दोस्तों आज के हमारे आर्टिकल से आपको बहुत अच्छे से समझ आ गया होगा| की सीएमओ किया होता हैं| और सीएम कैसे बने| C.M.O. बनने के लिए किया पढ़ाई करनी चाहिए| उम्मीदवार की किया योग्यता होनी चाहिए| और यदि आप शिक्षा को लेकर या और भी क़िसी बात के बारे में विस्तारपूवर्क जानकारी चाहते हैं तो हमे कमेंट करके बता सकते हैं|
पदोन्नति में विसंगति: प्रधानाध्यापक संख्या में कम, इसलिए जल्दी पदोन्नति से बन गए संयुक्त निदेशक व्याख्याताओं को दो दशक से नहीं मिल रहा फायदा
प्रधानाध्यापक और व्याख्याता की प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति में विसंगति का मामला सीएमओ तक पहुंच गया है। पीड़ित व्याख्याता रोज शिक्षा निदेशक, शिक्षा मंत्री और सीएमओ में ट्वीट कर रहे है। स्कूल शिक्षा में कार्यरत व्याख्याता और प्रधानाध्यापक का प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति का संख्यात्मक अनुपात पुराना होने के कारण प्रदेश के 54 हजार व्याख्याताओं को नुकसान हो रहा है। इसका कारण व्याख्याताओं की संख्या प्रधानाध्यापक से करीब 16 गुणा अधिक होना है। प्रदेश में वर्तमान में 54 हजार व्याख्याता है और 3500 प्रधानाध्यापक है।
इन दोनों पदों की पदोन्नति का संख्यात्मक अनुपात व्याख्याता का 67 एवं प्रधानाध्यापक का 33 फीसदी है। ये 2015 से तय किया हुआ है। शिक्षा सेवा प्राध्यापक संघ रेसला के कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष भंवरलाल गुर्जर का कहना है एसएमओ प्रमोशन क्या है कि वर्तमान में व्याख्याताओं की संख्या के हिसाब से उनका पदोन्नति प्रतिशत करीब 94 फीसदी होता है। यानी प्रधानाचार्य पद पर 94 फीसदी व्याख्याताओं को एवं 06 फीसदी प्रधानाध्यापक को मौका मिलना चाहिए। पदोन्नति की प्रक्रिया-वाइस प्रिंसिपल का पद समाप्त हो गया तो प्रिंसिपल तक पदोन्नति में वहीं प्रक्रिया बरकरार : व्याख्याता व प्रधानाध्यापक माशि दोनों कैडर्स का राजस्थान शिक्षा सेवा ग्रुप एफ में उल्लेख है और इन दोनों ही पदों पर 50 फीसदी सीधी भर्ती एवं 50 फीसदी पद वरिष्ठ अध्यापक पदोन्नति से भरे जाते है।
घूस लेते रंगे हाथ पकड़े गए, सजा के बजाय मिला प्रमोशन
राजीव शर्मा, भोपाल। मध्यप्रदेश में रिश्वतखोरों की मौज है! घूस लेते रंगे हाथ पकड़े जाने के बाद भी अधिकतर अधिकारी-कर्मचारियों का न ट्रांसफर हुआ, न सस्पेंशन। कई दोषियों को तो प्रमोशन देकर उपकृत कर दिया गया। जिनका ट्रांसफर हुआ, उन्हें भी मलाईदार विभाग दे दिया।
अफसरों का बहाना यह कि लोकायुक्त संगठन पकड़े जाने वाले अधिकारी-कर्मचारियों की समय पर जानकारी नहीं देता। उधर, लोकायुक्त डीजी अजय शर्मा का कहना है कि जो घूस लेते पकड़े जाते हैं, उनकी जानकारी संबंधित विभाग को तत्काल दी जाती है। विभाग रिश्वतखोरों पर नरमी बरत रहे हैं, उससे शिकायतकर्ता डरे हुए हैं।
सीएमओ क्या है
अब हम बात करते हैं| C.M.O. Kya Hai , दोस्तों सीएमओ एक मुख्य चिकित्सा अधिकारी होता हैं| इसको वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी कहते हैं| जो सरकारी अस्पतालों के मेडिकल विभाग के प्रमुख होते हैं| सार्वजनिक मामले को सुलझाना भी सीएमओ का काम होता हैं| सीएमओ का पद बहुत सम्मान वाला होता हैं| यदि आप सीएमओ बन जाते हैं| तो आपको लोगो की ज़रूरतों के बारे में ध्यान रखना होगा| तथा उनकी मदद करनी होगी|
