कागजी रुपयों की तरह आप सोना या चांदी अपने हिसाब से नहीं छाप सकते. इसकी सप्लाई हमेशा सीमित रहने वाली है. यहां तक की जब करेंसी (जैसे रुपया) की कीमत कम हो रही हो तब भी ये धातु अपना मूल्य बरकरार रखती हैं. कमी और अनेकों आधुनिक उपयोगों के कारण सोने का अपना मूल्य है. इसी तरह चांदी भी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री में उपयोग में आती है. दोनों ही चांदी में निवेश के हैं कई कारण मेटल आभूषण के अलावा, विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग के चलते अत्यधिक मूल्यवान हो जाते हैं. इनकी भारी डिमांड के चलते इन दोनों मेटल्स की वैल्यू बढ़ जाती है.
देश-दुनिया पर मंडराया मंदी का खतरा, Inflation से कैसे बचाएं अपने खून-पसीने का पैसा
Best Investment During Inflation
- नई दिल्ली ,
- 12 अक्टूबर 2022,
- (Updated 12 अक्टूबर 2022, 3:33 PM IST)
मुद्रास्फीति के खिलाफ सुरक्षा कवच रियल एस्टेट
देश-दुनिया में इन दिनों मंदी और महंगाई की खूब चर्चा हो रही है. वैश्विक स्तर पर मंदी की आहट सुनाई देने लगी है. मंदी के कई कारण हो सकते हैं जिसमें एक महंगाई भी है. बढ़ती कीमतों के चलते लोग अपने खर्च में कमी करते हैं जिसका सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर दिखता है. अर्थव्यवस्था सुस्त पड़ने लगती है और फिर मंदी का दौर दस्तक देने लगता है. इस दौर में आपकी क्रय शक्ति (Purchasing Power) कम हो जाती है. इस दौर में निवेशकों के लिए बड़ा चैलेंज ये होता है कि उनकी इन्वेस्टमेंट उन्हें महंगाई दर से ज्यादा या कम से कम उसके बराबर का रिटर्न दे.
यहां हम आपको कुछ ऐसे एसेट क्लास बता रहें जिसमें आपकी इन्वेस्टमेंट इन्फ्लेशन-प्रूफ रह सकती है.
1. रियल एस्टेट (Real Estate)
रियल एस्टेट को मुद्रास्फीति (Inflation) के खिलाफ एक ढाल माना जाता है. यहां तक कि इस दौर में इस क्षेत्र से अच्छी कमाई का मौका हो सकता है. जैसे-जैसे बाजार में महंगाई बढ़ेगी वैसे-वैसे आपकी प्रॉपर्टी की कीमत भी बढ़ेगी. और तो और, जिसने निश्चित ब्याज दर (Fixed Interest Rate) पर लोन लेकर कोई संपत्ति खरीदी है तो उसको भी इस दौर में फायदा होगा. क्योंकि आप लोन का भुगतान उस पैसे से कर रहे हैं जिसकी कीमत या मूल्य बाजार में कम होता जा रहा है जबकि मुद्रास्फीति से आपकी उसी संपत्ति की चांदी में निवेश के हैं कई कारण कीमत बढ़ रही है.
Gold Rate : वैश्विक अनिश्चितता के कारण सोने-चांदी मे तेज़ी, जानिये बाजार का क्या चांदी में निवेश के हैं कई कारण है हाल
कीमती धातुओं के भाव मे अस्थिरता होने के साथ तेज़ी का रुझान बना हुआ है। पिछले सप्ताह घरेलू वायदा सोने के भाव 175 रूपये प्रति दस ग्राम तेज़ होकर 43720 रुपए पर बंद हुए। चांदी सप्ताह मे 417 रुपए प्रति किलो तेज़ हो कर 41311 रुपए पर बंद हुई है।
अमेरिकी साप्ताहिक बेरोजगार दावों में फिर बढ़ोतरी होने से सोने के वायदा मे गुरुवार को फिर तेजी आई और कॉमेक्स वायदा मे सोने की कीमते पांच सत्र की उचाई पर पहुंच गई। गुरुवार को जारी हुए बेरोज़गारी के दावे इस बार 66 लाख के उच्चतम स्तरों पर पहुंच गए हैं जो पिछले सप्ताह 33 लाख पर थे। कोरोना वायरस आने के पहले बेरोज़गारी दावोंं मेंं सबसे बड़ा आकड़ा 7 लाख का था।
Dhanteras 2022: सोना खरीदने की बना रहे हैं योजना तो निवेश करने से पहले आपको पता होनी चाहिए ये बातें
Dhanteras: दिवाली नजदीक है और कई भारतीय सोना खरीदने के लिए कतार में होंगे। कोविड -19 महामारी के दो खराब वर्षों के बाद, इस साल सोने की बिक्री मजबूत होने की उम्मीद है। लेकिन इससे पहले कि आप भी निवेश करें। यहां आपको इन बातों का पता होना चाहिए।
क्या सोने-चांदी की कीमतों में तेजी आएगी?
