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SBI कर रहा है एआई और मशीन लर्निंग का इस्‍तेमाल, जैविक कपास उत्‍पादकों के लिए पेश करेगा सफल ऋण उत्‍पाद

बैंक कारोबार बढ़ाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) का बड़े पैमाने पर उपयोग कर रहा है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: September 09, 2020 8:20 IST

SBI planning to launch loan product 'SAFAL' for organic cotton growers- India TV Hindi

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SBI planning to launch loan product 'SAFAL' for organic cotton growers

नई दिल्‍ली। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ऐसे जैविक कपास उत्पादकों के लिए, जिन्होंने पहले कभी कर्ज नहीं लिया एक नया ऋण उत्पाद, सफल पेश करने की योजना बना रहा है। देश के इस सबसे बड़े ऋणदाता बैंक के प्रबंध निदेशक सीएस सेट्टी ने फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) द्वारा आयोजित फिनटेक सम्मेलन में कहा कि बैंक कारोबार बढ़ाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) का बड़े पैमाने पर उपयोग कर रहा है।

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सेट्टी ने कहा कि हम इस तथाकथित खुदरा क्षेत्र से आगे निकलकर किसानों तक पहुंचना चाहते हैं। आज हम केवल फसली ऋण ही नहीं दे रहे हैं, .हम एक नया उत्पाद सुरक्षित एवं त्वरित कृषि ऋण (सफल) पेश करने की तैयारी में हैं। एक कंपनी है जिसने मशीन लर्निंग एंड फाइनेंस सभी जैविक कपास उत्पादकों का ब्लॉकचेन के आधार पर एक डेटाबेस तैयार किया है।

उन्होंने आगे कहा कि दुनिया भर में इस कपास का कोई भी खरीदार यह जांच कर सकता है कि किसान वास्तव में जैविक कपास उगा रहा है या नहीं। उन्होंने कहा कि हम केवल डेटा ले रहे हैं और उन्हें क्रेडिट लिंकेज प्रदान कर रहे हैं क्योंकि उनके पास ऋण लेने का कोई इतिहास नहीं है। वे फसल ऋण लेने वाले नहीं हैं, लेकिन हमें उन्हें अपने साथ लाने की क्षमता है क्योंकि प्रौद्योगिकी ने उन्हें एक-दूसरे के नजदीक ला दिया है और उन्हें बाजार दृश्यता प्रदान की है।

एआई और एमएल के उपयोग का एक और उदाहरण देते हुए सेट्टी ने कहा कि बैंक ने 17 लाख पूर्व-अनुमोदित ऋण दिए हैं और लॉकडाउन के दौरान इस उत्पाद के तहत 21,000 करोड़ के कारोबार बुक किए गए हैं। यह देखते हुए कि डेटा विश्लेषण की शक्ति को बैंक ने पूरी तरह से सराहा है, उन्होंने मशीन लर्निंग एंड फाइनेंस कहा कि हमारा एआई/एमएल विभाग एक प्रयोगात्मक विभाग नहीं है, यह एक व्यवसाय-उन्मुख विभाग है। हमने पिछले दो साल में लगभग 1,100 करोड़ रुपए की शुद्ध आय सृजित की है।

एआईसीटीई: अब इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट के छात्रों के ज्ञान को परखेगा 'परख', स्टूडेंट लर्निंग असेसमेंट शुरू

छात्रों की कमियों को पूरा करने के लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट के स्नातक, स्नातकोत्तर प्रोग्राम के छात्रों के लिए ‘स्टूडेंट लर्निंग असेसमेंट' शुरू किया है। नियमित अंतराल पर छात्र खुद ऑनलाइन परीक्षा में अपनी परख कर सकेंगे। इस ऑनलाइन असेसमेंट को एआईसीटीई ने 'परख' का नाम दिया है।

सांकेतिक तस्वीर।

तेजी से बदलती तकनीक, मार्केट व इंडस्ट्री की जरूरतों के आधार पर अब इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट के छात्रों की किताबी ज्ञान के साथ-साथ क्रिएटिविटी बढ़ाने से लेकर तार्किक सोच विकसित करना बेहद जरूरी है। रट्टा लगाकर छात्र परीक्षा तो पास कर लेंगे पर प्रतियोगिता के इस युग में बेहतर नौकरी पाना मुश्किल होगा।

