शिवाजी के राज्य में आय का प्रमुख स्रोत क्या था -
मुद्रा व्यापारिक कर और भूमि से लगान शिवाजी के आय के स्थायी साधन थे परंतु ये उनकी सेना और शासन के व्यय के लिए पर्याप्त न थे। इस कारण शिवाजी ने अपनी आय का मुख्य साधन चौथ और सरदेशमुखी को बनाया था। ये कर पड़ोसी राज्यों की सीमाओं और नगरों से अथवा अपने प्रभाव क्षेत्र के नागरिकों से वसूल किया जाते थे। ‘चौथ’ उस प्रदेश की वार्षिक आय का एक चौथाई भाग तथा ‘सरदेशमुखी’ उस प्रदेश के कुल भू-राजस्व की आय का 1/10 भाग होता था। शिवाजी उन प्रदेशों का उत्तरदायित्व अपने ऊपर नहीं लेते थे और न ही ये प्रदेश उनके राज्य की सीमाओं के अंतर्गत आते थे।
आय के अतिरिक्त स्रोत तैयार करने के 4 तरीके
आपका प्राथमिक वेतन निश्चित रूप से आपकी आय का मुख्य स्रोत होता है। हर कोई इसी तरह से शुरुआत करता है; वास्तव में आपका लक्ष्य आपकी प्राथमिक आय को अधिक से अधिक करने पर होना चाहिए। जिससे कि आपके पास जल्द ही निवेश के लिए पर्याप्त नकद पैसा मौजूद हो जाए। निवेश की गई यही नकद राशि आपके लिए आय का एक अन्य स्रोत तैयार कर सकती है।
अपने प्राथमिक वेतन को बढ़ाने के लिए, जरूरी है कि आप जितना हो सके उतनी अधिक सैलरी वाली जॉब चुनें। इसके साथ ही अपनी सैलरी बढ़ाने के लिए कहें! आपके लिए यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि आपका वेतन आपकी क्षमताओं और अनुभव वाले किसी दूसरे व्यक्ति के जितना है या नहीं। अपनी क्षमता के साथ पूर्ण न्याय करने का एक तरीका यह भी है कि एक ऐसी कंपनी को जॉइन करें जो न केवल आपको अधिक प्रतिस्पर्धी वेतन प्रदान करे, साथ ही वेतन हमेशा समय पर देता हो।
ऐसी नौकरी तलाशने की कोशिश करें जो आपको दूसरे अन्य काम करने और आय के अतिरिक्त स्रोत पैदा करने के लिए पर्याप्त समय देता हो। आदर्श रूप से, आपका प्राथमिक वेतन आपके सभी खर्चों को पूरा करने के लिए पर्याप्त होना चाहिए। लेकिन आप पर काम का बोझ उतना अधिक भी न हो कि आप आय के दूसरे स्रोतों पर काम करने के लिए समय ही न निकाल पाएं। आपके महत्वपूर्ण खर्चों को पूरा करने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस जैसे लाभ आपकी प्राथमिक नौकरी के साथ जरूर मिलने चाहिए।
यदि आपकी आय, आपके खर्च और बचत सही स्थिति में हैं, तो आप अपने सुकून और आत्मविश्वास के लिए आय के अतिरिक्त स्रोतों की तलाश भी शुरू कर सकती हैं। अधिक कमाई करने के कुछ तरीके यहां दिए गए हैं:
1. एफिलिएट मार्केटिंग
एफिलिएट मार्केटिंग कमीशन से कमाई का एक जरिया है, जिसके तहत आप किसी कंपनी और उद्यम के साथ जुड़कर उनके प्रोडक्ट की बिक्री करते हैं। इसमें आपको अपना समय और पूरी प्रतिबद्धता देने की जरूरत पड़ती है। मान लीजिए, आपके पास अपनी टेक वेबसाइट है और एक एंटीवायरस कंपनी के साथ एक एफिलिएट मार्केटर के रूप में जुड़ते हैं। एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का प्रचार करते हुए आपको भी अच्छी कमाई करनी चाहिए। खास तौर पर तब, जब आपकी वेबसाइट के पास बड़ी संख्या में विजिटर हों या फिर आपके पास ढेर सारे ईमेल सब्सक्राइबर हों।
इसी प्रकार, मान लीजिए आपका ‘ब्यूटी टिप्स’ पर एक ब्लॉग हो, तो आप पैसे लेकर किसी ब्रांड का प्रचार कर सकते हैं। यहां एकमात्र शर्त यह है कि आप वेबसाइट के ट्रैफिक, ईमेल सेल्स, या सोशल मीडिया के माध्यम से अपने से जुड़े ब्रांड की सेल्स बढ़ाने में सक्षम हों। सोच कर देखें कि यह सब आपके लिए है या नहीं!
