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SIP Investment Tips: जब नीचे जा रहा हो बाजार तो न करें ये गलती, इन बातों बुनियादी निवेश नियम का भी रखें ध्यान

सिप (SIP) के जरिये म्‍यूचुअल फंड्स में निवेश करने से पहले पूरी जानकारी हासिल करनी चाहिए. अक्सर निवेशकों से कुछ गलती हो जाती है जो आगे जाकर भारी नुकसान का कारण बनती है.

By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 16 Aug 2021 10:54 PM (IST)

SIP Investment Tips: सिस्‍टेमैटिक इंवेस्‍टमेंट प्‍लांन यानी सिप (SIP) के जरिये म्‍यूचुअल फंड्स में बड़ी संख्या में खुदरा निवेशक पैसा बना रहे हैं. अगर आप सिप में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं तो पहले इसके बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लें. क्योंकि जानकारी की कमी की वजह से कई निवेशक कुछ गलतियां कर बैठते हैं और लाभ की जगह नुकसान उठाना पड़ जाता है. आज हम आपको 5 ऐसी गलतियों के बारे में बता रहे हैं जो निवेशक अक्सर सिप में पैसा लगाते वक्त करते हैं.

वित्तीय लक्ष्य स्पष्ट न होना

  • अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं तो आपके वित्‍तीय लक्ष्य स्पष्ट होने चाहिए.
  • अगर आपके वित्तीय लक्ष्य स्पष्ट नहीं है तो आप गलत फंड चुन सकते हैं.

ग्रोथ के बजाय डिविडेंड प्‍लान चुनना

  • ग्रोथ प्‍लान के बजाय डिविडेंड प्‍लान को तरजीह देना ठीक नहीं है.
  • ऐसा करने वाले निवेशकों को लगता है कि जब म्‍यूचुअल फंड डिविडेंड की घोषणा करेगा तो उन्‍हें मोटी कमाई होगी.
  • यह बात ज्यादातर बुनियादी निवेश नियम निवेशकों को नहीं पता होती कि म्‍यूचुअल फंड्स अपनी असेट्स अंडर मैनेजमेंट से ही डिविडेंड का भुगतान करते हैं. इससे भुगतान किया गया डिविडेंड एनएवी से घट जाता है. वहीं, डिविडेंड की गणना फंड की फेस वल्‍यू पर की जाती है, ना कि एनएवी के आधार पर.
  • यह बात भी ध्यान रखें कि ग्रोथ प्‍लांस में निवेशकों को टैक्‍स छूट के मामले में भी ज्‍यादा फायदा मिलता है.

बाजार जब नीचे आ रहा हो तो ये गलती न करें

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  • कई निवेशक बाजार नीचे आने पर सिप को रोक देते हैं और जब बाजार ऊपर जाता है तो निवेश शुरू करते हैं.
  • लेकिन ऐसा करना गलत है और यह निवेश के बुनियादी सिद्धांत बाय लो एंड सेल हाई के बिल्कुल उलट है. आप गिरते बाजार के समय भी निवेश जारी रखकर इस गलती से बच सकते हैं.
  • बाजार की चाल पर ध्यान न दें बल्कि निवेश अवधि के साथ मेल खाते फंड्स की कैटेगरी में इनवेस्ट करें. इस तरह, आप सही फंड चुन सकते हैं.

बार-बार बदलाव न करें

  • लगातार अपने पोर्टफोलियो में एडजस्ट न करें.
  • किसी दूसरों की देखा-देखी शेयर्स की खरीद-बिक्री न करें. ऐसा नुकसानदायक हो सकता है क्योंकि हर किसी के वित्तीय लक्ष्य और स्थितियां अलग होती हैं.
  • बहुत से लोग फंड के पिछले प्रदर्शन के आधार पर निवेश करते हैं लेकिन यह पूरी तरह सही नहीं है. हमेशा ध्यान रखें कि फंड का रिटर्न बदलता रहता है.
  • फंड का मूल्य हर तिमाही में बदलता है. फंड्स को चुनने से पहले आपको अन्य मानकों का संदर्भ भी लेना चाहिए.