छात्रों की ऐसी ही कमियों को पूरा करने के लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट के स्नातक, स्नातकोत्तर प्रोग्राम के छात्रों के लिए ‘स्टूडेंट लर्निंग असेसमेंट' शुरू किया है। नियमित अंतराल पर छात्र खुद ऑनलाइन परीक्षा में अपनी परख कर सकेंगे। इस ऑनलाइन असेसमेंट को एआईसीटीई ने 'परख' का नाम दिया है।

एआईसीटीई के उपाध्यक्ष प्रो. एमपी पुनिया के मुताबिक, परख का मकसद छात्रों को उनकी पढ़ाई और ज्ञान से संबंधित आत्ममंथन करवाना है। इस परीक्षा के माध्यम से छात्रों को पता लग सकेगा कि कहां पर कमी और किस में सुधार की जरूरत है। इसमें इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट और एमसीए के सभी मान्यता प्राप्त कॉलेजों के छात्र शामिल हो सकते हैं। एआईसीटीई की वेबसाइट पर पोटर्ल भी है। यहां पर छात्रों को रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।

इन एरिया में विशेष फोकस: आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग, एआर, ब्लॉकचैन, साइबर सिक्योरिटी, डाटा साइंस, इंटरनेट ऑफ थिंक्स, क्वांटम कंप्यूटिंग, 3डी प्रिंटिंग एंड डिजाइन, रोबोटिक्स, मैनेजमेंट (एमबीए व पीजीडीएम) मार्केटिंग, फाइनेंस, आईटी, ऑपरेशनल मैनेजमेंट आदि नए फोकस एरिया है।

डेढ़ लाख बहुविकल्पीय प्रश्न तैयार
इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट के छात्रों के लिए परख में पूछे जाने वाले प्रश्न इंडस्ट्री और विशेष विशेषज्ञों ने तैयार किए हैं। एआईसीटीई के प्रश्न पत्र बैंक में डेढ़ लाख प्रश्न एकत्रित हो चुके हैं। यह बहुविकल्पीय प्रश्न है। इसमें एक प्रश्न के चार उत्तर होंगे, उसमें से छात्र को किसी एक सही उत्तर पर क्लिक करना होगा। इसमें छात्र के संबंधित डिग्री प्रोग्राम के विषयों के ज्ञान पर आधारित प्रश्न, एप्टीट्यूड आधारित प्रश्न होंगे। परीक्षा देने के साथ ही छात्र के ईमेल पर रिपोर्ट कार्ड आ जाएगा।

छात्रों को ऐसे होगा फायदा
परख परीक्षा से छात्रों को सबसे अधिक लाभ होगा। उनमें नई सीखने की प्रवृति उत्पन्न होगी। इससे विषय ज्ञान, क्रिएटिविटी के अलावा स्किल डेवलेपमेंट भी होगा। परख में शामिल होने से उनमें आत्मविश्वास बढ़ेगा। उन्हें पता लग सकेगा कि अभी जो क्लासरूम व लैब में वे पढ़ाई कर रहे हैं, असल में उसका उन्होंने कितना हासिल किया है।

विस्तार

तेजी से बदलती तकनीक, मार्केट व इंडस्ट्री की जरूरतों के आधार पर अब इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट के छात्रों की किताबी ज्ञान के साथ-साथ क्रिएटिविटी बढ़ाने से लेकर तार्किक सोच विकसित करना बेहद जरूरी है। रट्टा लगाकर छात्र परीक्षा तो पास कर लेंगे पर प्रतियोगिता के इस युग में बेहतर नौकरी पाना मुश्किल होगा।

छात्रों की ऐसी ही कमियों को पूरा करने के लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट के स्नातक, स्नातकोत्तर प्रोग्राम के छात्रों के लिए ‘स्टूडेंट लर्निंग असेसमेंट' शुरू किया है। नियमित अंतराल पर छात्र खुद ऑनलाइन परीक्षा में अपनी परख कर सकेंगे। इस ऑनलाइन असेसमेंट को एआईसीटीई ने 'परख' का नाम दिया है।

