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Campus Activewear IPO: जानिए ग्रे मार्केट से क्या मिल रहे हैं संकेत, कैसी हो सकती है इसकी लिस्टिंग

बाजार जानकारों को पहले से ही इस आईपीओ को अच्छा रिस्पॉन्स मिलने की उम्मीद थी। मूल्य कार्रवाई संकेत जानें अब इनका कहना है कि आगे बहुत कुछ मार्केट सेटिमेंट पर निर्भर करेगा

बाजार जानकारों का यह भी कहना है कि सेकेंडरी बाजार में कमजोरी के बावजूद बिडर्स ने इस पब्लिक इश्यू में जोरदार तेजी दिखाई है

Campus Activewear IPO: कैंपस एक्टिववियर आईपीओ के लिए होने वाली बीडिंग 28 अप्रैल 2022 को बंद हो गई है । अब बाजार जानकारों मूल्य कार्रवाई संकेत जानें और इस आईपीओ में बोली लगाने वालों की नजर आईपीओ के तहत होने वाले शेयरों के आवंटन पर रहेगी। यह आवंटन 4 मई 2022 को हो सकता है। कैंपस एक्टिववियर आईपीओ के सब्सक्रिप्शन आंकड़ों के मुताबिक 1400 करोड़ रुपये का यह आईपीओ 3 दिनों में 51.75 गुना सब्सकाइब हुआ है। आईपीओ का रिटेल हिस्सा 7.68 गुना भरा है।

इस मजबूत सब्सक्रिप्शन को देखते हुए ग्रे मार्केट में भी इस स्टॉक को भरपूर सपोर्ट मिल रहा है। बाजार जानकारों के मुताबिक ग्रे मार्केट में आज कैंपस एक्टिववियर के शेयरों का भाव 105 रुपये प्रीमियम पर चल रहा है।

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Campus Activewear आईपीओ का ग्रे मार्केट प्रीमियम

बाजार पर नजर रखने वालों के मुताबिक ग्रे मार्केट में कैंपस एक्टिववियर आईपीओ का प्रीमियम आज 105 रुपये है। जो कि शुक्रवार के शाम के 80 रुपये GMP से 25 रुपये ज्यादा है। मार्केट के जानकारों का कहना है कि कैंपस एक्टिववियर के आईपीओ के ग्रे मार्केट प्रीमियम में आज आए जोरदार उछाल की वजह इसका मजबूत सब्सक्रिप्शन हो सकता है।

बाजार जानकारों का यह भी कहना है कि सेकेंडरी बाजार में कमजोरी के बावजूद बिडर्स ने इस पब्लिक इश्यू में जोरदार तेजी दिखाई है। जिसके चलते ग्रे मार्केट में भी इस आईपीओ को लेकर भी काफी सकारात्मक नजरिया देखने को मिला है। बाजार जानकारों को पहले से ही इस आईपीओ को अच्छा रिस्पॉन्स मिलने की उम्मीद थी। अब इनका कहना है कि आगे बहुत कुछ मार्केट सेटिमेंट पर निर्भर करेगा। अगर बाजार के ट्रेड में बदलाव आता है तो नियर टर्म में ग्रे मार्केट में Campus Activewear का शेयर और बुलिश हो सकता है।

क्या है GMP का मतलब

एनालिस्टों का कहना है कि ग्रे मार्केट प्रीमियम का मतलब इश्यू प्राइस के मुकाबले शेयरों की लिस्टिंग काफी ऊपर हो सकती है। जैसा कि कैंपस एक्टिववियर आईपीओ जीएमपी 100 रुपये प्रीमियम पर है। इसका मतलब है कि ग्रे मार्केट कैंपस एक्टिववियर आईपीओ को ₹397 (₹292 + ₹105) के आसपास लिस्ट होने की उम्मीद कर मूल्य कार्रवाई संकेत जानें रहा है। बता दें कि कैंपस एक्टिववियर के IPO का प्राइस बैंड 278-292 रुपये था। हालांकि, शेयर बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि जीएमपी अनऑफिशियल डेटा है और इसका कंपनी के फाइनेंशियल्स से कोई लेना-देना नहीं है। इस पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं किया जा सकता है। इसलिए, निवेशकों को कंपनी की बैलेंस शीट को देखना चाहिए जो कि ठोस तस्वीर पेश करती है।

