वही अगर दूसरी Currencies की बात करें जैसे : भारत में रुपया (Rupees), चीन में युआन (Yuan), USA में डॉलर (Dollar), यूरोप में यूरो (Euro) इत्यादि करेंसी को नोट और सिक्के के रूप में इस्तेमाल किया जाता है इन करेंसी को किसी देश की सरकार द्वारा जारी की जाती हैं और उसके बाद Currency को पूरे देश में लागू कर दिया जाता है।
क्रिप्टो करेंसी क्या है और कैसे काम करती है
कैसे काम करती है क्रिप्टोकरेंसी
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बिटकॉइन, इथीरियम, डॉजकॉइन और ऐसी ही कोई चार हजार किस्म की डिजिटल करेंसी इस समय चलन में है. इन सब वर्चुअल करेंसी को क्रिप्टोकरेंसी कहते हैं. रूपये या यूरो जैसी आम करेंसी को कोई ना कोई संस्था कंट्रोल करती है. जैसे भारत में भारतीय रिजर्व बैंक, जो नोट छापती है और उसका हिसाब-किताब रखती है. वहीं क्रिप्टोकरेंसी को कोई संस्था कंट्रोल नहीं करती. आइए समझते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी कैसे काम करती है.
Crypto Trading : क्रिप्टो करेंसी क्या है और कैसे काम करती है कैसे करते हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और कैसे होती है इसकी ट्रेडिंग, समझिए
Cryptocurrency Trading : क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर है बहुत से भ्रम. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एन्क्रिप्शन के जरिए सुरक्षित रहने वाली एक डिजिटल करेंसी है. माइनिंग के जरिए नई करेंसी या टोकन जेनरेट किए जाते हैं. माइनिंग का मतलब उत्कृष्ट कंप्यूटरों पर जटिल गणितीय समीकरणों को हल करने से है. इस प्रक्रिया को माइनिंग कहते क्रिप्टो करेंसी क्या है और कैसे काम करती है हैं और इसी तरह नए क्रिप्टो कॉइन जेनरेट होते हैं. लेकिन जो निवेशक होते हैं, वो पहले से मौजूद कॉइन्स में ही ट्रेडिंग कर सकते हैं. क्रिप्टो मार्केट में उतार-चढ़ाव का कोई हिसाब नहीं रहता है. मार्केट अचानक उठता है, अचानक गिरता है, इससे बहुत से लोग लखपति बन चुके हैं, लेकिन बहुतों ने अपना पैसा भी उतनी ही तेजी से डुबोया है.
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अगर आपको क्रिप्टो ट्रेडिंग को लेकर कुछ कंफ्यूजन है कि आखिर यह कैसे काम करता है, तो आप अकेले नहीं हैं. बहुत से लोग यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि वर्चुअल करेंसी में कैसे निवेश करें. हम इस एक्सप्लेनर में यही एक्सप्लेन करने की कोशिश कर रहे हैं कि आप क्रिप्टोकरेंसी में कैसे निवेश कर सकते हैं, और क्या आपको निवेश करना चाहिए.
क्रिप्टोकरेंसी क्या है, ये क्रिप्टो करेंसी क्या है और कैसे काम करती है समझने के लिए समझिए कि यह क्या नहीं है. यह हमारा ट्रेडिशनल, सरकारी करेंसी नहीं है, लेकिन इसे लेकर स्वीकार्यता बढ़ रही है. ट्रेडिशनल करेंसी एक सेंट्रलाइज्ड डिस्टिब्यूशन यानी एक बिंदु से वितरित होने वाले सिस्टम पर काम करती है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नॉलजी, ब्लॉकचेन, के जरिए मेंटेन किया जाता है. इससे इस सिस्टम में काफी पारदर्शिता रहती है, लेकिन एन्क्रिप्शन के चलते एनॉनिमिटी रहती है यानी कि कुछ चीजें गुप्त रहती हैं. क्रिप्टो के समर्थकों का कहना है कि यह वर्चुअल करेंसी निवेशकों को यह ताकत देती है कि आपस में डील करें, न कि ट्रेडिशनल करेंसी की तरह क्रिप्टो करेंसी क्या है और कैसे काम करती है नियमन संस्थाओं के तहत.
क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग कैसे होती है?
इसके लिए आपको पहले ये जानना होगा कि यह बनता कैसे है. क्रिप्टो जेनरेट करने की प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं. और ये काम बहुत ही उत्कृष्ट कंप्यूटर्स में जटिल क्रिप्टोग्राफिक इक्वेशन्स यानी समीकरणों को हल करके किया जाता है. इसके बदले में यूजर को रिवॉर्ड के रूप में कॉइन मिलती है. इसके बाद इसे उस कॉइन के एक्सचेंज पर बेचा जाता है.
कौन कर सकता है ट्रेडिंग?
