UP | Madrasa board has not given approval to anyone for any Madrasa over the past 7 years. We have about 16,500 legal Madrasas. The survey was imp to check if they have all facilities, what is being taught: Iftikhar Ahmed ट्रेंड फील्ड सर्वे Javed, Chairman UP Madarsa Education Board pic.twitter.com/v6FjsrRVsP— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 3, 2022
फील्ड में उतरे शिक्षक : ट्राप आउट व आउट ऑफ स्कूल बच्चों के लिए शिक्षा विभाग का सर्वे आरंभ, चार चरणों में तैयार होगी रिपोर्ट
इसमें सभी वर्ग के बच्चे जैसे-एससी,एसटी, गलियों में घूमने वाले बच्चे, भिखारी, अनाथ, घर विहीन बच्चे, विस्थापित बच्चे, आदिवासी एवं घूमंतु, प्रवासी मजदूर के बच्चे और अन्य बच्चे जो किसी कारण से स्कूलोंं से बाहर है, उन्हें शामिल किया जाएगा।
नारनौल : गांव में ट्राप आउट व आउट ऑफ स्कूल बच्चों की जानकारी एकत्रित करती टीम। फोटो : हरिभूमि
हरिभूमि न्यूज : नारनौल
नई शिक्षा नीति (New education policy) के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से जिला में सर्वे आज से आरंभ होगा। जिसमें आउट ऑफ स्कूल बच्चे और ड्राप आउट बच्चों की पहचान कर नए शैक्षणिक सत्र 2022-23 में उन्हें स्कूलों में प्रवेश दिलवाया जाएगा। शिक्षा के अधिकारी अधिनियम-2009 के अंतर्गत शत-प्रतिशत नामांकन हासिल करने का यह प्रयास होगा। इसमें सभी वर्ग के बच्चे जैसे-एससी,एसटी, गलियों में घूमने वाले बच्चे, भिखारी, अनाथ, घर विहीन बच्चे, विस्थापित बच्चे, आदिवासी एवं घूमंतु, प्रवासी मजदूर के बच्चे और अन्य बच्चे जो किसी कारण से स्कूलोंं से बाहर है, उन्हें शामिल ट्रेंड फील्ड सर्वे किया जाएगा।
चार चरणों में पूरी तरह सर्वे रिपोर्ट होगी तैयार
-स्कूल लेवल : यह लेवल चार दिन चलेगा। इसमें स्कूल हैड अपने स्कूल क्षेत्र की सर्वे करवाएगा। वह यह रिपोर्ट कलस्टर हैड को रिपोर्ट सौंपेगा।
-कलस्टर लेवल : यह लेवल दो दिन का होगा। इसमें ट्रेंड फील्ड सर्वे कलस्टर हैड इस सर्वे रिपोर्ट को कम्पाइल करके बीईओ अथवा बीआरसी को सौंपेगा।
-ब्लाक लेवल : यह कार्य एक दिन होगा। इस दिन बीईओ/बीआरसी कलस्टर हैड से प्राप्त रिकार्ड को कम्प्यूटरराइज बनाकर हार्ड कॉपी व शॉफ्ट कॉपी डीपीसी को सौंपेंगे।
-डिस्ट्रिक लेवल : इसके बाद डिस्ट्रिक लेवल पर यह कार्य दो दिन का होगा। इन दो दिन में जिलास्तर पर डीपीसी सभी ब्लाक लेवल से प्राप्त लिस्ट एकत्रित करके मुख्यालय भेजेंगे। इस सर्वे की रिपोर्ट 20 जनवरी से पहले भेजने की संभावना रहेगी।
स्कूल लेवल पर इस तरह होगा ट्रेंड फील्ड सर्वे सर्वे
स्कूल लेवल पर सर्वे के लिए स्कूल मुखिया के नेतृत्व में अध्यापक, एसएमसी मैम्बर, पंचायत सदस्य, आंगनबाड़ी वर्कर, नंबरदार व स्वयं सेवक टीम सदस्य होंगे। स्कूल क्षेत्र के अधीन स्थानों पर यह टीम जाएगी और आउट ऑफ स्कूल बच्चे और ड्राप आउट बच्चों की लिस्ट तैयार करेंगे। इसमें छह से सात साल का बच्चा ड्राप आउट है तो उसे तुरंत स्कूल में दाखिला दिया जाएगा। सात से 14 साल के बच्चों की एक अलग लिस्ट तैयार होगी। उन्हें सत्र 2022-23 में दाखिला दिया जाएगा। स्कूल हैड को सर्वे रिपोर्ट देने के बाद एक लिखित प्रमाण पत्र भी देना होगा जिसमें उनके द्वारा की गई सर्वे के अलावा अन्य कोई बच्चा नहीं होने की जिक्र हो।
