Power Breakfast: 6 दिन की गिरावट के बाद अमेरिकी बाजारों ने लगाई छलांग, Bank of England ने £100 Cr के लंबी अवधि के क्या बाजार में गिरावट आने पर बांड सुरक्षित हैं? बॉन्ड्स खरीदें
अमेरिकी बाजारों में 6 दिन की गिरावट के बाद जोरदार छलांग लगाई है. Dow Jones 550 अंक, Nasdaq 2% और Russell 2000 3% क्या बाजार में गिरावट आने पर बांड सुरक्षित हैं? उछलें. आज FOMC सदस्य जेम्स बल्लार्ड के भाषण पर नज़र रहेगी. Apple का शेयर 1.3% फिसला. Bank of England ने 100 Cr पाउंड के लंबी अवधि के बॉन्ड्स खरीदें.
इस महीने शेयर बाजार में करना चाहते हैं कमाई, जानिए जुलाई में क्या हो सकती है बाजार की दिशा
पिछले 15 साल की बात करें तो जुलाई महीने में सेंसेक्स सिर्फ 4 बार गिरावट के साथ बंद हुआ है. और 1 बार भी गिरावट 5 फीसद से ज्यादा नहीं रही. दूसरी तरफ इस दौरान 6 बार बाजार 5 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ा.
विदेशी निवेशकों की बिकवाली भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) के पंख कतर रही है. अप्रैल महीने में निफ्टी 2 परसेंट, मई में 2.6 परसेंट और जून महीने में ये गिरावट करीब पौने पांच फीसदी रही है. अब एक ओर मॉनसून (Monsoon) के सहारे अर्थशास्त्री और कॉर्पोरेट जगत अर्थव्यवस्था में रिकवरी की उम्मीद लगाए बैठा है तो दूसरी तरफ जुलाई में शेयर बाजार में वापस बढ़त देखने को मिलेगी ऐसी उम्मीदें निवेशकों (Investor) ने बांध ली हैं. इस उम्मीद की वजह है कि शेयर बाजार का पिछला प्रदर्शन. दरअसल पिछले कई सालों में जुलाई बाजार के लिए बढ़त का महीना साबित हुआ है. वहीं जिस साल जुलाई में नुकसान देखने को मिला है वो नुकसान भी सीमित रहा है. यही वजह है कि भारत में मॉनसून की तस्वीर साफ करने वाले इस माह में बढ़त का ट्रेंड देखते हुए निवेशक बाजार को लेकर सकारात्मक हैं.
कैसा रहा बाजार में जुलाई का महीना
पिछले 15 साल की बात करें तो जुलाई महीने में सेंसेक्स सिर्फ 4 बार गिरावट के साथ बंद हुआ है… और 1 बार भी 5 फीसद से ज्यादा की गिरावट देखने को नहीं मिली… साल 2019 में सेंसेक्स ने 15 वर्षों में सबसे ज्यादा 4.86 फीसद, जुलाई 2011 में 3.44 फीसद, जुलाई 2012 में 1.11 फीसद और जुलाई 2013 में 0.26 फीसद का नुकसान दर्ज किया है..
जबकि अगर तेजी की बात करें तो 15 में से 11 साल सेंसेक्स ने सकारात्मक रिटर्न दिया है… यानी निवेशकों को मुनाफा हुआ है… इस दौरान 6 बार तो ऐसा हुआ कि शेयर बाजार 1 महीने में 5 फीसद से ज्यादा बढ़ा… जुलाई 2009 में 8.12 परसेंट, 2020 में 7.71 फीसद, 2008 में 6.64 फीसद रिटर्न देखने को मिला है. इन्ही आंकड़ों ने निवेशकों के मन में ये उम्मीद जताई है कि इस बार शेयर बाजार में छाई मायूसी का अंत होगा…
क्या है बाजार के लिए सबसे बड़ी टेंशन
अब जरा इस बात पर नजर डालते हैं कि आखिर वो कौन सी बातें हैं जो इन ऐतिहासिक आंकड़ो के लिए रोड़ा बन सकती हैं… सबसे बड़ी रुकावट तो अमेरिका में बढ़ती ब्याज दरें हैं जिससे विदेशी निवेशक अपना निवेश रिस्की मार्केट से निकालकर सुरक्षित, बॉन्ड बाजार में लगा रहे हैं और अभी 1-2 साल तक इनके तेजी से नीचे आने की संभावना नहीं हैं जो कि शेयर बाजार के लिए सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है.
