गौरतलब है कि भुगतान के नए और सुविधाजनक डिजिटल विकल्प के लोकप्रिय होने के बावजूद अर्थव्यवस्था में नकदी का उपयोग लगातार बढ़ रहा है.
जानिए रुपये की गिरावट को थामने के लिए क्या करता है RBI
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बाजार से जुड़े कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि आरबीआई बीच-बीच में रुपये को डॉलर के मुकाबले मजबूत करने की कोशिश करता रहता है. डीलरों का कहना है कि केंद्रीय बैंक ने रुपये की गिरावट को थामने के लिए वायदा बाजार का रुख किया है. उन्होंने बताया कि आरबीआई ने वायदा बाजार में एक महीने का फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट बेचा है. उसने 50 करोड़ डॉलर बेचे, जिससे रुपये को मदद मिली.
केंद्रीय बैंक आमतौर पर करेंसी मार्केट में उतार-चढ़ाव को रोकने के लिए स्पॉट मार्केट (हाजिर बाजार) में हस्तक्षेप करता है. कोटक सिक्योरिटीज में करेंसी एनालिस्ट अनिंदया बनर्जी ने कहा, '' बाजार में इस बात की चर्चा है कि आरबीआई ने रुपये को थामने के लिए डॉलर की बिकवाली की है.
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बाजार से जुड़े कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि आरबीआई बीच-बीच में रुपये को डॉलर के मुकाबले मजबूत करने की कोशिश करता रहता है. डीलरों का कहना है कि केंद्रीय बैंक ने रुपये की गिरावट को थामने के लिए वायदा बाजार का रुख किया है. उन्होंने बताया कि आरबीआई ने वायदा बाजार में एक महीने का फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट बेचा है. उसने 50 करोड़ डॉलर बेचे, जिससे रुपये को मदद मिली.
केंद्रीय बैंक आमतौर पर करेंसी मार्केट में उतार-चढ़ाव को रोकने के लिए स्पॉट मार्केट (हाजिर बाजार) में हस्तक्षेप करता है. कोटक सिक्योरिटीज में करेंसी एनालिस्ट अनिंदया बनर्जी ने कहा, '' बाजार में इस बात की चर्चा है कि आरबीआई ने रुपये को थामने के लिए डॉलर की बिकवाली की है.
RBI Report: आने वाले समय में आपको मिलेगा बैंक जमा पर अधिक ब्याज, जानिए रुपए की गिरावट पर क्या कहा
आरबीआई की ओर से ब्याज दर बढ़ाने के बाद बैंक भी जल्द इस पर फैसला ले सकते हैं। (फाइल फोटो)
आने वाले महीनों में आपको बैंकों में अपनी जमा पर अधिक ब्याज मिल सकता है। आरबीआई की ओर से शनिवार को एक रिपोर्ट जारी की गई, जिसमें बताया गया कि देश में कर्ज की मांग तेजी से बढ़ रही है आरबीआई के कदम से रुपये में मामूली तेजी और बीते कुछ में जमा और लोन पर दी गई राशि की ब्याज दरों में बड़ा अंतर देखा जा रहा है। ऐसी स्थिति में बैंकों को अधिक जमा को आकर्षित करने के लिए ब्याज दरों को बढ़ाना ही होगा।
रुपए गिरती कीमत पर आरबीआई: रुपए की गिरती कीमत पर आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा ने कहा कि इसके लिए सबसे पहले हमें लगाता बढ़ते जा रहे हैं व्यापारिक घाटे और पोर्टफोलियो से होने वाली निकासी पर नजर रखनी होगी। डाटा के मुताबिक आरबीआई ने रुपए की गिरती कीमत को संभालने के लिए करीब 10 बिलियन डॉलर की विदेशी मुद्रा खरीदा और 8.1 बिलियन डॉलर का रिजर्व बेचा है। इस आरबीआई ने नेट दो बिलियन डॉलर का रिजर्व खरीदा है।
RBI क्यों कर रहा डॉलर की रिकॉर्डतोड़ बिक्री, महंगाई से इसका क्या है कनेक्शन?
भारत में लगातार गिरते रुपये (Rupee Falling) और मजबूत होते डॉलर (आरबीआई के कदम से रुपये में मामूली तेजी Dollar) के बीच रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने मंगलवार, 17 मई को बताया कि रुपये को मजबूत बनाने के लिए मार्च में 20.1 बिलियन डॉलर विदेशी मुद्रा बाजार में बेचे गए हैं. यानि 20 अरब डॉलर.
लेकिन डॉलर बेचने से रुपये को कैसे मजबूती मिलती है, ये समझते हैं.
पहले समझिए रुपया क्यों कमजोर हो रहा है?
