दिवालिया कंपनी को खरीदने का इंतजार बढ़ा, खरीदारों की लिस्ट में अडानी-अंबानी भी, शेयरों की ट्रेडिंग बंद
Business Idea: 1.95 लाख लगाकर शुरू करें ये बिजनस, बाकी रुपये देगी सरकार, हर महीने होगी बंपर कमाई
अगर आप नौकरी नहीं करना चाहते हैं। आपका मन खुद का बिजनस करने का है तो आपके लिए अच्छी खबर है। सरकार भी बिजनस को शुरू करने के लिए लोगों की मदद कर रही है। आज हम आपको एक ऐसे ही बिजनस के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें आपको दो लाख रुपये से भी कम का निवेश करना होगा। बिजनस के लिए बाकी का पैसा सरकार आपको देगी। इस बिजनस में आपको कर महीने तगड़ी कमाई होगी। यह ऐसा बिजनस है जिसकी डिमांड लगातार बढ़ रही है। आइए आपको बताते हैं इस बिजनस के बारे में।
सरकार की इस योजना से मिलेगी मदद
खुद का बिजनस शुरू करने के लिए आप पीएम मुद्रा योजना (Pradhan Mantri Mudra Yojana) का लाभ उठा सकते हैं। हम जिस बिजनस के बारे में आपको बता रहे हैं वो टोमैटो सॉस बनाने का है। इस बिजनस को करीब 7.82 रुपये की लागत से शुरू किया जा सकता है। लेकिन इसमें आपको सिर्फ 1.95 लाख रुपये का ही निवेश करना होगा। इस बिजसन में मशीनरी एवं उपकरणों पर 2 लाख रुपये, टमाटर, कच्चे माल, सामग्री, श्रमिकों के वेतन, पैकिंग, टेलीफोन, किराया आदि पर 5.82 लाख रुपये खर्च होंगे। ये पैसे आपको केंद्र सरकार की मुद्रा योजना (Pradhan Mantri Mudra Yojana) के तहत मिल जाएंगे। इस कारोबार में आपकी सालाना आमदनी करीब 28.80 लाख रुपये तक हो सकती है। जबिक शुरुआती निवेश आठ लाख से भी कम होगा। 28.80 लाख रुपये के टर्नओवर से आपको 24.22 लाख रुपये का सालाना खर्च कम घटाना होगा। इसके बाद आपको सालाना 4.58 लाख रुपये का नेट प्रॉफिट होगा। इस हिसाब से देखें तो आपको हर महीने करीब 40 से 45 हजार रुपये की कमाई आराम से हो जाएगी।
₹291 से टूटकर ₹82 पर आया टाटा का यह शेयर, 1 लाख का निवेश 12 महीने में घटकर ₹37 हजार रह गया
Tata Group Stock: टाटा टेलीसर्विसेज (महाराष्ट्र) लिमिटेड यानी टीटीएमएल (TTML) के शेयर आज शुक्रवार को भी 52 वीक का नए लो 82.90 रुपये पर पहुंच गए। इंट्रा डे ट्रेडिंग में यह शेयर 5% की गिरावट के साथ लोअर सर्किट में पहुंच गया था।
52-वीक हाई से 72% गिरा शेयर
कभी छप्परफाड़ रिटर्न देने वाला यह शेयर इस समय अपने 52-वीक हाई से लगभग 72% तक टूट चुका है। टाटा ग्रुप का यह शेयर 11 जनवरी 2022 को अपने 52-वीक हाई 291.05 रुपये पर पहुंच गया था। ऐसे में वर्तमान शेयर प्राइस से यह 72% तक टूट गया।
अचानक 10% चढ़ा 51 रुपये का यह शेयर, इसी साल अडानी ने खरीदी थी कंपनी, तब ट्रेडिंग के क्या लाभ हैं से अब तक 246% रिटर्न
Multibagger Stock Return: भारतीय शेयर बाजार में शुक्रवार को बिकवाली के बीच कोहिनूर फूड्स के शेयरों (Kohinoor Foods Ltd) में तगड़ी खरीदारी देखने को मिली। कंपनी के शेयर आज लगभग 10% तक चढ़ गए। वर्तमान में यह शेयर 56.40 रुपये पर कारोबार कर रहा है। बता दें कि इसी साल मई में गौतम अडानी ने इस कंपनी को टेकओवर किया था। डील के बाद से लगातार यह शेयर करीबन 35 ट्रेडिंग सेशंस में अपर सर्किट में ही थे। हालांकि, बाद में बिकवाली का दबाव रहा। बता दें कि कोहिनूर फूड्स के शेयरों में यह तेजी ऐसे समय में आई है जब अडानी ग्रुप की कॉम्पिटिटर मुकेश अंबानी की बेटी ईशा अंबानी ने गुरुवार को 'independence' ब्रांड के तहत FMCG सेक्टर एंट्री की है। यह अडानी समूह के सामने एक नई चुनौती है।
