Data Analytics क्या है, Process, Types of Data Analytics in Hindi
(Data Analytics in Hindi) is the science of evaluating unstructured data to derive results from the data.
Data Analytics in Hindi
डेटा हर जगह है और यह हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा है। डिजिटल डेटा हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन चुका है और इसकी मात्रा लगातार बढ़ती जा रही है। अनुमानों के मुताबिक, 2021 तक 74 जेटाबाइट्स डेटा डिजिटल हो चुका होगा और उम्मीद की जा रही है 2024 तक यह लगभग दोगुना हो जायेगा।
Data Analytics Meaning in Hindi
डेटा की इतनी विशाल मात्रा होने के बावजूद हम हर दिन लगभग 0.5% का वास्तव में एनालिसिस करते हैं जिसका उपयोग जानकारी के लिए किया जाता है। इस डेटा को समझने के लिए और इससे बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए डेटा का एनालिसिस करने की बहुत आवश्यकता होगी।
इतने अधिक डेटा के साथ यह जानना कि कैसे इस डेटा को किसी व्यवसाय में, किसी सामाजिक सुधार में, किसी शोध कार्य में, या किसी भी क्षेत्र के लिए जानकारी को एकत्र करने में और उसे व्यवस्थित करने और समझने में, एक कठिन कार्य हो सकता है – लेकिन डेटा एनालिटिक्स इसका समाधान है।
डेटा एनालिटिक्स को कैसे परिभाषित करेंगे | Define Data Analytics in Hindi?
सरल भाषा में, डेटा एनालिटिक्स डेटा से परिणाम प्राप्त करने के लिए अव्यवस्थित डेटा का मूल्यांकन करने का विज्ञान है।
डेटा एनालिटिक्स के जरिये आप अव्यवस्थित डेटा से उपयोगी कार्य करने के लिए नए तरीके खोज सकते हो। आजकल, डेटा एक्सपर्ट अपने शोध में डेटा एनालिटिक्स का उपयोग करते हैं। कई कंपनियां बहुत से निर्णय लेने के लिए डेटा एनालिटिक्स का उपयोग करती हैं।
डेटा एनालिटिक्स एक व्यापक शब्द है जिसमें कई प्रकार के डेटा का विश्लेषण शामिल हैं। चीजों को बेहतर बनाने के लिए इस्तेमाल की जा सकने वाली समझ हासिल करने के लिए किसी भी प्रकार के डेटा में डेटा एनालिटिक्स तकनीक का उपयोग किया जा सकता है।
जैसे गूगल सर्च (Google Search) इसका सबसे बेहतरीन उदाहरण है। इसी तरह, अन्य बहुत से उद्योग और कॉर्पोरेशंस हैं जो अपनी आवश्यकताओं के अनुसार डेटा एनालिटिक्स का उपयोग करते हैं।
डेटा एनालिसिस की प्रक्रिया | Data Analysis Process in Hindi
डेटा एनालिसिस की आवश्यकता क्यों है? | Why is data analysis needed?
यह तय करना होता है कि डेटा विश्लेषण की आवश्यकता क्यों है और किस तरह की जानकारी एकत्रित की जाएगी।
डेटा एकत्र करना | Collecting the Data
यह तय करना होता है कि कैसे और कहाँ से उस जानकारी को इकठ्ठा किया जायेगा। डेटा कलेक्शन प्राइमरी सोर्सेस से शुरू होता है, जिन्हें इंटरनल सोर्सेस आधारभूत विश्लेषण क्या है भी कहा जाता है। उसके बाद सेकेंडरी सोर्सेस से होता है, जिन्हें एक्सटर्नल सोर्सेस कहा जाता है।
डेटा की सफाई | Cleaning the Data
एक बार जब सभी आवश्यक स्रोतों से डेटा एकत्र कर लिया जाता है, तो डेटा को साफ करने और छाँटने का काम किया जाता है। डेटा एनालिटिक्स प्रक्रिया के दौरान डेटा की सफाई अत्यंत महत्वपूर्ण है, इसलिए कि सभी डेटा अच्छा डेटा नहीं होता है।
