1) मूविंग एवरेज (Moving Average - MA)

Tecnical Indicator क्या होता है?

Tecnical Indicator में बहुत सारे indicator होते है लेकिन आपको उन सभी के बारेमे सीखने की जरूरत नहीं है क्युकी अगर सभी प्रकार के indicator को देखेंगे को Confused हो जायेंगे जिससे आपको केवल कुछ Indicator को ही देखना है।

  • MACD
  • RSI
  • BOLLINGER BANDS
  • SUPER TRENDS
  • ADX
  • MOVING AVERAGE
  • STOCHASTIC OSCILLATOR

इसके अलावा भी कई सारे Indicator Avaiable है लेकिन यह indicator सभी तरह की परिस्थिति में सही काम करते है।

अगर सही तरह से Chart Pattern और Indicator को analysis करके कोई ट्रेड लेता है तो उनके Loss होने के बहुत कम संभावना होती है।

Indicator का उपयोग करके बहुत सारे Traders करोड़पति भी बने है क्युकी इसका उपयोग करने से शेयर कम दाम में खरीद और ज्यादा दाम में बेचना का स्पष्ट signal मिलता है जिसकी वजह से यह संभव है।

Leading indicator

यह indicator अपने नाम जैसा ही काम करता है।बाजार में इसका उपयोग Over Sold और Over Bough को समझने में किया जाता है।

इस प्रकार के indicator अधिक Buy और Sell के Signal देता है अगर ट्रेडर अच्छे से इसको Follow करके ट्रेड करे तो अधिक मुनाफा कमा सकता है।

Leading indicator का सबसे बड़ा फायदा यह है की यह समय से पहले ही शेयर की चाल पकड़ लेता है और signal दे देता है जिससे Conformation के बाद ट्रेड से मुनाफा कर सके।

जब बाजार तेज हो तब यह Indicator Over Bough हो गया है और बिकवाली करने का मोका देता है जिससे हमारा पहले कमाया हुआ प्रॉफिट लॉस न हो जाए।

अगर ठीक से ध्यान न दिया जाए तो यह Indicator के अधिक signal देने से Wipshow की संभावना बढ़ जाती है और गलती हो जाती है।

Lagging Indicator

जो ट्रेडर लंबे समय के लिए अपना पैसा निवेश करता है उसके लिए यह प्रकार के Indicator बहुत अच्छा परिणाम दे देता है।

यह Indicator आने आने वाली Trend को नही दिखाता लेकिन, इससे बाजार अभी कोनसे ट्रेंड में है और तेजी के समय में कहा Support और Resistance लेते है यह दिखाता है।

यह Indicator की खास बात यह है की एक समान बढ़ते और घटते बाजार में अच्छा काम करते है यानी की इसमें Trend को पकड़ने की अच्छी क्षमता होती है।

Lagging Indicator में बहुत कम Buy/Sell signal मिलते है और अगर मिलते है तो भी शेयर में यह खास काम नही करते।

अगर आपके दिमाग में कोई शेयर मार्केट के अनुरूप सवाल या सुझाव है तो कृपया हमे साझा करे।आपको यह पोस्ट कैसी लगी Comment में जरूर बताएं।

Which indicators is best with Bollinger Bands?

हर वह व्यक्ति जो शेयर बाजार में काम करना चाहता है या कर रहा है वह हमेशा ऐसे टूल के पीछे समय देता रहता है जिससे कि वह बाजार का पूर्वानुमान लगा सके कि कहां से बाजार ऊपर जाएगा और कहां से बाजार नीचे चला आएगा इस तरीके के भावनाओं के साथ अलग-अलग टूल्स का उपयोग करने के लिए उसे ढूंढता रहता है उसी क्रम में आज हम एक टूल की बात करेंगे जिसका नाम है Bollinger Bands।

जैसा कि हम सभी जानते हैं बाजार हमेशा ऊपर और नीचे होता रहता है यह कभी भी स्थिर नहीं होता और इस स्थिति में हम सभी बाजार का सही प्राइस ढूंढने की प्रयास करते रहते हैं ताकि हम अच्छे जगह पर एंट्री लेकर अपना प्रोफिट बना सके इस जगह की तलाश करने के लिए हम ना जाने Bollinger Bands काम कैसे करते है कितने इंडिकेटर प्राइस एक्शन टेंडर्स अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल करते हैं।

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Bollinger Bands Indicator

Bollinger Bands आमतौर पर वोलेटिलिटी इंडिकेटर होता है। जिसकी खोज 1980 के दशक में जॉन बोलिंजर नामक व्यक्ति ने किया था। इसमें सामान्य तौर पर 20 दिनों का मूविंग एवरेज लगे होते हैं जिससे दो स्टैंडर्ड डेविएशन ऊपर और नीचे लिया जाता है। जो एक चैनल की जैसा दिखता है।