कम एनएवी को ना मानें सस्‍ता फंड

  • कम एनएवी (नेट एसेट वैल्‍यू) को सस्‍ते फंड के तौर पर नहीं लेना चाहिए.
  • फंड की एनएवी ज्‍यादा या कम होने के कई कारण हो सकते हैं.
  • निवेशकों को म्‍यूअल फंड में सिप के जरिये निवेश करते समय उसकी एनएवी पर ज्‍यादा जोर न दें.
  • निवेशकों को पंड के पिछले प्रदर्शन पर ध्‍यान देना चाहिए. साथ ही उसकी भविष्‍य की योजनाओं पर फोकस करना चाहिए.

Disclaimer:

(यहां ABP News द्वारा किसी भी फंड में निवेश की सलाह नहीं दी जा रही है. यहां दी गई जानकारी का सिर्फ़ सूचित करने का उद्देश्य है. म्यूचुअल फंड निवेश बाज़ार जोखिम के अधीन हैं, योजना संबंधी सभी दस्तावेज़ों को सावधानी से पढ़ें. योजनाओं की NAV, ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव सहित सिक्योरिटी बाज़ार को प्रभावित करने वाले कारकों व शक्तियों के आधार पर ऊपर-नीचे हो सकती है. किसी म्यूचुअल फंड का पूर्व प्रदर्शन, आवश्यक रूप से योजनाओं के भविष्य के प्रदर्शन का परिचायक नहीं हो सकता है. म्यूचुअल फंड, किन्ही भी योजनाओं के अंतर्गत किसी लाभांश की गारंटी या आश्वासन नहीं देता है और वह वितरण योग्य अधिशेष की उपलब्धता और पर्याप्तता से विषयित है. निवेशकों से सावधानी के साथ विवरण पत्रिका (प्रॉस्पेक्टस) की समीक्षा करने और विशिष्ट विधिक, कर तथा योजना में निवेश/प्रतिभागिता के वित्तीय निहितार्थ के बारे में विशेषज्ञ पेशेवर सलाह को हासिल करने का अनुरोध है.)

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Published at : 16 Aug 2021 10:54 PM (IST) Tags: ABP News Mutual Funds SIP mutual fund calculator monthly sip annual sip हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

बुनियादी निवेश नियम

प्र.20. एक ग्रोथ सेंटर में बुनियादी ढांचे के विकास पर न्यूनतम निवेश कुल परियोजना लागत का 50% से कम नहीं होगा. औद्योगिक उपयोग के लिए निर्मित अंतरिक्ष प्रदान करता है जो ग्रोथ सेंटर के मामले में, औद्योगिक अंतरिक्ष के निर्माण की लागत सहित बुनियादी ढांचे के विकास पर कम से कम खर्च, कुल परियोजना लागत का 60% से कम नहीं होगा.

(3) बुनियादी ढांचे के विकास, (दृष्टिकोण सड़कों सहित) सड़कों, पानी की आपूर्ति और सीवरेज, आम प्रवाह इलाज की सुविधा, दूरसंचार नेटवर्क, पीढ़ी और बिजली के वितरण, एयर कंडीशनिंग और पहचान योग्य हैं जो औद्योगिक गतिविधियों के लिए आम उपयोग के लिए कर रहे हैं जैसे अन्य सुविधाएं शामिल हैं और करेगा वाणिज्यिक शर्तों पर प्रदान की जाती हैं.