2. फ्रीलांस वर्क
फ्रीलांस वर्क उनके लिए उपयुक्त विकल्प है जो फुल टाइम या पार्ट टाइम नौकरी करते हुए अपना खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहती हैं। यहां बहुत से फ्रीलांस काम मौजूद है जो आप कर सकती है। उदाहरण के लिए, आय का एक स्थिर स्रोत आप अपना खुद का ग्राफिक या वेब डिजाइन बिजनेस शुरू कर सकती हैं। इसके अलावा आप कंटेंट राइटिंग से जुड़ी सर्विस प्रदान कर सकती हैं। यह आपको आय का एक स्थिर स्रोत किसी खास क्षेत्र में अपनी प्रतिभा को तराशने का मौका देता है, साथ ही यह आपकी प्राथमिक नौकरी के साथ आय का एक अच्छा स्रोत भी हो सकता है।
3. निवेश
आप सिस्टेमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) में हर महीने एक छोटी सी राशि निवेश कर इसकी शुरुआत कर सकती हैं। मान लीजिए, आप 500 रुपए या 1000 रुपए ही एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकती हैं। यहां जरूरी बात यह है कि इसमें कोई लॉक-इन-अवधि नहीं होती है। जिसके चलते यह निवेश और भी सुविधाजनक हो जाता है। यहां दूसरे विकल्प भी हैं, जैसे स्टॉक, बॉण्ड, ईएलएसएस इत्यादि। यह आपकी निष्क्रिय आय पर अधिक कमाई करने का एक शानदार तरीका है। यदि आपको वित्तीय मामलों की ज्यादा समझ नहीं है तो आप एक वित्तीय सलाहकार रखने पर भी विचार कर सकती हैं।
4. रियल एस् टेट
जब आप रियल एस्टेट में निवेश करें, उससे पहले आपके पास कैश या कर्ज के रूप में पूंजी अवश्य होनी चाहिए। आप एक प्रॉपर्टी खरीद सकती हैं और बाद में उसे किराए पर दे सकती हैं। इससे आप एक अच्छी रेंटल आय प्राप्त कर सकती हैं। हालांकि, रियल एस्टेट में निवेश से पहले आपको कुछ सावधानी बरतने और नियमों का ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। रेंटल इनकम आपकी आय का एक निष्क्रिय स्रोत होती है। यहां जरूरत सिर्फ इस बात की है कि आप रियल एस्टेट क्षेत्र में बाजार की परिस्थितियों और बदलावों के बारे में अवगत हो।
चलते - चलते
वित्तीय स्वतंत्रता की राह पर चलने के लिए निष्क्रिय आय पैदा करना आपका पहला प्रयास होना चाहिए। पैसा कमाने के कई और भी रास्ते हैं जिन पर आपको अधिक ध्यान देने और कड़ी मेहनत करने की जरूरत है, और इनके वित्तीय परिणाम सुखद हो सकते हैं। मुख्य बात यही है कि आप इस तरह के अतिरिक्त स्रोतों की पहचान करते रहें। जब आप उस प्लान के साथ सहज हों तभी निवेश करें। इस तरह आप स्वयं एवं अपने परिवार के लिए एक सुरक्षित वित्तीय भविष्य सुनिश्चित कर सकती हैं।
यहां संक्षेप में अहम बात यह है कि, आप अपनी आय के स्रोत में विविधता लाएं। इसके लिए आप एक से अधिक अतिरिक्त आय के स्रोतों को चुनें और फिर देखें किस प्रकार आपकी आय कई गुना बढ़ती है!