एआईसीटीई मशीन लर्निंग एंड फाइनेंस के उपाध्यक्ष प्रो. एमपी पुनिया के मुताबिक, परख का मकसद छात्रों को उनकी पढ़ाई और ज्ञान से संबंधित आत्ममंथन करवाना है। इस परीक्षा के माध्यम से छात्रों को पता लग सकेगा कि कहां पर कमी और किस में सुधार की जरूरत है। इसमें इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट और एमसीए के सभी मान्यता प्राप्त कॉलेजों के छात्र शामिल हो सकते हैं। एआईसीटीई की वेबसाइट पर पोटर्ल भी है। यहां पर छात्रों को रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।

इन एरिया में विशेष फोकस: आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग, एआर, ब्लॉकचैन, साइबर सिक्योरिटी, डाटा साइंस, इंटरनेट ऑफ थिंक्स, क्वांटम कंप्यूटिंग, 3डी प्रिंटिंग एंड डिजाइन, रोबोटिक्स, मैनेजमेंट (एमबीए व पीजीडीएम) मार्केटिंग, फाइनेंस, आईटी, ऑपरेशनल मैनेजमेंट आदि नए फोकस एरिया है।

डेढ़ लाख बहुविकल्पीय प्रश्न तैयार
इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट के छात्रों के लिए परख में पूछे जाने वाले प्रश्न इंडस्ट्री और विशेष विशेषज्ञों ने तैयार किए हैं। एआईसीटीई के प्रश्न पत्र बैंक में डेढ़ लाख प्रश्न एकत्रित हो चुके हैं। यह बहुविकल्पीय प्रश्न है। इसमें एक प्रश्न के चार उत्तर होंगे, उसमें से छात्र को किसी एक सही उत्तर पर क्लिक करना होगा। इसमें छात्र के संबंधित डिग्री प्रोग्राम के विषयों के ज्ञान पर आधारित प्रश्न, एप्टीट्यूड आधारित प्रश्न होंगे। परीक्षा देने के साथ ही छात्र के ईमेल पर रिपोर्ट कार्ड आ जाएगा।

छात्रों को ऐसे होगा फायदा
परख परीक्षा से छात्रों को सबसे अधिक लाभ होगा। उनमें नई सीखने की प्रवृति उत्पन्न होगी। इससे विषय ज्ञान, क्रिएटिविटी के अलावा स्किल डेवलेपमेंट भी होगा। परख में शामिल होने से उनमें आत्मविश्वास बढ़ेगा। उन्हें पता लग सकेगा कि अभी जो क्लासरूम व लैब में वे पढ़ाई कर रहे हैं, असल में उसका उन्होंने कितना हासिल किया है।

दो साल में इन 8 क्षेत्रों में होंगे नौकरी के खूब मौके

जो नौकरियां आज हैं, शायद कल न रह जाएं. वहीं, नौकरी के लिए नई तरह की स्किल्‍स की जरूरत पड़ सकती है. नए तरह के जॉब्‍स और उनके लिए लोगों की मांग भी बढ़ सकती है.

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न्‍यूनतम योग्‍यता : कम्‍प्‍यूटर साइंस में बैचलर्स डिग्री; आईटी/साइबर सिक्‍योरिटी में बीई/बीटेक

औसत सालाना पैकेज (एंट्री लेवल) : 4-5 लाख रुपये

2. डेटा साइंस
डेटा साइंटिस्‍ट पर बड़ी मात्रा में डेटा को जुटाने और उनका विश्‍लेषण करने की जिम्‍मेदारी होती है. कंपनियां बिजनेस को बढ़ाने के लिए डेटा पर काफी फोकस कर रही हैं. ऐसे में डेटा साइंटिस्‍ट की मांग बढ़ रही है. हालांकि, ऐसे स्‍पेशलिस्‍ट की अभी बहुत कमी है. इस तरह आने वाले वर्षों में इन नौकरियों की मांग बढ़ने के आसार हैं.

