विविधीकरण किसे कहते है | विविधीकरण का अंग्रेजी में मतलब या अर्थ क्या होता है meaning in english
विविधीकरण in english ? विविधीकरण meaning in विविधीकरण के प्रकार english = variegation type of word = Noun what is meaning of variegation in hindi ? the meaning of विविधीकरण के प्रकार variegation in hindi is विविधीकरण which is a type of Noun . what does mean of विविधीकरण in english language ? विविधीकरण = variegation , it means the meaning of विविधीकरण in english is variegation and it is used as Noun.
विविधीकरण किसे कहते है ?
उत्तर : विविधीकरण का मतलब variegation होता है अर्थात विविधीकरण को अंग्रेजी में विविधीकरण के प्रकार variegation कहा जाता है और विविधीकरण या variegation एक प्रकार की Noun होती है |
variegation की परिभाषा क्या है ? ans : variegation का हिंदी में मीनिंग विविधीकरण होता है और यह वाक्य में Noun (variegation) की भाँती कार्य करता है | विविधीकरण के पर्यायवाची , विलोम शब्द variegation समानार्थी शब्द क्या होते है ?
उत्तर : N/A what is variegation or विविधीकरण synonyms and antonyms meaning in hindi इनका अर्थ N/A. what do you understand by विविधीकरण in english or hindi as it called variegation that is a Noun.
विविधीकरण (vividhikarana) का अंग्रेजी अर्थ
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विविधीकरण का अंग्रेजी मतलब
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"विविधीकरण" के बारे में
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मध्यप्रदेश फसल विविधीकरण के लिए लागू होगी प्रोत्साहन योजना
भोपाल, 26 अप्रैल (हि.स.)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक हुई। मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में गेहूं एवं धान के रकबे तथा उत्पादन में अत्यधिक वृद्धि होने, समर्थन मूल्य पर उपार्जन के खर्च में वृद्धि और इन फसलों के कारण प्रदेश में पर्यावरण असंतुलन की स्थिति निर्मित होने के मद्देनजर मध्यप्रदेश फसल विविधीकरण के लिए प्रोत्साहन योजना लागू करने का निर्णय लिया।
बैठक के निर्णयों की जानकारी देते हुए प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि योजना के तहत आवेदक कम्पनी या संस्था से प्राप्त प्रस्तावों को संचालक, किसान-कल्याण तथा कृषि विकास द्वारा परीक्षण कर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय परियोजना परीक्षण समिति की अनुशंसा के बाद निवेश संवर्धन पर मंत्रि-परिषद समिति द्वारा स्वीकृति प्रदान की जायेगी। योजना में स्वीकृत प्रस्तावों का क्रियान्वयन, मॉनिटरिंग संचालक, किसान-कल्याण तथा कृषि विकास द्वारा किया जायेगा। योजना में गेहूं और धान के स्थान पर बोई जाने वाली गैर एमएसपी फसलों को कवर किया जायेगा। इससे प्रदेश में रसायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम होगी और पर्यावरण-संरक्षण, जैव विविधता और टिकाऊ खेती संभव होगी। साथ ही समर्थन मूल्य पर उपार्जन में कमी और दलहन-तिलहन के आयात पर निर्भरता कम होगी।
प्राकृतिक कृषि विकास बोर्ड का गठन
गृह मंत्री ने बताया कि मंत्रि-परिषद द्वारा राज्य में प्राकृतिक कृषि के प्रसार को बढ़ाने के लिए एवं सतत् मार्गदर्शन से किसानों को प्रोत्साहन एवं सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य सरकार की वित्तीय सहायता से एक स्वतंत्र संगठन के रूप में मध्यप्रदेश प्राकृतिक कृषि विकास बोर्ड गठन किये जाने का निर्णय लिया गया। मध्यप्रदेश प्राकृतिक कृषि विकास बोर्ड में निगरानी एवं समीक्षा के लिये राज्य स्तर पर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में शीर्ष निकाय और मुख्य सचिव की अध्यक्षता में टास्क फोर्स का गठन किया जाऐगा।
बोर्ड के राज्य परियोजना संचालक अपर मुख्य सचिव, किसान-कल्याण तथा कृषि विकास विभाग और कार्यकारी संचालक, संचालक कृषि होंगे। बोर्ड का मुख्यालय भोपाल होगा। जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में आत्मा गवर्निंग बोर्ड के निर्देशन में जिला परियोजना संचालक आत्मा द्वारा योजना क्रियान्वित की जाएगी। बोर्ड में 17 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई। बोर्ड के अमले के वेतन, भत्ते एवं अन्य प्रशासकीय व्यय आदि के लिए लगभग 5 करोड़ रूपए प्रतिवर्ष का वित्तीय भार आयेगा।
