महिलाए अगर घर पर ही बैठी रहे तो ना केवल जीवन जीने का ढंग, बल्कि उनके बच्चो की शिक्षा के साथ परिवार के स्वस्थ्य और बुजुर्गो की सेहत पर होने वाले खर्च से उनकी ज़िन्दगी धीरे धीरे पुराने ढर्रे पर यानी आज के हिसाब से गरीबी के बोझ तले दब सकती थी. (Important for Women to Work)
यही कारण है के महिलाओ को घर के साथ कामकाज में भी खुद को बिजी रखने के लिए दोबारा से विचार करने का अवसर मिला और अब उनपर बाहर काम करने की कोई बंदिश नहीं रह गयी है.
महिलाए ज्यादातर कोशिश करती है के उनकी नौकरी का वक़्त केवल पांच बजे तक ही रहे ताकि वह सही समय पर घार आके, थोडा आराम कर, घर का काम भी सही समय पर कर सके. ऐसा करके वह केवल अपने घर की ही नहीं घर की आमदनी में भी अपना योगदान देती है.
महिलाओं के लिए घर बैठे कौन सा काम है?
महिलाओं के लिए घर बैठे कुछ बिजनेस आइडियाज इस प्रकार से है | Housewives Business Ideas In Hindi
1) कोचिंग क्लास - Coaching Classes
2) टिफ़िन सेंटर - Tiffin Center
3) आर्टिफीसियल ज्वेलरी - Artificial Jewelry
5) होम बेकर - Home Baker
6) सोप (साबुन) मेकिंग - Soap Making
7) कार्ड मेकिंग - Card Making
8) फ्रीलांसिंग कंटेंट राइटिंग - Freelancing Content Writing
10) ऑनलाइन फोटो सेलिंग - Online Photo selling
महिलाओं को कौन सा बिजनेस करना चाहिए?
कॉस्मेटिक शॉप |Cosmetic Shop Business Ideas for Women in Hindi
कॉस्मेटिक शॉप ऐसा बिज़नस है जिसके प्रोडक्ट की मांग महिलाओं में हमेशा बनी ही रहती है। और आप इस बिज़नस को अपने गाँव , शहर या फिर घर से शुरू करके महिलाओं की जरुरत के सामान की पूर्ति करके आप अच्छा खासा मुनाफा कमा सकती हैं।
हाउसवाइफ घर बैठे कैसे कमाए?
डाटा एंट्री जॉब (Data Entry Job) में आपको जहां से भी आपको बोला जाए वह से डाटा टाइप करना होता है । कभी कभी तो आपको केवल एक जगह से दूसरी जगह सिर्फ कॉपी पेस्ट का कार्य ही करना होता है। अगर आप इस काम के अच्छे खासे जानकार हैं तो आप Spreadsheets का भी काम आसानी से कर सकती हैं। इसमें आपको दिन भर में 1 घंटा से लेका 3 घंटा देने की जरुरत होती है और इसमें पैसे भी अच्छे मिलते हैं। (Important for Women to महिलाओं के लिए पैसे कमाना क्यूं जरुरी है Work)
महिलाएं घर बैठे पैसे कैसे कमाए 2021?
एफिलिएट मार्केटिंग (Affiliate Marketing) भी पैसे कमाने का सबसे बढ़िया तरीका है। और इससे आप महीने के महीने अच्छे पैसे कमाए जा सकते है। इसमें भी आपको Reselling Business की तरह ही सोशल मीडिया के जरिये ही अपने प्रोडक्ट को बेचना होता है। (Important for Women to Work)
घर बैठे क्या काम शुरू करें?
घर बैठे कौन सा बिज़नेस शुरु करे? – Small Business Ideas in Hindi at Home
किराने की दुकान - General Trade Store
टिफिन सेवा – Tiffin Service
अचार का कारोबार - Pickle Business
पापड़ का कारोबार – Papad Business
मसालों का कारोबार - Spice Business
धूपबत्ती और अगरबत्ती का बिज़नेस - Dhoop Aggarbatti Business
महिलाओ के लिए काम करना ज़रूरी नहीं है परन्तु अगर आपने लाइफस्टाइल को बड़ा कर लिया है तो उन खर्चो के लिए ज़रूरी नहीं के पति ही उतने पैसे कमा सके.
तब ऐसे में या तो वह अपने घर के खर्चे कम कर ले, या फिर उस घर की महिलाए भी बाहर निकल कोई अच्छी नौकरी कर ले जिनसे वह भी घर के खर्चे में अपना हाथ बड़ा सके.