न्‍यूनतम योग्‍यता : आईटी, कम्‍प्‍यूटर साइंस, मैथ्‍स, स्‍टैटिस्टिक्‍स, फिजिक्‍स, इंजीनियरिंग में बैचलर्स डिग्री

औसत सालाना पैकेज (एंट्री लेवल) : 5-6 लाख रुपये

3. क्‍लाउड कम्‍प्‍यूटिंग
इसमें इंटरनेट पर आईटी सेवाओं की ऑन-डिमांड डिलीवरी शामिल है. कोरोना की महामारी के बीच कई कंपनियों ने अपने ऑपरेशन क्‍लाउड इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर में शिफ्ट किए हैं. इससे क्‍लाउड आर्किटेक्‍ट, क्‍लाउड सॉफ्टवेयर इंजीनियर, क्‍लाउड एंटरप्राइज आर्किटेक्‍ट और क्‍लाउड इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर इंजीनियर की मांग बढ़ने की उम्‍मीद है. इन स्‍पेशलिस्‍ट की अभी बहुत कमी है.

न्‍यूनतम योग्‍यता : क्‍लाउड कम्‍प्‍यूटिंग के साथ बीई/बीटेक/बीसीए/बीएससी

औसत मशीन लर्निंग एंड फाइनेंस सालाना पैकेज (एंट्री लेवल) : 5-7 लाख रुपये

4. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड मशीन लर्निंग
एआई स्‍पेशलिस्‍ट एप्‍स के साथ मशीनों को अपने आप काम करने में मदद करते हैं. कंपनियां बुनियादी चीजों को ऑटोमेट करना चाहती हैं. इससे वे लोगों पर अपनी निर्भरता को कम करने के साथ खर्च को कम कर सकेंगी. ऐसे में एआई स्‍पेशलिस्‍ट की मांग बढ़ेगी.

न्‍यूनतम योग्‍यता : सर्टिफिकेशन, डिप्‍लोमा, बीटेक कोर्स

औसत सालाना पैकेज (एंट्री लेवल) : 6-8 लाख रुपये

5. लॉजिस्टिक्‍स एंड सप्‍लाई चेन मैनेजमेंट
कोविड-19 के चलते लॉकडाउन के कारण बड़ी संख्‍या में लोगों की होम डिलीवरी पर निर्भरता बढ़ी है. ऐसे में सप्‍लाई चेन मैनेजमेंट में कर्मचारियों की मांग बढ़ी है. इसमें खरीद, भंडारण, पैकेजिंग, डिस्‍पैचिंग और उपभोक्‍ताओं तक प्रोडक्‍टों की डिलीवरी शामिल है.

न्‍यूनतम योग्‍यता : डिप्‍लोमा या अंडर ग्रेजुएट डिग्री

औसत सालाना पैकेज (एंट्री लेवल) : 2.5 लाख से 3.5 लाख रुपये

6. डिजिटल मार्केटिंग
कोविड के बाद ई-कॉमर्स सेक्‍टर तेजी से बढ़ा है. इससे डिजिटल और ऑनलाइन मीडिया माध्‍यमों की पहुंच भी मशीन लर्निंग एंड फाइनेंस बढ़ी है. इसने ब्रांड की डिजिटल मार्केटिंग का कौशल रखने वाले लोगों की जरूरत बढ़ाई है.

न्‍यूनतम योग्‍यता : ग्रेजुएशन के बाद डिजिटल मार्केटिंग में कोर्स

औसत सालाना पैकेज (एंट्री लेवल) : 3-5 लाख रुपये

7. हेल्‍थकेयर सर्विस
कोरोना के बाद हेल्‍थकेयर इंडस्‍ट्री में फ्रंटलाइन स्‍टाफ की मांग में खासतौर से बढ़ोतरी हुई है. इससे डॉक्‍टरों, नर्सों, टेक्‍नीशियन, फार्मासिस्‍ट और वॉर्ड बॉय्ज की मांग आने वाले कई सालों तक रह सकती है.

न्‍यूनतम योग्‍यता : विभिन्‍न स्‍टाफर्स के लिए अलग

औसत सालाना पैकेज (एंट्री लेवल) : 3-4 लाख रुपये

8. फुल स्‍टैक डेवलपमेंट
बैक-एंड और फ्रंट-एंड सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट की जानकारी रखने वाले लोगों की मांग काफी ज्‍यादा है. इसकी वजह ज्‍यादातर बिजनेस मशीन लर्निंग एंड फाइनेंस का ऑनलाइन में शिफ्ट करना है.

