फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है Basics of Future and Option trading for Beginners in Hindi

कम जोखिम में ज्यादा फायदा पाने का आसान तरीका है ऑप्शन ट्रेडिंग से निवेश, ले सकते हैं बीमा

यूटिलिटी डेस्क. हेजिंग की सुविधा पाते हुए अगर आप मार्केट में इनवेस्टमेंट करना चाहते हैं तो फ्यूचर ट्रेडिंग के मुकाबले ऑप्शन ट्रेडिंग सही चुनाव होगा। ऑप्शन में ट्रेड करने पर आपको शेयर का पूरा मूल्य दिए बिना शेयर के मूल्य से लाभ उठाने का मौका मिलता है। ऑप्शन में ट्रेड करने पर आप पूर्ण रूप से शेयर खरीदने के लिए आवश्यक पैसों की तुलना में बेहद कम पैसों से स्टॉक के शेयर पर सीमित नियंत्रण पा सकते हैं।

फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है | Basics of Future and Option trading for Beginners in Hindi

शेयर मार्केट में आप अलग अलग प्रकार से शेयर खरीद और बेच सकते है जैसे इंट्राडे (Intraday ), डिलीवरी (Delivery) अदि। इसी प्रकार से शेयर मार्केट में हम इसमें फ्यूचर एंड ऑप्शन (Future And Option Trading) ट्रेडिंग भी कर सकते है। फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है

अगर आप फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग करना चाहते है और इसके बारे में सभी प्रकार की जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो इस लेख को अंतिम तक जरूर पढ़े क्योकि इसमें आपको शेयर मार्केट के बारे में और फ्यूचर एंड ऑप्शन (फ्यूचर्स ट्रेडिंग कैसे किया जाता है? Future and Option) के बारे में सभी प्रकार की जानकारी उपलब्ध कराई है।

Future and Option Trading

फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग क्या है Basics of Future and Option trading for Beginners in Hindi

Derivative Market क्या है ? (What is Derivative Market?)

सिम्पल शब्दो में बोले तो, डेरीवेटिव मार्केट (Derivative Market) एक प्रकार का कांटेक्ट (Contract) होता है जिसका वैल्यू कोई भी एक तारीख तक सिमित होता है उसके बाद कॉन्ट्रैक्ट (contact) का वैल्यू जीरो हो जाता है जिसे हम डेरीवेटिव मार्केट (Derivative Market) कहते है।

डेरीवेटिव मार्केट, दो संस्थाओ के बिच एक कॉन्ट्रैक्ट को दर्शाता है इसमें दरअसल शेयरों का आदान प्रदान करके पैसा कमाया जाता है। what are Future and Option

Derivative Market के प्रकार (Types of Derivative Markets)

  1. Forward
  2. Future
  3. Option
  4. Swap

फ्यूचर्स ट्रेडिंग क्या है ? (What is Futures Trading?)

स्टॉक मार्केट (Stock Market) में फ्यूचर्स ट्रेडिंग (Futures Trading) का अहम रोल होता है फ्यूचर्स ट्रेडिंग (Future trading) डेरीवेटिव मार्केट (Derivative Market) का एक अहम हिस्सा है जिसका एक अपना ट्रेडिंग Base होता है इसमें लोग फ्यूचर को को आधार मानकर ट्रेडिंग करते है। इसे हम उदाहरण से समझते है –

माना एक लड़का है जिसे फ्यूचर में आईपीएल के एक मैच का टिकट खरीदना है लेकिन मैच के दिनांक के समय उस टिकट का प्राइस बढ़ने वाला है तो वह लड़का अभी के प्राइस में उस टिकट को न खरीद कर उसके बदले एक डील या कॉन्ट्रैक्ट करता है कि आने वाले समय में उस टिकट का भाव बढ़े या घटे उसे अभी के प्राइस पर वह टिकट मिल जायगा लेकिन उस टिकट की समय अवधि उस मैच के दिनांक पर निर्धारित करेगा।

इस लेख में हम फ्यूचर्स ट्रेडिंग की सारी जानकारी आपको देंगे कि फ्यूचर्स ट्रेडिंग कैसे किया जाता है ?, इसमें कितना प्रॉफिट और लॉस हो सकता है ?