कई लोग दिवाली के शुभ अवसर पर इसलिए सोना खरीदने जाते हैं, कि आगे चलकर फटाफट से सोने के रेट बढ़ जाएंगे, लेकिन यह हमेशा नहीं हो सकता है। पिछले एक साल में रुपये के लिहाज से सोने की कीमतों में महज 4.6 फीसदी की तेजी आई है जबकि चांदी में 12.41 फीसदी की गिरावट आई है।
विशेषज्ञ कहते हैं कि जल्दबाजी में सोना खरीदने का कोई ठोस कारण नहीं है। कीमतों में और गिरावट आ सकती है, जिससे निचले स्तरों पर निवेश किया जा सकता है।
विनियमित निवेश का विकल्प चुनें
यदि आप भौतिक सोने में निवेश करने के इच्छुक हैं, तो बुलियन सोना चुनें – टैम्परप्रूफ पैकिंग में बार या सिक्के। अन्य सभी मामलों में, सोने के आभूषण या किसी अन्य भौतिक रूप के बजाय, सोने पर नजर रखने वाले वित्तीय निवेश अधिक मायने रखते हैं। एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा नियंत्रित किया जाता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) भारत सरकार की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए जाते हैं। हालांकि डिजिटल सोना भी जोर पकड़ रहा है, विशेषज्ञ ईटीएफ या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जैसे विनियमित विकल्पों के साथ रहने की सलाह देते हैं।
इसके अलावा सोना अधिकांश पोर्टफोलियो में आवश्यक भूमिका निभाता है। यह कठिन समय में पोर्टफोलियो बीमा के रूप में कार्य करता है और लंबी अवधि में मुद्रास्फीति से बचाता है।
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सोना नहीं बल्कि चांदी से चमकेगी किस्मत! अभी किया निवेश तो दिवाली तक मिल सकता है मोटा रिटर्न
भारत समेत दुनियाभर के कई देशों के लिए कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर ने एक बड़े संकट में डाल दिया है. यही कारण है कि अब निवेशक भी अपने पूंजी को सुरक्षित जगह लगाने के बारे में सोच रहे हैं. आमतौर पर ऐसी स्थिति में इक्विटी मार्केट में अनिश्चितता देखने को मिलती है, इसीलिए अधिकतर निवेशकों को झुकाव सोने-चांदी जैसे सुरक्षित निवेशक विकल्प की ओर होता है. वैसे तो सोने की मांग और कीमत चांदी की तुलना में ज्यादा रहती है, लेकिन बीते चांदी में निवेश के हैं कई कारण कुछ समय में ऐसी स्थिति में एक बेहतर विकल्प बनकर सामने आया है.
दरअसल, दुनियाभर में सोने की डिमांड निवेश और गहनों के तौर पर सबसे ज्यादा होता है. लेकिन चांदी इसके अलावा इंडस्ट्रियल कामों में भी इस्तेमाल किया जाता है. ‘द सिल्वर इंस्टीटयूट’ की एक रिपोर्ट की मानें तो इस साल बढ़ते इंडस्ट्रियल डिमांड की वजह से चांदी का भाव 30 फीसदी तक चढ़ सकता है.
क्यों इस साल 30 फीसदी तक उछलेगी चांदी?
पिछले साल कोरोना वायरस महामारी के मद्देननज़र दुनियाभर में कुछ समय के लिए लॉकडाउन लग गया था . इस दौरान आर्थिक गतिविधियां बंद पड़ी थीं. लेकिन, इस साल इंडस्ट्रियल स्तर पर काम हो रहे हैं. द सिल्वर इंस्टीट्यूट ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 2019 की तुलना में 2020 के अंत तक चांदी के भाव 27 फीसदी तक का उछाल आया था.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में पिछले साल चांदी का औसत भाव 20.55 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस रहा था. बता दें कि 35.3 औंस में एक किलोग्राम होता है.
चांदी में क्यों बढ़ रहा निवेशकों को रझान?
2020 में आर्थिक गतिविधियां ठप्प्प होने की वजह से इंडस्ट्रियल लेवल पर चांदी की मांग कम ही रही थी. पिछले साल चांदी की मांग 5 फीसदी कम होकर बीते पांच साल के निचले स्तर 48.68 करोड़ औंस पर पहुंच गई थी. हालांकि, सिल्वर बार्स और चांदी के सिक्के में 8 फीसदी की तेजी भी देखने को मिली थी.
इसके साथ ही यह बीते 4 साल के शीर्ष स्तर 20.05 करोड़ औंस पर पहुंच चुकी थी. भाव में गिरावट की वजह से भी निवेशकों का रुझान चांदी की ओर बढ़ा है.