न्‍यूनतम योग्‍यता : कम्प्‍यूटर साइंस में डिग्री

औसत सालाना पैकेज (एंट्री लेवल) : 4-6 लाख रुपये

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Financial Engineering में है बेहतर करियर ऑप्शन, जानें कैसे मिलेगी अच्छी नौकरी

Financial Engineering In India: यदि आप वास्तव में फाइनांशियल इंजीनियरिंग में अपना करियर बनाना चाहते हैं, तो आपको पसंदीदा नौकरी पाने के लिए विभिन्न प्वाइंट्स को जानना होगा।

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Image Credit: freepik

हाइलाइट्स

  • फाइनांशियल इंडस्ट्री में करियर कैसे बनाएं?
  • फाइनेंशियल इंजीनियरिंग के बाद मिलेगी बेहतर नौकरी
  • जानें कौन-से कॉलेज से करें फाइनेंशियल इंजीनियरिंग
  • यह स्टडी का वह फील्ड है जो पोर्टफोलियो के कुल रिस्क का आकलन करके इनवेस्टमेंट में रिस्क को कम करने में मदद करता है।
  • कोर्स फाइनांशियल मार्केट को जरूरतों और चाहतों के मिलान के सरल माध्यमों से अधिक सक्रिय और कुशल बनाने में भी सहायता करता है।
  • कोर्स बिजनेस के प्रोडक्ट और संपत्ति का फाइनेंशियल एनालिसिस देने में मदद करता है।
  • यह कंपनी की स्ट्रैटजी को आगे बढ़ाने में भी मदद करता है।
  • मार्केट के भविष्य के बिहेवियर की भविष्यवाणी और विश्लेषण करने के लिए पाठ्यक्रम रियल टाइम की इकोनॉमिक उत्तेजना भी पैदा करता है।
  1. अंडरग्रेजुएट कोर्स (UG) - बीटेक फाइनांशियल इंजीनियरिंग
  2. पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स (PG) - एमएस इन फाइनांशियल इंजीनियरिंग, एमटेक फाइनांशियल इंजीनियरिंग, एमएस इन कंप्यूटेशनल फाइनांस, एमएस इन मैथेमेटिकल फाइनांस, एमएस इन फाइनांशियल मैथ्मेटिक्स एंड क्वांटेटिव फाइनांस
  3. पीएचडी कोर्स - फाइनांशियल इंजीनियरिंग
  4. सर्टिफिकेशन कोर्स - रिस्क मैनेजमेंट अस्योरेंस, इंफोर्मेशन सिस्टम ऑडिटर, सर्टिफिकेशन इन क्वांटिटिव फाइनांस, मशीन लर्निंग फोर ट्रेडिंगइंट्रेस्ट रेट मॉडल्सरेनफॉर्समेंट लर्निंग इन फाइनांस
  • जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी
  • यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्केले
  • वाशिंगटन यूनिवर्सिटी
  • स्टोनी ब्रुक यूनिवर्सिटी
  • नॉर्थ कैरोलिना स्टेट यूनिवर्सिटी
  • बारूच कॉलेज
  • यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया लॉस एंजिल्स
  • मिशिगन यूनिवर्सिटी
  • यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनोइस एट अर्बाना-शैंपेन
  • इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी - खड़गपुर
  • क्वांटइंस्टी क्वांटिटेटिव लर्निंग प्राइवेट लिमिटेड, मुंबई
  • इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ क्वांटिटेटिव फाइनांस, मुंबई
  • जीडी गोयनका एजुकेशन सिटी, हरियाणा
  1. एग्जीक्यूशन
  2. फाइनांस रेगुलेशन
  3. कॉरपोरेट फाइनांस
  4. पोर्टफोलियो मैनेजमेंट
  5. ट्रेडिंग
  6. डेरिवेटिव प्राइसिंग
  7. रिस्क मैनेजमेंट
  8. स्ट्रक्चर्ड प्रोडक्ट्स
  9. वैल्यूएशन ऑफ ऑप्शन
  10. मार्केट एनालिस्ट
  11. रिस्क एनालिस्ट

वेतन
2020 के अनुसार फाइनांशियल इंजीनियरों का औसत वेतन 58 लाख है जबकि एक फाइनांस इंजीनियर का औसत वेतन लगभग 79 लाख प्रति वर्ष है। अगर हम सही गणना करें, तो एक फाइनांस इंजीनियर प्रति घंटे लगभग 11 हजार कमाता है। कुछ आंकड़ों के अनुसार, आप कुछ और वर्षों का अनुभव प्राप्त करने के बाद कहीं भी 1 करोड़ से ढ़ाई करोड़ के बीच कमा सकते हैं। फाइनेंशियल इंजीनियरिंग एक डायनेमिक फील्ड है जिसमें आपको लगातार खुद को अपडेट करते रहना जरूरी है।