इसके अलावा बढ़ती महंगाई, घटती मांग और रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से बढ़ रही अनिश्चितता अब घरेलू निवेशकों को भी परेशान करने लगी है. जिसकी वजह से अब तक लगातार खरीदार रहे म्यूचुअल फंड्स भी निवेश करने के बजाय ज्यादा नकदी पर बैठना पसंद कर रहे हैं.
लेकिन इन रुकावटों के बीच कुछ ऐसी खबरें भी हैं जो कुछ उम्मीद जगाती हैं. मसलन, बढ़ती महंगाई को मात देने के लिए अमेरिका, चीन के उत्पादों पर बढ़ाए गए टैरिफ को वापस ले सकता है या उनमें कमी कर सकता है.अगर ऐसा होता है तो दुनिया भर के शेयर बाजारों में तेज रिकवरी आ सकती है और असर भारतीय बाजारों पर भी देखने को मिल सकता है.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
बाजार विशेषज्ञ अरुण मंत्री कहते हैं कि निफ्टी के लिए 15,500 और 15,350 एक मजबूत सपोर्ट बन चुका है और अगर निफ्टी 16,180 के स्तर को मजबूती से पार करता है तो 16,450 तक के स्तर देखने को मिल सकते है. 16,200 और 16,450 अगले बड़े रेजिस्टेंस साबित हो सकते हैं. मंत्री कहते हैं कि FII के फ्यूचर डाटा का अध्ययन करें तो पता चलता है कि FIIs जुलाई महीने के फ्यूचर में 15% ल़ॉन्ग पोजिशन के साथ जा रहे हैं तो 85% शॉर्ट पोजिशन के साथ.
ये भी पढ़ें
LPG Price Hike: घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में भारी बढ़ोतरी, अब 14.2 किलो गैस के लिए देने होंगे इतने रुपये
साल 2030 के बाद सिर्फ इलेक्ट्रिक गाड़ियां ही चला पाएंगी फूड डिलीवरी, कैब और ई-कॉमर्स कंपनियां, पढ़ें डिटेल्स
रूस को मिला क्रूड का बड़ा खजाना, भारत के लिए भी मौका, खत्म होगी महंगे तेल की टेंशन
Petrol-Diesel Price Today: लगातार 45वें दिन नहीं बदला पेट्रोल और डीजल का भाव, जानिए आज किस शहर में क्या रेट है
1 जुलाई 2022 तक डेरीवेटिव मार्केट में FII के आंकड़े
फ्यूचर इंडेक्स लॉन्ग | फ्यूचर इंडेक्स शॉर्ट | फ्यूचर स्टॉक लॉन्ग | फ्यूचर स्टॉक शॉर्ट | ऑप्शन इंडेक्स कॉल लॉन्ग | ऑप्शन इंडेक्स पुट लॉन्ग | ऑप्शन इंडेक्स कॉल शॉर्ट | ऑप्शन इंडेक्स पुट शॉर्ट | |
FII | 25146 | 137079 | 1381163 | 891424 | 244545 | 403833 | 182196 | 230277 |
खरीदारी में हल्की पोजिशन का मतलब ये हैं कि नीचे की तरफ गिरावट सीमित है लेकिन कोई भी पॉजिटिव ट्रिगर बाजार को शॉर्ट कवरिंग रैली का मौका दे सकता है. तो लब्बोलुआब ये कि तमाम आशंकाओं और चिंताओं के बीच निवेशकों ने उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा है. जुलाई में अच्छा मानसून, महंगाई के साथ-साथ शेयर बाजार में हो रही लगातार गिरावट से भी मुक्ति दिला सकता है.