फ्यूचर्स ट्रेडिंग कैसे किया जाता है ? (How is future trading done?)

फ्यूचर ट्रेडिंग में हमे फ्यूचर के हिसाब से शेयर खरीदना और फिर बेचना होता है इसमें समय सिमा निर्धारित होता है जिसमे आपको अपने खरीदे गए शेयर को समय से पहले बेचना होता है इसका समय निर्धारित महीने के अंतिम सप्ताह में होता है। फ्यूचर एंड ऑप्शन के बारे में जाने।

ऑप्शंस ट्रेडिंग क्या है ? (What is Options Trading?)

जिस प्रकार स्टॉक मार्केट (Stock Market) में फ्यूचर्स ट्रेडिंग (Futures Trading) का अहम रोल है उसी प्रकार ऑप्शंस ट्रेडिंग (Options Trading) का भी महत्व पूर्ण भूमिका होता है ऑप्शंस ट्रेडिंग का अर्थ विकल्प होता है जो अपने अर्थ के अनुसार ही स्टॉक मार्केट में कार्य करता है।

ऑप्शंस ट्रेडिंग में आपको शेयर खरीदने के लिए बहोत सारे विकल्प मिल जायेंगे जिसमे आप अपने बजट के अनुसार शेयर को खरीद और बेच सकते है। इसमें कम लागत में अधिक लाभ कमा सकते है वो भी कम जोखिम में।

कॉल ऑप्शन क्या है ? (What is Call Option?)

कॉल ऑप्शन, ऑप्शंस ट्रेडिंग का ही एक हिस्सा होता है जिसमे मार्केट के इंडेक्स के माध्यम से देख कर सावधानी पूर्वक शेयर या लोट को उसके प्रीमियम के कीमत के आधार पर खरीदना होता है।

इसमें एक समय सिमा निर्धारित होती है जिसके अनुसार मार्केट में उतार चढ़ाओ बना रहता है और इसमें आप अपने अनुसार समय सिमा चुन सकते है।

कॉल ऑप्शन में स्ट्राइक प्राइस के ऊपर के खरीद को कॉल ऑप्शन कहते है इसका सही मतलब मार्केट के वृद्धि से होता है अगर मार्केट स्ट्राइक प्राइस से ऊपर चली जाती है जो मार्केट की तेजी को दर्शाता है उस समय हमे कॉल ऑप्शन को खरीदना होता है।

पुट ऑप्शंस क्या है ? (What are put options?)

पुट ऑप्शन में स्ट्राइक प्राइस के नीचे के खरीद को पुट ऑप्शन कहते है पुट ऑप्शन कॉल ऑप्शन की तरह ही काम करता है इसमें भी सारे कॉल ऑप्शन के तरह ही शेयर को खरीदा और बेचा जाता है बस फर्क इतना है कि इसमें स्ट्राइक प्राइस के नीचे या कॉल ऑप्शन के विपरीत शेयर खरीदा जाता है जिसका मतलब मार्केट में मंदी से है अगर मार्केट में गिरावट हो तब हमे पुट ऑप्शन को खरीदना चाहिए।

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फ्यूचर्स ट्रेडिंग क्या है ?

स्टॉक मार्केट (Stock Market) में फ्यूचर्स ट्रेडिंग (Futures Trading) का अहम रोल होता है फ्यूचर्स ट्रेडिंग (Future trading) डेरीवेटिव मार्केट (Derivative Market) का एक अहम हिस्सा है जिसका एक अपना ट्रेडिंग Base होता है इसमें लोग फ्यूचर को को आधार मानकर ट्रेडिंग करते है। इसे हम उदाहरण से समझते है –

ऑप्शंस ट्रेडिंग क्या है ?

जिस प्रकार स्टॉक मार्केट (Stock Market) में फ्यूचर्स ट्रेडिंग (Futures Trading) का अहम रोल है उसी प्रकार ऑप्शंस ट्रेडिंग (Options Trading) का भी महत्व पूर्ण भूमिका होता है ऑप्शंस ट्रेडिंग का अर्थ विकल्प होता है जो अपने अर्थ के अनुसार ही स्टॉक मार्केट में कार्य करता है।

कॉल ऑप्शन क्या है ?

