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CNBC आवाज़ पाठशाला- म्यूचुअल फंड में पैसा लगाने की बात रोज होती है? आज जान लीजिए इसके 5 सबसे बड़े फायदे

म्यूचुअल फंड बाजार में निवेश करने का एक कामयाब और आसान तरीका है. इसकी सबसे बड़ी खासियत यहीं कि इसमें आपको सोचना नहीं पड़ता कि आप कब शेयर खरीदें या बेचें, क्योंकि यह काम फंड मैनेजर करता है. सभी म्यूचुअल फंड का सेबी के पास पंजीकृत होना, सुरक्षित निवेश होने की भी गारंटी देता है.

(1) कम पैसों से निवेश की शुरुआत- म्यूचुअल फंड का सबसे बड़ा फायदा यह है, कि कोई भी इसमें निवेश करने के लिए मात्र 100 से भी शुरुआत कर सकता है. छोटे राशि से निवेश करने के बाद भी पेशेवर एक्सपर्ट्स द्वारा फंड को सुनियोजित ढंग से नियंत्रित किया जाता है.

(2) प्रोफेशनल मैनेजमेंट (Professional Management)- निवेशकों के पास खुद से मार्केट का अध्ययन, व्यक्तिगत स्टॉक या बॉन्ड खरीदने के लिए समय या फिर जरूरी ज्ञान और संसाधन नहीं होते हैं. इसलिए उन्हें ऐसी स्कीम में निवेश करने की जरुरत पड़ती है, जहा वह समय दिए बिना अपने निवेश पर अच्छा रिटर्न सुनिश्चित कर सके. म्यूचुअल फंड का प्रबंधन पूरी तरह से पेशेवर मनी मैनेजर द्वारा किया जाता है, जिनके पास निवेश से खरीदने, बेचने और निगरानी करने के लिए विशेषज्ञता, अनुभव और संसाधन होते हैं. एक फंड मैनेजर लगातार निवेश की निगरानी करता है और योजना के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए पोर्टफोलियो को उसी के अनुसार मैनेज करता है. प्रोफेशनल फंड मैनेजरों द्वारा पोर्टफोलियो प्रबंधन म्यूचुअल फंड के सबसे महत्वपूर्ण लाभों में से एक है.

Mutual Fund में कम्पाउंडिंग का पावर, 150 रुपए रोज जमा कर बना सकते हैं 10 लाख से ज्यादा का फंड, जानिए कैसे

 आप हर रोज या हर महीने एक निश्चित रकम जमा कर लाखों का फंड जमा कर सकते हैं.

आप हर रोज या हर महीने एक निश्चित रकम जमा कर लाखों का फंड जमा कर सकते हैं.

Mutual Fund Investment: म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) में SIP (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के माध्यम से निवेश करना सब . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : December 22, 2021, 08:35 IST

Mutual Fund Investment: बदलते वक्त में म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) निवेश के पसंदीदा विकल्पों में से एक बना हुआ है. म्यूचुअल क्या म्यूच्यूअल फंड्स में रोज़ निवेश करना चाहिए? फंड में SIP (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के माध्यम से निवेश करना सबसे ज्यादा प्रचलित है. एसआईपी की कम्पाउंडिंग पावर इसे सबसे आकर्षक बनाती है. कम्पाउंडिंग पावर की वजह की म्यूचुअल फंड में ब्याज मूलधन में जुड़ता रहता है और उस पर ब्याज मिलता रहता है. लिहाजा निवेश की रकम तेजी से बढ़ती है.

आप हर रोज या हर महीने एक निश्चित रकम जमा कर लाखों का फंड जमा कर सकते हैं. जैसे मान लीजिए आप रोज 100 रुपए या 150 रुपए एसआईपी में जमा करते तो लंबे अवधि में लाखों का फंड खड़ा कर सकते हैं. यहां हम इसी निवेश और रिटर्न के गणित को समझेंगे.

क्या है SIP के जरिए Mutual Fund में निवेश का सही तरीका? कैसे बनें स्मार्ट इन्वेस्टर

Mutual क्या म्यूच्यूअल फंड्स में रोज़ निवेश करना चाहिए? Fund में SIP या दूसरे तरीकों से निवेश का मतलब यही है कि बुरे वक्त में निवेश जारी रखा जा सके। स्मार्ट इन्वेस्टर इस बात का अनुमान नहीं लगाते कि मार्केट किस दिशा में जा रहे हैं। वो निवेश का सही जरिया तलाश लेते हैं।