MATIC प्राइस रिकवरी मोड में है, क्या पुलबैक बहुभुज (MATIC): भालू $ 0.7735 से लाभ उठा सकते हैं
स्रोत: ट्रेडिंग व्यू पर MATIC/USDT
लेखन के समय, MATIC भालू ने कीमत में गिरावट की धमकी दी, जो कि तकनीकी संकेतकों द्वारा सुझाए गए $ 0.7735 पर स्थिर हो सकती है।
विशेष रूप से, दैनिक चार्ट पर रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI) 39 पर था, जो ओवरसोल्ड ज़ोन की सीमा के निचले क्षेत्र में थोड़ी ढलान के साथ था। इससे पता चला कि बिकवाली का दबाव बढ़ गया था और अगर भालू बाजार पर हावी रहे तो यह जारी रह सकता है।
मनी फ्लो ट्रेडिंग के क्या लाभ हैं इंडेक्स (MFI) भी अपने ओवरबॉट स्तर से पीछे हट गया था और निचले क्षेत्र में नीचे की ओर ढलान दिखा रहा था। इससे पता चला कि मैटिक का बड़े पैमाने पर वितरण हुआ है, जिससे बिकवाली का दबाव बढ़ गया है।
इसलिए, बाजार ने भालू का पक्ष लिया और MATIC की कीमत को $ 0.7735, $ 0.7637, या $ 0.7391 पर धकेल सकता है। आपकी जोखिम सहिष्णुता के आधार पर, ये शॉर्ट-सेलिंग लक्ष्य के रूप में काम कर सकते हैं।
.7735 तक पहुंच जाएगा?.7735?" width="1000" height="600" />
- बहुभुज (MATIC) एक मंदी की बाजार संरचना में था।
- MATIC
मैटिक ने नवंबर के अंतिम सप्ताह से लगातार वृद्धि दर्ज की, लेकिन…
सेंटिमेंट डेटा से पता चलता ट्रेडिंग के क्या लाभ हैं है कि मैटिक ने नवंबर के अंत से बड़े पैमाने पर संचय देखा है। 21 नवंबर से, शीर्ष पतों द्वारा आयोजित आपूर्ति में लगातार वृद्धि हुई है।
बढ़ी हुई मांग डेरिवेटिव बाजार में भी परिलक्षित हुई, क्योंकि इसी अवधि के दौरान MATIC/USDT जोड़ी के लिए बायनेन्स फंडिंग दर काफी सकारात्मक रही।
इसके अलावा, थोड़ी सी गिरावट के बावजूद भावना सकारात्मक बनी रही, और विकास गतिविधि में वृद्धि हुई, जैसा ट्रेडिंग के क्या लाभ हैं कि प्रकाशन के समय देखा गया था। क्या ये स्थितियाँ MATIC को कीमत उलटने के लिए तैयार ट्रेडिंग के क्या लाभ हैं कर सकती हैं?
कैसे कई बहुभुज (मैटिक) क्या आप 200 के लिए प्राप्त कर सकते हैं?
.7735 या उससे कम तक गिर सकता है। - $ 0.8153 पर प्रतिरोध स्तर के ऊपर एक ब्रेक पूर्वानुमान को अमान्य कर देगा।
बहुभुज [MATIC] अधिकांश दिसंबर 2022 के लिए भावना मंदी बनी रही। महीने के पहले छमाही में टोकन $ 0.8910 और $ 0.9490 के बीच फंस गया था।
हजारीबागः देशभर में अपने तरह की पहली कल्पना है चैंबर्स ऑफ फार्मर्स
Hazaribagh : आमतौर पर योजनाएं सरकार बनाती हैं और फिर उसे राज्य के अन्य जिलों में लागू किया जाता है. यही परंपरा है और वर्षों से यही होता आया है .किसान और बाजार के बीच के मिडिलमैन को हटाने के लिए हजारीबाग में 4 साल पूर्व 2018 में एक योजना स्थानीय प्रशासन ने बनाई और यह योजना इतनी कारगर साबित हुई कि राज्य सरकार ने इस योजना को ना केवल अंगीकृत किया बल्कि विधानसभा में इसे पास करवाया और इस योजना के लिए 7 करोड़ रुपये की राशि भी आवंटित कर दी. झारखंड देश का पहला राज्य है, जहां किसानों के ऐसे जोड़ा जा रहा है. अब यह योजना पूरे राज्य में लागू है और अब इसके गठन की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है. किसानों से जुड़ी योजना का नाम चैंबर्स ऑफ फार्मर्स है. छोटे-बड़े किसानों को जोड़कर इसे को-ऑपरेटिव सोसाइटी के तहत रजिस्टर्ड करवाया गया. किसानों का एक ऐसा संगठन, जो किसानों की समस्या उनकी उपज का विपणन समेत उनकी आर्थिक दशा को सुधारने पर कार्य करता था.