कॉल ऑप्शन, ऑप्शंस ट्रेडिंग का ही एक हिस्सा होता है जिसमे मार्केट के इंडेक्स के माध्यम से देख कर सावधानी पूर्वक शेयर या लोट को उसके प्रीमियम के कीमत के आधार पर खरीदना होता है।

पुट ऑप्शंस क्या है ?

पुट ऑप्शन में स्ट्राइक प्राइस के नीचे के खरीद को पुट ऑप्शन कहते है पुट ऑप्शन कॉल ऑप्शन की तरह ही काम करता है इसमें भी सारे कॉल ऑप्शन के तरह ही शेयर को खरीदा और बेचा जाता है बस फर्क इतना है कि इसमें स्ट्राइक प्राइस के नीचे या कॉल ऑप्शन के विपरीत शेयर खरीदा जाता है जिसका मतलब मार्केट में मंदी से है अगर मार्केट में गिरावट हो फ्यूचर्स ट्रेडिंग कैसे किया जाता है? तब हमे पुट ऑप्शन को खरीदना चाहिए।

सिंगापुर निफ्टी फ्यूचर्स की ट्रेडिंग 15 जुलाई से गुजरात में शुरू होगी, जानिए इसकी खास बातें

SGX Nifty फ्यूचर्स की गिफ्ट सिटी में हर कारोबारी दिन फ्यूचर्स ट्रेडिंग कैसे किया जाता है? लगभग 19 घंटे ट्रेडिंग की जा सकेगी. SGX आफ्टर मार्केट ट्रेड के जरिए 24 घंटे ट्रेडिंग की सुविधा देती है। ऐसे में इनवेस्टर कभी भी अपने पोजिशन की हेजिंग कर फ्यूचर्स ट्रेडिंग कैसे किया जाता है? सकते हैं

शुक्रवार से गुजरात के गांधी नगर स्थित इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विस सेंटर (IFSC)में सिंगापुर निफ्टी फ्यूचर्स की ट्रेडिंग शुरू होने वाली है। पीएम नरेंद्र मोदी डॉलर आधारित निफ्टी फ्यूचर्स लॉन्च करने वाले हैं। पीएम मोदी गांधीनगर के गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक सिटी (Gujarat International Finance Tech (GIFT) में इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज (IIBX) का उद्घाटन करने वाले हैं।

इस मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि शुरुआती कुछ महीनों में SGX Nifty फ्यूचर्स की ट्रेडिंग GIFT-IFSC और SGX पर साथ-साथ होगी। उसके बाद इस प्रोडक्ट की ट्रेडिंग सिंगापुर से बंद कर दी जाएगी।

गिफ्ट सिटी में अपने प्रोडक्ट लॉन्च करने के लिए नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और SGX ने NSE इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विस सेंटर (IFSC) SGX कनेक्ट नाम का एक स्पेशल परपज व्हीकल (SPV) बनाया है। SGX Nifty फ्यूचर्स की गिफ्ट सिटी में हर कारोबारी दिन लगभग 19 घंटे ट्रेडिंग की जा सकेगी।

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क्या है SGX Nifty

SGX Nifty को सिंगापुर निफ्टी के नाम से भी जाना जाता है। इसके जरिए सिंगापुर एक्सचेंज में फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट के सौदे लिए जा सकते हैं। इसमें होने वाले फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट का सेटलमेंट भारतीय स्टॉक एक्सचेंज NSE पर होने वाले सेटलमेंट प्राइस पर ही होता है। इसके जरिए विदेशी निवेशकों को भारत में रजिस्ट्रेशन कराए बिना या भारत आए बिना भारतीय बाजार में निवेश की सुविधा मिलती है।

चूंकि SGX आफ्टर मार्केट ट्रेड के जरिए 24 घंटे ट्रेडिंग की सुविधा देता है। ऐसे में इनवेस्टर कभी भी अपने पोजिशन की हेजिंग कर सकते हैं। इसके अलावा SGX Nifty भारतीय बाजारों की ओपनिंग कैसी होगी इसका संकेत देने वाला एक अच्छा इंडिकेटर भी माना जाता है। इसकी वजह से बड़ी संख्या में ट्रेडर SGX Nifty की चाल पर नजर रखते हैं।