अनुसूचित जाति कल्याण की 3 नवीन योजनाओं के क्रियान्वयन का निर्णय
मंत्रि-परिषद् द्वारा मध्यप्रदेश राज्य अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम मर्यादित भोपाल को और अधिक उपयोगी और सक्रिय किये जाने एवं अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को स्व-रोजगार के और अधिक अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से अनुसूचित जाति कल्याण विभाग अंतर्गत राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम विविधीकरण के प्रकार के माध्यम से नवीन योजनाओं यथा संत रविदास स्व-रोजगार योजना, डॉ. भीमराव अम्बेडकर आर्थिक कल्याण योजना एवं मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना के क्रियान्वयन का निर्णय लिया गया।
संत रविदास स्व-रोजगार योजना में विनिर्माण गतिविधियों के लिये 1 लाख से 50 लाख रूपये और सेवा/व्यवसाय के लिये 1 लाख से 25 लाख रुपये तक की परियोजनाएँ स्वीकृत की जायेगी। ऋण पर 5 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज अनुदान दिया विविधीकरण के प्रकार जायेगा। बैंक ऋण गारंटी शुल्क प्रचलित दर पर अधिकतम 7 वर्ष तक निगम वहन करेगा। इस योजना के लिये परिवार की वार्षिक आय 12 लाख रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए। इच्छुक अभ्यर्थियों के प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। योजना में 5 वर्ष में 209 करोड़ 40 लाख रुपये का व्यय संभावित है।
डॉ. भीमराव अम्बेडकर आर्थिक कल्याण योजना में सभी प्रकार की स्व-रोजगार गतिविधियों के लिये 10 हजार रुपये से 1 लाख रुपये तक की परियोजनाएँ स्वीकृत की जायेगी। ऋण पर 7 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज अनुदान दिया जायेगा। साथ ही बैंक ऋण गारंटी शुल्क प्रचलित दर पर अधिकतम 5 वर्ष तक निगम वहन करेगा।
मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना के अंतर्गत विभिन्न लाइन विभागों/निगम/जिला कलेक्टर से प्राप्त होने वाले प्रस्तावों पर अधिकतम 2 करोड़ रुपये तक की परियोजना स्वीकृत हो सकेगी। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति की अनुशंसा के आधार पर उक्त राशि अनुदान के रूप में दी जाएगी। योजना में कम से कम तीन चौथाई लाभार्थी अनुसूचित जाति वर्ग के होना अनिवार्य होगा।
मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण औषधि, सामग्री, उपकरणों के क्रय के लिये गठित मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विसेस कार्पोरेशन द्वारा वर्तमान में उपलब्ध करायी जा रही सेवाओं के अतिरिक्त प्रदेश के नागरिकों को पीपीपी मॉडल पर सीटी स्केन, डायलिसिस आदि सेवाओं को उपलब्ध कराने कार्पोरेशन के लिये स्वीकृत अमले के युक्तियुक्तकरण की स्वीकृति प्रदान की।
मंत्रि-परिषद ने नर्सिंगमहाविद्यालय इन्दौर में पूर्व से स्वीकृत लेखाधिकारी के एक पद का उन्नयन वेतनमान 15600-39100 5400 GP में करते हुए तथा वित्त अधिकारी (उप संचालक) का एक पद वेतनमान 15600-39100 6600 GP एवं वित्त अधिकारी (सहायक संचालक) के 19 पद वेतनमान 15600-39100 5400 GP के अतिरिक्त निश्चित वेतनमान पर उप रजिस्ट्रार का एक पद, अस्पताल प्रबंधक के 07 पद, अस्पताल सहायक प्रबंधक के 23 पद तथा बायोमेडिकल इंजीनियर के 18 पद, इस प्रकार कुल 69 नवीन पदों के सृजन की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की।
देश के बीस प्रतिशत खाद्यान्न की आपूर्ति करता है उत्तर प्रदेश : योगी
उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद के 33वें स्थापना दिवस के अवसर पर राजधानी में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने संस्थान से जुड़े हुए सभी वैज्ञानिकों और पदाधिकारियों को बधाई दी.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश देश का सर्वाधिक आबादी वाला राज्य विविधीकरण के प्रकार है. प्रदेश में कृषि योग्य भूमि बारह प्रतिशत ही है. इसके बावजूद देश के बीस प्रतिशत खाद्यान्न की आपूर्ति उत्तर प्रदेश करता है. यह यहां की उर्वर भूमि और प्रचुर जल संसाधन की उपलब्धता की ओर विविधीकरण के प्रकार हम सबका ध्यान आकृष्ट करता है. उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद के 33वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह बातें कहीं.
मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद 'उपकार' के स्थापना दिवस पर संस्थान से जुड़े हुए सभी वैज्ञानिकों और पदाधिकारियों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि तैंतीस वर्ष की शानदार यात्रा किसी भी संस्था के लिए अपनी उपलब्धियों के मूल्यांकन का एक अवसर होता है. इस दौरान उन्होंने उपकार के अध्यक्ष कैप्टन विकास गुप्ता एवं महानिदेशक डॉ. संजय सिंह को धन्यवाद दिया. सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पोटेंशियल है. अभी हमें बहुत कुछ सामने लाना है.
मुख्यमंत्री ने कहा विविधीकरण के प्रकार कि हमारी सरकार ने वर्ष 2017 में फसल ऋण माफी के एक बड़े कार्यक्रम को आगे बढ़ाया था. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारे किसानों को उनकी फसल की लागत का डेढ़ गुना मूल्य (एमएसपी) प्राप्त हो, इसके लिए 2018 में उन्होंने जो एमएसपी की घोषणा की उसका लाभ आज उत्तर प्रदेश के किसान सफलतापूर्वक प्राप्त कर रहे हैं. रिकॉर्ड उत्पादन और किसानों से सीधे क्रय करने की व्यवस्था आज उत्तर प्रदेश में उपलब्ध है, लेकिन विगत पांच वर्ष के अंदर वैज्ञानिक पद्धति के माध्यम से कृषि विविधीकरण को जिस प्रकार आगे बढ़ाया गया, उसमें उपकार जैसी संस्थाओं के माध्यम से नई तकनीक, उन्नतशील बीज, 4 कृषि विश्वविद्यालयों, 89 कृषि विज्ञान केंद्रों ने जिस प्रकार जमीनी धरातल पर उतारने में सहयोग किया है, उससे किसानों की आय को बढ़ाने में महत्वपूर्ण सहयोग मिला है.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में बीते पांच वर्ष के अंदर हमने 21 लाख हेक्टेयर भूमि को अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई है. दशकों से लंबित सिंचाई परियोजनाओं को (बाणसागर, सरयू नहर, अर्जुन सहायक आदि) समयबद्ध ढंग से पूरा करके हमने किसानों के जीवन में व्यापक परिवर्तन लाने का प्रयास किया है. 2017 में देश का चीनी उद्योग बंदी की ओर अग्रसर था, लेकिन बीते पांच वर्ष में हमने बंद पड़ी चीनी मिलों को संचालित किया. कोरोना के बीच 120 चीनी मिलें चलती रहीं. पांच वर्ष में हमने गन्ना किसानों को एक लाख 75000 करोड़ का भुगतान करने में सफलता हासिल की.
कार्यक्रम में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख, कृषि अनुसंधान परिषद के अध्यक्ष कैप्टन विकास गुप्ता सहित कई प्रगतिशील किसान व अन्य लोग उपस्थित रहे. कार्यक्रम में कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रदेशभर से आए बीस प्रगतिशील किसानों को मुख्यमंत्री ने सम्मानित भी किया.
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