डेटा का विश्लेषण। Analyzing the Data
इकट्ठी की गयी जानकारी को व्यवस्थित, ऑर्गेनाइज, एनालाइज़ किया किया जाता है ताकि इसकी जांच की जा सके।
परिणामों की व्याख्या | Interpretation of results
इसमें जानकारी को जांचते हैं ताकि इसमें कोई गलती ना हो जिससे इसके आधार पर लिए जाने वाले निर्णय गलत ना हो।
Data Analytics Process in Hindi
डेटा Analytics के प्रकार | Types of Data Analytics in Hindi
डेटा एनालिटिक्स चार प्रकार के होते हैं
- डिस्क्रिप्टिव एनालिटिक्स | Descriptive Analytics
- डायग्नोस्टिक एनालिटिक्स | Diagnostic analytics
- प्रिडिक्टिव एनालिटिक्स | Predictive Analytics
- प्रिस्क्रिप्टिव एनालिटिक्स | Prescriptive Analytics
डिस्क्रिप्टिव एनालिटिक्स | Descriptive Analytics in Hindi
डिस्क्रिप्टिव Analytics समय के साथ घटनाओं का वर्णन करता है, जैसे कि क्या वर्तमान महीने की बिक्री अंतिम से बेहतर है।
डायग्नोस्टिक एनालिटिक्स | Diagnostic analytics in Hindi
डायग्नोस्टिक एनालिटिक्स किसी भी घटना के कारण पर केंद्रित है। इसमें सवालों के जवाब देने के लिए डेटा की जांच करते है, जैसे कि “क्या मौसम बीयर की बिक्री प्रभावित करता है?” या “क्या नई विज्ञापन पॉलिसी द्वारा बिक्री प्रभावित होती है?”
प्रिडिक्टिव एनालिटिक्स | Predictive Analytics in Hindi
प्रिडिक्टिव एनालिटिक्स भविष्य में होने वाली घटनाओं पर केंद्रित है। भविष्य के प्रश्नों के उत्तर खोजने की कोशिश करती है जैसे कि पिछले गर्मी के मौसम में बिक्री के साथ क्या हुआ? तो इस साल की गर्मियों में कितने पूर्वानुमान की उम्मीद है?
प्रिस्क्रिप्टिव एनालिटिक्स | Prescriptive Analytics in Hindi
प्रिस्क्रिप्टिवएनालिटिक्स किसी एक्शन प्लान को दर्शाता है।
Types of Data Analytics in Hindi
डेटा एनालिटिक्स के लाभ | Benefits of Data Analytics in Hindi
- निर्णय लेने की क्षमता में सुधार होता है।
- मार्केटिंग अधिक प्रभावी हो जाती है।
- कस्टमर सर्विस में सुधार होता है।
- ऑपरेशन्स की दक्षता बढ़ जाती है।
डेटा एनालिटिक्स टेक्नोलॉजीज | Data Analytics Technologies in Hindi
आज आप डेटा की बढ़ती मात्रा और उच्च-स्तरीय एनालिटिक्स तकनीक के कारण अधिक से अधिक जानकारी बहुत तेज़ी से कम समय में प्राप्त कर सकते हैं।
यहां हम कुछ ऐसी तकनीकों के बारे में पढ़ेंगे जो डेटा एनालिटिक्स को और बेहतर बनाती हैं –
निष्कर्ष | Conclusion
डेटा किसी भी कंपनी के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है और यह उन्हें अपने ग्राहकों को समझने, अपने विज्ञापनों को अधिक प्रभावी बनाने आदि में मदद करता है। डेटा एनालिटिक्स टूल और प्रक्रियाएं बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि डेटा के कई फायदे हैं लेकिन इन टूल्स के बिना आप इन फायदों का उपयोग नहीं कर सकते।
इस प्रकार, हम कह सकते हैं कि डेटा एनालिटिक्स किसी भी व्यवसाय के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि डेटा एनालिटिक्स कंपनी को उसके प्रदर्शन को बेहतर करने में मदद करता है।
अर्थशास्त्र विश्लेषण / क्या कहते हैं भारत के आर्थिक संकेत.