गिफ्ट सिटी भारत के गुजरात राज्य के गांधीनगर में प्लान किया हुआ एक डिस्ट्रिक्ट है। इसमें तमाम तरह के फाइनेंशियल और टेक्नोलॉजी से संबंधित कारोबारी केंद्र हैं। सरकार ने गिफ्ट सिटी को सिंगापुर, दुबई और हांगकांग जैसे क्षेत्रीय फाइनेंशियल हब के मुकाबले खड़ा करने के लिए तमाम तरह के टैक्स छूट का भी ऐलान किया है।

बता दें कि पीएम मोदी यहां एक इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज का भी उद्घाटन करेंगे। जिसमें NSE, MCX, NSDL, CDSL की संयुक्त हिस्सेदारी है। इसके अलावा इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज के बोर्ड में करीब 60 ज्वेलरों को भी शामिल किया गया है।

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Tags: # share markets

First Published: Jul 12, 2022 1:47 PM

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वायदा और विकल्प: वित्तीय साधनों को समझना

निस्संदेह, स्टॉक और शेयरमंडी भारत में पिछले कुछ वर्षों में तेजी से वृद्धि हुई है। हालाँकि, जब बड़े पैमाने पर बात की जाती है, तो एक बाजार जो इससे भी बड़ा होता हैइक्विटीज देश में इक्विटी डेरिवेटिव बाजार है।

इसे सरल शब्दों में कहें, तो डेरिवेटिव का अपना कोई मूल्य नहीं होता है और वे इसे a . से लेते हैंआधारभूत संपत्ति। मूल रूप से, डेरिवेटिव में दो महत्वपूर्ण उत्पाद शामिल हैं, अर्थात। वायदा और विकल्प।

इन उत्पादों का व्यापार पूरे भारतीय इक्विटी बाजार के एक अनिवार्य पहलू को नियंत्रित करता है। तो, बिना किसी और हलचल के, आइए इन अंतरों के बारे में और समझें कि ये बाजार में एक अभिन्न अंग कैसे निभाते हैं।

फ्यूचर्स और ऑप्शंस को परिभाषित करना

एक भविष्य एक हैकर्तव्य और एक पूर्व निर्धारित मूल्य पर एक विशिष्ट तिथि पर एक अंतर्निहित स्टॉक (या एक परिसंपत्ति) को बेचने या खरीदने का अधिकार और इसे पूर्व निर्धारित समय पर वितरित करें जब तक कि अनुबंध की समाप्ति से पहले धारक की स्थिति बंद न हो जाए।

इसके विपरीत, विकल्प का अधिकार देता हैइन्वेस्टर, लेकिन किसी भी समय दिए गए मूल्य पर शेयर खरीदने या बेचने का दायित्व नहीं है, जहां तक अनुबंध अभी भी प्रभावी है। अनिवार्य रूप से, विकल्प दो अलग-अलग प्रकारों में विभाजित हैं, जैसे किकॉल करने का विकल्प तथाविकल्प डाल.

फ्यूचर्स और ऑप्शंस दोनों वित्तीय उत्पाद हैं जिनका उपयोग निवेशक पैसा बनाने या चल रहे निवेश से बचने के लिए कर सकते हैं। हालांकि, इन दोनों के बीच मौलिक समानता यह है कि ये दोनों निवेशकों को एक निश्चित तिथि तक और एक निश्चित कीमत पर हिस्सेदारी खरीदने और बेचने की अनुमति देते हैं।

लेकिन, ये उपकरण कैसे काम करते हैं और जोखिम के मामले में फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए बाजार अलग हैफ़ैक्टर कि वे ले जाते हैं।

एफ एंड ओ स्टॉक्स की मूल बातें समझना

फ्यूचर्स ट्रेडिंग इक्विटी का लाभ मार्जिन के साथ प्रदान करते हैं। हालांकि, अस्थिरता और जोखिम विपरीत दिशा में असीमित हो सकते हैं, भले ही आपके निवेश में लंबी अवधि या अल्पकालिक अवधि हो।