हजारीबाग के तत्कालीन डीसी रविशंकर शुक्ला ने दिया था मूर्तरूप
इसकी परिकल्पना हजारीबाग के तत्कालीन उपायुक्त रविशंकर शुक्ला ने की थी. उनके पास जिले के कुछ युवा किसान और राजभर में किसानी के लिए चर्चा में रहने वाले मीनू महतो अपनी समस्याओं को लेकर आए थे और उनके निदान के लिए उपायुक्त से विचार विमर्श कर रहे थे, तभी इस योजना की नींव रखी गयी थी और चेम्बर्स ऑफ फार्मर्स की रूपरेखा जिला स्तर पर तैयार की गई. इसमें योजना के बारे में बताते हुए वर्तमान में दुमका के उपायुक्त रविशंकर शुक्ला बताते हैं कि उनके पास मीनू महतो, अशोक मेहता, फुलेश्वर महतो,सुखदेव राणा समेत कई किसान अपनी समस्याओं को लेकर आए तो मुझे लगा कि जब तक इनके समग्र विकास की योजना नहीं तैयार होगी और जबतक किसान खुद से अपने लिए निर्णय नहीं ले सकेंगे, तब तक लंबे स्तर पर लाभ नहीं मिल पाएगा. तत्काल किसी तरह की मदद से आधारभूत परिवर्तन संभव नहीं है और फिर जिले के सभी किसानों को जोड़ने के लिए चैंबर्स ऑफ फार्मर्स की कल्पना की गई, जिसमें छोटे और मझोले किसान भी अपनी उपज को एकीकृत कर बड़े बाजार में उसे बेच सकते थे, अपने लिए नया बाजार खोज सकते थे और सबसे बड़ी बात यह थी अब यह लोग बाजार में अपने अनुसार मोलभाव कर सकते थे, छोटे-छोटे किसानों के छोटी उपज को मिलाकर एक बड़ी उपज बनाया जाता था और उसे बाजार में उचित दाम पर बेचा जाता था. बेचने के लिए सरकार के ई-नाम प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया गया. इस योजना की सफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है. 2019 में हजारीबाग के किसानों ने पूरे भारतवर्ष में सबसे अधिक ई-नाम पोर्टल से ट्रेडिंग की थी और किसानों ने 41 लाख से अधिक के अनाज को ई-नाम प्लेटफॉर्म के माध्यम से दिया था, जो एक राष्ट्रीय रिकॉर्ड था.
क्या कहते हैं किसान
किसान बहुत लाभान्वित होंगे : मीनू महतो
हजारीबाग के किसान मीनू महतो कहते हैं कि झारखंड के सभी जिले के किसानों को चैंबर्स ऑफ फॉर्मर्र में जोड़ने की सरकारी प्रक्रिया तेज हो गई है. झारखंड के प्रत्येक प्रखंड में कम से कम 151 किसानों को जोड़ा जा रहा है. प्रखंड स्तर पर इन्हीं किसानों के बीच अध्यक्ष और सचिव का चुनाव होना है. जिलेभर के सभी प्रखंडों के कम से कम 351 किसान मिलकर जिलास्तर में अध्यक्ष और सचिव का चुनाव करेंगे. चयनित अध्यक्ष सचिव के नाम से बैंक में खाता खुलना है. सभी किसानों को सदस्य बनने के लिए लगभग 100 रु का शुल्क जमा करना है और इस तरह किसान रजिस्टर्ड होंगे.
मीडिलमैन से मुक्ति मिलेगी : सुखदेव राणा
इस योजना से क्या लाभ हो सकता है, इसपर किसान सुखदेव राणा कहते हैं कि कुछ किसान के मन में प्रश्न उठता होगा कि इस में जुटने से क्या फायदा होगा. किसान और बाजार के बीच के मिडिलमैन के हटने का लाभ तो किसानों को मिलेगा ही, दूसरा सबसे बड़ा फायदा इसमें यह है कि सभी किसान को सरकार की सभी किसानोपयोगी योजनाएं जैसे कृषि, बागवानी, वानिकी, पशु पालन, मछली पालन, मधु मक्खी, रेशम, लाह, मशरूम अर्थात ग्रामीण विकास से जुड़ी सभी जानकारी मोबाइल ऐप के माध्यम से दी जाएगी. कृषि और एलाइड एग्रीकल्चर की जटिल से जटिल किसान अपनी समस्या मोबाइल में लिखेंगे और उसका सही जवाब संबंध विषय के वैज्ञानिक, पदाधिकारी, अनुभवी किसान से मिलेगा. सम सामयिक कृषि की जानकारी मिलेगी.
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