निश्चित रूप से ऐसे समय में जब देश आर्थिक चुनौतियों और मुश्किलों का सामना कर रहा है तब देश के आर्थिक परिदृश्य पर दो अच्छे आर्थिक संकेत दिखाई दिए हैं।
निश्चित रूप से ऐसे समय में जब देश आर्थिक चुनौतियों और मुश्किलों का सामना कर रहा है तब देश के आर्थिक परिदृश्य पर दो अच्छे आर्थिक संकेत दिखाई दिए हैं। एक, 22 अक्टूबर को केन्द्रीय प्रत्यक्ष आधारभूत विश्लेषण क्या है कर बोर्ड ने करदाताओं की संख्या बढ़ने और प्रत्यक्ष कर संग्रह बढ़ने के आंकड़े प्रकाशित किए हैं। दो, 17 अक्टूबर को विश्व आर्थिक मंच ने प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था के रूप में भारत की रैंकिंग में सुधार किया है।
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले चार वर्षों में देश में आयकरदाताओं की संख्या में 80 फीसदी की वृद्धि हुई है तथा देश में करोड़पतियों की संख्या 60 फीसदी बढ़ी है। देश आधारभूत विश्लेषण क्या है में वर्ष 2013-14 में 3.79 करोड़ लोगों ने आयकर रिटर्न दाखिल किया था जबकि वर्ष 2017-18 में यह आंकड़ा 6.85 करोड़ पहुंच गया है।
इतना ही नहीं देश में एक करोड़ रुपये सालाना से ज्यादा की कमाई करने वाले करदाता लोगों की संख्या 1.40 लाख हो गई है। सरकार ने पिछले चार वर्षों में कड़े कानून बनाकर कालेधन पर जो लगाम लगाई है, बेनाम संपत्तियों के खिलाफ कानून बनाया है, बाजार में मौजूद बड़ी मात्रा में नकदी को बैंक सिस्टम में लाया गया है और जीएसटी लागू होने के कारण आर्थिक सुधारों को दिशा तथा अर्थव्यवस्था को मजबूती भी मिली है।
विगत 17 अक्टूबर को विश्व आर्थिक मंच द्वारा दुनिया के 140 देशों की अर्थव्यवस्थाओं की प्रतिस्पर्धा क्षमता के आधार पर तैयार की गई सूची में भारत को 62 अंक के साथ 58वीं पायदान पर रखा गया है। पिछले साल भारत इस सूची में 62वें स्थान पर था। इस सूची में अमेरिका पहले, सिंगापुर दूसरे और जर्मनी तीसरे नंबर पर हैं। खास बात यह है कि जी-20 देशों में सबसे अधिक सुधार भारत की रैंकिंग में हुआ है।
वैश्विक प्रतिस्पर्धी सूचकांक किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की उत्पादकता और अन्य विकास के स्तर को तय करने के लिए 12 मानदंडों को ध्यान में रखकर तैयार किया जाता है। इनमें आधारभूत ढांचा, तकनीकी विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल, उत्पाद, श्रम बाजार, वित्तीय प्रणाली, नवाचार आदि शामिल हैं।
निश्चित रूप से अर्थव्यवस्था के तहत प्रतिस्पर्धा के मापदंडों पर आगे बढ़ने के कारण ही कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और डॉलर की तुलना में रुपये में भारी गिरावट के बाद भी भारत विकास दर के मामले में दुनिया में सबसे आगे है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने अपनी नई रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेज रफ्तार से आगे बढ़ रही है। वर्ष 2018-19 में भारत की विकास दर 7.3 फीसदी रहेगी।
आईएमएफ ने रिपोर्ट में कहा है कि हाल ही के वर्षों में भारत ने अच्छे आर्थिक सुधार किए हैं। कुछ आर्थिक सुधारों आधारभूत विश्लेषण क्या है का भारत को विशेष रूप से फायदा हुआ है। जीएसटी के कारण दीर्घावधि में लाभ पहुंचेगा। वहीं रिजर्व बैंक के तहत 2016 से शुरू किए गए सक्रिय मुद्रास्फीति अनुमान नेटवर्क की भी प्रशंसा की है। आईएमएफ ने व्यापार में सुधार और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को और अधिक उदार बनाने के लिए भी भारत की प्रशंसा की है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगले कुछ दशकों तक वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था वृद्धि का प्रमुख स्रोत बनी रहेगी। दुनिया के लिए भारत का वही योगदान होगा, जो कि अब तक चीन का रहा है। चूंकि भारतीय कार्यबल आधारभूत विश्लेषण क्या है जनसंख्या में गिरावट आने में अभी कोई तीन दशक का समय है, ऐसे में भारत की नई पीढ़ी को कौशल विकास से प्रशिक्षित करके दुनिया की नई आर्थिक ताकत बनाया जा सकता है।