जहां तक विकल्पों का संबंध है, आप नुकसान को कुछ हद तक सीमित कर सकते हैंअधिमूल्य कि आपने भुगतान किया था। यह देखते हुए कि विकल्प गैर-रैखिक हैं, वे भविष्य की रणनीतियों में जटिल विकल्पों के लिए अधिक स्वीकार्य साबित होते हैं।

फ्यूचर्स और ऑप्शंस के बीच एक महत्वपूर्ण अंतर यह है कि जब आप फ्यूचर्स खरीदते या बेचते हैं, तो आपको अपफ्रंट मार्जिन और मार्केट-टू-मार्केट (एमटीएम) मार्जिन का भुगतान करना पड़ता है। लेकिन, जब आप विकल्प खरीद रहे होते हैं, तो आपको केवल प्रीमियम मार्जिन का भुगतान करना होता है।

एफ एंड ओ ट्रेडिंग के बारे में सब कुछ

ऑप्शंस और फ्यूचर्स क्रमशः 1, 2 और 3 महीने तक के कार्यकाल वाले अनुबंधों के रूप में कारोबार करते हैं। सभी एफएंडओ ट्रेडिंग अनुबंध कार्यकाल के महीने के अंतिम गुरुवार की समाप्ति तिथि के साथ आते हैं। मुख्य रूप से, फ़्यूचर्स का वायदा मूल्य पर कारोबार होता है जो आम तौर पर समय मूल्य के कारण स्पॉट मूल्य के प्रीमियम पर होता है।

एक अनुबंध के लिए प्रत्येक स्टॉक के लिए, केवल एक भविष्य की कीमत होगी। उदाहरण के लिए, यदि आप टाटा मोटर्स के जनवरी के शेयरों में व्यापार कर रहे हैं, तो आप टाटा मोटर्स के फरवरी के साथ-साथ मार्च के शेयरों में भी समान कीमत पर व्यापार कर सकते हैं।

दूसरी फ्यूचर्स ट्रेडिंग कैसे किया जाता है? ओर, विकल्प में व्यापार अपने समकक्ष की तुलना में एक बहुत ही जटिल प्रक्रिया है। इसलिए, अलग-अलग स्ट्राइक होने जा रहे हैं जो पुट ऑप्शन और दोनों के लिए एक ही फ्यूचर्स ट्रेडिंग कैसे किया जाता है? स्टॉक के लिए कारोबार किया जाएगाबुलाना विकल्प। इसलिए, यदि ऑप्शंस के लिए स्ट्राइक अधिक हो जाती है, तो ट्रेडिंग की कीमतें आपके लिए उत्तरोत्तर गिरेंगी।

भविष्य बनाम विकल्प: प्रमुख अंतर

ऐसे कई कारक हैं जो वायदा और विकल्प दोनों को अलग करते हैं। इन दो वित्तीय साधनों के बीच कुछ महत्वपूर्ण अंतर नीचे दिए गए हैं।

विकल्प

चूंकि वे अपेक्षाकृत जटिल हैं, विकल्प अनुबंध जोखिम भरा हो सकता है। पुट और कॉल दोनों विकल्पों में जोखिम की डिग्री समान होती है। जब आप एक स्टॉक विकल्प खरीदते हैं, तो केवल वित्तीय दायित्व जो आपको प्राप्त होगा, वह है अनुबंध खरीदते समय प्रीमियम।

लेकिन, जब आप पुट ऑप्शन खोलते हैं, तो आप स्टॉक के अंतर्निहित मूल्य की अधिकतम देयता के संपर्क में आ जाएंगे। यदि आप कॉल विकल्प खरीद रहे हैं, तो जोखिम उस प्रीमियम तक सीमित रहेगा जिसका आपने पहले भुगतान किया था।

यह प्रीमियम पूरे अनुबंध के दौरान बढ़ता और गिरता रहता है। कई कारकों के आधार पर, पुट ऑप्शन खोलने वाले निवेशक को प्रीमियम का भुगतान किया जाता है, जिसे ऑप्शन राइटर के रूप में भी जाना जाता है।