ऐसे लोग जो कंप्यूटर या टेक सैवी नहीं हैं, वो कैसे क्रिप्टो निवेश की दुनिया में प्रवेश कर सकते हैं? ऐसा जरूरी नहीं है कि हर निवेशक क्रिप्टो माइनिंग करता है. अधिकतर निवेशक बाजार में पहले से मौजूद कॉइन्स या टोकन्स में ट्रेडिंग करते हैं. क्रिप्टो इन्वेस्टर बनने के लिए माइनर बनना जरूरी नहीं है. आप असली पैसों से एक्सचेंज पर मौजूद हजारों कॉइन्स और टोकन्स में से कोई भी खरीद सकते हैं. भारत में ऐसे बहुत सारे एक्सचेंज हैं तो कम फीस या कमीशन में ये सुविधा देते हैं. लेकिन यह जानना जरूरी है कि क्रिप्टो में निवेश जोखिम भरा है और मार्केट कभी-कभी जबरदस्त क्रिप्टो करेंसी क्या है और कैसे काम करती है उतार-चढ़ाव देखता है. इसलिए फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स निवेशकों से एक ही बार में बाजार में पूरी तरह घुसने की बजाय रिस्क को झेलने की क्षमता रखने की सलाह देते हैं.
यह समझना भी जरूरी है कि सिक्योर इन्वेस्टमेंट, सेफ इन्वेस्टमेंट नहीं होता है. यानी कि आपका निवेश ब्लॉकचेन में तो सुरक्षित रहेगा लेकिन बाजार में उतार-चढ़ाव का असर इसपर होगा ही होगा, इसलिए निवेशकों को पैसा लगाने से पहले जरूरी रिसर्च करना चाहिए.
क्रिप्टोकरेंसी क्या है? और यह कैसे काम करती है? – What is Cryptocurrency in Hindi
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आज के इस डिजिटल युग और फ़ास्ट इंटरनेट के दौर में किसी भी जानकारी को प्राप्त करना इतना आसान हैं कि हर प्रकार की जानकारी लोगो तक इंटरनेट के माध्यम से एक दूसरे के द्वारा दूसरो तक पहुंच जाती है। क्रिप्टोकरेंसी उनमे से एक है जो काफी लोग Cryptocurrency के बारे में नहीं जानते या जानना चाहते है और Cryptocurrencies के पीछे भाग रहे हैं।
क्रिप्टो करेंसी क्या है और कैसे काम क्रिप्टो करेंसी क्या है और कैसे काम करती है करती है
इस तेज़ी से आगे बढ़ते डिजिटल संसार में पैसों नें भी डिजिटल रूप ले लिया है, इस आभासी डिजिटल मुद्रा को ही क्रिप्टो करेंसी कहा जाता है। जैसे की “बिट कॉइन”, इसका नाम आपने बहुत बार सुना होगा। आजकल क्रिप्टो करेंसी एक ऐसा विषय बन गया है जिसके बारे में सुना तो हर किसी ने है लेकिन ये डिजिटल मुद्रा क्या है ? कैसे काम करती है ? इसके लाभ क्या क्या होते हैं ? इस से हम कैसे कमाई कर सकते हैं ? ऐसे सवाल आपके मन में भी आते होंगे।
तो चलिए आज जानते हैं क्रिप्टो करेंसी के बारे में, क्रिप्टो करेंसी एक आभासी यानी वर्चुवल मुद्रा है जिसे सबसे पहले वर्ष 2009 में लाया गया था और सबसे पहली क्रिप्टो करेंसी बिट कॉइन ही थी जो अबतक की सबसे ज्यादा प्रसिद्ध और सबसे महंगी क्रिप्टो करेंसी क्या है और कैसे काम करती है कॉइन है।
क्रिप्टो करेंसी के फायदे :
- क्रिप्टो करेंसी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें धोखाधड़ी के चांस बहुत कम होते है।
- क्रिप्टो करेंसी decentralized होते है इसलिए यूजर इसका मालिक होता है ना कि बैंक या सरकार
- इसका इस्तेमाल करना बहुत ही आसान होता है किसी भी लेन-देन के लिए, हमें बस smart device जैसे smartphone और internet connection की जरुरत पड़ती है और तुरंत हम online भुकतान कर सकते है।
- दुसरे payment option के मुकाबले इसमें transaction fees बहुत कम होती है।
- और सबसे बड़ा फ़ायदा यह है कि आज के समय में लोग क्रिप्टो करेंसी में निवेश करके लाखों रूपये कमा रहे हैं।
अगले ब्लॉग में हम आपको बतायेंगे कि क्रिप्टो करेंसी में किस तरीके से निवेश करके लाखों रूपये आसानी से कमाए जा सकते हैं।
Crypto Trading : कैसे करते हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और कैसे होती है इसकी ट्रेडिंग, समझिए
Cryptocurrency Trading : क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर है बहुत से भ्रम. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एन्क्रिप्शन के जरिए सुरक्षित रहने वाली एक डिजिटल करेंसी है. माइनिंग के जरिए नई करेंसी या टोकन जेनरेट किए जाते हैं. माइनिंग का मतलब उत्कृष्ट कंप्यूटरों पर जटिल गणितीय समीकरणों को हल करने से है. इस प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं और इसी तरह नए क्रिप्टो कॉइन जेनरेट होते हैं. लेकिन जो निवेशक होते हैं, वो पहले से मौजूद कॉइन्स में ही ट्रेडिंग कर सकते हैं. क्रिप्टो मार्केट में उतार-चढ़ाव का कोई हिसाब नहीं रहता है. मार्केट अचानक उठता है, अचानक गिरता है, इससे बहुत से लोग लखपति बन चुके हैं, लेकिन बहुतों ने अपना पैसा भी उतनी ही तेजी से डुबोया है.