आय का एक स्थिर स्रोत
आयकर से संबंधित सामान्य प्रश्न
1800 180 1961(or)
08:00 बजे से - 22:00 बजे तक (सोमवार से शनिवार)
ई-फ़ाईलिंग और केंद्रीकृत प्रसंस्करण केंद्र
आयकर विवरणी या फॉर्म और अन्य मूल्य वर्धित सेवाओं की ई-फ़ाईलिंग और सूचना, सुधार, प्रतिदाय और अन्य आयकर प्रसंस्करण से संबंधित प्रश्न
1800 103 0025 (or)
08:00 बजे से - 20:00 बजे से (सोमवार से शुक्रवार
09:00 बजे से - 18:00 बजे से (शनिवार को)
कर सूचना नेटवर्क - एन.एस.डी.एल.
एन.एस.डी.एल. के माध्यम से जारी करने/अपडेट करने के लिए पैन और टैन आवेदन से संबंधित प्रश्न
07:00 बजे से - 23:00 बजे तक (सभी दिन)
वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए निर्धारण वर्ष 2022-23
वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए निर्धारण वर्ष 2022-23 के लिए लागू विवरणी एवं प्रारूप
अस्वीकरण:इस पेज की सामग्री केवल अवलोकन और सामान्य मार्गदर्शन देने के लिए है और संपूर्ण नहीं है। सम्पूर्ण ब्यौरा और दिशानिर्देशों के लिए कृपया आयकर अधिनियम, नियम और अधिसूचनाएं देखें।
यह विवरणी निवासी ( साधारणतया निवासी नहीं के अलावा) उस व्यक्ति के लिए लागू होता है, जिसकी कुल आय निम्नलिखित स्रोतों से ₹ 50 लाख तक है।
वेतन/ पेंशन | एक गृह संपत्ति | अन्य स्रोत (ब्याज, परिवार की पेंशन, लाभांश आदि) | ₹ 5,000 तक की कृषि-आय |
ध्यान दें: आई.टी.आर. - 1 का उपयोग आय का एक स्थिर स्रोत उस व्यक्ति द्वारा नहीं किया जा सकता है जो:
(a) किसी कंपनी में निदेशक है
(b) जिसके पास पूर्व वर्ष के दौरान किसी भी समय किसी भी गैर-सूचीबद्ध इक्विटी शेयर रहे हों
(c) जिसके पास भारत से बाहर स्थित कोई भी संपत्ति (किसी भी संस्था में वित्तीय हित सहित) है
(d) जिसके पास भारत से बाहर स्थित किसी भी खाते में हस्ताक्षर करने का प्राधिकार है
(e) जिसके पास भारत से बाहर किसी भी स्रोत से आय है
(f) वह व्यक्ति है जिसके मामले में कर धारा 194N के तहत काटा गया है
( g ) वह व्यक्ति जिसके भुगतान का मामला आय का एक स्थिर स्रोत या कर की कटौती को ESOP पर स्थगित कर दिया गया है।
(h) जिसकी आय के किसी भी शीर्ष के तहत अग्रनीत हानि या अग्रानीत की जाने वाली हानि हो
यह विवरणी व्यक्ति और हिन्दु अविभाजित परिवार (एच.यू.एफ.) के लिए लागू है।
यह विवरणी व्यक्ति और हिन्दु अविभाजित परिवार (एच.यू.एफ.) के लिए लागू है।
