क्या कहती है The Dow Theory?: डॉव का मानना है कि शेयर बाजार अर्थव्यवस्था की परिस्थितियों का सूचक होता है। इन परिस्थितियों का आकलन करके कोई भी बड़े स्तर पर बाजार की दिशा का सटीक दिशा का आकलन कर सकता है। साथ ही इस थ्योरी में बताया गया है कि शेयर बाजार में एक ही समय पर सभी निवेशकों का व्यवहार एक जैसा ही होता है। उदाहरण के लिए जब बाजार गिरने लगता है तो सभी निवेशक डर जाते हैं और जल्दबाजी में बिकवाली करते हैं। वहीं, जा बाजार चलने लगता है तो निवेशक महंगे दामों पर भी खरीदने को तैयार हो जाते हैं। इसमें थ्योरी में सपोर्ट और रेजिस्टेंस के बारे में भी बताया गया है।

व्यवहार वित्त क्या है? [What is Behavioral Finance ? In Hindi]

Behavioral Finance क्या है?

Behavioral finance behavioral economics के क्षेत्र में एक सिद्धांत है जो दावा करता है कि व्यक्तिगत पूर्वाग्रह और मनोवैज्ञानिक प्रभाव उनकी संपत्ति के संबंध में एक पेशेवर के फैसले को प्रभावित कर सकते हैं। व्यवहारिक अर्थशास्त्र विशेषज्ञ भी इस सिद्धांत का विस्तार वित्तीय बाजार में असामान्यताओं की व्याख्या करने के लिए करते हैं, जैसे स्टॉक की कीमतों में अचानक या भारी परिवर्तन। पेशेवर कई दृष्टिकोणों से व्यवहारिक वित्त का विश्लेषण करते हैं और स्वीकार करते हैं कि लोग तर्कसंगत रूप से कुछ वित्तीय निर्णय नहीं ले सकते हैं। उनका मानना ​​​​है कि Conscious या Unconscious bias उनके वित्तीय जोखिम से बचने को प्रभावित करता है और जिसे वे मूल्यवान मानते हैं।

दूसरी ओर, मुख्यधारा का सिद्धांत, अपने मॉडलों में यह धारणा बनाता है कि लोग Rational actor हैं, कि वे भावना या संस्कृति और सामाजिक संबंधों के प्रभावों से शेयर बाजार में तकनीकी विश्लेषण क्या है? मुक्त हैं, और यह कि लोग स्व-रुचि उपयोगिता अधिकतमकर्ता हैं। यह विस्तार से यह भी मानता है कि बाजार कुशल हैं और फर्म तर्कसंगत लाभ-अधिकतम करने वाले संगठन हैं। व्यवहारिक वित्त इनमें से प्रत्येक धारणा को गिनता है।

व्यवहार वित्त में खोज का एक उदाहरण क्या है? [What is an example of discovery in behavioral finance?]

यह पाया गया है कि निवेशक तर्कसंगत उम्मीदों की तुलना में बहुत लंबे समय तक निवेश को खोने के लिए व्यवस्थित रूप से पकड़ रखते हैं, और वे विजेताओं को बहुत जल्दी बेचते भी हैं। इसे स्वभाव प्रभाव के रूप में जाना जाता है, और यह निवेश के क्षेत्र में नुकसान से बचने की अवधारणा का विस्तार है। पेपर लॉस में लॉक करने के बजाय, लॉस पोजीशन रखने वाले निवेशक डबल डाउन भी हो सकते हैं और ब्रेक ईवन की उम्मीद में अधिक जोखिम उठा सकते हैं। Behavioral Economics क्या है?

व्यवहारिक वित्त का अर्थ मानव मनोविज्ञान से जोड़कर किसी इकाई के तर्कहीन वित्तीय निर्णयों की घटना का वर्णन करता है। अध्ययन बाजार के खिलाड़ियों के वित्तीय निर्णयों और बाद के बाजार परिणामों को प्रभावित करने वाले विभिन्न मनोवैज्ञानिक प्रभावों और पूर्वाग्रहों को प्रदर्शित करता है। इस मनोवैज्ञानिक प्रभाव का ज्ञान बाजार के विभिन्न व्यवहारों को समझने और बेहतर निवेश निर्णय लेने में मदद करता है।

व्यवहार वित्त उदाहरण क्या हैं? [What are behavioral finance examples?]