(4) कोई भी इकाई (ख) 354 (ई) के पैरा 6 में से, 1 अप्रैल 2002 दिनांकित, विनियोज्य औद्योगिक क्षेत्र का प्रतिशत पचास से अधिक पर कब्जा करेगा उप अनुच्छेद में दी गयी तालिका के स्तंभ (2) में निर्दिष्ट एक ग्रोथ सेंटर की. इस उद्देश्य के लिए एक इकाई के एक और अधिक एस टेट या केन्द्रीय कर कानूनों के प्रयोजन के लिए कोई अलग और विशिष्ट इकाई का मतलब है.

प्र.5. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश या विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड या भारतीय रिजर्व बैंक या तत्समय प्रवृत्त किसी विधि के अधीन विनिर्दिष्ट किसी प्राधिकारी द्वारा अनिवासी भारतीय निवेश के लिए, नीति और प्रक्रियाओं के अनुसार अलग से लिया जाएगा कि सहित आवश्यक अनुमोदन, बल में.

प्र.6. अधिनियम के तहत कर लाभ इस अधिसूचना के पैरा एल (सात) में संकेत दिया इकाइयों की संख्या, ग्रोथ सेंटर में स्थित हैं के बाद ही उठाया जा सकता है.

प्र.7. मेसर्स राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम लिमिटेड, जयपुर, जिसमें खंड के अधीन लाभ (iii) की उपधारा (4), आयकर अधिनियम की धारा 80-IA 1961 की अवधि के दौरान ग्रोथ सेंटर संचालित करने के लिए जारी करेगा लाभ उठाया जा करने के लिए कर रहे हैं.

8 मामले में ग्रोथ सेंटर के प्रारंभ में इस अधिसूचना के पैरा 1 (ग्यारहवीं) में दर्शाई गई तारीख से एक वर्ष से अधिक की देरी है, ताजा अनुमोदन उप - धारा 4 के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए औद्योगिक पार्क स्कीम, 2002 के तहत आवश्यक हो जाएगा (iii) आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80-IA की.

9 अनुमोदन अमान्य और एम / एस होगा. राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम लिमिटेड, जयपुर, अगर, ऐसे अपंग व्यक्ति के किसी भी नतीजों के लिए पूरी तरह जिम्मेदार होंगे

(मैं) की मंजूरी केन्द्र सरकार ने दी है, जिसके आधार पर आवेदन गलत जानकारी / गलत सूचना या कुछ सामग्री जानकारी में प्रदान नहीं किया गया होता है.

(Ii) यह मंजूरी पहले ही एक अन्य उपक्रम के नाम पर दी गई है, जिसके लिए ग्रोथ सेंटर बुनियादी निवेश नियम के स्थान के लिए है.

10 मामला एम / एस में. राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम लिमिटेड, जयपुर, एक अन्य उपक्रम (यानी, बदली उपक्रम), अंतरणकर्ता और बदली की उद्यमशीलता की सहायता यूनिट को करेगा संयुक्त रूप से अंतरंग लिए ग्रोथ सेंटर (यानी, अंतरणकर्ता उपक्रम) के संचालन और रखरखाव के बुनियादी निवेश नियम स्थानान्तरण औद्योगिक सहायता, औद्योगिक नीति और संवर्धन, उद्योग भवन, नई दिल्ली -11 उक्त हस्तांतरण के लिए अंतरणकर्ता और बदली उपक्रम के बीच निष्पादित समझौते की एक प्रति के साथ विभाग के लिए सचिवालय.

प्र।11. इस अधिसूचना में उल्लेखित शर्तों के साथ ही औद्योगिक पार्क स्कीम, 2002 में शामिल उन लोगों को इस योजना के तहत लाभ उठाया जा करने के लिए कर रहे हैं जिस अवधि के दौरान पालन किया जाना चाहिए. केन्द्र सरकार मामले एम / एस में ऊपर की मंजूरी वापस ले सकते हैं. राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम लिमिटेड, जयपुर, शर्तों के किसी के साथ पालन करने में विफल रहता है.