यह विवरणी एक व्यक्ति या हिंदू अविभाजित परिवार (एच.यू.एफ.) के लिए प्रयोज्य होता है, जो सामान्य रूप से निवासी या फर्म (एल.एल.पी. के अलावा) के अलावा निवासी है, जो एक निवासी है जिसकी कुल आय ₹ 50 लाख तक है और कारोबार या व्यवसाय से आय है जिसकी संगणना अनुमानित आधार पर (धारा 44AD / 44ADA / 44AE के तहत) और निम्नलिखित स्रोतों में से किसी आय से की जाती है:
₹ 5,000 तक की कृषि-आय
ध्यान दें: आई.टी.आर. - 4 का उपयोग उस व्यक्ति द्वारा नहीं किया जा सकता है जो:
(a) किसी कंपनी में आय का एक स्थिर स्रोत निदेशक है
(b) जिसके पास पूर्व वर्ष के दौरान किसी भी समय किसी भी गैर-सूचीबद्ध इक्विटी शेयर रहे हों
(c) जिसके पास भारत से बाहर स्थित कोई भी संपत्ति (किसी भी संस्था में वित्तीय हित सहित) है
(d) जिसके पास भारत से बाहर स्थित किसी भी खाते में हस्ताक्षर करने का प्राधिकार है
(e) जिसके पास भारत से बाहर किसी भी स्रोत से आय है
(f) वह व्यक्ति है जिसके मामले में ESOP पर कर भुगतान की राशि या कर कटौती को आस्थगित कर दिया गया है
(g) जिसकी आय के किसी भी शीर्ष के तहत अग्रनीत हानि या अग्रानीत की जाने वाली हानि हो
कृपया ध्यान दें कि आई.टी.आर.-4 (सुगम) अनिवार्य नहीं है। यह एक सरलीकृत विवरणी फ़ॉर्म है जिसका उपयोग एक निर्धारिती द्वारा अपनी इच्छानुसार किया जा सकता है, यदि वह कारोबार या व्यवसाय से लाभ और अभिलाभ को धारा 44AD, 44ADA या 44AE के तहत अनुमानित आधार पर घोषित करने के लिए योग्य हो।
आयकर कानून के तहत ये हैं आय के 5 स्रोत
31 जुलाई के बाद आईटीआर फाइल करने पर आपको 10 हजार रुपये तक जुर्माना भरना पड़ सकता है.
इसके बाद आईटीआर फाइल करने पर आपको 10 हजार रुपये तक जुर्माना भरना पड़ सकता है.आइए जानते हैं कि आयकर कानून के तहत आमदनी के कौन-कौन से स्रोत माने गए हैं:
इसे भी पढ़ें: आयकर रिटर्न फाइल करने की पूरी जानकारी एक साथ पायें
1. वेतन से आमदनी
वेतन से आय के तहत मजदूरी, एन्युटी, पेंशन, ग्रेच्युटी, फीस, कमीशन, मुनाफा, छुट्टी की जगह नकद भुगतान (लीव एनकैशमेंट), सालाना वृद्धि, मान्यता प्राप्त प्रोविडेंट फंड में जमा रकम और इम्पलॉई के पेंशन खाते में किया गया योगदान शामिल हैं.
2.घरेलू संपत्ति से आय
आप खुद जिस मकान में रह रहे हैं, उसे छोड़कर मालिकाना हक वाले अन्य मकान के किराए से आमदनी को घरेलू संपत्ति से आय माना जाता है. अगर मकान खाली है यानी उसमें कोई किराएदार नहीं है तो भी एक अनुमानित आय आपकी आमदनी में जोड़ दी जाती है.
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3. कारोबार या पेशे से आय
किसी कारोबार या पेशे से आमदनी में किसी तरह का ब्याज, कंपनी के पार्टनर को मिला वेतन या बोनस आदि आते हैं. इन्हें ही कारोबार या पेशे से आय कहते हैं.