उदाहरणों में जोखिम-प्रतिकूल निवेशकों की घटना शामिल है जो शॉर्ट सेलिंग गतिविधियों में संलग्न होने के बजाय एक अच्छा प्रदर्शन करने वाले स्टॉक पर लंबे समय तक चलना पसंद करते हैं। एक और उदाहरण है जब कई शौकिया निवेशक कंपनी के विकास या लाभप्रदता के बारे में शोध किए बिना मेमे स्टॉक बैंडवागन में शामिल हो जाते हैं।

दो शेयर बाजार में तकनीकी विश्लेषण क्या है? स्तंभ Cognitive psychology हैं और मध्यस्थता तक सीमित हैं। संज्ञानात्मक मनोविज्ञान बताता है कि कैसे लोगों की व्यक्तिपरक सोच निर्णय में तर्कसंगतता को विकृत करती है। मध्यस्थता की सीमाएं उन परिस्थितियों को अलग करती हैं जिनमें मध्यस्थता बल प्रभावी और अप्रभावी होंगे।

Technical Analysis (Hindi)

अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो आपने Technical Analysis के बारे में सुना होगा।Technical Analysis ( तकनीकी विश्लेषण ) बाजार की चाल और बाजार की प्रवृत्ति को समझने के उद्देश्य से तकनीकी चार्ट या तकनीकी संकेतकों के माध्यम से बाजार व्यवहार का अध्ययन है। इस ब्लॉग आर्टिकल में हम Technical Analysis के बारे में जानेगे !!

Table of Contents

Technical Analysis क्या होता हैं|What is Technical Analysis

Technical Analysis ( तकनीकी विश्लेषण ) एक अध्ययन हैं जो चार्ट और तकनीक इंडिकेटर का उपयोग करके हिस्टोरिकल ट्रेंड के आधार पर भविष्य में होने वाले शेयर प्राइस के बढ़ने और गिरने के बारे में बताता हैं जिसके माध्यम से बाजार की चाल और व्यवहार को समझने में आसानी होती हैं शेयर्स के खरीदने का मूल्य, खरीदने का समय, कितना खरीदना और बेचना, स्टॉप लॉस और एग्जिट आदि के बारे में बताता है।टेक्निकल एनालिसिस के माध्यम से किसी भी स्टॉक में कब एंट्री और एग्जिट करना हैं ये भी प्राइस पैटर्न और इंडीकेटर्स की मदद से पता लगाया जा सकता हैं।Technical एनालिसिस की सबसे ख़ास बात शेयर बाजार में तकनीकी विश्लेषण क्या है? ये हैं की ये किसी भी एसेट क्लास पे अप्लाई किया जा सकते हैं क्यूंकि चार्ट एनालिसिस हर एक एसेट क्लास पे काम करता हैं क्यंकि ये उसके प्राइस बेहवियर को पास्ट डाटा के आधार पे जानने का तरीका हैं।

Technical Analysis कैसे करें|How to do Technical Analysis

टेक्निकल एनालिसिस शेयर का हिस्टोरिकल ट्रेडिंग डाटा को चार्ट के माध्यम से समझता हैं और यह डाटा आगे आने वाले समय के बारे में क्या संकेत देता है।यहां Technical Analysis Study में उपयोग किए जाने वाले बुनियादी उपकरण हैं जैसे कैंडलस्टिक चार्ट, वॉल्यूम, ट्रेंडलाइन, मूविंग एवरेज आदि। मुख्य पैरामीटर स्टॉक की प्रवृत्ति और मूल्य व्यवहार की पहचान करना है।

Technical Analysis study (तकनीकी अध्ययन) में Price और Volume दो महत्वपूर्ण कारक हैं क्योंकि तकनीकी अध्ययन में Price सर्वोच्च है और वॉल्यूम मूल्य पैटर्न का समर्थन करती है या मूल्य व्यवहार को प्रभावित करती है।टेक्निकल एनालिसिस में आप चार्ट को analyse कर सकते हैं क्यूंकि एक चार्ट ट्रेंड के बारे में काफी कुछ बताता हैं उसमे प्राइस और वॉल्यूम के पैटर्न्स को ध्यान में रखना चाहिए क्यूंकि प्राइस ही सबसे ऊपर क्यूंकि जितने इंडिकेटर और टेक्निकल उपयोग केवल ट्रेंड और प्राइस का मूवमेंट देखने के लिए होते हैं

क्या है Charles Dow की The Dow Theory, एक बार समझ गए तो आसानी पकड़ सकेंगे बाजार के ट्रेंड्स

क्या है Charles Dow की The Dow Theory, एक बार समझ गए तो आसानी पकड़ सकेंगे बाजार के ट्रेंड्स

डॉव थ्योरी निवेशकों की शेयर मार्केट में ट्रेंड समझने में मदद करता है। (फोटो: रॉयटर्स)

अगर आप शेयर बाजार में पैसे लगाने का मन बना रहे हैं और यह नहीं समझ पा रहे कि बाजार काम कैसे करता है। कौन- से ऐसे फैक्टर्स हैं जिनकी मदद से यह आसानी से पता लगाया जा सकता है कि मार्केट किस तरफ जाएगा और आने वाले समय में बाजार की क्या दशा होगी। आज से एक सदी पहले बनी The Dow Theory आपकी काफी मदद कर सकती है।

The Dow Theory को शेयर बाजार में टेक्निकल एनालिसिस की आधारशिला कहा जाता है। इसे चार्ल्स डॉव ने लिखा था, जिन्होंने आगे चलकर अपने दो साथियों के मिलकर अमेरिका के प्रचलित अखबार ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ की स्थापना की थी।