महिलाओं को काम करने की आवश्यकता के कुछ अन्य कारण यहां दिए गए हैं।
आप प्राप्त करते हो
आप सीखो
आप स्वतंत्र बनें
आप बेहतर नियोक्ता साबित होते हैं
आप विशाल परिवार का हिस्सा हैं
आप सुधार करें
आप समानता की सराहना करते हैं
मानव व्यवहार को समझें।
आपका दृश्य परिवर्तन
आपका आत्म-सम्मान बढ़ता है
आपको पहचान मिलती है
आप अधिकार प्राप्त करें
आप खरीदारी कर सकते हैं
आप रोल मॉडल बनें
आप जीवन कौशल सीखें
जाने देना सीखो
आप प्रेरणा
आप दूसरों के लिए खरीदारी करें
आप समर्थन के मूल्य का एहसास करते हैं
आप समय को महत्व देते हैं
आप स्वतंत्र महसूस करते हैं
आप अपने जीवन को नियंत्रित करें
आप परिवार की मदद करें
यू वैल्यू मनी
आप उसका अधिक सम्मान करते हैं
आपका परिवार समृद्ध हो
आप विरासत छोड़ दें
बेहतर निर्णय लें
जीवन में दूसरों की सराहना करें
अर्थव्यवस्था में मदद करता है
परिवार द्वारा एक नए और बेहतर रूप में देखा गया
दूसरों के लिए रोजगार सृजित करें
किसी भी प्रकार की free job alert, fast job, employment news के लिए हमारी वेबसाइट jobs ada पर अवश्य पधारे, धन्यवाद.
Super Corp Success Story : मिलिए एक एसी पुलिस अफसर से, जो हैं एक सुपरमॉडल, बॉक्सर-बाइकर और बहुत कुछ
Eksha Kerung Motivational Story: असल जिंदगी की वंडर वुमन एक्शा केरुंग अनगिनत लोगों के लिए प्रेरणा हैं. सिक्किम में एक पुलिस वाली, वह एक सुपर मॉडल, एक बॉक्सर और एक बाइकर भी है. बमुश्किल 21 साल की महिला अफसर अपने अलग अलग अंदाज के लिए जानी जाती हैं. एक ऐसे देश में, जहां लड़कियां अपनी जगह बनाने के लिए जी जान से लड़ना जारी रखती हैं, एक्शा न केवल महिलाओं के लिए, महिलाओं के लिए पैसे कमाना क्यूं जरुरी है बल्कि उन परिवारों के लिए भी एक प्रेरणा है, जो महिलाओं को करियर में आगे बढ़ने के लिए सपोर्ट करते हैं.
एक्शा केरुंग का जन्म सिक्किम के सोम्बरिया गांव में साल 2000 में हुआ था. एक्शा की प्राइमरी और सेकेंडरी की पढ़ाई सोम्बरिया के ही लोकल स्कूल से हुई थी. इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने NSS नर बहादुर भंडारी डिग्री कॉलेज टाडोंग गंगटोक में ग्रेजुएशन के लिए एडमिशन लिया.
एक्शा को बचपन से ही एक्टिंग और मॉडलिंग का शौक है. उन्होंने स्कूलिंग के दौरान ही कई मॉडलिंग और फैंसी ड्रेस कॉम्पटिशन में हिस्सा लिया और जीतीं भी थीं. एक्शा ने अपने कॉलेज के फ्रैशर इवेंट में मिश फ्रैशर का टाइटल जीता था.
एक्शा केरुंग एक प्रोफेशनल बॉक्सिंग प्लेयर हैं. उन्होंने नेशनल लेवल बॉक्सिंग चेंपियनशिप में अपने राज्य को रिप्रजेंट कर चुकी है. एक्शा एक बाइक राइडर भी हैं. बाइक सिखाने के लिए उनके पहले टीचर एक्शा के पिता ही बने. एक्शा एक कॉर्प, एक बाइक राइडर और एक बॉक्सर होने पर खुद को बहुत लकी मानती हैं.
अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद एक्शा ने 19 साल की उम्र में ही सिक्किम पुलिस में नौकरी करना शुरू कर दिया. 14 महीने की कड़ी ट्रेनिंग के बाद उन्होंने एंटी रायोट फॉर्स ऑफ सिक्किम जॉइन कर ली.
'एमटीवी सुपरमॉडल ऑफ द ईयर सीजन 2' के दौरान जब एक्शा हैंग सुब्बा उर्फ एक्शा केरुंग ने अपना परिचय दिया तो मलाइका अरोड़ा ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया और कहा, 'ऐसी महिलाओं को सलाम करने की जरूरत है.'
एक्शा केरुंग एक पुलिस अधिकारी, बाइकर और मुक्केबाज हैं, लेकिन उनका सबसे बड़ा सपना सुपरमॉडल बनना और दुनिया को यह साबित करना है कि ऐसा कुछ भी नहीं है जो महिलाएं नहीं कर सकतीं.
एक्शा केरुंग इंस्टाग्राम पर काफी एक्टिव हैं और उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर 1.6 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं. एक्शा केरुंग वास्तव में महिलाओं के लिए एक प्रेरणा है और यह इस बात का प्रमाण है कि महिलाएं जो कुछ भी सोचती हैं उसे हासिल कर सकती हैं.
एक इंटरव्यू में, एक्शा ने यह भी शेयर किया कि सिक्किम एक छोटा राज्य होने के नाते सरकारी नौकरी का बहुत महत्व है और वर्तमान में वह परिवार की एकमात्र कमाने वाली है. स्टेट रिजर्व लाइन में ट्रांसफर होने से पहले नौकरी के लिए उन्हें 14 महीने के ट्रेनिंग से गुजरना पड़ा था.