भारत की अर्थव्यवस्था वित्तीय प्रणाली और उत्पादों की ताकत और बढ़ती हुई क्रय शक्ति के आधार पर पहले से अब मजबूत बनती जा रही है। परिणामस्वरूप भारत का सकल घरेलू उत्पाद लगातार बढ़ता जा रहा है। विश्व बैंक की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2017 के अंत में भारत का सकल घरेलू उत्पाद 178.59 खरब का हो गया।
ऐसे में जीडीपी के आंकड़ों के आधार पर भारत फ्रांस को पछाड़कर दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया। यदि भारत आर्थिक और कारोबार सुधारों की प्रक्रिया को वर्तमान की तरह निरंतर जारी रखता है तो वह वर्ष 2018 में ब्रिटेन को पीछे करते हुए दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।
भारत के वित्त मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025 तक भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 5,000 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा, जो कि अभी 2500 अरब डॉलर के करीब है। लेकिन अभी दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं में भारत के लिए प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था की चमकीली पहचान बनाने के लिए कई बाधाओं को पार करना होगा।
निश्चित रूप से देश के आर्थिक विकास और दुनिया में आर्थिक अहमियत बढ़ाने के लिए डब्ल्यूईएफ द्वारा दुनिया के विभिन्न देशों की प्रतिस्पर्धा रैंकिंग के तहत निर्धारित अर्थव्यवस्था के विकास, सरकारी क्षमता, कारोबारी क्षमता और बुनियादी ढांचा के पैमाने पर भारत को आगे बढ़ने के लिए प्रयास करने होंगे। निश्चित रूप से अब मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की अहम भूमिका बनाई जानी होगी।
मेक इन इंडिया योजना को गतिशील करना होगा। उन ढांचागत सुधारों पर भी जोर दिया जाना होगा, जिसमें निर्यातोन्मुखी विनिर्माण क्षेत्र को गति मिल सके। ऐसा किए जाने से भारत में आर्थिक एवं औद्योगिक विकास की नई संभावनाएं आकार ले सकती हैं। न केवल मेक इन इंडिया की सफलता के लिए कौशल प्रशिक्षित युवाओं की कमी को पूरा करना होगा,
वरन दुनिया के बाजार में भारत के कौशल प्रशिक्षित युवाओं की मांग को पूरा करने के लिए भी कौशल प्रशिक्षण के प्रयास जरूरी होंगे। देश के उद्योग-व्यवसाय में कौशल प्रशिक्षित लोगों की मांग और आपूर्ति में लगातार बढ़ता अंतर दूर करना होगा। यह जरूरी होगा कि देश को प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था में ऊंचाई देनेे के लिए सरकार द्वारा कौशल प्रशिक्षण को दी जा रही प्राथमिकता के नतीजे धरातल पर दिखाई दें।
इस परिप्रेक्ष्य में पिछले दिनों इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिक मंत्रालय ने तकनीकी क्षेत्र की कंपनियों के संगठन नैस्काम के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, वर्चुअल रियल्टी, रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, बिग डाटा एनालिसिस, क्लाउड कम्प्यूटिंग, सोशल मीडिया-मोबाइल जैसे आठ नए तकनीकी क्षेत्रों में 55 नई भूमिकाओं में युवाओं को अगले तीन साल में प्रशिक्षित करने का जो अनुबंध किया है,
उसे कारगर तरीके से कार्यान्वित किया जाए। निसंदेह प्रतिस्पर्धा के पैमाने पर आगे बढ़ने के लिए सरकारी क्षमताओं का अधिक उपयोग किया जाना होगा। उद्योग-कारोबार के सामने आ रही उलझनों को दूर करने के साथ-साथ अन्य प्रोत्साहन से उद्योग-कारोबार को गतिशील करके भी उत्पादकता बढ़ाई जानी होगी।
हम आशा करें कि सरकार अर्थव्यवस्था को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए वित्तीय और औद्योगिक संस्थाओं को मजबूती देगी। वित्तीय प्रणाली को सरल बनाएगी। हमें उद्योग-व्यापार में नवाचार को प्रोत्साहन देना होगा। अर्थव्यवस्था में नौकरशाही का हस्तक्षेप कम करना होगा। ऐसा किए जाने पर ही इस समय वैश्विक आर्थिक कारणों से जो मुश्किलें उत्पन्न हो रही हैं उनका मुकाबला भी किया जा सकेगा तथा प्रतिस्पर्धा के पैमाने पर देश की अर्थव्यवस्था की चमकीली संभावनाओं को साकार किया जा सकेगा।
शोध : प्रविधि और प्रक्रिया/शोध क्या है?