America News: अमेरिका में भारत की 4 महिलाओं के साथ मारपीट मामले में सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने की आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग

America News: कृष्ण्मूर्ति ने कहा, ‘‘नस्लवाद, विदेशी लोगों के प्रति घृणा का भाव आदि से प्रेरित इस प्रकार के हमले केवल उन्हीं लोगों को निशाना नहीं बनाते हैं जिन पर प्रत्यक्ष तौर पर हमला किया गया है, बल्कि भय और खतरे का माहौल पैदा करके व्यापक समुदायों को इसके दायरे में लाते हैं।’’

Shashi Rai

Edited By: Shashi Rai @km_shashi
Published on: August 29, 2022 10:38 IST

Indian-American lawmaker Raja Krishnamurthy- India TV Hindi

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Highlights

  • अमेरिका में भारतीय मूल की 4 महिलाओं से मारपीट का मामला
  • भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने जताया दुख
  • आरोपी महिला के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की

America News: भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने डलास की पुलिस को पिछले हफ्ते टेक्सास में भारतीय मूल की चार महिलाओं को प्रताड़ित करती और उनसे मारपीट करती दिखाई दी महिला के खिलाफ कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई करने की अपील की है। कृष्ण्मूर्ति ने कहा, ‘‘नस्लवाद, मूल्य कार्रवाई संकेत जानें विदेशी लोगों के प्रति घृणा का भाव आदि से प्रेरित इस प्रकार के हमले केवल उन्हीं लोगों को निशाना नहीं बनाते हैं जिन पर प्रत्यक्ष तौर पर हमला किया गया है, बल्कि भय और खतरे का माहौल पैदा करके व्यापक समुदायों को इसके दायरे में लाते हैं।’’

आरोपी महिला 'एस्मेराल्डा अप्टन' को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है

टेक्सास के प्लानो की आरोपी महिला 'एस्मेराल्डा अप्टन' को पिछले बुधवार को एक पार्किंग में चार दक्षिण एशियाई महिलाओं से नस्ली दुर्व्यवहार करने, उन पर हमले करने एवं उन्हें अपशब्द कहने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वह एक वीडियो में खुद को मैक्सिकन मूल की अमेरिकी नागरिक बताती और भारतीय-अमेरिकी महिलाओं पर हमला करती नजर आ रही है। एस्मेराल्डा अप्टन वीडियो में यह कहती दिख रही है, ‘‘मैं तुम भारतीयों से नफरत करती हूं। भारतीय इसलिए अमेरिका आते हैं, क्योंकि वे एक बेहतर जिंदगी चाहते हैं।’’

घटना का फुटेज देख कर मैं भयभीत हूं: राजामूर्ति

आरोपी महिला वीडियो में भारतीय मूल की महिलाओं से यह भी कहती नजर आ रही है, ‘‘भारत वापस जाओ। तुम लोग इस देश को बर्बाद कर रहे हो।’’ राजामूर्ति ने एक बयान में कहा, ‘‘नफरत के चलते भारतीय मूल की चार महिलाओं को प्रताड़ित करने की घटना का मूल्य कार्रवाई संकेत जानें फुटेज देख कर मैं भयभीत हूं और पुलिस से आरोपी महिला के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की अपील करता हूं।’’

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Share Bazar Live: जानिए बाजार के लिए क्या हैं अहम संकेत

Zee Business का यह सेगमेंट आपको एक दृष्टिकोण देता है कि आज वैश्विक बाजार के मूल्य कार्रवाई संकेत जानें प्रदर्शन की उम्मीद कैसे की जाती है। इसके अलावा, उन प्रमुख ट्रिगर्स के बारे में जानें जो आज बाजार के लिए मायने रखते हैं और जिन शेयरों के बेहतर प्रदर्शन की संभावना है।