सोने में निवेश के विकल्प
सोने में निवेश का सबसे सीधा तरीका सीधे सोना खरीदना है। आप सोने के छड़, सिक्के या आभूषण खरीद सकते हैं। निवेश के लिहाज से सोने के सिक्के या छड़ अधिक आकर्षक हैं। इसके अलावा गोल्ड ETF, ई-गोल्ड, गोल्ड म्युचुअल फंड (Gold MF), गोल्ड ट्रेडेड फंड, गोल्ड क्वाइन स्कीम, गोल्ड ऑप्शंस एंड फ्यूचर्स, गोल्ड क्वाइन स्कीम और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (एसजीबी) में भी निवेश किया जा सकता है।
म्यूचुएल फंड की तरह ही गोल्ड ईटीएफ के यूनिट्स डीमैट अकाउंट के जरिए खरीदे या बेचे जा सकते हैं। गोल्ड ईटीएफ में 99.9 फीसदी शुद्धता का सोना होता है, जिससे निवेशकों को क्वॉलिटी की चिंता नहीं करनी पड़ती है। इसके अलावा गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने से सोने की चोरी का जोखिम भी नहीं रहता है। साथ ही, गोल्ड ईटीएफ में छोटी रकम भी निवेश की जा सकती है।
2- ई-गोल्ड
नेशनल स्पॉट एक्सचेंज (National Spot Exchange) ने निवेशकों को सोने में समेत कई कमोडिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में खरीदने का विकल्प दिया है। ई-गोल्ड को सुबह 10 बजे से रात 11:30 बजे तक खरीदा-बेचा जा सकता है। ई-गोल्ड की 1 यूनिट 1 ग्राम सोने के बराबर होती है। ई-गोल्ड में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट का होना जरूरी है।
गोल्ड फंड भी म्यूचुअल फंड की तरह फंड हाउसेज द्वारा चलाए जाते हैं। गोल्ड फंड में निवेश करने के लिए निवेशकों के पास डीमैट अकाउंट होना जरूरी नहीं है। फंड ऑफ फंड्स के तहत निवेशक ऐसे म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं, जिसकी पूंजी गोल्ड ईटीएफ में लगाई जाती है।
4- गोल्ड क्वाइन स्कीम
सोने के सिक्के जूलर, बैंक, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और ई-कॉमर्स वेबसाइटों से खरीदे जा सकते हैं। सरकार ने भी खास सोने के सिक्के लॉन्च किए हैं। इनमें एक तरफ अशोक चक्र और दूसरी ओर महात्मा गांधी की तस्वीर है। ये सिक्के 5 और 10 ग्राम में उपलब्ध हैं। सोने की छड़ 20 ग्राम में आती है। इंडियन गोल्ड क्वाइन और बार 24 कैरेट में आते हैं। इनकी बीआईएस स्टैंडर्ड के अनुसार हॉलमार्किंग होती है। इन सिक्कों का वितरण पंजीकृत एमएमटीसी आउटलेट, बैंक की शाखाओं और डाकघरों के जरिए होता है।
गोल्ड या जूलरी सेविंग स्कीम दो तरीके की होती हैं। एक आपको हर महीने एक निश्चित अवधि के लिए तय रकम जमा करने की अनुमति देती है। इस अवधि के खत्म होने पर आप जमा किए गए मूल्य के बराबर सोना खरीद सकते हैं। इसमें बोनस रकम शामिल होती है।
6- सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी)
पेपर गोल्ड खरीदने का यह एक और विकल्प है। इन्हें सरकार जारी करती है। ये हर समय खरीदने के लिए उपलब्ध नहीं होते हैं। बजाय इसके सरकार इन्हें खरीदने के लिए थोड़े-थोड़े समय पर विंडो खोलती है। अक्सर 2-3 महीने में यह विंडो खुलती है। एक हफ्ते तक यह खुली रहती है, इसी दौरान एसजीबी खरीदने का मौका रहता है।
अब आप सोने के सिक्के, बार और जूलरी ऑनलाइन खरीद सकते हैं। पेटीएम के मोबाइल वॉलेट पर 'डिजिटल गोल्ड' की पेशकश की जा रही है। स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया अपनी वेबसाइट पर 'गोल्डरश' की पेशकश कर रहा है। मोतीलाल ओसवाल ने मी-गोल्ड लॉन्च किया है। इन सभी की पेशकश एमएमटीसी-पीएएमपी के साथ गठजोड़ में की जा रही है। एमएमटीसी-पीएएमपी सार्वजनिक क्षेत्र की एमएमटीसी और स्विटजरलैंड की पीएएमपी के बीच ज्वाइंट वेंचर है।
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