यानी के यदि आप सीएमओ पद पर बैठ जाते हैं| या ऐसे कहे के आप एक चिकित्सा अधिकारी बन जाते हैं| तब आपको लोगो के स्वास्थ्य का ध्यान रखना होता हैं| क्योंकि आप एक चिकित्सा अधिकारी होते हैं| मुख्य अधिकारी मेडिकल छेत्र का एक ऐसा वरिष्ठ अधिकारी होता हैं| जो अपने छेत्र के सरकारी हॉस्पिटल के माध्यम से जनता को प्रदान की जाने वाली स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं को देखता हैं| जिले स्तर के मेडिकल छेत्रो में सही तरीके से इलाज हो रहा हैं या नहीं ये चेक भी खुद सीएमओ ही करता हैं|
C.M.O. कैसे बने
जो छात्र सीएमओ बनना चाहते हैं| वो 10th या 12th से ही सीएमओ के लिए तैयारी शुरू कर दे| कहने का मतलब हैं के 10th में अच्छे नम्बरों से पास होने के बाद 12th P.C.B. (Physics, Chemistry, Biology) या P.C.M. (Physics, Chemistry, Math) से करे| कियोकि सीएमओ बनने के लिए 12वी कक्षा में होना P.C.B. अनिवार्य होता हैं| आपको 12वी कक्षा में 55 % या 60 % नम्बरो से उत्तीर्ण होना पड़ता हैं| तभी आप सीएमओ बनने के सपने देख सकते हैं| इसलिए आपको 10वी कक्षा से या 12 वी कक्षा से ही सीएमओ के लिए तैयारी करनी पड़ती हैं| यदि आप पीसीबी से 12वी में 60 % ले आते हैं|
सीएमओ से जुड़ी अधिक जानकारी
आपको मेडिकल छेत्र में जाने के लिए M.B.B.S. Degree का Course करना होता हैं| एमबीबीएस डिग्री का कोर्स करने के लिए आपको Net Exam से गुज़रना पड़ता हैं| यदि आप नीट परीक्षा में पास हो जाते हैं| तभी आप M.B.B.S. में प्रवेश ले पाएंगे| और अगर आप नीट परीक्षा में अच्छे नम्बरो से पास हो जाते हैं| तो आपको अच्छे कॉलेज में एडमिशन मिल जाता हैं| एडमिशन मिलने के बाद आपको 4 साल का एमबीबीएस कोर्स पूरा करना होता हैं| 4 साल का ये कोर्स पूरा करने के बाद आपको 1 साल Internship course का करना होता हैं|
सीएमओ बनने के लिए कौन सा एग्जाम होता हैं
एमबीबीएस डिग्री का कोर्स करके और इंटर्नशिप करके आपको U.P.S.C. का C.M.S. Exam Qualified करना आवश्यक होता हैं| यदि आप यूपीएससी की सीएमस परीक्षा पास कर लेते हैं| तब आप एक मेडिकल ऑफिसर बन जाते हैं| C.M.O. officer बनने के लिए मेडिकल ऑफिसर बनना अनिवार्य होता हैं| मेडिकल ऑफिसर बनने के कुछ सालो तक आपको काम करना होगा| ताकि आपको इस छेत्र में अच्छे से अनुभव हो सके|
M.B.B.S. Course को पूरा करने के बाद सीएमओ बनने के लिए आपको U.P.S.C. की C.M.S. परीक्षा पास करनी होती हैं| इस परीक्षा में कुल दो पेपर होते हैं| लेकिन इन पपेरो को पास करने के लिए आपको कड़ी मेहनत करनी पड़ती हैं| ये दो पेपर होते हैं| प्रतियेक पेपर 250 अंक का होता हैं| इस परीक्षा में सभी Objective type के Question होते हैं| तथा इनको करने एसएमओ प्रमोशन क्या है के लिए लिए दो घंटे का समय निर्धारित किया गया हैं| साथ ही आपको बता दे की इस परीक्षा में Negative marking होती हैं| इसलिए इस परीक्षा को पास करने के लिए आपको शुरुआत से ही बहुत मेहनत करने की आवश्यकता होती हैं| तभी आप ये परीक्षा पास कर पाते हैं|