व्यापक अर्थ में शोध या अनुसन्धान (Research) किसी भी क्षेत्र में 'ज्ञान की खोज करना' या 'विधिवत गवेषणा' करना होता है। वैज्ञानिक अनुसन्धान में वैज्ञानिक विधि का सहारा लेते हुए जिज्ञासा का समाधान करने की कोशिश की जाती है। नवीन वस्तुओं की खोज और पुरानी वस्तुओं एवं सिद्धान्तों का पुनः परीक्षण करना, जिससे कि नए तथ्य प्राप्त हो सकें, उसे शोध कहते हैं। शोध के अंतर्गत बोधपूर्वक प्रयत्न से तथ्यों का संकलन कर सूक्ष्मग्राही एवं विवेचक बुद्धि से उसका अवलोकन-विश्लेषण करके नए तथ्यों या सिद्धांतों का उद्घाटन किया जाता है। शोध का परिचय देते हुए डॉ. नगेन्द्र लिखते हैं कि-"अनुसंधान का अर्थ है परिपृच्छा, परीक्षण, समीक्षण आदि। संधान का अर्थ है दिशा विशेष में प्रवृत्त करना या होना और अनु का अर्थ है पीछे, इस प्रकार अनुसंधान का अर्थ हुआ—किसी लक्ष्य को सामने रखकर दिशा विशेष में बढ़ना—पश्चाद्गमन अर्थात् किसी तथ्य की प्राप्ति के लिए परिपृच्छा, परीक्षण आदि करना।" [१]
अध्ययन से दीक्षित होकर शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करते हुए शिक्षा में या अपने शैक्षिक विषय में कुछ जोड़ने की क्रिया अनुसन्धान कहलाती है। पी-एच.डी./ डी.फिल या डी.लिट्/डी.एस-सी. जैसी शोध उपाधियाँ इसी उपलब्धि के लिए दी जाती हैं। इनमें अध्येता से अपने शोध से ज्ञान के कुछ नए तथ्य या आयाम उद्घाटित करने की अपेक्षा की जाती है।
शोध : प्रविधि और प्रक्रिया/शोध क्या है?
व्यापक अर्थ में शोध या अनुसन्धान (Research) किसी भी क्षेत्र में 'ज्ञान की खोज करना' या 'विधिवत गवेषणा' करना होता है। वैज्ञानिक अनुसन्धान में वैज्ञानिक विधि का सहारा लेते हुए जिज्ञासा का समाधान करने की कोशिश की जाती है। नवीन वस्तुओं की खोज और पुरानी वस्तुओं एवं सिद्धान्तों का पुनः परीक्षण करना, जिससे कि नए तथ्य प्राप्त हो सकें, उसे शोध कहते हैं। शोध के अंतर्गत बोधपूर्वक प्रयत्न से तथ्यों का संकलन कर सूक्ष्मग्राही एवं विवेचक बुद्धि से उसका अवलोकन-विश्लेषण करके नए तथ्यों या सिद्धांतों का उद्घाटन किया जाता है। शोध का परिचय देते हुए डॉ. नगेन्द्र लिखते हैं कि-"अनुसंधान का अर्थ है परिपृच्छा, परीक्षण, समीक्षण आदि। संधान का अर्थ है दिशा विशेष में आधारभूत विश्लेषण क्या है प्रवृत्त करना या होना और अनु का अर्थ है पीछे, इस प्रकार अनुसंधान का अर्थ हुआ—किसी लक्ष्य को सामने रखकर दिशा विशेष में बढ़ना—पश्चाद्गमन अर्थात् किसी तथ्य की प्राप्ति के लिए परिपृच्छा, परीक्षण आदि करना।" [१]
अध्ययन से दीक्षित होकर शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करते हुए शिक्षा में या अपने शैक्षिक विषय में कुछ जोड़ने की क्रिया अनुसन्धान कहलाती है। पी-एच.डी./ डी.फिल या डी.लिट्/डी.एस-सी. जैसी शोध उपाधियाँ इसी उपलब्धि के लिए दी जाती हैं। इनमें अध्येता से अपने शोध से ज्ञान के कुछ नए तथ्य या आयाम उद्घाटित करने की अपेक्षा की जाती है।
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