फ्यूचर्स

विकल्प जोखिम भरा हो सकता है, लेकिन एक निवेशक के लिए वायदा जोखिम भरा होता है। भविष्य के अनुबंधों में विक्रेता और खरीदार दोनों के लिए अधिकतम देयता शामिल होती है। जैसे ही अंतर्निहित स्टॉक की कीमतें बढ़ती हैं, समझौते के किसी भी पक्ष को अपनी दैनिक आवश्यकता को पूरा करने के लिए ट्रेडिंग खातों में अधिक पैसा जमा करना होगा।

इसके पीछे संभावित कारण यह है कि आप वायदा पर जो कुछ भी हासिल करते हैं वह स्वचालित रूप से दैनिक रूप से बाजार में चिह्नित हो जाता है। इसका मतलब है कि स्थिति के मूल्य में परिवर्तन, चाहे वह ऊपर या नीचे हो, प्रत्येक व्यापारिक दिन के अंत तक पार्टियों के वायदा खातों में ले जाया जाता है।

निष्कर्ष

बेशक, वित्तीय साधन खरीदना और समय के साथ निवेश कौशल का सम्मान फ्यूचर्स ट्रेडिंग कैसे किया जाता है? करना एक अनुशंसित विकल्प है। हालांकि, इन फ्यूचर्स और ऑप्शंस निवेशों के जोखिम को देखते हुए, विशेषज्ञ इस महत्वपूर्ण कदम को उठाने से पहले खुद को आर्थिक और भावनात्मक रूप से तैयार करने का आश्वासन देते हैं। इसके अलावा, यदि आप इस दुनिया में काफी नए हैं, तो आपको लाभ बढ़ाने और नुकसान को कम करने के लिए किसी विशेषज्ञ की मदद लेनी चाहिए।

सिंगापुर निफ्टी फ्यूचर्स की ट्रेडिंग 15 जुलाई से गुजरात में शुरू होगी, जानिए इसकी खास बातें

SGX Nifty फ्यूचर्स की गिफ्ट सिटी में हर कारोबारी दिन लगभग 19 घंटे ट्रेडिंग की जा सकेगी. SGX आफ्टर मार्केट ट्रेड के जरिए 24 घंटे ट्रेडिंग की सुविधा देती है। ऐसे में इनवेस्टर कभी भी अपने पोजिशन की हेजिंग कर सकते हैं

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क्या है SGX Nifty

SGX Nifty को सिंगापुर निफ्टी के नाम से भी जाना जाता है। इसके जरिए सिंगापुर एक्सचेंज में फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट के सौदे लिए जा सकते हैं। इसमें होने वाले फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट का सेटलमेंट भारतीय स्टॉक एक्सचेंज NSE पर होने वाले सेटलमेंट प्राइस पर ही होता है। इसके जरिए विदेशी निवेशकों को भारत में रजिस्ट्रेशन कराए बिना या भारत आए बिना भारतीय बाजार में निवेश की सुविधा मिलती है।

चूंकि SGX आफ्टर मार्केट ट्रेड के जरिए 24 घंटे ट्रेडिंग की सुविधा देता है। ऐसे में इनवेस्टर कभी भी अपने पोजिशन की हेजिंग कर सकते हैं। इसके अलावा SGX Nifty भारतीय बाजारों की ओपनिंग कैसी होगी इसका संकेत देने वाला एक अच्छा इंडिकेटर भी माना जाता है। इसकी वजह से बड़ी संख्या में ट्रेडर SGX Nifty की चाल पर नजर रखते हैं।

गिफ्ट सिटी भारत के गुजरात राज्य के गांधीनगर में प्लान किया हुआ एक डिस्ट्रिक्ट है। इसमें तमाम तरह के फाइनेंशियल और टेक्नोलॉजी से संबंधित कारोबारी केंद्र हैं। सरकार ने गिफ्ट सिटी को सिंगापुर, दुबई और हांगकांग जैसे क्षेत्रीय फाइनेंशियल हब के मुकाबले खड़ा करने के लिए तमाम तरह के टैक्स छूट का भी ऐलान किया है।

बता दें कि पीएम मोदी यहां एक इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज का भी उद्घाटन करेंगे। जिसमें NSE, MCX, NSDL, CDSL की संयुक्त हिस्सेदारी है। इसके अलावा इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज के बोर्ड में करीब 60 ज्वेलरों को भी शामिल किया गया है।

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First Published: Jul 12, 2022 1:47 PM

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