धीरेंद्र कुमार, नई दिल्ली। कंपनी की बुनियादी बातों पर ध्यान देने वाले उनके लाभ, वृद्धि, मूल्यांकन जैसी बातों को अच्छी तरह से जानते हैं। यह सब जानना-समझना ही कई साल के निवेश में सही नतीजे देता है। यह बातें किसी एक दिन का नंबर तय नहीं करतीं। स्क्रीन पर नजर आने वाले नंबर मौजूदा दामों पर होने वाली सप्लाई और डिमांड के आधार पर तय होते हैं।

डिमांड ज्यादा होने पर दाम तब तक ऊपर जाते हैं जब तक दोनों एक ही स्तर पर नहीं आ जाते। यही माइक्रो-इकोनमिक्स की सबसे बुनियादी बात है। शेयर मार्केट एक शानदार प्रयोगशाला है जिसमें इसी का अध्ययन होता है।

शेयर मार्केट में बदलाव अचानक क्यों होते हैं

असल अर्थव्यवस्था में सप्लाई-डिमांड और धन की सप्लाई में मायने रखने वाला बदलाव कई महीनों या वर्षों में आता है। शेयर मार्केट में यह कुछ ही दिनों, घंटों या मिनटों और सेकेंडों में हो जाता है। बुनियादी कारकों के आधार पर चलने वाले निवेशक जिन बातों पर भरोसा करते हैं वो केंद्र में बनी रहती हैं, मगर शार्ट-टर्म के बदलावों का चक्र अलग होता है।

आखिर इन शार्ट-टर्म बदलावों को क्या ड्राइव करता है? कभी आप टीवी पर कोई बिजनेस चैनल खोलें या किसी न्यूज वेबसाइट को देखें तो पाएंगे कि हाल ही के किसी आकंड़े या घटना का कारण बताया जाएगा। इसमें, तेल के दाम, ब्याज दर, राजनीतिक घटनाएं या कुछ भी हो सकता है।

बाजार कैसे अपनी दिशा बदलता है

असल में ज्यादातर को इन बदलावों के कारण और तर्क पता नहीं होते। सच तो ये है कि इनका पता नहीं लगाया जा सकता। जो कारण आपको मीडिया और सोशल मीडिया से पता चलते हैं, क्या म्यूच्यूअल फंड्स में रोज़ निवेश करना चाहिए? वो घटना के बाद की ईजाद होते हैं। जो स्टाक में निवेश करते हैं उनके पास दूसरी कई तरह की जानकारियों पर आधारित विश्लेषण होते हैं, जो इससे भी विस्तृत होते क्या म्यूच्यूअल फंड्स में रोज़ निवेश करना चाहिए? हैं। आप कैसे अनुमान लगाएंगे कि मार्केट ऊंचाई पर हैं या नीचे।

अनुमान पर आधारित आंकड़े या मान्यताओं पर बने नियमों को यह कह कर प्रमोट किया जाता है कि मार्केट इतना क्या म्यूच्यूअल फंड्स में रोज़ निवेश करना चाहिए? ऊंचा है कि वो अब जल्द ही गिरने वाला है या फिर इतने नीचे है कि अब बढ़ना शुरू हो जाएगा। मिसाल के तौर पर- रिकार्ड हाई वैल्युएशन, इक्विटी में बड़ी संख्या में नए निवेशकों का आना, इक्विटी मार्केट में वाल्यूम का ज्यादा होना और इसी तरह की दूसरी स्थितियां मार्केट के शीर्ष पर होने के संकेत माने जाते हैं। मार्केट का नीचे होना इन सब बातों का उलटा होना होता है। आपको क्या लगता है कि ये संकेत काम आते हैं। काम आने से मतलब है कि इन संकेतों से आप जान सकें कि मार्केट अपनी दिशा बदलेगा।

एसआईपी से मार्केट क्रैश की चिंता नहीं

सच तो ये है कि आप ऐसा नहीं कर सकते। जैसे टीवी एंकर हर रोज के बदलावों के कारण बताते हैं, वैसे ही ये भी बाद में दिए गए स्पष्टीकरण हैं। हालांकि अपवाद हमेशा क्या म्यूच्यूअल फंड्स में रोज़ निवेश करना चाहिए? ही होते हैं। सही होगा, अगर आप मार्केट की चाल को लेकर अपने (या दूसरों के) विश्वास के आधार पर कभी निवेश न करें।