जैसा कि हम लोगों ने बात करा की Bollinger Bands में तीन लाइन बने होते हैं एक अपर लाइन दूसरा मिडिल लाइन और तीसरा लोअर लाइन जैसा की fig- में दिया गया है।

Fig.Bollinger Bands काम कैसे करते है - 1

सामान्य तौर पर Bollinger Band में निचली लाइन से प्राइस अपर साइड मूव करती है और मिडिल लाइन जो 20 दिन के एवरेज को दिखता है वहा तक जाने के कोशिश करता है। उसी तरह से अगर 20 दिन के एवरेज प्राइस से प्राइस ऊपर के साइड मूव करता है तो वह अपने ऊपरी बैंड के लाइन तक जाने का कोशिश करता है।

Which indicators used with Bollinger Bands?

अगर आप Bollinger Bands के साथ और भी दूसरे इंडिकेटर का उपयोग करना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको यह डिसाइड करना होगा कि, आप किस तरीके के ट्रेडर हैं अगर आप इंट्राडे में ट्रेड करना चाहते हैं तो उसके लिए हम अलग इंडिकेटर का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो कि इंट्राडे का मूवमेंट को अच्छे से बताने का कोशिश करता है साथ ही अगर आप स्विंग ट्रेडर है तो उसके लिए आप दूसरे इंडिकेटर का उपयोग कर सकते हैं।

Strategy for Swing trading

जब हम बात करते हैं स्विंग ट्रेडिंग की तो सुन ट्रेडिंग में एंट्री लेने के बाद हम अपने पोजीशन Bollinger Bands काम कैसे करते है को 3 से 7 दिन या 7 से 15 दिन या 15 से 30 दिन तक के लिए अपने पास रखते हैं और उसके बाद प्रोफिट मिलने के बाद अपने पोजीशन से एग्जिट करते हैं। और इस तरीके के ट्रेडिंग के लिए Bollinger Bands के साथ हम RSI ( Relative Strength Index ) का इस्तेमाल कर सकते हैं।

BB1 रणनीति (1 के विचलन वाले बोलिंगर बैंड) के साथ व्यापार कैसे करें Olymp Trade

फिक्स्ड टाइम ट्रेडों के लिए नई बोलिंजर बैंड रणनीति

बोलिंगर बैंड तकनीकी विश्लेषण उपकरणों में से एक है जिसका उपयोग व्यापारियों द्वारा बाजार को पढ़ने की सुविधा के लिए किया जाता है। इसे विभिन्न तरीकों से लागू किया जा सकता है और आज मैं आपको एक विचलन के साथ बोलिंगर बैंड पर आधारित एक रणनीति दिखाने जा रहा हूँ।

आपको अपना लॉग इन करना होगा Olymp Trade ट्रेडिंग खाते। इस बारे में सोचें कि आप किस विशिष्ट साधन Bollinger Bands काम कैसे करते है का व्यापार करने जा रहे हैं। फिर इंडिकेटर आइकन पर क्लिक करें और बोलिंगर बैंड इंडिकेटर खोजें। यह प्राइस बार के ऊपर दिखाई देगा। यह तीन रेखाओं से बनता है; दो बैंड और एक मध्य रेखा।

BB1 के लिए रणनीति Olymp Trade व्यापारियों

BB1 रणनीति पर आधारित है बोलिंजर बैंड्स 1 के विचलन के साथ। यह काफी सीधा है। चार्ट को ध्यान से देखें और कीमत और BBands रेखा को पार करने की प्रतीक्षा करें।

लंबे पद

यदि आप मूल्य वृद्धि के लिए एक स्थिति खोलना चाहते हैं, तो आपको सूचक के ऊपरी बैंड पर मोमबत्ती बंद होने की प्रतीक्षा करनी चाहिए। सुनिश्चित करें कि पिछली दो कैंडल्स इस रेखा के नीचे बंद हुई हैं।

नीचे दिए गए अनुकरणीय चार्ट पर आप देख सकते हैं कि हरे रंग की कैंडल, जिसे कैंडल नंबर 3 के रूप में चिह्नित किया गया है, ऊपरी बैंड के ऊपर बंद हो जाती है। दो पूर्ववर्ती लाल कैंडल नीचे बंद होती हैं। यह आपको अगले कैंडल की शुरुआत में ट्रेड में प्रवेश करने का संकेत देता है। आप पोजीशन को लगातार 3 कैंडल्स की लंबाई तक खुला रख सकते हैं।

जब कीमत ऊपरी बैंड के ऊपर बंद हो जाए तो अप ट्रेड खोलें

Forex Trading में महारथ हासिल करना चाहते है तो इन 10 टेक्निकल इंडिकेटर को अच्छे से समझ लें

Technical Indicator for Forex Trading: अगर आप भी फॉरेक्स ट्रेडिंग करना चाहते है तो आपको कुछ फॉरेक्स इंडिकेटर के बारे में पता होना चाहिए। यहां टॉप 10 Forex Indicators बताए गए हैं जो प्रत्येक व्यापारी को पता होना चाहिए।