COVID-19 : क्‍या कर्नाटक में फिर लौटेंगी कोरोना पाबंदियां? सोमवार को जारी हो सकती हैं नई गाइडलाइंस

मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने रविवार को कहा कि स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन मंत्री के सुधाकर और आर अशोक कोविड पर चर्चा करेंगे और केंद्र से कई निर्देश आए हैं और राज्य सरकार को कोरोना प्रसार पर तथ्यात्मक स्थिति का विश्लेषण करने के बाद कुछ निर्णय लेने की जरूरत है।

बेंगलुरू, पीटीआई। खतरनाक कोरोना वायरस एक बार फिर लोगों को डरा रहा है। एक तरफ जहां चीन में हालात बेकाबू हो गए हैं। वहीं दूसरी तरफ अमेरिका, जापान सहित दुनिया के कुछ देशों में कोरोना वायरस के मामले डरा रहे हैं, जिसे देखते हुए भारत में भी निगरानी और सतर्कता बरती जाने लगी है। देश में ओमिक्रोन सबवैरिएंट बीएफ.7 के मामले पाए जाने के बीच कर्नाटक सरकार सोमवार को निवारक उपायों और पालन किए जाने वाले दिशानिर्देशों पर फैसला कर सकती है।

मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा

मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने रविवार को कहा कि 'स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन मंत्री के सुधाकर और आर अशोक कोविड पर चर्चा करेंगे और केंद्र से कई निर्देश आए हैं और राज्य सरकार को कोरोना प्रसार पर तथ्यात्मक स्थिति का विश्लेषण करने के बाद कुछ निर्णय लेने की जरूरत है।' पत्रकारों से बात करते हुए बोम्मई ने आगे कहा कि अनावश्यक चिंता करने की जरूरत नहीं है, लेकिन जागरूकता जरूरी है। उन्होंने कहा, 'पूर्व में देश और राज्य पर अंतरराष्ट्रीय प्रभाव को ध्यान में रखते हुए कल की बैठक में दिशा-निर्देश तय किए जाएंगे, जिसमें तकनीकी विशेषज्ञ भी शामिल होंगे।'

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच कर्नाटक सरकार ने नई एडवाइजरी जारी की।

बंद स्थानों में फेस मास्क अनिवार्य करने का फैसला

इससे पहले बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों को देखते हुए कर्नाटक ने गुरुवार को बंद स्थानों में फेस मास्क अनिवार्य करने का फैसला किया था। इसके साथ ही COVID-19 के लिए सभी इन्फ्लुएंजा-जैसी बीमारी (ILI) और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (SARI) मामलों के अनिवार्य परीक्षण का निर्देश दिया था। चिक्कबल्लापुरा में बोलते हुए, मंत्री के सुधाकर ने कहा, वह और मंत्री आर अशोक COVID-19 की स्थिति का विश्लेषण करने के लिए मिलेंगे, और एहतियाती उपायों पर निर्देश जारी करेंगे। उन्होंने ने कहा, 'चूंकि साल के अंत और नए साल जैसी बड़ी गतिविधियां आ रही हैं, किस तरह की सतर्कता बनाए रखनी है, जहां लोगों के जश्न मनाने की संभावना है उन जगहों पर क्या एहतियाती उपाय किए जाने चाहिए पर चर्चा करेंगे।'

2022 में इन सेलिब्रिटीज ने दुनिया को कहा अलविदा

कोविड के पांव पसारने से घबराया शेयर बाजार

चीन में कोरोना संक्रमण के एक बार फिर से पांव पसारने से दुनिया पर मंदी का खतरा मंडराने की आशंका से हतोत्साहित निवेशकों की स्थानीय स्तर पर हुई चौतरफा बिकवाली के दबाव में आज शेयर बाजार में एक प्रतिशत से अधिक की गिरावट रही। बीएसई का तीस शेयराें वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 635.05 अंक अर्थात 1.03 प्रतिशत का गोता लगाकर 61067.24 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 186.20 अंक यानी 1.01 प्रतिशत की गिरावट लेकर 18199.10 अंक पर आ गया। बीएसई की दिग्गज कंपनियों की तुलना में मझौली और छोटी कंपनियों में बिकवाली का दबाव अधिक रहा। इससे मिडकैप 1.40 प्रतिशत गिरकर 25,480.94 अंक और स्मॉलकैप शेयर बाजार में तकनीकी विश्लेषण क्या है? 2.18 प्रतिशत लुढ़ककर 28,949.96 अंक पर रहा।

इस दौरान बीएसई में कुल 3665 कंपनियोें के शेयरों में कारोबार हुआ, जिनमें से 2765 में बिकवाली जबकि 786 में लिवाली हुई वहीं 114 में कोई बदलाव नहीं हुआ। इसी तरह एनएसई में 38 कंपनियां गिरावट पर जबकि 12 तेजी पर रही।

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