प्र.12. किसी भी सामग्री तथ्य का खुलासा करने के लिए आवेदक की ओर से केन्द्र सरकार या पता लगाने के लिए भविष्य में, या विफलता के अनुमोदन के बिना परियोजना योजना के किसी भी संशोधन, ग्रोथ सेंटर का अनुमोदन रद्द करना होगा.

नीति आयोग का इनविट में निवेश पर कर प्रोत्साहन देने का सुझाव

निवेशकों को आकर्षित करने के लिये निवेश पर प्रोत्साहन और भरोसा बढ़ाने के लिय़े इनविट्स को आईबीसी के दायरे में लाने का सुझाव दिया गया है।

Edited by: India TV News Desk
Updated on: August 30, 2021 20:42 IST

इनविट में निवेश पर कर. - India TV Hindi

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इनविट में निवेश पर कर प्रोत्साहन का सुझाव

नई दिल्ली। नीति आयोग ने सरकार को बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट (इनविट) के लिये खुदरा और संस्थागत निवेशकों को आकर्षित करने को लेकर निवेश के लिये कर प्रोत्साहन देने और इसे ऋण शोधन अक्षमता एवं दिवाला संहिता के दायरे में लाने का सुझाव दिया है। आयोग ने बुनियादी ढांचा से संबद्ध मंत्रालयों से विचार-विमर्श कर राष्ट्रीय मौद्रिकरण पाइपलाइन (एनएमपी) पर रिपोर्ट तैयार की और इसे इसी महीने जारी किया।

आयोग ने अपनी सिफारिश में कहा, ‘‘आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 54ईसी निवेश को लेकर सुरक्षा के तहत इनविट के लिये कर लाभ और उपयोगकर्ता के अनुकूल व्यवस्था खुदरा निवेशकों को आकर्षित करने के लिहाज से महत्वपूर्ण है।’’ उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 अगस्त को 6 करोड़ रुपये की राष्ट्रीय मौद्रिकरण पाइपलाइन (एनआईपी) योजना की घोषणा की। इसका मकसद बुनियादी ढांचा के लिये वित्त पोषण को लेकर बिजली, सड़क और रेलवे जैसे विभिन्न क्षेत्रों में बनी-बनायी ढांचागत परियोजनाओं को बाजार पर चढ़ाना है।’’ उन्होंने स्पष्ट बुनियादी निवेश नियम किया था कि संपत्ति को बाजार पर चढ़ाने यानी मौद्रिकरण में जमीन की बिक्री शामिल नहीं है। इसके तहत पुरानी संपत्तियों को बाजार पर चढ़ाया जाएगा।

आयोग ने एनएमपी के दिशानिर्देश पुस्तिका में कहा है, ‘‘चूंकि मौजूदा नियमों के तहत ट्रस्टों को ‘कानूनी व्यक्ति’ नहीं माना जाता है, इसलिए ऋण शोधन अक्षमता और दिवाला संहिता (आईबीसी) के नियम इनविट ऋणों पर लागू नहीं होते हैं। इसलिए,कर्ज देने वालों के पास परियोजना परिसंपत्तियों के लिए प्रतिकूल हालत में कोई सहारा उपलब्ध नहीं है।’’ आयोग ने कहा कि हालांकि कर्जदाताओं के लिये वित्तीय संपत्तियों के प्रतिभूतिकरण और पुनर्निर्माण तथा सुरक्षा हित प्रवर्तन कानून, 2002 (सरफेसी कानून) तथा कर्ज वसूली एवं दिवाला कानून, 1993 के तहत संरक्षण प्राप्त है, लेकिन आईबीसी नियमन के तहत प्रावधान के लागू होने से निवेशकों के लिये चीजें आसान होगी।’’ इनविट एक निवेश माध्यम है। यह म्यूचुअल फंड की तरह है। इसके तहत निवेशकों से निवेश के रूप में छोटी-छोटी राशि प्राप्त कर, उसे वैसी संपत्ति में लगाया जाता है, जिससे नकदी प्राप्त हो।

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