यह भी पढ़ें
अगर आपको क्रिप्टो ट्रेडिंग को लेकर कुछ कंफ्यूजन है कि आखिर यह कैसे काम करता है, तो आप अकेले नहीं हैं. बहुत से लोग यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि वर्चुअल करेंसी में कैसे निवेश करें. हम इस एक्सप्लेनर में यही एक्सप्लेन करने की कोशिश कर रहे हैं कि आप क्रिप्टोकरेंसी में कैसे निवेश कर सकते हैं, और क्या आपको निवेश करना चाहिए.
क्रिप्टोकरेंसी क्या है, ये समझने के लिए समझिए कि यह क्या नहीं है. यह हमारा ट्रेडिशनल, सरकारी करेंसी नहीं है, लेकिन इसे लेकर स्वीकार्यता बढ़ रही है. ट्रेडिशनल करेंसी एक सेंट्रलाइज्ड डिस्टिब्यूशन यानी एक बिंदु से वितरित होने वाले सिस्टम पर काम क्रिप्टो करेंसी क्या है और कैसे काम करती है करती है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नॉलजी, ब्लॉकचेन, के जरिए मेंटेन किया जाता है. इससे इस सिस्टम में काफी पारदर्शिता रहती है, लेकिन एन्क्रिप्शन के चलते एनॉनिमिटी रहती है यानी कि कुछ चीजें गुप्त रहती हैं. क्रिप्टो के समर्थकों का कहना है कि यह वर्चुअल करेंसी निवेशकों को यह ताकत क्रिप्टो करेंसी क्या है और कैसे काम करती है देती है कि आपस में डील करें, न कि ट्रेडिशनल करेंसी की तरह नियमन संस्थाओं के तहत.
क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग कैसे होती है?
इसके लिए आपको पहले ये जानना होगा कि यह बनता कैसे है. क्रिप्टो जेनरेट करने की प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं. और ये काम बहुत ही उत्कृष्ट कंप्यूटर्स में जटिल क्रिप्टोग्राफिक इक्वेशन्स यानी समीकरणों को हल करके किया जाता है. इसके बदले में यूजर को रिवॉर्ड के रूप में कॉइन मिलती है. इसके बाद इसे उस कॉइन के एक्सचेंज पर बेचा जाता है.
कौन कर सकता है ट्रेडिंग?
ऐसे लोग जो कंप्यूटर या टेक सैवी नहीं हैं, वो कैसे क्रिप्टो निवेश की दुनिया में प्रवेश कर सकते हैं? ऐसा जरूरी नहीं है कि हर निवेशक क्रिप्टो माइनिंग करता है. अधिकतर निवेशक बाजार में पहले से मौजूद कॉइन्स या टोकन्स में ट्रेडिंग करते हैं. क्रिप्टो इन्वेस्टर बनने के लिए माइनर बनना जरूरी नहीं है. आप असली पैसों से एक्सचेंज पर मौजूद हजारों कॉइन्स और टोकन्स में से कोई भी खरीद सकते हैं. भारत में ऐसे बहुत सारे एक्सचेंज हैं तो कम फीस या कमीशन में ये सुविधा देते हैं. लेकिन यह जानना जरूरी है कि क्रिप्टो में निवेश जोखिम भरा है और मार्केट कभी-कभी जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखता है. इसलिए फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स निवेशकों से एक ही बार में बाजार में पूरी तरह घुसने की बजाय रिस्क को झेलने की क्षमता रखने की सलाह देते हैं.
यह समझना भी जरूरी है कि सिक्योर इन्वेस्टमेंट, सेफ इन्वेस्टमेंट नहीं होता है. यानी कि आपका निवेश ब्लॉकचेन में तो सुरक्षित रहेगा लेकिन बाजार में उतार-चढ़ाव का असर इसपर होगा ही होगा, इसलिए निवेशकों को पैसा लगाने से पहले जरूरी रिसर्च करना चाहिए.
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