नए साल पर जीवनसाथी से करें ये वादे, रिश्ते में बना रहेगा हमेशा प्यार
नए साल पर अपने पार्टनर से कुछ वादें करें और उन वादों को पूरा करने का दृढ़ निश्चय करें ताकि आपका रिश्ता पहले से ज्यादा मजबूत और मधुर बन सके। ये रहे नए साल के वादें, जो पार्टनर से कर सकते हैं आप।
नई दिल्ली. वर्ष 2022 आपके लिए अच्छा रहा या बुरा, इसका आकलन तो खुद ही करना होगा। लेकिन साल 2023 महिलाओं के लिए पैसे कमाना क्यूं जरुरी है अच्छा रहे, इसके लिए कुछ प्रयास अभी से करने होंगे। नया साल आने वाला है। आने वाला साल अपने साथ नई उम्मीदें, आशाएं और सपने लेकर आएगा। साल अच्छा बनाने की शुरुआत आपको घर से ही करनी होगी। यानी अगर आप अपने परिवार के साथ खुश होंगे, तो जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी चिंता कम हो जाएगी। नए साल के लिए आप कुछ न कुछ करियर गोल्स सेट करते हैं। लेकिन महज करियर प्लानिंग से जीवन खुशहाल नहीं हो सकता है। साल के हर दिन आपके साथ रहने वाले पार्टनर का खुश होना भी जरूरी है। इसलिए अगर किसी रिलेशनशिप में हैं या शादीशुदा है तो प्रयास करें कि आपके रिश्ते में मनमुटाव व दिक्कते न आएं। नए साल की शुरुआत पिछले सालों की बुरी यादों को भुलाकर नए तरीके से करें। नए साल पर अपने पार्टनर से कुछ वादें करें और उन वादों को पूरा करने का दृढ़ निश्चय करें ताकि आपका रिश्ता पहले से ज्यादा मजबूत और मधुर बन सके। ये रहे नए साल के वादें, जो पार्टनर से कर सकते हैं आप।
रिलेशनशिप में गुस्सा, नाराजगी या मनमुटाव होना लाजमी है। कहते हैं, ‘जहां प्यार होता है, वहीं तकरार होती है।’ लेकिन जब यह तकरार बहुत बढ़ जाती है तो रिश्ता खराब होने लगता है। इसकी वजह होती है, एक दूसरे से दूरी। जब किसी बात पर कपल एक दूसरे से गुस्सा हो जाते हैं और अपने मनमुटावों को दूर नहीं करते तो नाराजगी बढ़ती चली जाती है। इसलिए चाहें कितनी भी नाराजगी क्यों न हो, रिश्ते में ईगो को नहीं आने देंगे। अपने पार्टनर से वादा करें कि झगड़े के बाद भी बातचीत बंद नहीं करेंगे, बल्कि मिलकर समस्या का समाधान निकालेंगे।
कामकाज के बीच अक्सर लोग इतने व्यस्त हो जाते हैं कि पार्टनर के लिए वक्त नहीं निकाल पाते। सुबह हड़बड़ी में दफ्तर जाने की जल्दी और फिर शाम में थक कर घर आने पर आराम करने तक, कई बार लोग अपने पार्टनर को नजरअंदाज कर जाते हैं। जब कपल के पास एक दूसरे के लिए वक्त नहीं होता, तो वह रिश्ते में अकेलापन और बोरियत को महसूस करने लगते हैं। इसलिए नए साल पर वादा करें कि चाहे जितनी व्यस्तता हो लेकिन हफ्ते में एक दिन पार्टनर को वक्त देंगे। शाम को कहीं घूमने जा सकते हैं या घर पर ही एक दूसरे के साथ वक्त बिता सकते हैं लेकिन वह कुछ घंटे सिर्फ कपल के होंगे।
किसी भी रिश्ते की नींव विश्वास पर टिकी होती है। जब पार्टनर भरोसे को तोड़ता है तो रिश्ता भी टूटने की कगार पर आ सकता है। इसलिए एक दूसरे से वादा करें कि आप पूरा प्रयास करेंगे कि रिश्ते में झूठ न आए। आप अपने पार्टनर से कभी झूठ नहीं बोलेंगे और उम्मीद करेंगे कि वह भी आपसे झूठ न कहे। अगर कोई बात बताने लायक नहीं होगी तो एक दूसरे पर उसे जाहिर करने का दबाव भी नहीं डालेंगे ताकि झूठ बोलने की नौबत न आए। समय आने पर खुद ही आप पार्टनर से सच बात कह देंगे।
हर कपल को एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए। कपल एकदूसरे से वादा कर सकते हैं कि पार्टनर के काम, लुक या अन्य किसी बात पर खुद से कमतर नहीं समझेंगे। वह हमेशा पार्टनर का साथ देंगे और सम्मान करेंगे। शादीशुदा लोग सम्मान के साथ ही एक दूसरे के परिवार को सम्मान देने का भी वादा कर सकते हैं। यह वादा करें कि आप उनके परिवार को अपने परिवार की तरह समझेंगे और यही आशा उनसे भी रखेंगे।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 588