स्टॉक मार्केट में गिरावट का सोने पर असर
यह एक भ्रांति है कि स्टॉक मार्केट गिरने पर सोने की कीमत भी गिरती है, जबकि वास्तव में इसका बिल्कुल उल्टा है। कई निवेशक सोने को बाज़ार की अस्थिरता के खिलाफ एक घेरे के रूप में और एक पोर्टफोलियो डाइवर्सिफायर के रूप में देखते हैं।
इतिहास गवाह है कि मार्केट की गिरावट के समय सोना स्टॉक से बेहतर प्रदर्शन करता है।
सोना बनाम निफ्टी
वित्तीय वर्ष 2008-09 में, जब सेंसेक्स लगभग 38% तक गिर गया था, सोने ने 24.58% का प्रतिफल दिया था। इसी तरह, 2012-13 के दौरान, जब निफ्टी स्थिर या गिरावट पर था, तब भारत में सोने की कीमत पूरे उछाल पर थी।
नीचे दिये गये चार्ट का विश्लेषण करें, तो आप देखेंगे कि पिछले दशक में अधिकतर समय, सोना और निफ्टी बिल्कुल बराबर चल रहे हैं।
Source
सोना बनाम एस&पी 500
यदि हम 1976 से चल रहे बदतर मार्केट स्थिति के समय सोने और एस&पी 500 के प्रदर्शन की तुलना करें, तो पिछले 40 वर्षों में, एस&पी 500 में आयी 8 गिरावटों में से 7 में, स्टॉक मार्केट इंडेक्स के मुक़ाबले, सोने की कीमत आसमान छू गयी थी।
2008 के वित्तीय संकट के शुरुआती झटके के समय जब सोने की कीमत गिरी थी, साल के अंत तक कीमत में 5.5% उछाल आ गया था जबकि एस&पी 500 में लगातार गिरावट थी। स्टॉक मार्केट सेल-ऑफ की कुल 18 महीनों की अवधि में सोने की कीमत 25% बढ़ी थी।
सोने का अब तक का सबसे विशिष्ट सेल-ऑफ (1980 के पूर्व भाग में -46%) आधुनिक इतिहास में सोने के सबसे बड़े बुल मार्केट के बाद ही हुआ। 1970 के अपने सबसे सबसे कम पॉएंट के बाद एक दशक बाद ही सोने की कीमत 2300% से ज़्यादा बढ़ गयी थी।
इतिहास फिल्हाल यही बताता है कि स्टॉक मार्केट गिरने पर सोने की कीमत में उतनी गिरावट नहीं आती जितना लोग सोचते हैं। आर्थिक विकास और स्थिरता से स्टॉक को लाभ होता है और आर्थिक संकट से सोने को। जब स्टॉक मार्केट गिरता है तो लोगों में डर ज़्यादा रहता है और ज़ाहिर है निवेशक सुरक्षित आश्रय ढूँढते हैं – और सोने से सुरक्षित क्या बाजार में गिरावट आने पर बांड सुरक्षित हैं? कुछ भी नहीं।
फरवरी 2018 का स्टॉक मार्केट क्रैश
सोमवार, 5 फरवरी 2018 को “वॉलमगेड्डन” (वॉल्यूम आर्मागेड्डन) के नाम से जाना गया है। एस&पी 500 113.19 अंकों से गिरा जो कि अब तक का इतिहास का सबसे बड़ा वन-डे पॉएंट ड्रॉप रहा। लेकिन कुल गिरावट थी 124.21 की जो कि सेल-ऑफ के शुरुआत के 24 घंटों के भीतर रही। पूँजी गति और उछाल के मुद्दे के अलावा उल्लेखनीय रहा बिटकॉएन का महत्त्वपूर्ण $6,000 दर।
6 फरवरी को जब कारोबार खुला, तभी बीएसई सेंसेक्स 1200 अंकों से ज़्यादा गिरा और 168 अंक गिरने के बाद, एनएसई निफ्टी 10,498 पर बंद हुआ।
सेल-ऑफ के शुरुआती दौर में, सोने की कीमत ज़्यादा प्रभावित नहीं होती थी, लेकिन जैसे-जैसे स्टॉक की कीमत गिरती गयी, सोना सम्भलता गया, यहाँ तक कि अल्प-कालिक ट्रेज़री से भी बेहतर होता गया। स्टॉक मार्केट का उछाल तेज़ लेकिन कम समय के लिए रहा। द डॉ जोंस इंडस्ट्रियल ऐवरेज 4.6% से गिरा लेकिन एशियन स्टॉक में 6 फरवरी की शुरुआत में उछाल आया, और ग्लोबल स्टॉक इंडिसेज़ की खोयी स्थिरता में कुछ सम्भाल आया। 8 और 9 फरवरी को मार्केट उछाल की ओर जाने से पहले फिर गिरा। सोमवार 12 फरवरी तक द डॉ ने अपने ज़्यादातर साप्ताहिक नुकसान के आधे की भरपाई कर ली थी, और यूरोपीय स्टॉक भी करीबन 30% तक सम्भल गये थे। एशिया के स्टॉक ने इस दौरान अपने नुकसान को बनाए रखा।