Forex Indicators: फॉरेक्स मार्केट में ट्रेड करते समय इंडीकेटर्स को आवश्यक माना जाता है। कई फॉरेक्स ट्रेडर्स प्रतिदिन इन इंडिकेटर का उपयोग करते हैं, जिससे उन्हें यह समझने में मदद मिलती है कि वे Forex Market में कब खरीद या बेच सकते हैं। इन इंडिकेटर को टेक्निकल एनालिसिस के एक महत्वपूर्ण भाग के रूप में जाना जाता है, और प्रत्येक ट्रेडर्स को इन टेक्निक या फंडामेंटल एनालिसिस के बारे में पता होना चाहिए। यहां टॉप 10 Forex Indicators हैं जो प्रत्येक व्यापारी को पता होना चाहिए।

Swing Trader कौन हैं?

Swing Trader एक ऐसे ट्रेडर हैं,जो कई दिन या फिर कई हफ्तों के अंदर ट्रेड करते हैं. और वो अक्सर चार घंटे या फिर एक दिन के चार्ट पर काम करते हैं. और इस ही पर एनालिसिस करते हैं.आपको बता दे की एक Swing Trader ज़्यादा टाइम के लिए बहुत कम ट्रेड करते हैं.साधारण भाषा में कहें तो Swing Trader कम समय और limit प्रॉफिट कमाने की कोशिश करते हैं.

Swing Trading करने के कईं फायदे खासकर नए ट्रेडर्स के लिए है. Swing Trading का मतलब मार्किट में ऊप्पर निचे होने के बाद भी आपको स्टॉक या फिर इंडेक्स की सही डायरेक्शन का पता लगवाने में मदद करना होता है.जब एक डे ट्रेडर अपनी पोजीशन कुछ ही मिनटो या कुछ घंटो तक ही रखता है, तो वहीं एक Swing Trader अपनी पोजीशन 24 घंटे से ले कर कई हफ्तों तक होल्ड करके रख सकता है. और ऐसे मे बड़े टाइम फ्रेम में वोलैटिलिटी भी बहुत कम हो जाती है. और प्रॉफिट होने की सम्भावना भी काफी ज्यादा होती है. जिसकी वजह से अधिकतर लोग डे ट्रेडिंग की बजाय Swing Trading करना पसंद करते हैं. Swing Trading टेक्निकल इंडीकेटर्स पर डिपेंड होती है. टेक्निकल इंडीकेटर्स का ज्यादतर काम मार्किट में रिस्क फैक्टर को कम करना होता है. और मार्किट में उतार-चढ़ाव होने के बावजूद आपको शेयर्स या इंडेक्स की सही दिशा Bollinger Bands काम कैसे करते है दिखाना होता है.

Swing Trading से जुड़े कुछ आवश्यक नियम

Swing Trading में अक्सर उपयोग किए जाने वाले शब्दों में Entry Point, Exit Point, & Stoploss शामिल हैं. जिस जगह पर ट्रेडर अलग अलग टेक्निकल इंडिकेटर की मदद से Buy करते है,उसे एंट्री प्‍वाइंट कहते है.सदैव अपना ट्रेडिंग प्लान तैयार रखें. बिज़नेस की कैपेसिटी को ज्यादा करने के लिए ट्रेडिंग को एक बिज़नेस की तरह समझे.नई टेक्नोलॉजी का पूरा फायदा उठाएं. कंजर्वेटिव इन्वेस्ट स्ट्रेटेजी का पालन करें.एक स्टूडेंट की तरह ही स्टॉक बाजार को सीखें और समझें. ट्रेडिंग करते हुए रिस्क पर ज़रूर ध्यान दे.एक सही ट्रेडिंग कार्य Bollinger Bands काम कैसे करते है प्रणाली चुने.

कभी भी स्टॉप लॉस को इगनोर न करें. जब भी आप अपनी पोजीशन को निकालना चाहते हैं तो उससे पहले मार्किट की डायरेक्शन ज़रूर देख लें.अगर अपने स्विंग ट्रेड ली है तो Bollinger Bands काम कैसे करते है बिच बिच में उसके चार्ट की एनालिसिस ज़रूर करें. स्विंग ट्रेड करते वक़्त अपने इमोशंस को काबू में ज़रूर रखें

निष्कर्ष

स्विंग ट्रेडर्स कईं तरह की Strategies का इस्तेमाल करते हैं यह Strategies आपको एक मजबूत नींव रखने में हेल्प करेंगी।

अगर आप नई-नई Strategies या फिर Technical and Fundamental सीखना चाहते हैं. तो हमें CONTACT 9897563039 करें हम आपको बेसिक से लेकर पूरा टेक्निकल फंडामेंटल और डेटा एनालिसिस करना सीखाते हैं.

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