गेहूं खरीद: सरकारी समर्थन मूल्य से ज्यादा दाम पर मंडी की आढ़तों पर बिक रहा गेहूं, जानें मंडी भाव

मंडी में आढ़तों पर सरकारी समर्थन मूल्य से अधिक दाम पर गेहूं बिक रहा है। सरकारी केंद्रों पर 2015 रुपये प्रति क्विंटल के रेट हैं, तो वहीं आढ़तों पर 2070 के आसपास गेहूं की खरीद की जा रही है।

गेहूं खरीद में लापरवाही पर कार्रवाई के निर्दे

सरकारी गेहूं खरीद एक अप्रैल से शुरू हो चुकी है। इसके लिए 2015 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य तय किया गया है, जबकि मंडी में निजी आढ़तों पर 2070 कि दाम में गेहूं खरीदा जा रहा है। ऐसे में किसानों का रुझान सरकारी केंद्रों की ओर होता नहीं दिख रहा है।

किसानों को उनकी फसल का वाजिब मूल्य मिल सके इसके लिए जिले में एक अप्रैल से गेहूं खरीद शुरू हो गई है, जहां 2015 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से गेहूं खरीद निर्धारित की गई है। बीते वर्ष के सापेक्ष 40 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से दाम बढ़ाए गए हैं, लेकिन मंडी में शासन द्वारा जो मूल्य का निर्धारण किया गया है, उससे 55 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से आढ़ती अधिक दामों पर गेहूं खरीद रहे हैं।

ऐसे में किसान क्रय केंद्रों पर जाने से बच रहे हैं। खरीद शुरू हुए दो दिन हो गए हैं, लेकिन मूल्य कार्रवाई संकेत जानें क्रय केंद्र पर एक भी किसान गेहूं लेकर नहीं पहुंचा है। जिला विपणन अधिकारी नंद किशोर ने बताया कि अभी खेतों से गेहूं निकलकर नहीं आया है। किसानों से संपर्क कर उन्हें सरकारी केंद्र पर गेहूं बेचने के लिए जागरूक किया जाएगा।

किसान बोले, कम है सरकारी मूल्य

किसान मुकेश निवासी कुसाड़ी ने बताया कि क्रय केंद्र से अधिक दामों में आढ़तियों द्वारा गेहूं खरीदा जा रहा है। सरकार ने जो मूल्य का निर्धारण किया है वो कम है। इसलिए मंडी की ओर रुख कर रहे हैं। वहीं मानपुर के रहने वाले किसान आशीष कुमार ने कहा कि सरकार द्वारा जो मूल्य कार्रवाई संकेत जानें मूल्य निर्धारित किया गया है वह बहुत कम है। डीजल और खाद पर लगातार पैसे बढ़ रहे हैं। ऐसे में क्रय केंद्रों पर फसल का वाजिब मूल्य नहीं मिल पा रहा है।

विस्तार

सरकारी गेहूं खरीद एक अप्रैल से शुरू हो चुकी है। इसके लिए 2015 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य तय किया गया है, जबकि मंडी में निजी आढ़तों पर 2070 कि दाम में गेहूं खरीदा जा रहा है। ऐसे में किसानों का रुझान सरकारी केंद्रों की ओर होता नहीं दिख रहा है।

किसानों को उनकी फसल का वाजिब मूल्य मिल सके इसके लिए जिले में एक अप्रैल से गेहूं खरीद शुरू हो गई है, जहां 2015 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से गेहूं खरीद निर्धारित की गई है। बीते वर्ष के सापेक्ष 40 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से दाम बढ़ाए गए हैं, लेकिन मंडी में शासन द्वारा जो मूल्य का निर्धारण किया गया है, उससे 55 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से आढ़ती अधिक दामों पर गेहूं खरीद रहे हैं।