C.M.O. officer की योग्यता
- आपको 12वी पास एसएमओ प्रमोशन क्या है होना चाहिए| वो भी P.C.B. यानी (Physics, Chemistry, Biology) से|
- 12वी में P.C.B. से आपके 60% नम्बर होने अनिवार्य हैं|
- 12वी कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद आप M.B.B.S. में एडमिशन ले सकते हैं| एमबीबीएस में एडमिशन लेने के लिए आपको नीट की परीक्षा पास करनी होती हैं|
- 4 साल का एमबीबीएस कोर्स पूरा करने के बाद आपको 1 साल का इंटर्नशिप कोर्स करना होता हैं|
- मुख्य चिकित्सा अधिकारी बनने के लिए आपको एमबीबीएस और इंटर्नशिप पूरा करने के बाद U.P.S.C. की C.M.S. परीक्षा में पास होना पड़ता हैं|
- इन सबके बाद आपको मेडिकल ऑफिसर के रूप में कुछ साल काम करना पड़ता हैं| ताकि आपको इस छेत्र में अच्छे से अनुभव हो सके| आपके अच्छे अनुभव से आपको जल्द ही सीएमओ पद पर प्रमोशन मिल जाता हैं|
- उम्मीदवार को English language अच्छे से आनि चाहिए|
घूस लेते रंगे हाथ पकड़े गए, सजा के बजाय मिला प्रमोशन
राजीव शर्मा, भोपाल। मध्यप्रदेश में रिश्वतखोरों की मौज है! घूस लेते रंगे हाथ पकड़े जाने के बाद भी अधिकतर अधिकारी-कर्मचारियों का न ट्रांसफर हुआ, न सस्पेंशन। कई दोषियों को तो प्रमोशन देकर उपकृत कर दिया गया। जिनका ट्रांसफर हुआ, उन्हें भी मलाईदार विभाग दे दिया।
अफसरों का बहाना यह कि लोकायुक्त संगठन पकड़े जाने वाले अधिकारी-कर्मचारियों की समय पर जानकारी नहीं देता। उधर, लोकायुक्त डीजी अजय शर्मा का कहना है कि जो घूस लेते पकड़े जाते हैं, उनकी जानकारी संबंधित विभाग को तत्काल दी जाती है। विभाग रिश्वतखोरों पर नरमी बरत रहे हैं, उससे शिकायतकर्ता डरे हुए हैं।
अनूपपुर : अवैध पदोन्नति से सीएमओ बने राममिलन को जेडी ने बनाया सफाई दरोगा
अनूपपुर, मध्य प्रदेश। जैसे-जैसे विधानसभा नजदीक आते जा रहे हैं, जिले की राजनीति नये मोड़ लेती नजर आ रही है, सफाई दरोगा से अवैध पदोन्नति लेकर सीएमओ तक पहुंचे राममिलन को आखिरकार प्रदेश सरकार ने सीएमओ से हटाया तो, डिप्टी डायरेक्टर ने उन्हे सफाई दरोगा तक पहुंचा दिया, लेकिन जैतहरी में आज भी रिश्वतखोर सीईओ जनपद के कुर्सी पर इसी तरह की जुगाड से काबिज है, जिस पर गाज गिरना अभी बाकी है।
रूपयों और जुगाड़ के दम पर सफाई दरोगा से मुख्य नगरपालिका अधिकारी तक का सफर तय करने वाले राममिलन तिवारी की जांच और उसके इस गोलमाल कारनामें की अंतिम स्क्रिप्ट खुद उसी मकबूल खान संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास, संभाग शहडोल ने लिखी, जो कभी इसी सीएमओ के साथ मिलकर अनूपपुर में जैतहरी नगर परिषद की फर्जी नियुक्ति के सूत्रधार बने थे। बुधवार को संयुक्त संचालक ने मध्यप्रदेश शासन के आदेश का हवाला देते हुए राममिलन तिवारी को कार्यमुक्त का आदेश दे दिया गया, इस पत्र में संयुक्त संचालक मकबूल खान ने लिखा कि शासन द्वारा जारी आदेश की कंडिका (4) का पालन करते हुए राममिलन तिवारी को तत्काल प्रभाव से मूल पद सफाई दरोगा पर कार्यमुक्त किया जाता है और तत्काल प्रभाव से अनूपपुर में पदस्थ नगर पालिका अधिकारी हरिओम वर्मा को जैतहरी नगर पालिका का अतिरिक्त प्रभार दिया जाता है।
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