हालाँकि सोना एक बार 2 से 12 फरवरी के बीच अस्थिर ज़रूर हुआ, लेकिन यह सिर्फ ट्रेज़री से ही पीछे रहा। यानि, इसने पोर्टफोलियो नुकसान ज़्यादा नहीं होने दिया, और मार्केट में उछाल आने के बाद निवेशकों को तरलता दिलवायी। उस सप्ताह के दौरान, उन दस दिनों में, अमेरिकी डॉलर के सामने जैसे-जैसे यूरोपीय मुद्राएँ कमज़ोर पड़ीं, सोने की कीमत यूरो से 0.9% और स्टर्लिंग से 1.8% आगे रही।
व्यवस्थित जोखिम के समय सोने का आश्रय
आश्रय के रूप में, सोना आम तौर पर उछाल और गुणवत्ता के बहाव का लाभ उठाता है। स्टॉक और सोने के बीच इस विपरीत नाते का मतलब हुआ कि मार्केट जितनी मज़बूती से वापस उछाल मारेगा, उतनी ही मज़बूती से सोने में भी उछाल आएगा। इतिहास के चलन को भी देखें तो पता चलेगा कि 5 फरवरी के सेल-ऑफ के समय स्टॉक की कीमत गिरने पर सोने को तो जैसे कोई फर्क ही नहीं पड़ा।
अपवाद तो फिर भी होते ही हैं। जब मार्केट में सुधार आने पर एक से ज़्यादा सेक्टर प्रभावित होते हैं, या असर लम्बे समय तक रहता है, तब सोना एक प्रभावशाली आश्रय के रूप में उभर कर आता है। 2001 में जब ‘डॉटकॉम बबल’ उभरा, तब भी कोई जोखिम इतना मज़बूत नहीं था जो सोने को प्रभावित कर सके। सिर्फ विस्तृत अमेरिकी अर्थ-व्यवस्था के तंगी में जाने पर सोने में उल्लेखनीय हलचल हुई। इसी तरह, यूरोप के बाहर के निवेशकों ने 2015 के ग्रीक डिफॉल्ट से स्पिलओवर की चिंता व्यक्त की।
निवेशकों के लिए नीति
सोना किसी भी पोर्टफोलियो में छ: मुख्य भूमिकाएँ निभाता है:
- सकारात्मक दीर्घ-कालिक प्रतिफल देता है
- डाइवर्सिफिकेशन का विकल्प रहता है
- मार्केट गिरने पर तरलता देता है
- ज़्यादा जोखिम-समायोजित प्रतिफल के जरिये पोर्टफोलियो प्रदर्शन को बेहतर बनाता है
- अधिकतर समय में रियल एस्टेट के मूल्य भी सोने से कम ही रहते हैं
मार्केट बेहद अस्थिर होने पर कुछ भी हो सकता है। लेकिन स्टॉक पोर्टफोलियो के अलावा, सोने की बहुमुखी भूमिकाओं के कारण, बेहतर होगा यदि आप अपने पोर्टफोलियो में पर्याप्त मात्रामें सोना रखें।
Share Market Close: बहार लौटने के बाद फिर छायी मायूसी, शेयर बाजार टूटकर बंद
शेयर बाजार का रुख मंगलवार को मिला-जुला रहा. शुरुआती कारोबार में बढ़त हासिल करने के बाद दोपहर तक आते-आते शेयर बाजार नीचे आने लगा. बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 58,000 अंक के आंकड़े को छूने के बाद करीब 200 अंक टूटकर बंद हुआ. वहीं एनएसई निफ्टी (NSE Nifty) भी 17,000 अंक से नीचे बंद हुआ.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 30 नवंबर 2021,
- (अपडेटेड 30 नवंबर 2021, 4:22 PM IST)
- सेंसेक्स ने छुआ 58,000 अंक का आंकड़ा
- निफ्टी आया 17,000 अंक के नीचे
- पॉवर ग्रिड के शेयर ने मारी बाजी
शेयर बाजार का रुख मंगलवार को मिला-जुला रहा. शुरुआती कारोबार में बढ़त हासिल करने के बाद दोपहर तक आते-आते शेयर बाजार नीचे आने लगा. बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 58,000 अंक के आंकड़े को छूने के बाद करीब 200 अंक टूटकर बंद हुआ. वहीं एनएसई निफ्टी (NSE Nifty) भी 17,000 अंक से नीचे बंद हुआ.