निवेशकों को अपना निवेश, भविष्य के अनुमान पर न करके इन्वेस्टमेंट की क्वालिटी पर, और उस दाम पर करना चाहिए, जो सही आंतरिक कारकों पर आधारित हो। म्यूचुअल फंड इन्वेस्टर्स के लिए समस्या से निबटना और भी आसान है। उन्हें दो या तीन इक्विटी फंड चुनने चाहिए, जिनका लंबे अर्से का अच्छा रिकार्ड हो। उन्हें अपना निवेश एसआइपी के जरिये किस्तों में करना चाहिए और मार्केट क्रैश की चिंता नहीं करनी चाहिए।

(लेखक वैल्यू रिसर्च आनलाइन डाट काम के सीईओ हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)

सलाहकार के साथ शुरुआत करना बेहतर

सीधे निवेश करने या किसी डिस्ट्रिब्यूटर के माध्यम से निवेश करने के बीच चुनाव आपका फैसला है। अगर आपको खुद अपने निवेश करना पसंद है, तो आप बेशक फंड की वेबसाइट या किसी ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से ऑनलाइन निवेश कर क्या म्यूच्यूअल फंड्स में रोज़ निवेश करना चाहिए? सकते हैं। लेकिन अगर आप सलाह लेना चाहते हैं या आपको निवेश करने में मदद क्या म्यूच्यूअल फंड्स में रोज़ निवेश करना चाहिए? की ज़रूरत है, तो आप किसी प्रतिनिधि के माध्यम से निवेश कर सकते हैं, जैसे डिस्ट्रिब्यूटर, निवेश सलाहकार या बैंक आदि।

म्यूचुअल फंड तीन प्रकार होते हैं- इक्विटी म्यूचुअल फंड, डेट म्यूचुअल फंड, हाइब्रिड म्यूचुअल फंड।इक्विटी फंड सीधे शेयर बाजार में पैसा लगाते हैं। वहीं डेट फंड आपका पैसा कंपनियों द्वारा जारी ऋणपत्रों में पैसा लगाते हैं। यह इक्विटी के मुकाबले कम जोखिम भरा होता है। वहीं तीसरे हाइब्रिड फंड में इक्विटी और डेट दोनों का समावेश होता है। इसके अलावा ओपन एंडेड फंड, क्लोज एंडेड फंड, सक्रिय रूप से प्रबंधित फंड, पैसिवली मैनेज्ड फंड।

म्यूचुअल फंड कैसे काम करता है?

इसमें निवेशक एकमुश्त रकम फंड में लगाते हैं। इसके बाद एक तय समय अंतराल पर उस स्कीम से थोड़ा-थोड़ा निवेश इक्विटी स्कीम में ट्रांसफर करते क्या म्यूच्यूअल फंड्स में रोज़ निवेश करना चाहिए? रहते हैं। डेट फंड में एकमुश्त पैसा लगाने से सुरक्षित रिटर्न मिलता रहता है, वहीं एक तय अवधि में आपका पैसा धीरे धीरे ज्‍यादा रिटर्न देने वाली इक्विटी स्कीम में ट्रांसफर हो जाता है।

छोटी अवधि में केवल ज्यादा रिटर्न के लिए इनमें निवेश करने पर आप नुकसान उठा सकते हैं। इनके साथ बहुत ज्‍यादा जोखिम होता है। नए निवेशकों को इन स्‍कीमों में पैसा लगाने की सलाह नहीं दी जाती है। मल्टीकैप म्यूचुअल फंड स्कीमों का सुझाव अक्सर उन निवेशकों को दिया जाता रहा है जो निवेश के साथ थोड़ा जोखिम ले सकते हैं।

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बीते एक साल में कुछ म्‍यूचुअल फंड ने 124 फीसदी से ज्‍यादा का रिटर्न दिया है। (Photo By Indian Express Archive)

म्‍यूचुअल फंड में रिटर्न और रिस्‍क दोनों पैरालल चलते हैं। इसलिए जो लोग म्‍यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो उन्‍हें रिटर्न भी मोटा मिलता है और नुकसान भी होता है। अगर बात बीते एक साल की करें तो इक्‍व‍िटी मार्केट ने शानदार रिटर्न दिया। जिसकी वजह से इक्‍वि‍टी म्‍यूचुअल फंड क्या म्यूच्यूअल फंड्स में रोज़ निवेश करना चाहिए? ने निवेशकों को मालामाल करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। कुछ म्‍यूचुअल फंड ने निवेशकों के रुपयों को डबल से ज्‍यादा कर दिया है। वहीं एसआईपी से भी निवेशकों को भी काफी अच्‍छा रिटर्न मिला है। आज हम आपको ऐसे ही म्‍यूचुअल फंड के बारे में बताने ता रहे हैं, जिन्‍होंने बीते एक साल में 100 फीसदी से ज्‍यादा रिटर्न दिया है।

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