अंतरराष्ट्रीय मीडिया पत्रकारों की ह्त्या पर तभी जागता है, जब पत्रकार यूरोपीय या अमेरिकी मूल का होता है। इसका उदाहरण ब्राज़ील के अमेज़न के जंगलों में मारे गए ब्रिटिश पत्रकार डॉम फिलिप्स और इजराइल-फिलिस्तिन के बीच गाजापट्टी पर इस्राईली सुरक्षा बालों द्वारा मारी गयी फिलिस्तिनी-अमेरिकी पत्रकार शिरीन अबू अक्लेह ही ह्त्या के तौर पर हम देख चुके हैं। इन दोनों पर ही बड़े-बड़े लेख आज भी प्रकाशित किये जाते हैं, पर म्यांमार, अफ़ग़ानिस्तान, बांग्लादेश, भारत, पकिस्तान जैसे देशों में निष्पक्ष और स्वतंत्र पत्रकारिता करते पत्रकारों और मीडिया संस्थानों पर पूंजीपतियों, सत्ता, पुलिस, जांच एजेंसियों और न्यायालयों द्वारा कसते शिकंजे का शायद ही कहीं जिक्र होता है। हमारे देश में तो पूरा का पूरा मीडिया ही गायब हो गया है।
Kota एसीबी ने दलाल सहित रामगंजमंडी आरपीएफ थानाध्यक्ष, आरक्षक व उप प्रधान के खिलाफ चार्जशीट पेश की
राजस्थान न्यूज डेस्क, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने रिश्वत लेने वाले 4 लोगों के खिलाफ अलग-अलग मामलों में चालान कोर्ट में पेश किया है. एडिशनल एसपी एसीपी कोटा विजय स्वर्णकार ने बताया कि 31 मार्च को सुल्तानपुर पंचायत समिति के उप प्रधान नरेश नरूका को 50 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए फंसाया गया था.
सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग (पंचायती राज) से अभियोजन की स्वीकृति प्राप्त कर आरोपी नरेश नरूका के विरूद्ध न्यायालय में आरोप पत्र प्रस्तुत किया गया है। शिकायतकर्ता ठेकेदार से उप मुखिया नरेश नरूका जायज काम के एवज में रिश्वत की मांग कर रहे थे.
उपाधीक्षक एसीबी विशेष इकाई प्रभारी धर्मवीर सिंह ने सर्वश्रेष्ठ दलालों की सूची बताया- 21 अप्रैल को आरपीएफ के हेड कांस्टेबल रणधीर सिंह दलाल राहुल वैष्णव उर्फ गोलू को एक ट्रॉली विक्रेता से रिश्वत लेने के आरोप में रामगंज मंडी स्टेशन पर 5 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा गया था. आरोपी ने थानाध्यक्ष बृजमोहन मीणा की मांग पर परिवादी से रिश्वत ली थी। जांच में आरपीएफ थानाध्यक्ष रामगंजमंडी, हेड कांस्टेबल व दलाल के खिलाफ अपराध साबित पाया गया. महानिरीक्षक-सह-प्राचार्य, मुख्य सुरक्षा आयुक्त, रेलवे सुरक्षा बल, पश्चिम मध्य रेलवे, जबलपुर, आरोपी ब्रजमोहन मीणा, तत्कालीन आरपीएफ स्टेशन अधिकारी, और वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त, रेलवे सुरक्षा बल, सर्वश्रेष्ठ दलालों की सूची कोटा, आरोपी हेड कांस्टेबल रणधीर ने पेश किया है. अभियोजन की मंजूरी मिलने के बाद कोर्ट में चालान।
कोटा न्यूज डेस्क.
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स्कूल में ही नताशा के प्यार में पड़ गए थे वरुण
वर्ष 2022 रहा पत्रकारों के लिए अब तक का सबसे खतरनाक साल, रिपोर्टिंग के दौरान 67 की हुई हत्या
1 दिसम्बर 2022 तक 57 पत्रकारों की हत्या की जा चुकी है, 2022 में अब तक मारे गए पत्रकारों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में 18.8 प्रतिशत अधिक है, इसके अलावा 49 पत्रकार लापता हैं और 65 का अपहरण किया जा चुका है.
महेंद्र पाण्डेय की टिप्पणी
Year 2022 is most dangerous year for reporters as their murders rose to whooping 40 percent from previous year. वर्ष 2022 पत्रकारों के लिए पिछले कुछ वर्षों की तुलना में बहुत खराब रहा है – सबसे अधिक पत्रकारों की हत्या की गयी है और अधिक पत्रकारों को जेल में बंद किया गया है। पूरी दुनिया में जिस तरह से प्रजातंत्र का खात्मा किया जा रहा है और अभिव्यक्ति की आजादी पर अंकुश लगाया जा रहा है – ऐसे में पत्रकारों पर बढ़ते खतरे दुःख का विषय हो सकता है, पर आश्चर्य का नहीं।
Haryana: जींद में ऑटो चालकों की मनमानी; सवारी से वसूल रहे अधिक किराया..
Jind News: शहर के अंदर से बसों के संचालन की मांग को लेकर गत वीरवार को लघु सचिवालय परिसर में भाकियू, ऑटो यूनियन, प्राइवेट यूनियन, रोडवेज महाप्रबंधक व डीटीओ कार्यालय से अधिकारियों की सर्वश्रेष्ठ दलालों की सूची बैठक हुई थी। बैठक में फैसला लिया गया था कि आई कार्ड दिखाने पर विद्यार्थियों से सिटी बस सर्विस में पांच रुपये व ऑटो में दस रुपये किराया लिया जाएगा। इसके अलावा शहर में अन्य यात्रियों के लिए अलग-अलग जगह के लिए दस रुपये, 15 व 20 रुपये किराया निर्धारित किया गया था
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