आउट ऑफ स्कूल बच्चे व ड्राप आउट बच्चों में अंतर
आउट ऑफ स्कूल का मतलब जो बच्चा कभी स्कूल ही नहीं गया हो। वहीं जिस बच्चे ने स्कूल में दाखिला लिया हो और किसी कारण पढ़ाई छोड़ दी हो उसे ड्राप आउट श्रेणी में रखा जाता है।
क्या कहते है डीपीसी
डीपीसी एवं सर्वे की नोडल अधिकारी राजबाला ने बताया कि ट्रेंड फील्ड सर्वे इस सर्वे से संबंधित आज अतिरिक्त उपायुक्त की अध्यक्षता में बैठक हुई है। सात जनवरी से ही जिला में स्कूल लेवल पर आउट ऑफ स्कूल बच्चे व ड्राप आउट बच्चों का सर्वे आरंभ हो जाएगा।
ABP CVoter के सर्वे में अनुमान, UP में फिर एक बार BJP सरकार | सीधे फील्ड से
सी-वोटर के इस सबसे ताजा सर्वे का अनुमान है कि बीजेपी उत्तर प्रदेश में सत्ता में वापसी कर सकती है. सर्वे के नतीजों के मुताबिक 403 सीटों वाली यूपी विधानसभा के आने वाले चुनाव में BJP और सहयोगियों को 241 से 249 सीटें मिल सकती हैं
जबकि समाजवादी पार्टी और सहयोगियों को 130-से 138 सीटें हासिल हो सकती हैं. BSP को 15 से 19 सीटें मिलने का अनुमान है जबकि कांग्रेस को 3 से 7 सीटें मिल सकती हैं और अन्य के खाते में शून्य से 4 सीटें जा सकती हैं.
सर्वे को लेकर फील्ड ट्रेंड फील्ड सर्वे में उतरे बीएलओ, मुनादी भी शुरू
शहर में फेमिली आइडी बनाने को लेकर नप की ओर से सर्वे दोबारा शुरू किया गया है। शुक्रवार को बीएलओ ने काम शुरू कर दिया है। नप की ओर से वार्डों में मुनादी भी शुरू करवा दी गई है। सभी परिवारों की पहचान करने के लिए नप गंभीर हो चुकी है। शनिवार और रविवार को शहर के सभी बीएलओ निर्धारित स्कूलों में बैठ कर आइडी कार्ड बनाने का काम करेंगे।
जागरण संवाददाता, कैथल : शहर में फेमिली आइडी बनाने को लेकर नप की ओर से सर्वे दोबारा शुरू किया गया है। शुक्रवार को बीएलओ ने काम शुरू ट्रेंड फील्ड सर्वे कर दिया है। नप की ओर से वार्डों में मुनादी भी शुरू करवा दी गई ट्रेंड फील्ड सर्वे है। सभी परिवारों की पहचान करने के लिए नप गंभीर हो चुकी है।
शनिवार और रविवार को शहर के सभी बीएलओ निर्धारित स्कूलों में बैठ कर आइडी कार्ड बनाने का काम करेंगे। नप की ओर से 32 हजार परिवारों की पहचान करनी है जबकि अब तक करीब 24 हजार परिवारों की पहचान ही हो पाई है।
नप अधिकारियों का स्पष्ट कहना है कि अगर परिवारों ने अपनी आइडी नहीं बनवाई तो भविष्य में सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा। सरकार और उच्च अधिकारियों के सख्त आदेश है कि ट्रेंड फील्ड सर्वे जो परिवार अपनी जानकारी नहीं दे रहे हैं तुरंत जानकारी उपलब्ध करवाए। अब दो दिनों तक बीएलओ फार्म भरेंगे और उसके बाद नप की ओर से आवेदनों को ऑनलाइन किया जाएगा।
बीएलओ ने दोबारा काम शुरू किया
नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि बीएलओ ने दोबारा से काम शुरू कर दिया है। नप की ओर से भी लगातार वार्डों में मुनादी करवाई जा रही है। लोगों से अपील है कि जिन परिवारों ने फेमिली आइडी नहीं बनवाई है वे शनिवार और रविवार निर्धारित स्कूल में जाकर आइडी बनवा सकते हैं।