4. कैपिटल गेंस (पूंजीगत लाभ) से आमदनी
कैपिटल गेंस से हुई आमदनी मद में कोई पूंजीगत संपत्ति की बिक्री से मिली रकम आती है. इसमें शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म दोनों तरह के कैपिटल गेंस शामिल हैं.
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5. अन्य स्रोत से आय
बैंक डिपॉजिट और सिक्योरिटीज पर मिला ब्याज, शेयरों पर मिले लाभांश, रॉयल्टी इनकम, लॉटरी या रेस जीतने और उपहार के रूप में मिली रकम को अन्य स्रोत से आय माना जाता है.
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Fixed Deposit: FD से होने वाली आय पर भी कटता है टैक्स, ऐसे समझें टैक्सेशन के नियम
Taxation Rule on FD: अगर आप टैक्स सेवर फिक्स्ड डिपॉजिट (Tax Saver Fixed Deposit) में निवेश करते है. फिर भी आपको टैक्स सेवर FD पर टैक्स देना पड़ रहा है. तो आप ऐसे समझे टैक्सेशन का नियम क्या है.
FD से होने वाली आय टैक्सेबल होती है. इसे आपकी कुल इनकम में जोड़ा जाता है, लेकिन TDS कटने के बाद. इसलिए निवेश के पहले भ्रम में रहने की बजाए टैक्सेशन का नियम समझ लें.
अगर आपको फिक्स्ड डिपॉजिट के जरिए हर फाइनेंशियल ईयर में 40,000 रुपये या ज्यादा आय हो रही है तो इस पर बैंक TDS (टैक्स डिडक्टेड ऐट सोर्स) काट लेते हैं. वहीं सीनियर सिटीजंस के मामले में यह लिमिट 50,000 रुपये है. अगर एक फाइनेंशिसल में आय इससे कम है तो TDS नहीं कटता है.
उदाहरण से समझें: मान लो अगर आपने 5 साल की FD की है. FD की रकम 10 लाख रुपये है और ब्याज दर 6 फीसदी सालाना. इस लिहाज से हर साल ब्याज आय 60,000 रुपये होगी. यानी इस पर बैंक 10 फीसदी TDS काटेंगे. अगर आपने PAN नहीं जमा किया है तो TDS 20 फीसदी कटेगा. लेकिन अगर आपने 1 लाख रुपये की FD की है तो इस पर सालाना 6000 रुपये ब्याज से इनकम होगी. इस पर TDS नहीं कटेगा.
Tax कैलकुलेशन: FD के ब्याज से जितनी भी आय हो रही है उसे आपकी कुल इनकम में जोड़ा जाता है (आपको टैक्स कैलकुलेशन के समय तक ब्याज नहीं मिला है, उस केस में भी). इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में इसे ‘अन्य स्रोतों से आय’ हेड में दिखाया जाता है. उसके बाद देखा जाता है कि आपकी आय किस टैक्स स्लैब में आती है. आयकर विभाग उस TDS, जो पहले ही काटा जा चुका है, को आपके कुल टैक्स देनदारी में एडजस्ट कर देता है. अगर बैंक ब्याज पर TDS नहीं काटता है तो भी इसे ITR में दिखाएं. इसे कुल आय में जोड़ा जाता आय का एक स्थिर स्रोत है और फिर उसी के हिसाब से टैक्स कैलकुलेट होता है.
मल्टीपल FD अकाउंट के मामले में हर अकाउंट से होने वाली ब्याज आय पर टैक्स कटता है. न कि सिर्फ सिंगल FD अकाउंट से.
अगर आपकी सालाना आय 2.5 लाख रुपये से कम है तो फॉर्म 15G/15H फाइल कर सकते हैं. बैंक में फॉर्म 15G/फॉर्म 15H फाइल करने के बाद बैंक TDS नहीं काटता है. बैंक के अलावा पोस्ट ऑफिस में भी FD खाता खुलवाया जा सकता है. यहां FD पर बैंकों से कम TDS कटता है.
Tags: Fixed Deposits income tax tax saving TDS ITR filing हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
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