ऐसे में किसान क्रय केंद्रों पर जाने से बच रहे हैं। खरीद शुरू हुए दो दिन हो गए हैं, लेकिन क्रय केंद्र पर एक भी किसान गेहूं लेकर नहीं पहुंचा है। जिला विपणन अधिकारी नंद किशोर ने बताया कि अभी खेतों से गेहूं निकलकर नहीं आया है। किसानों से संपर्क कर उन्हें सरकारी केंद्र पर गेहूं बेचने के लिए जागरूक किया जाएगा।

किसान बोले, कम है सरकारी मूल्य

किसान मुकेश निवासी कुसाड़ी ने बताया कि क्रय केंद्र से अधिक दामों में आढ़तियों द्वारा गेहूं खरीदा जा रहा है। सरकार ने जो मूल्य का निर्धारण किया है वो कम है। इसलिए मंडी की ओर रुख कर रहे हैं। वहीं मानपुर के रहने वाले किसान आशीष कुमार ने कहा कि सरकार द्वारा जो मूल्य निर्धारित किया गया है वह बहुत कम है। डीजल और खाद पर लगातार पैसे बढ़ रहे हैं। ऐसे में क्रय केंद्रों पर फसल का वाजिब मूल्य नहीं मिल पा रहा है।

विधानसभा चुनाव से मिले 2024 के संकेत, जानें ऐसा ही जनादेश रहा तो बीजेपी-सपा को मिलेंगी कितनी सीटें

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव की रोशनी में अगले लोकसभा चुनाव के नतीजों के संकेत भी मिले हैं। यही मौजूदा जनादेश अगर दो साल बाद होने वाले लोकसभा चुनाव के वक्त बरकरार रहे तो उस आधार पर भाजपा को 51.

विधानसभा चुनाव से मिले 2024 के संकेत, जानें ऐसा ही जनादेश रहा तो बीजेपी-सपा को मिलेंगी कितनी सीटें

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव की रोशनी में अगले लोकसभा चुनाव के नतीजों के संकेत भी मिले हैं। यही मौजूदा जनादेश अगर दो साल बाद होने वाले लोकसभा चुनाव के वक्त बरकरार रहे तो उस आधार पर भाजपा को 51 लोकसभा सीट मिल सकती हैं।

इतनी लोसकभा सीटों पर भाजपा ने अभी बढ़त हासिल की है और मुख्य विपक्षी पार्टी के लिए भी बेहतर उम्मीदें मौजूदा प्रदर्शन से जगी हैं। इसी आधार पर समाजवादी पार्टी को 22 सीटें हासिल हो सकती हैं। वहीं अन्य दल 7 सीटों पर संतोष कर सकते हैं।

इन संकेतों के आधार पर सियासी दलों के पास अपनी ताकत बढ़ाने व मनमाफिक नतीजे पाने का पूरे दो साल का मौका है। इस बार के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने अपने शानदार प्रदर्शन को बरकरार रखा है, हालांकि सीटों में कमी आई है। फिर भी इस बार जीती 255 सीटों को पांच के औसत से लोकसभा क्षेत्र के अनुसार गणना करें तो 51 सीटें भाजपा को मौजूदा जनाधार पर मिल सकती हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 62 सीटें जीती थीं और सपा ने पांच जबकि बसपा ने 10 सीटें जीती थीं। कांग्रेस को एक सीट मिली थी।

लोकसभा चुनाव में बढ़त वाले इलाके में भाजपा इस बार भी आगे
जीती गई लोकसभा सीटों के दायरे में आने वाली विधानसभा सीटों का विशलेषण करें तो भाजपा को उस वक्त 275 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त हासिल हुई थी। इस बार जीती 255 में 222 सीटें पार्टी ने वहीं जीती हैं जहां पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने बढ़त बनाई थी। जहां तक समाजवादी पार्टी की बात है उसने इस बार 111 सीट पाईं हैं और गठबंधन के सहयोगियों को 14 सीटें मिली हैं। यही गठबंधन इसी आधार पर लड़ता है तो उसे 25 सीटें मिल सकती हैं।

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