मदरसा सर्वे: बोर्ड के अध्यक्ष बोले, फील्ड वर्क पूरा हुआ, 15 नवंबर को सौंपेंगे रिपोर्ट
मदरसा सर्वे की रिपोर्ट 15 नवंबर तक प्रदेश सरकार को सौंप दी जाएगी। सर्वे का फील्ड वर्क पूरा हो चुका है। प्रदेश में 16500 वैध मदरसे हैं।
उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष इफ्तिखार अहमद जावेद ने कहा कि मदरसा सर्वे का फील्ड वर्क पूरा हो चुका है। दस्तावेजों को व्यवस्थित किया जा रहा है। सर्वे रिपोर्ट 15 नवंबर को प्रशासन को सौंप दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि हमारे लिए यह जानना जरूरी था कि मदरसों में क्या पढ़ाया जा रहा ट्रेंड फील्ड सर्वे है? यहां छात्रों के लिए जरूरी सुविधाएं हैं या नहीं।
उन्होंने बताया कि इस समय प्रदेश में 16500 वैध मदरसे हैं। बीते सात वर्षों में एक भी मदरसे को मान्यता नहीं दी गई गई है।
सर्वे में इस पर ये पूछे गए सवाल
सर्वे में मुख्य रूप से यह पता किया गया कि मदरसों की आय के क्या स्रोत हैं। साथ ही भवन, पानी, फर्नीचर, बिजली व शौचालय के क्या इंतजाम हैं और कौन संस्था संचालित करती है? इसके अलावा मान्यता की स्थिति, छात्र संख्या व उनकी सुरक्षा के इंतजाम, पाठ्यक्रम व पढ़ाने वाले शिक्षकों की संख्या जैसे विभिन्न बिंदुओं की पड़ताल की गई।
विस्तार
उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष इफ्तिखार अहमद जावेद ने कहा कि मदरसा सर्वे का फील्ड वर्क पूरा हो चुका है। दस्तावेजों को व्यवस्थित किया जा रहा है। सर्वे रिपोर्ट 15 नवंबर को प्रशासन को सौंप दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि हमारे लिए यह जानना जरूरी था कि मदरसों में क्या पढ़ाया जा रहा है? यहां छात्रों के लिए जरूरी सुविधाएं हैं या नहीं।
उन्होंने बताया कि इस समय प्रदेश में 16500 वैध मदरसे हैं। बीते सात वर्षों में एक भी मदरसे को मान्यता नहीं दी गई गई है।
UP | Madrasa board has not given approval to anyone for any Madrasa over the past 7 years. We have about 16,500 legal Madrasas. The survey was imp to check if they have all facilities, what is being taught: Iftikhar Ahmed Javed, Chairman UP Madarsa Education Board pic.twitter.com/v6FjsrRVsP
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 3, 2022
Lucknow, UP | Survey process is ongoing. Field work has been completed. Official paperwork ट्रेंड फील्ड सर्वे is underway. The report would be submitted to us by November 15: Iftikhar Ahmed Javed, Chairman UP Madrsa Education Board on Madrasa survey in state pic.twitter.com/gGeUe39fZI
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 3, 2022
सर्वे में इस पर ये पूछे गए सवाल
सर्वे में मुख्य रूप से यह पता किया गया कि मदरसों की आय के क्या स्रोत हैं। साथ ही भवन, पानी, फर्नीचर, बिजली व शौचालय के क्या इंतजाम हैं और कौन संस्था संचालित करती है? इसके अलावा मान्यता की स्थिति, छात्र संख्या व उनकी सुरक्षा के इंतजाम, पाठ्यक्रम व पढ़ाने वाले शिक्षकों की संख्या जैसे विभिन्न बिंदुओं की पड़ताल की गई।
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