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Stocks of the Day : आज इन शेयरों से निवेशकों को हो सकती है अच्छी कमाई, देखें लिस्ट

Stocks of the Day : आज इन शेयरों से निवेशकों को हो सकती है अच्छी कमाई, देखें लिस्ट

डीएनए हिंदी: बीते शुक्रवार को शेयर मार्केट (Share Market) के प्रमुख सूचकांक एक फीसदी से ज्यादा तेजी के साथ बंद हुए थे. सेंसेक्स (Sensex) 684.64 अंक उछलकर 57,मशीन लर्निंग एंड फाइनेंस 919.97 पर बंद हुआ. इस बीच निफ्टी (Nifty) 271.35 अंक की बढ़त के साथ सप्ताह के अंत में 17,185 पर बंद हुआ. ग्लोबल शेयर मार्केट्स में तेजी के बीच इंफोसिस, बैंकिंग और फाइनेंस शेयरों में भारी लिवाली से बढ़त को बल मिला. 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स कुछ बढ़त के साथ 684.64 अंक या 1.20 फीसदी बढ़कर 57,919.97 पर बंद हुआ. ग्लोबल मार्केट के मोर्चे पर, एशियाई शेयर हरे रंग में समाप्त हुए. आइए आपको भी बताते हैं कि आज घरेलू शेयर बाजार में कौन—कौन शेयर आपको कमाई करा सकते हैं.

इलेक्ट्रॉनिक्स मार्ट इंडिया: इलेक्ट्रॉनिक्स रिटेलर के शेयर सोमवार को बाजार में उतरेंगे. कंपनी ने अपनी शुरुआती हिस्सेदारी बिक्री के जरिए 500 करोड़ जुटाने के लिए 4-7 अक्टूबर से 59 रुपये के बीच अपने शेयर बेचे. कंपनी अपनी लिस्टिंग से पहले ग्रे मार्केट में मजबूत प्रीमियम कमा रही थी.

एचडीएफसी बैंक: देश के सबसे बड़े प्राइवेट लेंडर ने सितंबर तिमाही के लिए अपने समेकित शुद्ध लाभ में 11,125.21 करोड़ रुपये पर 22.30 प्रतिशत की छलांग लगाई. लेंडर ने एक साल पहले की अवधि में 9,096.19 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध लाभ दर्ज किया था.

बजाज ऑटो: दोपहिया वाहन निर्माता ने सितंबर तिमाही के लिए अपने समेकित शुद्ध लाभ में 16 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,719 करोड़ रुपये की गिरावट दर्ज की, जो विदेशी शिपमेंट में 25 प्रतिशत की गिरावट के मशीन लर्निंग एंड फाइनेंस कारण हुआ. पुणे स्थित कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में 2,040 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध लाभ कमाया था.

डी-मार्ट: डी-मार्ट रिटेल सेन के मालिक ने वित्त वर्ष 23 की जुलाई-सितंबर तिमाही में अपने समेकित शुद्ध लाभ में 64.13 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 685.71 करोड़ रुपये की वृद्धि दर्ज की. एक साल पहले इसी तिमाही में कंपनी ने 417.76 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था.

अडानी इंटरप्राइजेज: अडानी मशीन लर्निंग एंड फाइनेंस ग्रुप की प्रमुख कंपनी कोलकाता स्थित उन्नत एनालिटिक्स और मशीन लर्निंग कंपनी सिबिया एनालिटिक्स एंड कंसल्टिंग सर्विसेज का अधिग्रहण करेगी.

श्री सीमेंट: सीमेंट निर्माता ने उच्च बिजली और फ्यूल लागत से प्रभावित सितंबर 2022 को समाप्त दूसरी तिमाही में समेकित शुद्ध लाभ में 67.5 प्रतिशत की गिरावट के साथ 183.24 करोड़ रुपये की गिरावट दर्ज की. पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी ने 563.94 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध लाभ कमाया था.

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