लगातार गिरते रुपये का मुख्य कारण रूस-यूक्रेन युद्ध है जिसके अभी और लंबा चलने की आशंका है. इसके अलावा अमेरिका की फेडरल बैंक जो ब्याज दरें बढ़ा रहा है, उससे ग्लोबल ग्रोथ में सुस्ती आने का डर भी एक वजह बना है. क्रूड आयल की कीमतों में भी उछाल है ही.
इसके अलावा विदेशी निवेशक भारत के बाजार से पैसा निकाल रहे हैं, जिसकी वजह से भी डॉलर की डीमांड बढ़ रही है और परिणामस्वरूप रुपया कमजोर हो रहा है.
डॉलर बेचने से कैसे मजबूत हो सकता है रुपया?
केंद्रीय बैंक के पास बैंकिंग सिस्टम पर ध्यान रखने के अलावा महंगाई को नियंत्रण करने या बाजार में लिक्विडिटी मैनेज (करंसी सप्लाय) करने की जिम्मेदारी भी होती है. लिक्विडिटी मैनेजमेंट का मतलब ये है कि बाजार में कितनी नगदी होगी. रुपये को डॉलर के मुकाबले मजबूती देने के लिए आरबीआई स्पॉट मार्केट में डॉलर्स की बिक्री करती है. इस प्रक्रिया को डॉलर-रुपी स्वाप (Dollar-Rupee Swap) कहते हैं. नाम से ही मतलब साफ समझ आ रहा है. बाजार से भारी मात्रा में रुपया वापस लेकर डॉलर की सप्लाय करना.
आरबीआई इस प्रक्रिया के तहत आरबीआई के कदम से रुपये में मामूली तेजी डॉलर को भारतीय स्पॉट मार्केट में बेचता है. स्पॉट मार्केट वो व्यवस्था है जहां फाइनेंशियल इंस्ट्रुमेंट, करंसी को ट्रेड किया जाता है. स्पॉट मार्केट में जो भी ट्रेड होता है उसकी डिलिवरी भी जल्द से जल्द की जाती है. और यहां जिस दिन ट्रेड होता है उस दिन के प्राइस पर सेटलमेंट किया जाता है. RBI ये कदम 2008 में भी उठा चुका है.
दो दशक में पहली बार दिवाली सप्ताह के दौरान नकदी घटी
हालांकि, एसबीआई के अर्थशास्त्रियों की रिपोर्ट में कहा गया है कि दो दशक में पहली बार इस साल दिवाली वाले सप्ताह में प्रणाली में नकदी या मुद्रा (सीआईसी) में 7,600 करोड़ रुपये की कमी हुई.
रिपोर्ट के मुताबिक, 2009 में दिवाली वाले सप्ताह में प्रणाली में नकदी में 950 करोड़ रुपये की मामूली गिरावट हुई थी, लेकिन ऐसा वैश्विक वित्तीय संकट के बीच आर्थिक मंदी के कारण हुआ था.
अर्थशास्त्रियों ने कहा, ‘‘तकनीकी नवाचारों ने भारतीय भुगतान प्रणाली को बदल दिया है. भारतीय अर्थव्यवस्था अब नकदी आधारित नहीं है, बल्कि स्मार्टफोन आधारित भुगतान में बदल गई है.” उन्होंने कहा कि प्रणाली में नकदी घटना बैंकों के लिए फायदेमंद है.
कांग्रेस ने पीएम मोदी पर साधा निशाना
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार के 2016 की नोटबंदी कदम पर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि पीएम ने अभी तक इस महाविफलता को स्वीकार नहीं किया है, जिसके कारण अर्थव्यवस्था गिर गई है.
देश को काले धन से मुक्त कराने के लिए नोटबंदी का वादा किया गया था. लेकिन इसने कारोबारों को खत्म कर दिया और आरबीआई के कदम से रुपये में मामूली तेजी नौकरियों को बर्बाद कर दिया. 'मास्टरस्ट्रोक' के 6 साल बाद सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नकदी 2016 की तुलना में 72 फीसदी अधिक है.
सुप्रीम कोर्ट करेगा नोटबंदी फैसले की पड़ताल
इस महीने की शुरुआत में ही नोटबंदी से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी की जांच की बात कही है.
पांच-सदस्यीय पीठ ने कहा कि हम हमेशा जानते हैं कि लक्ष्मण रेखा कहां है, लेकिन जिस तरह से इसे किया गया था, उसकी पड़ताल की जानी चाहिए. हमें यह तय करने के लिए वकील को सुनना होगा.
उन्होंने कहा कि जब कोई मामला संविधान पीठ के समक्ष लाया जाता है, तो उसका जवाब देना पीठ का दायित्व बन जाता है. इसके साथ ही संविधान पीठ ने 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को विस्तृत हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया.
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