बीते सप्ताह शुक्रवार को सेंसेक्स 1688 अंक की बड़ी गिरावट के साथ बंद हुआ. ऐसे में सोमवार को जब बाजार खुला तो वहां तेजड़िया रुख देखा गया. मंगलवार को भी कारोबार की शुरुआत में ये रुख बरकरार रहा और सेंसेक्स एवं निफ्टी दोनों ही तेजी के रुख के साथ खुले.
सेंसेक्स पहुंचा 58,000 अंक क्या बाजार में गिरावट आने पर बांड सुरक्षित हैं? के पार
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 101.27 अंक की बढ़त के साथ खुला. इसके बाद बाजार की चाल तेज रही और दिन में कारोबार के दौरान इसने करीब 800 अंक के उछाल के साथ 58,183.77 अंक के उच्च आंकड़े को छुआ. वहीं गिरावट के रुख में ये 56,867.51 अंक के निचले स्तर तक गया. कारोबार के अंत में ये 195.71 अंक यानी 0.34% की गिरावट के साथ 57,064.87 अंक पर बंद हुआ.
निफ्टी आया 17,000 के नीचे
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के निफ्टी (Nifty) में भी यही रुख देखा गया. मार्केट की शुरुआत 51.35 अंक चढ़कर हुई और दिन में कारोबार के दौरान इसने 17,324.65 अंक का उच्च स्तर छुआ. हालांकि ये 16,931.40 अंक के निचले स्तर तक भी आया और कारोबार की समाप्ति पर ये 70.75 अंक यानी 0.41% टूटकर 16,983.20 अंक पर बंद हुआ.
लगभग 50-50 रहा मामला
अगर सेंसेक्स और निफ्टी पर ग्रीन जोन और रेड जोन में रही कंपनियों के शेयर को देखा जाए तो मामला लगभग 50-50 का रहा. निफ्टी पर 50 में से 22 कंपनियां ग्रीन और 28 कंपनियां रेड जोन में रहीं. वहीं सेंसेक्स पर 30 में से 13 कंपनियां ग्रीन और 17 कंपनियां रेड जोन में बंद हुई.
पॉवर ग्रिड ने मारी बाजी
सेंसेक्स और निफ्टी दोनों पर पॉवर ग्रिड के शेयर ने बाजी मारी. बीएसई पर कंपनी का शेयर 3.43% की बढ़त के साथ और क्या बाजार में गिरावट आने पर बांड सुरक्षित हैं? निफ्टी पर 3.12% की तेजी साथ बंद हुआ.
Omicron बजा रहा बैंड
भारत के साथ-साथ दुनिया के कई देशों में कोरोना के नये वैरिएंट Omicron का प्रकोप बढ़ रहा है. ऐसे में निवेशक सोच-समझकर निवेश कर रहे हैं और बाजार में जोखिम बढ़ने की आशंका के चलते सुरक्षित निवेश के स्थान तलाश रहे हैं. ऐसे में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की बड़ी निकासी जारी रहने से शेयर बाजार में गिरावट का रुख देखा जा रहा है. इसके अलावा सरकार आज चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के जीडीपी ग्रोथ के आंकड़े भी जारी करने जा रही है. इस वजह से भी निवेशकों का रुख सावधानी भरा रहा है. हालांकि दूसरी तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर बढ़ने की उम्मीद है.
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 121